पहला नवरात्र :
माँ शैलपुत्री को समर्पित
माँ शैलपुत्री दुर्गा, सती
या पार्वती का ही रूप हैं।
माँ शैलपुत्री बैल की सवारी
करती हैं।
माँ शैलपुत्री कमल का फूल
तथा शश्त्र धारण किये हैं।
बैल शिव के नंदी का
प्रतीक है।
माँ शैलपुत्री कुण्डिलिनी के मूलाधार चक्र को जागृत करने में सहायक हैं। इससे संकल्प दृढ होते हैं।
उत्तराखंड के चन्द्रानन में
देवी का शक्तिपीठ मंदिर है।
माँ शैलपुत्री साधकों के संकल्प दृढ करती है जिससे उन्हें हर कार्य में सफलता मिलती है
माँ शैलपुत्री की पूजा का विधिवत तरीका हमारे ब्लॉग पर पढ़ें :
CLICK कीजिये