Bad Blood summary in Hindi

Bad Blood Summary in Hindi: John Carreyrou

यह कहानी अमेरिका की Silicon Valley में शुरू हुई कंपनी Theranos के बारे में है।

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एलिजाबेथ होम्स और सनी बलवानी ने मिलकर Theranos नाम की कंपनी बनाई थी। उस समय Homes की उम्र केवल 19 साल थी।

इस कंपनी ने बहुत ही बढ़ – चढ़कर लोगों को बताया कि वे नए Device और AI Technology की मदद से खून की जाँच करेंगे। और सिर्फ एक बूंद से बहुत सारी बीमारियों का पता लगा सकते हैं। इससे अमेरिका में बहुत सनसनी फ़ैल गयी। उन्हें लगा यह cutting edge टेक्नोलॉजी है।

इसके बाद कंपनी ने investors से million-dollar जुटा लिए। उनके इन्वेस्टर्स में रूपर्ट मर्डोक जैसे जाने-माने investors भी थे।

इसके बाद Homes ने मीडिया में अपना खूब प्रचार-प्रसार करवाया। उसकी कंपनी के बारे में मैगजीन और कॉन्फ्रेंसेस में भी बहुत बढ़-चढ़कर बातें की गई और उसे स्टीव जॉब से compare भी किया गया।

लेकिन असली बात यह थी कि Theranos कंपनी ने जिस तरह से प्रचार किया था उस तरीके से काम नहीं कर रही थी।

बल्कि वह पुराने घिसे – पिटे तरीकों से ही खून की जांच कर रही थी। बहुत से Result गलत भी दिए गए थे। और मरीजों को हानि उठानी पड़ रही थी। (Bad Blood summary in Hindi).

इस सब के बावजूद Homes और उसकी पार्टनर और सनी बलवानी ने और भी ज्यादा पैसा Investors से लेना जारी रखा। और कंपनी को आगे बढ़ाते रहे ।

इसी बीच Carreyrou नाम के जर्नलिस्ट को पता चला कि Theranos कंपनी Fraud (फ्रॉड) कर रही थी। इसके बाद वह जर्नलिस्ट उस फ्रॉड का पता लगाने में जुट जाता है।

उसे पता चलता है कि सच में ही कंपनी के पास कोई नए Device नहीं थे और वह पुरानी मशीनों से ही ब्लड की जांच करते थे। बहुत बार रिजल्ट गलत भी आते थे।

इसके बाद Carreyrou ने इसके बारे में बहुत सारे Articles लिखना शुरु कर दिए , और Company को expose कर दिया।

इसकी वजह से Theranos कंपनी के अगेंस्ट क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन शुरू हो गई। सरकार ने उन पर आरोप लगाए कि उन्होंने Investors रोगियों और doctors आदि के साथ Fraud किया है। इसलिए कंपनी को 2018 में बंद कर दिया गया और अब उन पर कोर्ट केस चल रहा है।

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Book : Bad Blood summary in Hindi

Carreyrou ने कंपनी के कर्मचारियों से इंटरव्यू लिए थे जिससे पता चला कि कंपनी के अंदर एक बहुत ही Toxic work culture फैला हुआ था।

कर्मचारी बताते हैं कि उन्हें बाहर के लोगों से कंपनी के बारे में बात करने से मना किया गया था। छोटी सी गलती होने पर भी Employees को बहुत ज्यादा क्रिटिसाइज किया जाता था और punishment दी जाती थी।

बलवानी तो कर्मचारियों के ऊपर चिल्लाती भी थी। इससे नाराज होकर बहुत सारे कर्मचारियों ने अपनी Job बीच में ही छोड़ दी थी। तथा उन्हें इसके एवज में कुछ भी धनराशि नहीं दी गई थी।

इस कंपनी के Board ऑफ़ Directors पर भी इल्जाम लगाया गया जिसमें कहा गया कि उन्होंने Company पर कोई ध्यान नहीं दिया। और Homes पर पूरा भरोसा करके बैठे रहे।

इस Company से सबको यही सीख मिली कि किसी भी नई start-up पर आंखें बंद करके विश्वास नहीं करना चाहिए। बल्कि पहले यह पता लगाना चाहिए कि क्या उसकी टेक्नोलॉजी वास्तव में काम करेगी।

समाप्त।

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