Getting Things Done Summary in Hindi

About Getting Things Done Summary in Hindi : दोस्तो, अक्सर ऐसा होता है कि हम कोई file work कर रहे होते हैं और तभी याद आता है कि हमने बच्चे की फीस नहीं भरी है, या कोई बिल नहीं दिया है या किसी को फ़ोन करना भूल गए हैं। आदि। आदि।

और ऐसा होते ही हमें stress , anxiety और panic होने लगता है। हम file work पर ध्यान देने की कोशिश करते हैं लेकिन हमारे दिमाग में बार -बार यही आने लगता है – बच्चे की फीस, बिल, फ़ोन… बच्चे की फीस, बिल, फ़ोन….. बच्चे की फीस, बिल, फ़ोन ……

इससे हम बहुत घबरा जाते हैं और ख़ुशी से दिन को नहीं बिता पाते। हम normal काम को भी stress में कर रहे होते हैं।

तो दोस्तो, आज यह किताब आपको हर चीज बिना भूले, time पर करना सिखा देगी जिससे आपको कभी भी stress नहीं होगा। और आप हमेशा सुकून से जिन्दगी जी पायेंगे।

आइये इस किताब की समरी पढ़ते हैं।

Author : David Allen

Getting Things Done
(Summary in Hindi)

1: Take Control

सबसे पहले अपनी जिंदगी का control अपने हाथों में लीजिये। बहुत बार हमें दूसरों पर निर्भर रहने की
आदत पड़ गयी होती है। हम सोचते हैं कि हमारा दोस्त हमारा काम कर देगा।

लेकिन दोस्त आपको जरुरी सलाह आदि दे सकते हैं। हो सकता है वक़्त आने पर वे खुद ही अपने काम में busy हों।

इसलिए आज से ही यह मन बना लीजिये कि अपना हर personal काम खुद करेंगे। इससे आपमें
motivation आ जाएगी। और आपमें चीजों को टालने की आदत भी नहीं रहेगी। क्युँकि आपको पता है कि अपने काम आपको खुद ही करने हैं।

2: Redefine Perfection

कई बार हमें यही पता नहीं होता कि काम को कब finish माना जाये। हम बहुत से कामों को drag ही करते चले जाते हैं।

जैसे किसी को कपडे धोने हों तो वह दो घंटे में भी धो सकता है और सारा दिन भी उस काम को खींच सकता है।

इसलिए जरुरत और time के हिसाब से आपको यह निश्चित कर लेना है कि आपको वह काम कितने समय में finish करना है। मान लीजिये आपके पास कपडे धोने के लिए 1 ही घंटा है तो आप सारे कपडे एक साथ नहीं धोयेंगे।

और साथ ही आप 80 /20 रूल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यानि अगर कपड़ों की 80 प्रतिशत मैल धुल गयी है तो भी बहुत है। क्युँकि अगली बार आप फिर से उसे ठीक से धो पायेंगे।

लेकिन कुछ लोग 100 प्रतिशत के चक्कर में कपड़ों को धोते ही चले जायेंगे। इससे उनका बहुत सा time भी बर्बाद होगा , energy भी खत्म होगी और उनेक दिमाग में बैठ जायेगा कि कपडे धोना बहुत मुश्किल काम है। इसकी वजह से वह दुबारा उस काम को टालते ही जायेंगे। book Getting Things Done Summary in Hindi .

3: The Five Phases of Effective Work

किसी भी काम को अच्छे से करने की ये 5 stages होती हैं। आप भी इनका इस्तेमाल कर सकते हैं।

1. Collecting

जो भी काम है उसे करने के लिए आपको जिन चीजों की जरुरत है उन्हें एक जगह पर collect कर लें।
मान लीजिये आपको आधार बनवाने जाना है तो सबसे पहले आप सारे documents collect करेंगे।

2. Processing

इसके बाद आप यह सोचिये कि सारा काम कैसे किया जायेगा। जैसे आप documents लेकर आधार केंद्र जायेंगे, किस बस या ऑटो से जाना है, कितने घंटे में काम हो पायेगा, आदि पर पूरा सोच -विचार कर लें।

3. Organizing

इसके बाद आप हर document को ठीक से organize कर लें। अगर photocopies चाहियें तो वो होनी चाहिए। Photos अलग पॉकेट में रखें, किराये के लिए खुले पैसे, या मेट्रो कार्ड आदि। हर चीज को organize करें। ताकि आगे जाकर आपको पूरा bag न उलटना पड़े।

4. Doing

इस चरण में उस काम को करना शुरू करें।

5. Reviewing

काम हो जाने पर उसे review करें कि ठीक से हुआ है या नहीं। जैसे अपने फॉर्म को ठीक से जाँच लें कि हर चीज सही भरी गयी है या नहीं।

तो इस तरह से आप कोई भी काम कर सकते हैं। चाहिए वह स्कूल, कॉलेज , ऑफिस का हो या कोई पर्सनल वर्क हो।

Hyperfocus summary in Hindi

4: Stop Storing Things in Head

कई बार हम चीजों को अपने mind में store करने कि कोशिश करते हैं। जैसे अगर आपको आज के दिन 10 काम करने हैं तो कुछ लोग उन्हें सिर्फ अपने दिमाग में रख लेंगे।

लेकिन इससे दिक्कत यह है कि वे उनमें से कुछ को भूल ही जायेंगे और उन्हें पूरा नहीं करेंगे। बाद में याद आने पर आपको फिर से stress होने लगेगा।

दूसरा जब हम दिमाग में बहुत से चीजों को सोचते हैं तो हमें ठीक से clarity नहीं हो पाती कि कौन सा काम सबसे जरुरी है।

इसलिए आप कामों की लिस्ट बनाना शुरू कीजिये। आप पेपर पर लिख सकते हैं। कंप्यूटर या मोबाइल में भी notes बना सकते हैं।

एक बार लिख लेने से आपको सारे दस काम नजर आयेंगे। फिर आप यह देख सकते हैं कि कौन सा काम सबसे जरुरी है जो आपको सबसे पहले करना चाहिए। आप priority base पर कामों के आगे 1, 2,3 लिख सकते हैं।

जो सबसे पहले करना है उसके आगे 1 लिख दीजिये और फिर उसे उसी क्रम में करते जाइये। इससे आप किसी भी काम को नहीं भूलेंगे और आपको कोई कोई stress भी नहीं होगा। Source – Getting Things Done Summary in Hindi .

5: Projects and Tasks Are Different

आपको जो काम करने हैं वे अलग categories के हो सकते हैं। कुछ काम हमें daily basis पर करने होते हैं।

जबकि कुछ काम हमें प्रोजेक्ट की तरह करने होते हैं। जिनके लिए हमें कुछ time दिया गया होता है। और deadline दी जाती है।

इसलिए आप दोनों तरह के कामों को अलग कर लीजिये। उन्हें mix न करें।

बड़े प्रोजेक्ट को छोटे -छोटे हिस्सों में बाँट लीजिये। एक schedule बना लीजिये और हर दिन उस प्रोजेक्ट का कुछ भाग कम्पलीट करने की कोशिश कीजिये।

डेली tasks के लिए भी time allot कर दीजिये। जैसे हर दिन 9 बजे, 15 मिनट के लिए आप मेल चेक कर सकते हैं।

कुछ लोग जब याद आये तब मेल चेक करते हैं। कई बार वे भूल ही जाते हैं। इससे जरुरी काम छूट सकते हैं। इसलिए आपको habit बना कर रोजमर्रा के काम करने चाहियें।

6: Focus on the Next Action

कई बार हम पूरे project को एक साथ देखने लगते हैं। इससे हमें वह डरावना लगता है। हमें लगता है कि यह कैसे होगा।

लेकिन आपको सारे project के बारे में सोचने के वजाय उसके सिर्फ अगले action के बारे में सोचना चाहिए।

जैसे आपने एक step complete कर लिया हो , तो सिर्फ दूसरे step के बारे में सोचें। यह न सोचने लगें कि अभी तो बहुत से काम पड़े हैं।

अगर आप हर दिन एक भी step लेते रहेंगे तो एक दिन अपने goal के बहुत पास पहुँच जायेंगे।
और आपका सारा project आराम से कम्पलीट हो जायेगा।

लेकिन कभी भी रुकना नहीं है। हर दिन थोड़ा ही सही कुछ steps जरूर लेने हैं।

7: The 2-Minute Rule

कई बार हमारा काम करने का मन नहीं करता है। हमें लगता है कि यह काम तो बहुत बड़ा है इसके लिए तो बहुत time लगेगा। इसलिए हमारा उसे करने का मन ही नहीं करता।

लेकिन लेखिका ने कहा है कि 2 मिनट रूल apply करें।

आप बस ये बोलें कि इस काम को 2 मिनट दे देता हूँ। जब आप 2 मिनट देंगे तो brain को मजा आने लगेगा और 2 मिनट कब 30 मिनट में बदल जायेंगे आपको पता भी नहीं चलेगा।

इस तरह से आपके अंदर उस काम को करने की मोटिवेशन आ जाएगी।

ऐसे ही students भी कर सकते हैं। अगर पढ़ने का मन न करे तो बोलें कि 2 मिनट पढ़ लेता हूँ। जब वे ऐसे करेंगे तो वे 15 मिनट भी पढ़ सकते हैं। और उसके बाद उनके ऊपर है कि वे कितने घंटे देना चाहेंगे।

8: Long-Term Actions – book Getting Things Done Summary in Hindi

अगर पास ऐसे काम हैं जो काफी देर बाद पूरे करने हैं तो उनके लिए एक अलग से लिस्ट बना लें।

या हो सके तो Planner में month – wise लिख लें। कि इस महीने ये वाला काम करना है और अगले महीने दूसरे वाला।

अगर एक काम के बहुत से चरण (stages) हों तो उन्हें भी divide कर लें। जैसे इस साल कोई प्रोजेक्ट इतना पूरा करना है। और अगले साल इतना।

ऐसे ही students अपने syllabus को भी divide कर सकते हैं। वे तय कर सकते हैं कि जनवरी में 4 chapter पढ़ेंगे , फरबरी में 3 और ऐस ही अंत तक प्लानिंग कर सकते हैं।

इससे उन्हें study कभी भी बोझिल नहीं लगेगी। उन्हें पढ़ने के साथ -साथ खेल -कूद के लिए भी time plan करना चाहिए।

9: Bucket Lists

अपने काम की efficiency बढ़ाने के लिए लेखक ने bucket list बनाने की तकनीक दी है। इससे आपके काम mix नहीं होंगे और आप हर काम time से कर पायेंगे। इससे आपको कोई stress भी नहीं होगा।

आपको 6 तरह की bucket list बनानी होगी :

1. Active tasks – इस लिस्ट में वे काम होंगे जो आपको इस हफ्ते में करने हैं।

2. Active projects – इस लिस्ट में वे प्रोजेक्ट होंगे जो चले हुए हैं और जो आपको इस महीने करके देने हैं।

3. Calendar – इस लिस्ट में आप उन मीटिंग्स की लिस्ट बना सकते हैं जो आपको इस महीने दूसरे लोगों से करनी हैं।

4. Someday list – इस लिस्ट में उन ideas की लिस्ट बनाइये जो आपको एक दिन करने हैं लेकिन अभी नहीं।

5. Reference files – इस bucket में उन files को रखें जिनकी जरुरत आपको कभी भी पड़ सकती है।

6. A capture device – अगर आपके दिमाग में अचानक से ideas आते हैं तो इस लिस्ट में उन्हें नोट करते रहें। नहीं तो बाद में आप उन्हें भूल जायेंगे।

10: Weekly Review

हर हफ्ते आप एक ऐसा दिन और time रखें जिस दिन आपको अपनी सारी bucket list को review करना है।

उस टाइम आप कोई भी distraction न होने दें। न कोई पार्टी प्लान करें, न किसी के साथ कोई मीटिंग।

उस दिन आप देखें कि आपने कौन से काम टाइम से कर लिए और कौन से रह गए। अगर रह गए तो ऐसा
क्यों हुआ। और आप future में कौन सी mistakes नहीं करेंगे।

ऐसे ही देखें कि क्या अपने सारी meetings attend कीं या किसी को भूल गए। इस तरह अपनी कमियों को सुधारते भी जाइये। और एक दिन आपकी productivity दस गुना बढ़ जाएगी।

11: Create a Workplace

कोई भी काम करना हो एक अच्छा workplace होना बेहद जरुरी है। जैसे अगर writing का काम है तो एक सुकून वाला कमरा होना चाहिए।

ऐसे ही पेंटिंग, डिजाइनिंग, फ्रीलांसिंग आदि के लिए उचित जगह ढूँढे। और उसे अपने Office की तरह treat करें।

ऐसा न हो कि वहाँ भी घर की तरह कभी लेट गए, कभी टाँगे मेज पर रख दीं। इससे आपके दिमाग को मोटिवेशन नहीं मिलेगी। और काम जल्दी नहीं होगा।

12: Power of Habits ( Getting Things Done Summary in Hindi )

आपको इस किताब में दी गयी techniques को लागू करने के लिए हैबिट बनानी पड़ेगी। और habits एक दिन में न बनती है न छूटती है।

शुरू में आपको habit बनाने में time लगेगा। जैसे पेपर पर लिखने की आदत ही बहुत से लोग नहीं डाल पाते।

लेकिन इसमें डरने की जरुरत भी नहीं है। आप आराम से सीखें। और एक समय में एक ही काम करने की आदत डालें।

अक्सर माना जाता है कि आदत डालने के लिए आपको वह काम लगातार 21 दिन तक करना चाहिए। आप भी 21 दिन तक daily कामों की लिस्ट बनाना शुरू कीजिये।

आप फ़ोन पर भी कर सकते हैं या एक diary लगा लें। आपको perfect होने के जरूरत नहीं है। शुरू में जितना कर सकते हो, करें। धीरे -धीरे सुधार होता चला जायेगा।

13: Always Plan

कोई भी काम कैसे निपटाना है इसके लिए ये steps करें :

सबसे पहले brain में एक रफ़ प्लान बना लें। फिर उसे पेपर पर भी लिख लें।

उसके बाद brainstorming करें। जो steps ठीक नहीं हैं। उन्हें हटा दें। बल्कि नए तरीके ढूँढें। जिससे काम आसानी से हो जाये।

इसके बाद तुरंत action लें। कुछ लोग सोचते ही रह जाते हैं। इसलिए सोचने का टाइम और एक्शन का टाइम
भी balance कर लें। इस तरह आपके सारे काम होते चले जायेंगे।

साथ ही हर दिन उस काम को पूरा होता हुए imagine करें। Failure से न डरें। बस जो आप control कर सकते हैं उसे करें। इससे धीरे -धीरे failure भी success में बदल जायेगा।

14: Prioritize Your Tasks Getting Things Done Summary in Hindi

कई बार हमारे पास बहुत से काम होते हैं। Life में तरह -तरह के goals होते हैं। लेकिन हमें समझ नहीं आता
कि उन्हें कैसे एक साथ हासिल करें।

इसलिए सबसे पहले उन सबकी priority (प्राथमिकता) decide कर लें।

जैसे कोई student अगर कॉलेज में science पढ़ रहा हो लेकिन उसके मन में business करने का idea हो
तो पहली priority स्टडी को देनी चाहिए।

अगर वह उसी समय बिज़नेस शुरू कर देगा तो graduation की डिग्री भी नहीं कर पायेगा। और हो सकता है बिज़नेस पर भी ठीक से ध्यान न दे पाए। ऐसे में न ठीक से study होगी न business सफल होगा।

Graduation के दौरान वह बिज़नेस के बारे में जानकारी इक्कठी कर सकता है और बाद में बिज़नेस शुरू कर सकता है। इसी तरह समझदारी से हमें अपनी priorities decide करनी चाहियें। और क्रमानुसार उन पर काम करना चाहिए।

समाप्त।

दोस्तो, उम्मीद है कि Getting Things Done Summary in Hindi पढ़कर आपको नया ज्ञान मिला होगा। नीचे comment करके अपनी प्रतिक्रिया दें और मुझे प्रेरित भी करें। धन्यवाद।

Geeta summary of all 18 chapters | Geeta Saar

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