Inner Engineering Summary in Hindi

Book Inner Engineering Summary in Hindi – जन्म लेने के बाद से ही हम समाज से बहुत कुछ अच्छा -बुरा सीखने लगते हैं। लेकिन बुरे विचार हमारे कष्टों का कारण बन जाते हैं। इस किताब में सद्गुरु ने बताया है कि कैसे हमें इन गल्त thought patterns को हटा कर उनकी जगह सही thoughts स्थापित करने चाहियें। इसे ही inner engineering कहा जाता है। इसे सीखकर हमारी जिंदगी से stress दूर होगा और हम सारे goal मुस्कुराते हुए हासिल कर पायेंगे।

Author : Sadhguru (Jagadish Vasudev)

Inner Engineering
(Summary in Hindi)

1: Bring Body, Mind, And Energy In Harmony

जब हमारा शरीर, मन और energy एक साथ काम करते हैं तभी हम निर्वाण प्राप्ति की सोच सकते हैं।

इन तीनों का ध्यान रखें चाहिए । आज कल हमें जो भी चिंता, तनाव और मानसिक विकार हैं वे सब इसलिए हैं क्युँकि हम तीनों में एक सामंजस्य नहीं बिठाते।

सबसे पहले मन पर काबू करना सीखें। जब भी दुःख, निराशा या असफलता का समय हो, उस समय आप दुःख में न डूब जाएँ। बल्कि गल्तियों से सीख कर खुद को और मजबूत करें।

जैसे एक पेड़ बरसात के मौसम में भी शोक नहीं करता। बल्कि उस समय भी वह मन में संतुष्टि रखता है और धैर्य के साथ वक़्त के गुजरने का इन्तजार करता है। उसे पता होता है कि बसंत भी जरूर आएगा और उस पर नए फूल लगेंगे।

अपने शरीर का भी हमेशा ख्याल रखें। अच्छा सात्विक भोजन लें। नियमित रूप से योग के आसन अथवा कोई भी exercise करें। आजकल लोग बेहद आराम पसंद हो गए हैं। इसलिए उनमें obesity बढ़ रही है। Obesity बढ़ने से inflammation बढ़ जाती है और तरह -तरह की बीमारियाँ जैसे heart attack , stroke, गठिया , कैंसर आदि होने लगती हैं।

एक किसान से सीखें। वह सारी उम्र exercise करता रहता है। उसे कभी भी कोई गंभीर बीमारी नहीं लगती।
शहरों के लोग couch potato बनते जा रहे हैं। दो कदम चलने के लिए भी उन्हें गाड़ी चाहिए। अपनी इन आदतों में सुधार लायें। और जितना हो सके उतना पैदल चलें।

अपने अंदर की energy को कण्ट्रोल करने के लिए उसे कर्म (action ) की सही दिशा दें। बुरे कर्मों का फल बुरा होता है। जबकि अच्छे कर्मों का अच्छा। कई बार हमारे अंदर negative energy बढ़ जाती है जिससे हमें गुस्सा आने लगता है। और हम अपराध तक कर डालते हैं।

इसलिए इस negative energy को बाहर निकालने के लिए किसी अच्छे कर्म की सहायता लें। किसी गरीब बच्चे को भोजन करवा दें। उसे पुस्तक दें। साथ ही मैडिटेशन और प्राणायाम से भी हम negative energy को हटा सकते हैं।

हमें positive energy बढ़ानी चाहिए। जब हम ऑफिस से थक जाते हैं तो हमारी energy कम हो जाती है। ऐसे में positive लोगों के साथ रहें। जिस व्यक्ति के साथ आप हंस सकते हैं उसके साथ रहें। वह आपकी positive energy को बढ़ाता रहेगा।

साथ ही music सुनें , स्नान -ध्यान करें , बागीचे में फूलों को देखें , पक्षियों के गीत सुनें। आदि।

2: Don’t Believe in Things You Haven’t Seen

बहुत बार हम ज्ञानी बनकर ऐसी चीजें बोलने लगते हैं जिनके बारे में हमें पता ही नहीं होता।

जैसे हम समाज के कहने पर यह मानने लगते हैं कि दूसरे धर्म के लोग बहुत बुरे होते हैं। जबकि हम उस धर्म के लोगों से मिले तक नहीं होते। उनके culture को भी देखा नहीं होता।

लेकिन हम दूसरों की बात मानकर ऐसी नफरत पाल लेते हैं। और आगे फ़ैलाने भी लगते हैं। इससे सारा समाज ही जहरीला हो जाता है।

लेकिन इसका नुक्सान हमें ही होने लगता है। हमे लगता है हमारे आस -पास केवल बुरे लोग ही रहते हैं। इस वजह से हम किसी पर विश्वास नहीं करते। और हमारी चिंता , तनाव , अवसाद बढ़ जाते हैं। इससे हम बीमार भी पड़ जाते हैं।

इसलिए कभी भी सुनी -सुनायी बात पर विश्वास न करें। बल्कि चीजों को खुद देखें , जांचें – परखें।

आज कल के दौर में paid media भी लोगों को brain wash करने का काम करता है। जो पार्टी मीडिया को पैसे देकर या दूसरे तरीकों से कण्ट्रोल करती है, मीडिया उसी के गुण गाने लगता है। और विपक्ष को बुरा बताने लगता है। इससे बहुत से अनपढ़ लोगों का brainwash हो जाता है।

और वे मीडिया के इशारों पर नाचने लगते हैं। लेकिन इसमें जरा भी समझदारी नहीं है।

ऐसे ही किसी पर लगाए गए झूठे आरोप पर आँख बंद करके यकीन न करें। बल्कि मामले की पूरी तफ्सीस करके ही कोई निर्णय लेना चाहिए। source – Inner Engineering Summary in Hindi .

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3: Attain Self-Awareness

हम मनुष्यों को self – awareness नहीं होती। अर्थात यह पता नहीं होता कि हमारे कौन से विचार हमारे अपने हैं और कौन से automatic .

जैसे अगर आप किसी ट्रिप पर दोस्तों के साथ न जा पायें तो आप दुखी हो जाते हैं। लेकिन क्या सच में यह दुःख का कारण होना चाहिए।

लेकिन आपने बचपन से लोगों को यही करते देखा होगा। अगर उनकी मनचाही चीज न मिले तो वे दुखी हो जाते हैं। ऐसे ही आपका thought pattern बन जाता है।

परन्तु self – awareness लायी जाये तो आप देखेंगे कि ट्रिप पर न जा पाना कोई दुःख का कारण नहीं है। आपके जीवन में अनगिनत अच्छी चीजें होनी बाकी हैं। आप कभी भी कोई और चीज कर सकते हो जिससे आपको ख़ुशी मिले।

Self awareness लाने के लिए आपको साधना करनी चाहिए। जिसे ध्यान या मैडिटेशन भी कहा जाता है। हर दिन meditation करने से आपके दिमाग में फालतू के विचार आना ही बंद हो जायेंगे।

फिर जो विचार रहेंगे उन्हें आप साफ़ -साफ़ देख पायेंगे कि वे सच में real हैं या आटोमेटिक।

ऐसा करने से आपको बहुत सी चीजों के कारण न दुःख होगा न गुस्सा आएगा। बल्कि आपके अंदर शान्ति स्थापित हो जाएगी।

अभी हम बात -बात पर दूसरों पर गुस्सा करने लगते हैं। जब self awareness आती है तो हमें पता चलता है कि गुस्सा होने का कोई कारण नहीं है।

इसलिए meditation कीजिये और self – aware हो जाइये। आप संसार के सबसे संतुष्ट व्यक्ति बन जायेंगे।

4: Happiness Is A State Of MindInner Engineering Summary in Hindi

खुश रहना हमारी नीयत पर निर्भर करता है।

लेकिन कुछ लोग सोचते हैं कि जब उनके पास जॉब, बड़ी गाड़ी , बँगला , बैंक बैलेंस आदि होगा तभी वे खुश
रह पायेंगे। अच्छी जॉब और carrier का पीछा करते -करते उनकी आधी जिंदगी stress में ही बीत जाती है।

इसके अलावा, पैसा ख़ुशी की गारंटी नहीं है। कहने को तो मुकेश अम्बानी के पास बहुत पैसा है लेकिन उनके भाई की कंपनी दिवालिया हो गयी थी। अगर किसी का भाई बुरे दौर से गुजर रहा हो तो वह व्यक्ति खुश कैसे हो सकता है।

इस तरह से पैसा आपको ख़ुशी लाकर नहीं देता। वह तो आपके attitude से मिलती है।

जैसे एक किसान ज्यादा पैसा न होते हुए भी खुश रह सकता है। वह गीत गाता हुआ अपने खेत जोत सकता है।
इसी प्रकार युवा लोगों को प्रतिदिन खुश रहना चाहिए। और खुश रहने के साथ -साथअपने लक्ष्यों के लिए struggle करनी चाहिए।

अच्छी जॉब और बड़ी गाड़ी आदि के सपने जरूर पूरा कीजिये लेकिन हर दिन जिंदगी को जीना न भूलें।
छोटे -छोटे पलों में भी ख़ुशी ढूँढना सीखें।

5: Don’t Be Too Rational All The Times

बहुत बार ज्यादा दिमाग लगाने से हम जिंदगी का पूरा आनंद नहीं उठा सकते।

जैसे होली पर कोई यह भी कह सकता है कि रंगों से त्वचा खराब हो जाएगी। लेकिन ऐसे तर्कों से हर्षो -उल्लास का कोई भी महोत्सव नहीं मनाया जा सकेगा।

ऐसे ही ज्यादा science लगाने से हम ईश्वर को प्राप्त नहीं कर पायेंगे। Science हमेशा लॉजिक और evidence पर चलता है। लेकिन ईश्वर साधना हमेशा श्रध्दा -विश्वास पर चलती है।

बहुत बार बॉलीवुड गानों का कोई मतलब नहीं होता फिर भी उदासी के पलों में वे हमारे दिलों में ख़ुशी भर देते
हैं। हम उन गानों को गुनगुनाने लगते हैं और उनके साथ झूमने लगते हैं।

इसलिए हर चीज में हमेशा logic और तर्क नहीं देखना चाहिए। बस ऐसे काम हमें ख़ुशी देने वाले हों।

6: The Spiritual Path Is Like A Game (summary Inner Engineering Summary in Hindi)

जब हम ईश्वर प्राप्ति की बात करते हैं तो तरह -तरह की Myths हमें घेर लेती हैं। कुछ कहते हैं ध्यान लगाने से ईश्वर मिलेंगे, कुछ कहते हैं पूजा -पाठ करके मिलेंगे। कुछ बोलते हैं गुरु की शरण में जाने से ऐसा होगा, आदि।

इसका नतीजा यह होता है कि लोग ईश्वर की खोज करना छोड़ देते हैं। वे कुछ समय तक इन तरीकों को अपनाते हैं। लेकिन नतीजा न मिलने पर इन्हे छोड़ देते हैं।

वास्तव में spirituality एक game की तरह है। Game में आपको तरह -तरह की बाधाओं को पार करना होता है। बहुत बार हार भी मिलती है। इसी तरह spirituality में होता है। बहुत बार आपकी हार होगी। लेकिन ऐसे में आप फिर से कोशिश करना न छोड़ें।

जैसे मान लीजिये एक कबड्डी player है और वह दस बार हार चुका है। लेकिन फिर भी वह उस आदमी से कहीं बेहतर होगा जिसने कभी कबड्डी खेली ही नहीं है। उस Player की सेहत और तजुर्बा भी ज्यादा ही होंगे।

इसी तरह ईश्वर प्राप्ति के मार्ग में लगे रहें। कोई असर न भी दिखे तो भी आपका तजुर्बा बढ़ता जायेगा। और एक दिन आपकी साधना सफल जरूर होगी।

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7: Don’t Assume Anything

हमारे अज्ञान का कारण हमारी गल्त धारणाएँ होती हैं। यह सब हमने समाज से सीख रखा होता है। बहुत बार हमें लगता है कि दूसरे धर्म के लोग अच्छे नहीं होते। और हम उनसे बिना कारण नफरत करने लगते हैं।

इसी तरह से हमें लगता है कि छोटे कपडे पहनने वाली लड़कियाँ अच्छी नहीं होतीं। लेकिन पहनावे से व्यक्ति
के चरित्र का कोई लेना देना नहीं है। हो सकता है ऐसी महिलाएं समाज में ज्यादा योगदान दे रही हों।

और परदे में रहने वाली महिला झगड़ालू या स्वार्थी बेहे हो सकती है। इसलिए सुनी -सुनायी बातों पर अपनी assumption न बना लें।

हर आदमी को खुद जाँचे – परखें। बहुत बार किसी आदमी के खिलाफ भी बहुत से लोग हो जाते हैं। लेकिन
बाद में पता चलता है कि आदमी इतना बुरा नहीं है ।

इसी तरह ईश्वर के बारे में भी है। कुछ कहते हैं कि ईश्वर नहीं होता है और कुछ कहते हैं कि होता है।
ऐसे में आपको खुद अनुभव करना होगा।

क्या ईश्वर को मानकर आपको ख़ुशी और संतुष्टि मिलती है, तो जुरूर उसे मानें। जैसे आपकी माँ मीलों दूर हो
लेकिन उनके ध्यान मात्र से आपके ह्रदय में प्रेम भर जाता है। ऐसा ही ईश्वर पर विश्वास रखने वालों के साथ होता है। इससे उन्हें स्ट्रेस या तनाव आदि भी नहीं होते।

8: Don’t Think Yourself As Superior (book Inner Engineering Summary in Hindi)

कई बार बहुत से लोग सोचते हैं कि वे ही सही हैं। और उनके विचार सबसे अच्छे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। हर मनुष्य अपने परिवेश के हिसाब से चीजों को समझता है।

जैसे कोई आस्तिक है तो उसे यह नहीं समझना चाहिए कि उसकी ईश्वर के प्रति विचारधारा सही है। बल्कि यह देखना चाहिए कि नास्तिक क्या कहना चाह रहा है।

उसके perspective को भी समझना चाहिए। बहुत ज्यादा आस्तिक लोग धर्म के नाम पर दंगे भी करते हैं। जबकि बहुत से नास्तिक लोग charity करते हैं। ऐसे में कौन अच्छा हुआ !

इसलिए अपनी टाँग कभी भी ऊपर नहीं रखनी चाहिए। बल्कि दूसरी के मत को भी सुनना चाहिए। और तर्क के आधार पर ही एक -दूसरे को समझना चाहिए और अपना opinion बनाना चाहिए।

9: Always Do The Right Karma

हमेशा अच्छे कर्म करें।

लोगों की भगवान से शिकायत होती है कि मेरी प्रार्थना क्यों नहीं सुनते। मेरे साथ बुरा क्यों हुआ। मैंने क्या पाप किये हैं। आदि। लेकिन वे यह नहीं समझते की हर दिन वे कुछ न कुछ बुरा जरूर कर रहे होते हैं।

कभी ऑफिस से पेन या कागज चुरा लेंगे। कभी लेट आयेंगे और झूठ बोल कर कोई बहाना लगा देंगे। कभी दूसरों की तरक्की से जलेंगे। कभी इधर की उधर करके लड़ाई करवा देंगे। कभी दूसरे धर्म को गाली देंगे। आदि।

तो इस तरह के बुरे कर्मों में लगकर आप भगवान से कैसे पूछ सकते हो कि मैंने क्या पाप किया है।

जिस तरह बूँद -बूँद से घड़ा भरता है उसी तरह छोटे -छोटे बुरे कर्मों से पाप का घड़ा भी भरता रहता है। और ऐसे में भगवान से दंड ही मिलेगा न कि उनका आशीर्वाद।

इसलिए प्रतिदिन सुबह उठते समय ही प्रण करें कि आज के दिन अच्छे कर्म ही करेंगे। तभी ईश्वर आपकी प्रार्थना सुनेंगे और मनोकामना पूर्ण करेंगे।

10: Get Rid of “But”Inner Engineering Summary in Hindi

अपनी बोलचाल से “लेकिन” नाम का बहाना हटा दें।

अक्सर हम कहते हैं कि मैं भी exam में पास हो गया होता लेकिन ….

या मैं भी उसकी तरह कंपनी शुरू करता लेकिन….

तो यह लेकिन ही आपके आगे बढ़ने के रास्ते का सबसे बड़ा रोड़ा है। इसके बदले आप कर्म करने की आदत डालें। जितना भी आपसे होता है उतना करते जायें। याद रखें कि कोई भी बड़ा काम समय लेता है। एक दिन में कुछ भी नहीं मिलता।

अगर आप आज पेड़ लगाते हैं तो अगले हफ्ते ही उससे फल की उम्मीद नहीं कर सकते। ठीक उसी तरह आप अपने business या ब्लॉग से भी कुछ ही दिन में फायदे की उम्मीद नहीं कर सकते।

आपको कुछ साल इन्तजार करना पड़ेगा। लेकिन हर दिन अपने लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ाना पड़ेगा। वह कदम कितना भी छोटा क्यों न हो। आगे की तरफ ही बढ़ें।

साथ ही मन में हौसला और आगे बढ़ने की भावना रखें। खुद पर शक और संदेह न करें। इस attitude से जीवन के किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

समाप्त।

दोस्तो Inner Engineering Summary in Hindi से हमने सीखा कि कैसे हम अपने ब्रेन से बुरे विचारों को निकाल कर अच्छे विचार डाल सकते हैं। इससे आपकी personality में अभूतपूर्व change आएगा और आप life को हंसी -ख़ुशी के साथ जी पाओगे। पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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