Art of Public Speaking – Summary in Hindi

Art of Public Speaking – Summary in Hindi : भाषण विज्ञान की कला

Author: Dale Carnegie

दोस्तो, यदि आप Public Speaking (भाषण) की कला में माहिर बनना चाहते हैं तो इसके लिए यह सबसे अच्छी किताब मानी गयी है।

इसमें लेखक ने Public Speaking से जुड़े सारे विज्ञान को समझया है। तथा स्पीच से जुडी बहुत सी Techniques बताई हैं।

इन्हे पढ़कर और आजमा कर आप भी कुशल वक्ता बन सकते हैं।

तो आइये पढ़ते हैं – Art of Public Speaking – Summary in Hindi.

Art of Public Speaking - Summary in Hindi
Art of Public Speaking – Summary in Hindi.

1. हटाएँ, आत्मविश्वास जगायें (Overcome Fear, Develop Self Confidence)

कुछ लोगों को Stage पर जाकर स्पीच देने में बहुत डर लगता है। लेखक कहते हैं कि हमें पब्लिक स्पीकिंग से जुड़े इस डर को हटाना चाहिए। और खुद में आत्मविश्वास जगाना चाहिए।

इस का सबसे अच्छा तरीका है कि आप प्रतिदिन पब्लिक स्पीकिंग की अकेले में प्रैक्टिस करें। सबसे पहले आप एक टॉपिक चुनें। इसके बाद अपने मोबाइल फोन पर 5 मिनट का Timer लगा लें।

फिर लगातार 5 मिनट तक आप उस टॉपिक पर जो भी आपके मन में आए बोलते रहें। ऐसा लगातार आप 30 दिन तक करें। (Article – Art of Public Speaking – Summary in Hindi).

इससे आपके दिमाग को लगेगा कि आप तो हमेशा पब्लिक स्पीकिंग करते रहते हो। और यह आपके लिए नई चीज नहीं है। इस Technique का आप पर Psychological प्रभाव पड़ेगा। और आपका दिमाग आपको एक कुशल वक्ता मानने लग पड़ेगा।

इससे न केवल आपमें Public Speaking की स्किल निखरेगी बल्कि आपका डर भी दूर हो जाएगा और आप में आत्मविश्वास भी जगेगा।

साथ ही लेखक कहते हैं कि आप अपने श्रोताओं (Audience ) को अपने जैसा ही मानें। कल्पना करें कि वे सुबह लैट्रिन भी गए होंगे। उन्होंने अंडरवियर में स्नान भी किया होगा।

खाना भी खाया होगा। बचपन में उन्हें मारा या डाँटा गया होगा। तो इस तरह से कोई भी इंसान आपसे बढ़कर नहीं है। बल्कि हम सब एक जैसे ही हैं।

इसलिए दूसरों के बड़े-बड़े Titles से कभी ना घबरायें । मूल रूप से सारे मनुष्य एक जैसे ही तो हैं। अगर ऐसा Mindset रखेंगे तो आपको किसी भी Audience का सामना करने में आसानी रहेगी।

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2. Prepare And Practice Speech
(Art of Public Speaking – Summary in Hindi)

इसके बाद आप अपनी स्पीच लिखें। आप अपने टॉपिक के हिसाब से अपनी स्पीच के लिए रिसर्च करें। उससे संबंधित Matter , Examples तथा facts आदि इकट्ठा कर लें । यह सब आपको इंटरनेट पर आराम से मिल जाएगा।

अपनी स्पीच को तीन भागों में बांट लें। Introduction , Body (मध्य -भाग) तथा Conclusion.

तीनों ही भागों को आप अच्छे से लिखें।

a) Introduction , में आप जिस टॉपिक पर स्पीच देने वाले हैं उसके बारे में लोगों को बतायें। अगर आप बढ़ती बेरोजगारी पर स्पीच दे रहे हैं तो भूमिका में आप इस समस्या से लोगों को अवगत करवायें।

b) Body (मध्य -भाग) में आप इस समस्या के नुकसानों, कारणों, निवारणों और तथ्यों के बारे में बतायें। सबको points में लिखें। इससे आपको स्पीच याद करने में बहुत आसानी होगी।

c) Conclusion में आप अपने टॉपिक के सभी मुख्य बिंदुओं का निष्कर्ष बतायें। लोगों को एक्शन लेने के लिए प्रोत्साहित करें। (Art of Public Speaking – Summary in Hindi).

Practice: स्पीच लिखने के बाद आप उसे 7 से 8 बार जोर – जोर से बोलें। फिर अकेले में बिना देखे बार-बार उसे प्रैक्टिस करें। Speech को तब तक याद करें जब तक कि आप बिना देखे उसे बोल सकें।

3. Deliver Speech

जिस दिन आपको स्पीच देनी हो उस दिन नहा -धोकर अच्छे कपडे पहने। मन में अच्छे विचार भरें। आत्मविश्वास बनाये रखें। उस समय Positive Affirmations पढ़ने से आपका कॉन्फिडेंस बहुत बढ़ जायेगा और Stage Fear दूर हो जायेगा।

कुछ बेहतरीन Positive Affirmations आपको यहाँ मिल जायेंगे – 51 Best Positive Affirmations in Hindi for daily motivation .

जब आप Speech दें तो अपनी आवाज में विविधता होनी चाहिए । हमेशा एक ही tone में न बोलें।


कुछ जोशीला हो तो आवाज को तेज करें। और कभी सहानुभति से भर दें। इस तरह हर emotion के अनुसार
अपनी आवाज को ढालें। इससे लोगों को आप एक कुशल Orator (वक्ता) की तरह लगेंगे।

साथ ही स्पष्ट, संक्षिप्त और जीवंत भाषा का उपयोग करें ताकि विचारों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जा सके।

4. उपमा, रूपक और कथा (Similes, Metaphor and Anecdotes)

दोस्तो, आपको अपनी स्पीच को आकर्षक और प्रभावी बनाने के लिए उसमें तीन Figures of Speech का प्रयोग करना चाहिए- उपमा, रूपक और कथा


आइये एक -एक करके तीनों को समझते हैं।

a) Similes (उपमा)

लेखक कहते हैं कि अपनी स्पीच को मनोरंजक बनाने के लिए उसमे उपमा का प्रयोग करें। उपमा में आप किसी चीज की तुलना दूसरी चीज से करते हो।

और दोनों वाक्यों को “जैसे ” से जोड़ते हो।

उदाहरण के लिए :

  • वह ऐसे भागा जैसे जंगली घोडा भागता है।
  • बेरोजगारी ऐसे फ़ैल रही है जैसे कैंसर फैलता है। आदि।

b) Metaphors ( Art of Public Speaking – Book Summary in Hindi)

आपको अपनी स्पीच में मेटाफर का भी इस्तेमाल करना चाहिए। इससे आप विद्वान और ज्ञानी नजर आएंगे।

इसमें दो चीजों की तुलना की जाती है लेकिन जैसे शब्द का उपयोग नहीं होता।

Example:

  • हमें बेरोजगारी के कैंसर को मिटाना होगा।
  • वह क्रिकेट का चमकता सितारा है। आदि।

c) Anecdotes

Anecdotes छोटी और मजेदार कहानियाँ या किस्से होते हैं जो कोई moral या सीख लिए होते हैं। आप अपनी जिंदगी के personal तजुर्बे भी बता सकते हो।

या ऐसी कहानियाँ सुना सकते हैं।

स्पीच के बीच -बीच ऐसे Anecdotes आपकी स्पीच में चार -चाँद लगा देंगे। तथा आप अपने श्रोताओं को बांधे रखेंगे।

अगर आपको शायरी या जोक्स नहीं आते तो जबरदस्ती उन्हें अपनी स्पीच में न डालें।

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5. Practice Regularly

अंत में लेखक कहते हैं कि पब्लिक स्पीकिंग एक skill है। और किसी भी स्किल की तरह यह एक दिन में नहीं
आ जाती। बल्कि आपको नियम बना कर अभ्यास करना होगा।

जैसे कोई भी व्यक्ति एक दिन में Bicycle चलाना नहीं सीखता उसी तरह पब्लिक स्पीकिंग भी एक दिन में नहीं सीख सकते।

आप रोजाना अकेले में प्रैक्टिस करें। उसके बाद कुछ दोस्तों के सामने बोलने की कोशिश करें।
कोई स्पीकिंग क्लब भी join कर सकते हैं। या कोई कोर्स भी कर सकते हैं।

जब भी कहीं बोलने का अवसर मिले तो जरूर बोलें।

समाप्त।

दोस्तो, उम्मीद है आपको यह समरी ( Art of Public Speaking – Summary in Hindi) पसंद आयी होगी।

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