Baba Balak Nath Chalisa in Hindi with Lyrics

बाबा बालक नाथ चालीसा (Baba Balak Nath Chalisa in Hindi):

बाबा बालक नाथ एक हिन्दू देवता है । उन्हें भगवान शिव के पुत्र भगवान कार्तिकेय का अवतार माना जाता है। उन्हें “सिद्ध बावा” या “बालक नाथ” के रूप में भी जाना जाता है।

उनकी पूजा विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर में की जाती है।

बाबा बालक नाथ का जन्म 8वीं शताब्दी में हिमाचल प्रदेश के “दियोट सिद्ध” नामक गांव में हुआ था। जब वे सिर्फ एक बच्चे थे तभी से वे गहरी समाधि और ध्यान में रहने लगे। (Baba Balak Nath Chalisa in Hindi).

बाद में कुछ तपस्वियों ने उन्हें अपनी शरण में ले लिया और योग तथा ध्यान की कला की शिक्षा दी।

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Baba Balak Nath Chalisa in Hindi with Lyrics

बाबा बालक नाथ अपनी आध्यात्मिक शिक्षाओं के लिए जाने जाते हैं। अपने जीवनकाल में उन्होंने कई चमत्कार किये थे। उनके भक्तों का मानना ​​है कि वे हर इच्छा की पूर्ति करते हैं।

हर साल जनवरी के महीने में हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में स्थित शाहतलाई नामक जगह पर बाबा बालक नाथ मंदिर में भव्य मेला लगता है। Hindi Chalisa – Baba Balak Nath Chalisa .

जिसमें देश भर से हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। माना जाता है कि इसी स्थान पर बाबा बालक नाथ ने कई वर्षों तक ध्यान किया था।

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Baba Balak Nath Chalisa in Hindi with Lyrics (Baba Balak Nath Chalisa)

चालीसा एक प्रकार का भक्ति भजन है जिसमें चालीस छंद होते हैं। यह हिंदू धर्म में एक विशेष देवी -देवता को समर्पित होता है।

“चालीसा” शब्द संस्कृत शब्द “चालिस” से लिया गया है जिसका अर्थ चालीस होता है। इसलिए चालीसा में अधिकतर चालीस छंद होते हैं।

आइये अब बाबा बालकनाथ की चालीसा (Baba Balak Nath Chalisa in Hindi) पढ़ते हैं।

दोहा 

गुरु चरणों में सीस धर करूँ मैं प्रथम प्रणाम, 
बख्शो मुझको बाहुबल सेव करुं निष्काम, 

रोम-रोम में रम रहा रूप तुम्हारा नाथ,
दूर करो अवगुण मेरे, पकड़ो मेरा हाथ|

Baba Balak Nath Chalisa (1-10)

बालक नाथ ज्ञान भंडारा, 
दिवस-रात जपु नाम तुम्हारा|

तुम हो जपी-तपी अविनाशी, 
तुम ही हो मथुरा काशी

तुम्हरा नाम जपे नर-नारी, 
तुम हो सब भक्तन हितकारी

तुम हो शिव शंकर के दासा, 
पर्वत लोक तुमरा वासा
(Baba Balak Nath Chalisa in Hindi)

सर्वलोक तुमरा यश गावे, 
ऋषि-मुनि तव नाम ध्यावे

काँधे पर मृगशाला विराजे, 
हाथ में सुन्दर चिमटा साजे

सूरज के सम तेज तुम्हारा, 
मन मंदिर में करे उजियारा

बाल रूप धर गऊ चरावे, 
रत्नों की करी दूर वलावें

अमर कथा सुनने को रसिया, 
महादेव तुमरे मन बसिया

शाह तलाईयाँ आसन लाए, 
जिस्म विभूति जटा रमाए

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Baba Balak Nath Chalisa (11-20)

रत्नों का तू पुत्र कहाया, 
जिमींदारों ने बुरा बनाया

ऐसा चमत्कार दिखलाया, 
सब के मन का रोग गवाया

रिद्धि-सिद्धि नव-निधि के दाता, 
मात लोक के भाग्य विधाता

जो नर तुम्हरा नाम धयावे, 
जन्म-जन्म के दुख बिसरावे

अंतकाल जो सिमरन करहि, 
सो नर मुक्ति भाव से मरहि

संकट कटे मिटे सब रोगा, 
बालक नाथ जपे जो लोगा
(Baba Balak Nath Chalisa)

लक्ष्मी पुत्र शिव भक्त कहाया, 
बालक नाथ जन्म प्रगटाया

दूधाधारी सिर जटा रमाए, 
अंग विभूति का बटना लाए

कानन मुंदरां नैनन मस्ती, 
दिल विच वस्से तेरी हस्ती

अद्धभुत तेज प्रताप तुम्हारा, 
घट-घट की तुम जानत हारा

Baba Balak Nath Chalisa (21-30)

बाल रूप धर भक्त रिमाये, 
निज भक्तन के पाप मिटाए

गोरक्ष नाथ सिद्ध जटाधारी, 
तुम संग करी गोष्टी भारी

जब उस पेश गई ना कोई, 
हार मान फिर मित्र होई

घट-घट के अंतर की जानत, 
भले बुरे की पीड़ पहचानत

सूक्षम रूप करें पवन आहारा, 
पौणाहारी हुआ नाम तुम्हारा

दर पे जोत जगे दिन रैना, 
तुम रक्षक भय कोऊं हैना

भक्त जन जब नाम पुकारा, 
तब ही उनका दुख निवारा
(Baba Balak Nath Chalisa in Hindi)

सेवक उसतत करत सदा ही, 
तुम जैसा दानी कोई नाहीं

तीन लोक महिमा तव गाई, 
अकथ अनादि भेद नहीं पाई

बालक नाथ अजय अविनाशी, 
करो कृपा सबके घटवासी

Baba Balak Nath Chalisa (31-40)

तुमरा पाठ करे जो कोई, 
बंध छूट महां सुख होई

त्राहि-त्राहि मैं नाथ पुकारू, 
देहि अवसर मोहे पार उतारो

लै त्रिशूल शत्रुगण को मारो, 
भक्त जना के हृदय ठारो

मात-पिता बंधु और भाई, 
विपत काल पूछ नहीं कोई

दूधाधारी एक आस तुम्हारी, 
आन हरो अब संकट भारी

पुत्रहीन इच्छा करे कोई, 
निश्चय नाथ प्रसाद ते होई
(Baba Balak Nath Chalisa)

बालकनाथ की गुफा न्यारी, 
रोट चढ़ावे जो नर-नारी

रविवार करे व्रत हमेशा, 
घर में रहे ना कोई कलेशा

करूँ वंदना सीस निवाये, 
नाथ जी रहना सदा सहाये

भक्त करे गुणगान तुम्हारा, 
भव सागर करो पार उतारा

इतिश्री

Baba Balak Nath Chalisa PDF

दोस्तो, आप बाबा बालक नाथ की चालीसा को PDF रूप में नीचे दिए लिंक से download कर सकते हैं :

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बाबा बालक नाथ से जुडी रोचक कथा:

एक बार बाबा बालक नाथ को रत्ना नाम की औरत ने गोद लिया था। वह प्रतिदिन उसे खाने के लिए एक रोटी और एक लस्सी का कटोरा देती थी। साथ ही उन्हें अपनी भेड़ -बकरी चराने के लिए भेज देती थीं।

एक बार बाबा गहरी समाधि में लीन हो गए। और उनकी भेड़ें पास के खेतों में चली गयीं। इससे खेत के मालिक आकर रत्ना से शिकायत करते हैं। (Baba Balak Nath Chalisa in Hindi).

जब बाबा घर आते हैं तो रत्ना उन्हें ताने देते हुए कहती है कि इतने सालों मैंने तुम्हे रोटी और लस्सी दी। लेकिन तुमने इसकी ये कीमत चुकाई !

इसके बाद बाबा रत्ना माई को अपने साथ एक जगह ले जाते हैं। वहाँ वे एक वटबृक्ष पर अपना चिंता मारते हैं। इससे वटबृक्ष खुल जाता है। और उसके अंदर वो सारी रोटियां भरी हुई थीं जो रत्ना माई ने अब तक बाबा को दी थीं।

यह देखकर रत्ना माई की आखें खुली की खुली रह जाती हैं। इसके बाद बाबा चिमटा साथ वाले कुएं में मारते हैं और वहाँ सारी लस्सी भी भरी हुई दिखती है।

रत्ना माई रोते हुए बाबा के चरणों में गिर पड़ती है। लेकिन वे उसे उठाते हैं और उन्हें आश्रय देने के लिए धन्यवाद देते हैं।

इसके बाद वे कहते हैं कि अब उनका घर से जाने का समय हो गया है। और वे वहाँ से नजदीक एक पर्वत में स्तिथ गुफा में समाधि लगाने के लिए चले जाते हैं। Post – Baba Balak Nath Chalisa Lyrics in Hindi.

दोस्तो, कहा जाता है कि इतने सालों तक बाबा बालक नाथ ने केवल पवन का आहार किया था इसलिए उन्हें पौणाहारी भी कहा जाता है।

समाप्त।

दोस्तो यह थी बाबा बालक नाथ के चालीसा (Baba Balak Nath Chalisa in Hindi). धन्यवाद।

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