Bouncing Back Book Summary in Hindi

इस summary (Bouncing Back Summary in Hindi) को पढ़कर आप जानेंगे कि मुश्किल
वक़्त से आसानी से कैसे उबर सकते हैं। किताब के principles की मदद से आप हार को भी जीत में
बदल सकते हैं।

और जिंदगी में success पा सकते हैं। Personal growth के लिए यह किताब आपकी collection में
जरूर होनी चाहिए।


Author: Linda Graham

Bouncing Back Book Summary in Hindi
(Bouncing Back Book Summary in Hindi)

Bouncing Back Book Summary in Hindi

आइये दोस्तो, इस किताब की summary पढ़ते हैं।

1. Identify the problem

कई बार जब हम हताश हो जाते हैं तो हमारे दिमाग में हज़ारों तरह के negative thoughts आने लगते हैं। उस समय इंसान को लगता है कि सब खत्म हो चुका है। उसकी जिंदगी में उम्मीद ही नहीं बची है।

लेकिन लेखक कहता है, यह इसलिए होता है क्युँकि हम ठीक से अपनी problem को identify नहीं कर पाते।इसलिए brain confuse हो जाता है।

मान लीजिये आपका किसी colleague से झगड़ा हो गया है। लेकिन बाद में सुलह भी हो गयी। लेकिन इसके बाबजूद brain, सोचता ही चला जाता है।

  • उसे ऐसा नहीं बोलना चाहिए था यह उसकी गलती थी।
  • मुझे उस वक़्त ऐसे बोलना चाहिए था।
  • वह अपने आपको समझता क्या है ?

तो दोस्तो, इस तरह के विचार आपके मन में चलते ही रहते हैं। बेशक झगड़ा खत्म भी हो गया हो।

इसके बाद मान लीजिये आपका कोई बिल भी अभी pay होना बाकी है। तो आपको इस से भी घबराहट हो जाएगी। और आप सोचेंगे कि आपकी life में – problems ही problems हैं।

जबकि हकीकत में ऐसा नहीं होता। या तो आपकी दो problem होंगी या चार। उनका कोई definite number जरूर होगा। लेकिन आप सोचते हैं कि life problems से भरी हुई है। तो आपको यह सोचना बंद करना पड़ेगा।

उल्टा यह technique use करिये :

1. सबसे पहले एक कागज लीजिये और उस पर सारी problems लिख लीजिये।

2. मान लीजिये आपको निम्न problems हैं (यह लेखक का example है ) –

नींद न आना, लोगों से बातचीत करने में घबराहट होना, promotion न हो पाना, excercise न कर पाना।

3. जब आप अपनी problems को कागज पर लिख लेंगे तो उन्हें count कीजिये। जैसे ऊपर के example में
4 problems हैं।

4. अब आप हर problem के आगे उसका solution लिख लीजिये।

5. इसके बाद सबसे पहले उस problem को सुलझाइये जो सबसे जरुरी हो।

आइये देखते हैं इन 4 problems के क्या solutions हो सकते हैं :

मान लीजिये आपकी सबसे बड़ी problem promotion की है। तो उसके लिए आप क्या कर सकते हैं। सबसे पहले Boss से politely इसके बारे में बात करें। अपना पक्ष रखें और उनका पक्ष सुनें।

फिर analyze करें कि उन्होंने क्या कहा है। मान लेते हैं वे कहते हैं कि आपमें एक particular skill नहीं है। तो आप उस skill को सीख लीजिये। कोई course कर लीजिये। आजकल बहुत से courses आपको online ही मिल जायेंगे।

जब आप यह solution लिख लेते हैं। फिर उसके बाद सोचना बंद कर दें। सोचें कि solution तो मिल ही गया है। फिर चिंता किस बात की। फिर उसके लिए action लें।

ऐसे ही नींद की problem का solution यह हो सकता है कि सुबह exercise करें। सोते वक़्त गर्म दूध पीजिये।सोने के दो घंटे पहले टीवी और फ़ोन न देखें। क्युँकि छोटी -बड़ी फालतू की खबरें देखकर आपका दिमाग उन्हें analyze करने में busy हो जाता है।

अगर Exercise का वक़्त नहीं मिल रहा तो, दो आधा घंटा जल्दी उठिये। अथवा सहूलियत के अनुसार दोपहर या शाम को कर लीजिये। कभी आधा घंटा नहीं मिले तो 15 मिनट कर लीजिये।

Exercise से शरीर थकता है और नींद भी अच्छी आती है। और रही छोटी problems यानि bill pay करने की बात। तो आप एक date और time decide कर लीजिये और उस दिन बिल pay कर दीजिये।

तो देखा दोस्तो, इस तरह आप अपनी problems को पेपर पर लिखकर आसानी से manage कर सकते हैं।

जब तक हम सब कुछ दिमाग के अंदर रखते हैं, confusion तभी होता है। Confusion से चिंता 10 गुना ज्यादा बढ़ जाती है।

2. Sources of stress and anxiety

इस chapter में लेखक ने ऐसी situation या sources के बारे में बताया है जो हर इंसान को stress या anxiety में डाल देते हैं। यह भी बताया गया है कि उनसे कैसे निपटें।

तो Stress के source इस प्रकार से हैं :

1. Pain

2. Physical Injuries

3. Disease

4. Relationship Problem

5. Loss of loved ones, job or business failure

तो दोस्तो, अगर आपको कभी भी चिंता होती है, तो उसके लिए ऊपर दिया गया कोई सा कारण ही जिम्मेवार होता है।

कई बार दुःख या stress की वजह से हम अपनी life और खराब कर लेते हैं। जब हम stress में होते हैं तो अपने colleagues की normal बातों पर भी गुस्सा हो जाते हैं।

गुस्से से फट पड़ते हैं। और ऐसी बातें भी बोल देते हैं जो नहीं बोलनी चाहिए होती हैं। इस से हमारे carrier में और problem आ जाती है। कुछ लोगों की तो नौकरी तक चली जाती है।

Stress कैसे life को और stress में डाल देता है, यह समझाने के लिए लेखक ने Annie नाम की लड़की का example दिया है।

Annie एक ऑफिस में काम करती थे। एक बार किसी accident में उसकी टाँग टूट गयी। उसे बहुत pain होता था। कुछ time hospital में रहने के बाद उसने फिर से office join कर लिया।

लेकिन अब उसने देखा कि वह बाकी लोगों से slow हो गयी थी। क्युँकि उसकी injury और pain अभी पूरी तरह से गए नहीं थे। उसके colleagues party आदि भी करते थे, जिनमें वह नहीं जा पाती थी।

इस से उसे ईर्ष्या भी होने लगी। और वह बहुत चिड़चिड़ी भी हो गयी। वह भगवान को भी कोसने लगी।और अब बात – बात पर अपने colleagues से लड़ पड़ती थी।

धीरे -धीरे उसका stress level इतना बढ़ गया कि एक बार उसे रात भर नींद ही नहीं आयी। इस से वह घबरा गयी। उसने कसम खाई कि वह पहले जैसी cheerful Annie बनेगी।

फिर उसने नीचे दिए steps follow करने शुरू कर दिए। और कुछ ही दिनों में एक शांत, संतुष्ट और हमेशा खुश रहने वाली लड़की में बदल गयी। सारे colleagues उसे फिर से चाहने लगे।

तो दोस्तो, वे steps नीचे दिए गए हैं। आप भी इन्हे stress और चिंता भगाने के लिए use कर सकते हैं –

1. सबसे पहले शाँत जगह पर बैठ जायें। और muscles को relax करें। मतलब शरीर को ढीला छोड़ दें।

2. फिर लम्बी सांस लें। उसे कुछ देर रोकें और फिर छोड़ें। ऐसा 5 बार करें।

3. फिर दिमाग में कुछ अच्छी चीजें देखें। खुद को बीच पर खेलते हुए देखें। या बागीचे में तितलियों के पीछे
भागते हुए देखें। अपने आप को खुश और हँसता हुआ देखें।

4. इसके बाद 10 minutes तक physical exercise करें।

5. फिर ईश्वर का शुक्रिया अदा करें कि उसने आपको इतना कुछ दिया है।

तो दोस्तो, Annie को जब भी stress होता था, वह यह steps करती थी। इस से उसका mood बहुत अच्छा
हो जाता था। फिर वह अपना काम complete करने में लग जाती थी।

ऐसे ही धीरे -धीरे वह एक cheerful person बन गयी जिसे सभी पसंद करते थे। उसकी body भी पूरी तरह से heal हो गयी।

इसलिए अगर आपको भी किसी तरह का pain, physical injury या बीमारी हो जाए तो चिड़चिड़े न बनें। बल्कि ऊपर दिए steps कि सहायता से stress को दूर रखें। इस से आप जल्दी ठीक हो जायेंगे।

3. Anger management (Bouncing Back Book Hindi Summary)

दोस्तो, अगर आपको विपरीत परिस्थिति में bounce back करना सीखना है तो anger management भी सीखना होगा।

ऊपर आप प्रॉब्लम को identify करना और stress management करना सीख ही चुके हो। गुस्सा करना आपके carrier और relations के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है।

गुस्से में आकर लोग झगड़ा भी कर लेते हैं। जिस से बाद में वे और ज्यादा stress और anxiety में चले जाते हैं।

इस से आपकी mental और physical health दोनों को नुक्सान पहुँचता है। गुस्सा करने से आपका blood pressure भी बढ़ जाता है जिस से heart attack या stroke भी हो सकते हैं।

तो दोस्तो, कभी भी गुस्सा न करें। शाँत रहने की आदत डालें। चाहे Job छूट जाये या कोई आपको गाली दे – हर हाल में शाँत रहना सीखें।

गुस्से को काबू में रखने के लिए लेखक ने यह steps बताये हैं –

1. Time Out

जब भी गुस्सा आये तो 1 से 10 तक गिनें। इस से आपको सोचने के लिए time मिल जायेगा। जब भी हम गुस्सा होते हैं तो कुछ भी ठीक -ठीक सोच नहीं पाते। और कुछ भी गलत बोल देते हैं। इससे झगड़ा बढ़ जाता है।

इसलिए जब आप दस तक गिन रहे होंगे तो आपका दिमाग सोच लेगा कि ऐसा क्या बोलूँ जिस से problem का solution भी हो जाये और झगड़ा भी न हो।

इस से दिमाग emotions में बह कर अनाप -शनाप नहीं बोलेगा।

2. Don’t expect from people

दोस्तो, बहुत बार हमें गुस्सा इसलिए आता है क्युँकि लोग अपना promise पूरा नहीं करते। या कोई काम ठीक से नहीं करते।

मान लीजिये आपने अपने friend को कोई काम करने के लिए बोला था और उसने बड़े जोश से हाँ भी कर दी थी। लेकिन जब time आया तो आपको पता चला कि उसने वह काम किया ही नहीं है। ऐसे में आप गुस्से से भर जायेंगे।

इसका यही तरीका है कि दूसरों से ज्यादा उम्मीद ही न रखें। उनपर पूरी तरह से depend न रहें।

लोग दूसरों का काम मन से कभी भी नहीं करते हैं। जो वैसे तो गलत है। इस से कोई उनकी भी help नहीं करेगा। लेकिन क्या करें, ये उनका nature है। इसलिए किसी से भी बड़ी उम्मीद न रखें।

इस से आपको बाद में ugly surprise नहीं मिलेगा और गुस्सा भी नहीं आएगा। आप अंदर से सोचेंगे, मुझे तो पता ही था कि ऐसा होने वाला है। और आपने जरुरी इंतजाम पहले ही कर लिया होगा।

3. Assertive communication

दोस्तो, इसका मतलब होता है कि बिना emotional हुए facts के साथ अपनी बात रखना। मान लीजिये किसी व्यक्ति को उसका Boss कुछ सुना देता है।

ऐसे में कुछ लोग रोने लग पड़ते हैं, ज्यादातर महिलाएँ। लेकिन इस से उनका impression खराब हो जाता है।उन्हें कमजोर मान लिया जाता है। और यह भी समझ लिया जाता है कि फलाँ आदमी pressure में काम नहीं कर पाता है।

दूसरी ओर कुछ लोग अपने गुस्से को पी जाते हैं। और चुपचाप सुनते हैं। यह भी बुरा है। क्युँकि एक दिन वह गुस्सा फूट पड़ता है। इस से उस आदमी की भड़ास तो निकल जाती है, लेकिन उसकी नौकरी पर असर पड़ सकता है।

तो दोस्तो सबसे अच्छा है आप assertive communication सीखें।

सबसे पहले सुनें कि Boss आखिर क्या बोल रहा है। उसके गुस्से पर ध्यान न देकर जो fact उसने बोले हैं वह सुनें। फिर अपना पक्ष रखें। उन्हें बतायें कि वह चीज क्यों हुई।

अगर गलती है तो apologies करें और बोलें कि आगे से ध्यान रखेंगे। इस से आप छोटे नहीं होंगे। बल्कि एक balanced person की तरह जाने जायेंगे।

बड़े -बड़े लोग भी apologies करते हैं। और human से error हो ही जाता है। Sorry बोलना आपको अजीब लगता हो तो घर पर शीशे के आगे इसकी practice करें।

रोज 10 बार बोलें। इस से आपको आदत बन जाएगी। Sorry को कभी ego का प्रश्न न बनायें। क्युँकि दुनिया में हम ही सबसे बड़े या सबसे intelligent नहीं हैं। दूसरे लोग हमसे बेहतर भी हो सकते हैं। इस fact को कबूल करें।

तो दोस्तो, हर हाल में शाँत रह कर बात करें। Emotions को हमेशा control में रखें। इस से आपको बहुत mature इंसान समझा जायेगा।

4. Enhance concentration and KnowledgeBouncing Back Book Summary in Hindi)

दोस्तो, अगर life की मुश्किलों से उबरना है तो आपको knowledge gain करने की आदत डालनी होगी। आजकल लोग books को छोड़कर सब कुछ करते हैं। लोगों में पढ़ने की आदत नहीं रही है।

वे अपना बहुत सा time टीवी देखने या social media पर waste करते रहते हैं। इसलिए आप अपनी आदत बदलें। ऐसा नहीं है कि टीवी और सोशल मीडिया एकदम ही बंद कर दें बल्कि उसका time limit कर दें।

इसके बदले नयी -नयी self help books पढ़ने की अच्छी आदत डालें। दोस्तो, books में ही knowledge होता है। लेकिन हम यहाँ स्कूल और college की किताबों की बात नहीं कर रहे।

बल्कि ऐसी महान किताबें भी लिखी गयी हैं जो सच में हमारी personal growth के लिए helpful होती हैं। यह irony ही है कि स्कूल या कॉलेज के syllabus में ऐसी किसी भी किताब को नहीं रखा गया है।

अगर स्कूल के बच्चे class में ही how to win friends and influence people नामक पढ़ते होते तो उनके
कभी भी झगड़े नहीं होते।

खैर दोस्तो, अब हम system को तो नहीं बदल सकते। लेकिन खुद को जरूर बदल सकते हैं। इस blog पर आपको world की best और जानी – मानी self help books की summary मिल जाती है।

जिसे आप 10 -15 मिनट में ही पढ़ सकते हैं। और secret knowledge प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन लेखक ने किसी भी बुक को effectively पढ़ने का formula दिया है। क्युँकि हम books को ध्यान से नहीं पढ़ते। इसलिए सारी बातें ठीक से समझ नहीं आतीं।

तो इसके लिए ये 5 steps इस्तेमाल करें। इससे आपकी concentration 10 गुना बढ़ जाएगी। जिससे knowledge भी उसी अनुपात में gain करोगे।

1. First Reading – दोस्तो, जब आप किसी भी book को पढ़ें तो पहले सिर्फ chapter को scan करें।Headings और subheadings को देखें। इस से आप बहुत जल्दी chapter को feel कर सकते हैं। और जान सकते हैं कि उसमें आपको क्या मिलने वाला है।

2. Note Questions – पहली रीडिंग के वक़्त आपके मन में जो question उठें उन्हें कागज पर लिख लें।
इस से आपका पढ़ने में interest बढ़ जायेगा।

3. Second Reading – दोस्तो अब अच्छे से पढ़ना शुरू करें। Chapter के हर point को अच्छे से समझें।

4. Reproduce – पढ़ने के बाद किताब को एक तरफ रख दें और जो समझ आया है उसकी समरी या notes बना लें। अगर याद नहीं आ रहा हो तो फिर से पढ़ें। इस से आपको हर किताब अच्छे से समझ आएगी।

5 Revise notes – दोस्तो अब अपने notes को अपने पास ही कहीं रख लें। और वक़्त -वक़्त पर पढ़ते रहें। तो दोस्तो इस तरह से आपकी concentration बढ़ेगी। आपका दिमाग फालतू के विचारों में नहीं उलझेगा। और आपका knowledge बढ़ जायेगा।

अगर आपके बच्चे स्कूल या college जाते हैं तो उनसे भी इस बुक की समरी को share करें।

5. Deep sleep (Book: Bouncing Back Summary in Hindi)

दोस्तो, जब हम अच्छी नींद नहीं लेते हैं तो भी हमारा stress और anxiety बढ़ा रहता है। हम सारा दिन चिड़चिड़े से रहते हैं। और fresh feel नहीं करते। ऐसे में life की मुश्किलों से कैसे उबर पायेंगे।

इसलिए हमेशा अच्छी नींद लें। ताकि हमेशा ख़ुशी महसूस कर पाएँ। नींद के कुछ tips ऊपर भी दिए गए थे। लेकिन इसके अलावा यह चीजें करें जिससे आपकी sleep की quality बढ़ जाएगी।

1. सुबह जल्दी उठने की आदत डालें। इससे रात को अपने आप ही जल्दी नींद आ जाएगी।

2. सोने से पहले टीवी और फ़ोन न चेक करें। इस से आपका serotonin नहीं बनेगा जो sleeping hormone होता है। और आपको नींद आने में problem होगी।

3. कमरे में अँधेरा करके सोएँ। अँधेरे में serotonin ज्यादा बनता है।

4. Daily exercise करें। थक जाने से नींद अच्छी आती है।

5. सोने से पहले positive affirmations बोलें –

  • जैसे मैं relaxed और शांत हूँ।
  • मैं life से संतुष्ट हूँ।
  • मुझे अब अच्छी नींद आएगी।

6. सोने से पहले prayer भी बोलें – हे divine power, मुझे इतना अच्छा दिन देने के लिए शुक्रिया। हमेशा मेरी रक्षा करने के लिए शुक्रिया। अब मुझे अच्छी और गहरी नींद दें।

समाप्त।

तो दोस्तो, उम्मीद है कि इस किताब ( Bouncing Back Book Summary in Hindi) में दिए गए lessons का प्रयोग करके आप life की हर मुश्किल से उबर (bounce back) पाएंगे। और एक खुशहाल जिंदगी जियेंगे।

कृपया post को share करके प्रोत्साहन दें। Comment करके अपनी प्रतिक्रिया भी दें। धन्यवाद।

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