Daring Greatly summary in Hindi

इस किताब (Daring Greatly summary in Hindi) को पढ़कर आप जानेंगे कि जिंदगी में daring कैसे बना जाता है। कैसे बड़े -बड़े goal बनाने और tough decision लेने की हिम्मत पैदा की जाती है। क्या आप उन लोगों में से हैं जो meeting में सिर्फ चुप बैठ कर सुनते रहते हैं। और चाह कर भी अपना opinion व्यक्त नहीं कर पाते। तो यह किताब आपके लिए काफी मददगार साबित होगी।

Author : Brene Brown

Daring Greatly
(Summary in Hindi)

Chapter 1: Never Enough

कुछ लोगों के दिमाग में रहता है कि अभी मैंने life में enough चीजें हासिल नहीं की हैं। इसलिए वे हमेशा ज्यादा से ज्यादा काम करते रहना चाहते हैं।

किसी को प्रमोशन चाहिए तो किसी को बॉस की नजरों में अच्छा होना है।

किसी को तारीफ चाहिए। तो किसी को सैलरी में increment आदि। वे लोग चाहते हैं कि कर कोई उनके बारे में ये बोले – अरे देखो, वह कितना मेहनती है। कितना sincere है आदि।

लेकिन इस सब के लिए उस इंसान को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।

वे overtime काम करते हैं। हर फालतू चीज में हाथ डाले रहते हैं। इससे उन्हें न ठीक से खाने का time मिलता है न सोने का। न वे relax करते हैं न दूसरों को करने देते हैं। इससे देर -सवेर उनका mental balance जरूर बिगड़ जाता है।

इसलिए अपनी मानसिकता को बदलें। कभी भी न सोचें कि आपने दूसरों की तुलना में कम हासिल किया है।
बल्कि जितना हैं उतना Enough है।

संतुष्ट होना सीखिए। हमेशा Abundance में जियें। अर्थात यह सोचें कि अब तक आपने बहुत कुछ हासिल किया है और अब उसे enjoy करने का टाइम है।

अन्यथा जिंदगी ऐसे ही निकल जाएगी और आप enjoy नहीं कर पायेंगे।

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Chapter 2: Vulnerability और Resiliency

बहुत से लोग कभी भी life में कुछ करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। उन्हें लगता है कि वे vulnerable यानि कमजोर हैं। और दूसरे उनका मजाक उड़ायेंगे।

जैसे किसी मीटिंग में आपके मन में कोई point आ रहा हो लेकिन आप चाह कर भी उस चीज को नहीं बोलते। क्युँकि आपको लगता है कि दूसरे लोग आपको criticize करेंगे। या अगर आपकी बात नहीं मानेंगे तो आपकी insult होगी।

लेकिन हो सकता है कि आपके जैसा opinion बहुत से लोगों का हो। लेकिन वे भी आपकी तरह डरते हों। और दूसरों कि हाँ में हाँ मिला रहे हों।

लेकिन अगर आप उस बात को पर्सनल लिए बिना बोल देंगे तो कम से कम दूसरों को यह तो पता चलेगा कि किसी subject – matter का और भी पहलू हो सकता है।

इसलिए लाइफ में daring यानि साहसी बनें।

दूसरी चीज आपको अपने अंदर resiliency लानी होगी। जिसका मतलब है कि हारने के बाद भी जुटे रहना।

जिंदगी में बहुत बार हार मिलती है। कुछ लोग इससे हताश हो जाते हैं और दुबारा प्रयास ही नहीं करते। लेकिन यह गलत attitude है। आपने साइकिल चलायी होगी। क्या पहली बार में ही चला ली थी ?

या बहुत बार कोशिश करनी पड़ी थी। इसी तरह किसी बिज़नेस या blog में fail हो जाने पर बहुत से लोग दूसरी बार try ही नहीं करते।

अपने failures को एक lesson मानें। उससे सीखें और फिर से try करें। अगली बार वो गल्तियाँ न करें जो आपने पहली बार की होंगी।

कभी भी quit न करें। आपका ऐसा attitude देखकर दूसरे लोगों को भी हिम्मत मिलेगी। वे आपका सम्मान करेंगे और आपको अपना आदर्श मानेंगे।

Chapter 3: Understanding and Fighting Shame

दोस्तो, शर्म हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा है। अक्सर हम बहुत सी चीजों में शर्म करते हैं।

Shame की दो categories होती हैं। एक शर्म तो अच्छी होती है और दूसरी बुरी।

बहुत से लोग बुरे काम इसलिए नहीं करते क्युँकि उन्हें ऐसा करने में शर्म आती है। जो अच्छी बात है।

लेकिन बहुत बार हम daring या हिम्मत वाले काम करने में भी शर्म का एहसास करते है और फिर उन्हें नहीं करते।

जैसे मान लीजिये आप actor बनना चाहते हो लेकिन शर्म की वजह से कभी acting class ज्वाइन नहीं कर पाते।
क्युँकि आप शर्म करते रहते हो कि आपके friends क्या सोचेंगे।

इसी तरह बहुत से लोग Gym नहीं जाना चाहते क्युँकि उन्हें अपनी body image पर शर्म आती है। उन्हें लगता है कि Gym में इतने fit लोग उन्हें देखकर हँसेंगे।

ऐसे ही लोग अपनी addictions की वजह से भी शर्म महसूस करते हैं। और कभी भी psychologist की help नहीं लेते।

तो दोस्तो, इस तरह की shame उचित नहीं है। ये आपको positive action लेने से भी रोक देती है।

ज्यादातर cases में हम यही सोचते हैं कि – लोग क्या कहेंगे ? हमें उनके criticism से डर लगता है।

लेकिन लेखिका ने Shame से निपटने के यह तरीके बताये हैं :

1) सबसे पहले अपनी shame को identify करिये। यह देखिये कि आपको किस वजह से शर्म आ रही है ?

2) इसके बाद खुद को समझाइये कि आपको perfect होने की जरूरत नहीं है। क्युँकि संसार में कोई भी perfect नहीं है। और कोई भी imperfection के लिए आपको जान से नहीं मार देगा।

3) फिर खुद को अपनी value याद दिलाये। यह सोचिये कि आपने family या समाज के लिए क्या अच्छा काम किया है। जैसे अगर आप एक housewife हैं तो आपने बच्चों और परिवार के लिए बहुत कुछ किया होगा। जैसे खाना बनाना , कपडे धोना, घर साफ़ करना आदि। टीचर हैं तो students को ज्ञान दिया होगा। इसी तरह जो भी आपका profession है उसमें आप यह देखिये कि दूसरों की help के लिए आप क्या करते हो। इससे आपकी self – esteem बढ़ जाएगी और shame भी नहीं रहेगी।

4) अगर कोई issue है तो किसी loved ones या दोस्त से बात करें और उनकी सलाह लें।

5) दोस्त नहीं हैं तो अच्छे दोस्त बना लें। उनके साथ kindness और compassion के साथ पेश आयें। इससे वे भी आपक साथ ऐसा ही करेंगे।

6) बुरे लोगों के बारे में सोचें। यह देखें कि कितने सारे मंत्री आदि बुरे काम करके भी मुस्कुरा रहे हैं। आप तो उनसे लाख दर्जे अच्छे हो। आप खुद को क्यों इतना कम समझ रहे हो।

इन सब steps से आपकी shame कम हो जाएगी ।

लेकिन दोस्तो, हर इंसान में कुछ हद तक shame होना जरुरी है। सिर्फ sociopaths ही होते हैं जिनमे कोई शर्म नहीं होती। इसलिए shame को जीरो करने की भी न सोचें।

Chapter 4: The Vulnerable Traits

हम दूसरों की नजरों में अच्छा बनने के लिए निम्न काम करने लगते है। जो गलत हैं और नहीं करने चाहिए।
आइये देखते हैं वो कौन से काम हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है।

1) मस्ती -मजाक से दूर रहना – बहुत से लोग काम में ऐसे खोये रहते हैं कि smile भी नहीं करते। इससे जीवन नीरस हो जाता है। और life boring लगने लगती है। जॉब भी बहुत मुश्किल लगती है। इसलिए बीच -बीच में हँसते रहिये। Joke आदि करते रहिये।

क्यूँकि जिंदगी छोटी है। इसलिए काम के साथ fun भी जरुरी है।

2) Perfectionism – दोस्तों कुछ लोग सोचते हैं कि हर काम perfect होना चाहिए। इस चक्कर में वे उस में पूरी energy झोंक देते हैं। खाना -पीना भी भूल जाते हैं। बहुत बार उन्हें tension हो जाती है कि कोई कमी न रह गयी हो। लेकिन यह mentality brain के लिए बहुत harmful है। क्युँकि इससे आप लगातार stress और tension में रहते हो। इसलिए काम करिये और अपना पूरा effort लगाइये लेकिन perfectionist बनने की कोशिश मत कीजिये। वैसे भी इंसान गलतियों का पुतला है। कितनी भी कोशिश कर ले कोई न कोई कमी रह ही जाएगी।

3) Numbing – कुछ लोग छोटी – छोटी चीजों के लिए tension ले लेते हैं। फिर उस tension को दूर करने के लिए खुद को numb (सुन्न) करने की कोशिश करते हैं। इसके लिए वे तरह -तरह की बुरी आदतों का सहारा लेते हैं। जैसे smoking, drinking, gambling , पोर्न आदि। लेकिन दोस्तो मुश्किलों से भागिए मत बल्कि उनका सामना कीजिये। आप देखेंगे कि कोई भी मुश्किल इतनी भी बड़ी नहीं होती। लेकिन उसके बारे में सोचते रहने से हमें tension होती है। इसलिए ज्यादा सोचने की बजाय action लीजिये और उस problem को solve कीजिये।

4) Victim Card – कुछ लोग हमेशा कहते पाए जायेंगे – मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है ? वे अपनी मुसीबतों का रोना रोते रहते हैं। लेकिन यह thinking गलत है। Life में सबको problems मिलती हैं। लेकिन हमें उनका रोना -धोना लेकर नहीं बैठ जाना चाहिए। बल्कि उन्हें solve करना चाहिए। और smile करते हुए life जीनी चाहिए।

5) कई बार हम दूसरे से दोस्ती करने या उसे impress करने को इतने आतुर हो जाते हैं कि उसके साथ हर secret चीज भी share करने लगते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाइये। अपने emotions पर काबू रखिये। और धीरे -धीरे दोस्ती बढ़ाइए। यह भी देख लीजिये कि सामने वाला भरोसा करने लायक है भी या नहीं।

Chapter 5: Disengagement ( Daring Greatly Hindi summary )

कई बार हम सोसाइटी और लोगों से दूर होने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्यूँकि हमें लगता है कि सामने वाला हमारे हित में काम नहीं कर रहा। या कुछ गलत कर रहा है।

ऐसे में हमें rational तरीक से सोचना चाहिए। जैसे कई बार Boss को strict होना पड़ता है। अन्यथा कर्मचारी काम ही नहीं करते। हमें भी उनकी नजर से problems को देखना चाहिए।

ऐसे ही क़ई बार हम किसी colleagues से मन ही मन घृणा करते रहते हैं। लेकिन हमें उनकी सोचने का angle भी समझना चाहिए। यह देखना चाहिए कि वह ऐसा बर्ताव क्यों कर रहा है। क्या उसके साथ भी कुछ गलत हुआ है।

उसके बाद आपको professional level पर बात -चीत करनी चाहिए। अगर पसंद न हो तो पर्सनल बातें न करें। लेकिन कंपनी या institute के common goal को हासिल करने के लिए हमें टीम वर्क में काम करते रहना चाहिए।

Chapter 6: Engagement

बहुत बार जो लोग लीडर के role में होते हैं वे एक dictator की तरह बर्ताव करने लगते हैं। इससे लोग उनसे डरते तो हैं लेकिन उनकी respect नहीं करते।

हमें स्कूल और कॉलेज से ही यह सब सिखा दिया जाता है। Teachers सिर्फ अच्छे नंबर्स वाले students को appreciate करते हैं। कम marks वाले students के talent को ढूँढने या समझने की कोशिश भी नहीं की जाती।

लेकिन leader अगर दूसरों को criticize ही करता रहेगा तो जल्दी ही लोग उसका साथ देना छोड़ देंगे। और वह लीडर के तौर पर fail हो जायेगा। इसलिए उसे लोगों को engage करना आना चाहिए।

कोई गलती हो तो उसे respect के साथ ही बताया जाना चाहिए। सामने वाले को insult महसूस नहीं होनी चाहिए। और अच्छे काम के लिए दूसरों को appreciate करना चाहिए और उचित reward या bonus आदि भी देना चाहिए।

Chapter 7: Great Parenting (Book Daring Greatly summary in Hindi)

इस Chapter में लेखिका बताती हैं कि parents को बचपन से अपने बच्चों को daring बनने की सीख देनी चाहिए।

जिसका मतलब है अपनी इच्छा अनुसार अपने goal choose कर पाना न कि समाज के डर के कारण।

अगर मौसी का बेटा engineering कर रहा है तो जरुरी नहीं कि आप भी वही करें। अगर आप Film writer बनना चाहते हैं तो वो बनने की हिम्मत रखिये।

अगर Teacher किसी बच्चे के talent को appreciate नहीं भी करता है तो भी उस बच्चे में हिम्मत होनी चाहिए कि खुद ही अपने talent को पहचाने। और उस पर काम करना शुरू कर दे।

खुद को डफर मानने से इंकार करे। Life में एक दिन कुछ बड़ा करने का challenge ले।

इसी को daring होना कहते हैं।

बच्चों को सीखना चाहिए कि किसी भी प्रकार के criticism को positive तरीके से कैसे लें। अगर कोई आपकी निंदा करता है तो आप उसे एक challenge की तरह लें।

जैसे कोई कहता है तुम लाइफ में कुछ नहीं कर पाओगे तो आप मन में सोचें कि मैं निंदा करने वाले से ज्यादा करके दिखाऊँगा।

इस तरह एक daring attitude से हर कोई life में आगे बढ़ सकता है। और हर कामयाबी हासिल कर सकता है।

समाप्त।

उम्मीद है Book – Daring Greatly summary in Hindi आपको अच्छी लगी होगी। पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

The Power of your Subconscious Mind summary in Hindi

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