Godan Summary in Hindi

गोदान उपन्यास की हिंदी में समरी (Godan Summary in Hindi): गोदान उपन्यास मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित भारतीय साहित्य का महानतम उपन्यास है। इसकी रचना उन्होंने सन 1936 में की थी।

यह उपन्यास उस समय के गरीब किसानों की दशा को दिखाता है। तथा उस समय के समाज की संरचना को भी परिलक्षित करता है।

हिन्दू धर्म के अनुसार हर हिन्दू को जीवन में एक बार गोदान अर्थात गाय का दान करना चाहिए। क्युँकि मृत्यु के पश्चात जब आत्मा वैकुण्ठ – लोक जाने लगती है तो रास्ते में वैतरणी नदी पड़ती है।

उस समय दान की हुई गाय अपनी पूँछ को उस व्यक्ति की आत्मा के हाथ में देती है और उसे उड़ाकर वैकुण्ठ धाम ले जाती है।

परन्तु जो लोग गोदान नहीं करते हैं, कहा जाता है कि वे उस नदी को पार नहीं कर पाते। और फिर यमदूत उन्हें घसीटते हुए नरक की ओर ले जाते हैं।

गोदान उपन्यास इस concept (विषय -वस्तु ) को भी चित्रित करता है।

आइये अब मुंशी प्रेमचंद के इस मार्मिक उपन्यास का सार (Godan Summary in Hindi ) पढ़ते हैं।

Godan Summary in Hindi
Godan Summary in Hindi

Godan Summary in Hindi

होरी एक करीब किसान था। वह अपने छोटे से घर में अपनी पत्नी धनिया, दो बेटियों रूपा तथा सोना और एक बेटे गोबर के साथ रहता था। वह खेती -बाड़ी करके अपने परिवार का भरण -पोषण करता था।

हालाँकि होरी का जीवन अनेक संघर्षों से भरा था लेकिन फिर भी वह एक आदर्शों पर चलने वाला इंसान था। तथा ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहता था जो कि समाज के खिलाफ हो।

इसके साथ ही उसके दो छोटे भाई भी थे। उसके मंझले भाई का नाम हीरा था। और वह अपनी पत्नी पुनिया के साथ रहता था। वह एक झगड़ालू औरत थी। और अक्सर हीरा को होरी के खिलाफ भड़काती रहती थी। वहअक्सर धनिया से भी लड़ती रहती थी।

सबसे छोटे भाई का नाम शोभा था। वह अपने दोनों भाइयों का सम्मान करता था।

पारिवारिक नोंक -झोंक के बाबजूद, बड़ा भाई होने के नाते होरी को लगता था कि अपने छोटे भाइयों की खैरियत की जिम्मेवारी भी उसी की है। और वह हमेशा उनकी मदद किया करता था।

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बहुत समय से होरी की इच्छा थी कि उसके पास एक गाय हो। ताकि परिवार के सदस्यों को दूध -दही आदि मिलता रहे। तथा आखिरी वक़्त में उस गाय को दान में दे सके।

यह सोचकर वह भोला नाम के व्यक्ति से ₹80 की एक गाय उधर ले आता है। वह कहता है कि धीरे -धीरे किश्तों में उधार चुका देगा। भोला शर्त रखता है कि अगर उसने उधार नहीं चुकाया तो वह उसके बैलों की जोड़ी ले लेगा।

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लेकिन होरी को गाय लाता देखकर हीरा को बहुत ईर्ष्या होने लगती है। उसे हमेशा से लगता था कि घर के बँटवारे के समय होरी ने बहुत से पैसे छुपा लिए थे।

और जब वह गाय को देखता है तो उसे लगता है कि होरी ने उन्ही पैसों से यह गाय खरीदी है। उसे पता नहीं था कि वास्तव में होरी गाय को उधार लेकर आया है। (Novel Godan Summary).

एक दिन हीरा गाय को जहर दे देता है। लेकिन जब गाय मर जाती है तो हीरा घबरा जाता है। उसे पुलिस का डर भी लगता है। इसलिए वह गाँव छोड़कर शहर भाग जाता है।

होरी जब देखता है कि हीरा ने गाय को मार डाला है तो उसे बहुत दुख होता है। लेकिन वह सोचता है कि बड़ा भाई होने के नाते उसे हीरा को बचाना होगा।

इसलिए वह गाँव के लालची साहूकार पँडित दातादीन के पास जाता है। और कुछ पैसे उधार लेकर आता है। जब पुलिस गाय की मृत्यु की पूछताछ करने घर पर आती है तो होरी उन्हें वह पैसे रिश्वत के तौर पर देता है। और हीरा के खिलाफ जाँच बंद करवा देता है।

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उधर गोबर का प्रेम – प्रसंग भोला की विधवा बेटी झुनिया से चल रहा था। इसी दौरान वह प्रेग्नेंट हो जाती है। वह यह बात बताने गोबर के घर जाती है।

लेकिन जब गोबर को पता चलता है कि वह गर्भवती हो गई है तो वह समाज के डर से गाँव छोड़कर लखनऊ भाग जाता है। और वहाँ चीनी की फैक्ट्री में काम करने लगता है।

लेकिन होरी और धनिया को झुनिया पर दया आ जाती है। वे उसे अपनी बहू की तरह स्वीकार कर लेते हैं। और अपने घर में शरण देते हैं। कुछ समय के पश्चात झुनिया एक बेटे को जन्म देती है।

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जब भोला को पता चलता है कि होरी ने उसकी विधवा बेटी झुनिया को अपने घर पर रख लिया है तो वह उसके घर पर आता है। और उसे काफी बुरा -भला कहता है। वह कहता है कि गाय का मूल्य 80 रुपये अभी उसे दे।

लेकिन होरी के पास पैसे नहीं थे। यह सुनकर भोला कहता है कि अगर पैसे नहीं दे सकता तो झुनिया को घर से निकाल दे। वास्तव में वह अपनी बेटी से भी नाराज था।

उसके मुताबिक उसने उसकी इज्जत मिटटी में मिलाई थी। और वह अपनी बेटी को सजा देना चाहता था।

परन्तु होरी इसके लिए तैयार नहीं होता और झुनिया का पक्ष लेता है। इससे क्रोधित होकर भोला जबरदस्ती होरी के बैलों की जोड़ी अपने साथ ले जाता है।

इसके बाद होरी को खुद ही खेतों में हल खींचना पड़ता था। जिससे उसकी सेहत पर बुरा असर पड़ रहा था।

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एक दिन दातादीन को पता चलता है कि होरी ने झुनिया को अपने घर में रख लिया है। यह सुनकर वह बहुत क्रोधित होता है।

और होरी से कहता है कि तुम समाज के खिलाफ कार्य कर रहे हो। अपने से छोटी जाति वाली लड़की को अपने घर में बहु बना कर रखे हो। इसके बाद वह होरी पर पंचायत बिठा देता है।

पंचायत होरी से कहती है कि उसके सामने दो रास्ते हैं या तो समाज उसे बायकाट कर दे या तो वह कुछ जुर्माना पंचायत को भरे।

लेकिन होरी समाज से बेदखल नहीं होना चाहता था। इसलिए वह फिर से दातादीन के पास जाकर पैसा उधार लेता है और पंचायत द्वारा लगाया गया जुर्माना भरता है।

इससे वह बॉयकॉट से तो बच जाता है। लेकिन अब उस पर कर्ज का बोझ बहुत ज्यादा चढ़ चुका था।

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उधार दातादीन का बेटा मातादीन एक सड़क मजदूर की बेटी सलिया से प्यार करता था। लेकिन वह भी निम्न जाति की थी तथा मातादीन के घर में नहीं जा सकती थी।

सलिया के परिवार वालों को लगता था कि मातादीन उससे शादी कर लेगा लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहा था। तथा अपने पिता से बहुत डरता था। इसी बीच सलिया को भी गर्भ ठहर जाता है।

इसका पता लगते ही परिवार के लोग मातादीन को मारने लगते हैं। और उसके मुँह में हड्डी डाल कर उसे धर्म -भ्रष्ट कर देते हैं। क्युँकि मातादीन ब्राह्मण था और उसके लिए माँस वर्जित था।

लेकिन तभी सलिया बीच – बचाव करके उसे बचा लेती है। इसके बाद घरवाले सलिया को भी निकाल देते हैं। मगर होरी उसे भी अपने घर में शरण दे देता है। वक्त के साथ उसे भी एक बेटा पैदा होता है।

उधर जब दातादीन को सारी घटना की जानकारी मिलती है तो अपने बेटे को बहुत डाँटता है। फिर वह काशी से बड़े -बड़े पंडितों को बुलाकर मातादीन की फिर से शुद्धि करवाता है। और इसमें बहुत पैसा खर्च करता है।

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एक दिन गोबर लखनऊ से घर आता है। वह काफी सज -धज कर आया था। इसलिए बहुत से लोग उसे पहचान भी नहीं पाते। लेकिन उसके बाद बहुत से युवा उसके साथ शहर जाने को तैयार हो जाते हैं।

जब गोबर को पता चलता है कि दातादीन ने होरी के साथ क्या -क्या किया था और किस तरह वह होरी से सूद वसूल रहा था, तो वह बहुत गुस्सा होता है।

वह पिता से कहता है कि दातादीन पर कोर्ट केस करो। लेकिन होरी उसे समझा -बुझा कर शाँत कर देता है। क्युँकि उसे देश की न्यायपालिका की जानकारी थी कि किस तरह एक केस में आदमी की जिंदगी बीत जाती थी।

और फिर भी न्याय की गारंटी नहीं होती थी। साथ ही वकीलों को देने के लिए होरी के पास पैसे नहीं थे।

कुछ समय तक गाँव में रहकर गोबर अपनी पत्नी और बेटे के साथ फिर से लखनऊ चला जाता है।

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Godan Summary in Hindi – Munshi Premchand

उधर मातादीन को एक दिन मलेरिया हो जाता है। उसी दौरान उसे अहसास होता है कि वह सलिया से कितना प्यार करता है।

एक दिन वह अपना जनेऊ उतार देता है। और सलिया को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लेता है।

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समय बीतता रहता है और होरी का कर्ज बढ़ता ही रहता है। वह रात -दिन मेहनत करता था। लेकिन फिर भी अपना कर्ज नहीं उतार पाता था। Munshi Premchand Godan summary in Hindi .

उसके पास बैल भी नहीं थे और इस वजह से उसका स्वास्थ्य लगातार गिर रहा था। आखिर एक दिन वह बीमार पड़ जाता है। उसे लगता है कि उसकी मृत्यु करीब है।

यही सोचकर एक दिन वह अपनी पत्नी को बुलाता है और १ रूपया देकर कहता है कि पँडित को बुलाकर उसके हाथ से गोदान करवा दो।

उसकी पत्नी पँडित को बुलाती है और होरी से गोदान करवा देती है। इससे होरी को बहुत संतुष्टि मिलती है। कम से कम उसकी एक इच्छा तो पूरी हो गयी थी।

तभी हीरा भी शहर से वापस आता है और होरी से अपने अपराधों के लिए माफ़ी माँगता है। होरी उसे भी माफ़ कर देता है।

कुछ समय के बाद होरी की मृत्यु हो जाती है और उसे सभी चिंताओं से मुक्ति मिल जाती है।

समाप्त।

दोस्तो, उम्मीद है आपको गोदान उपन्यास का सार (Godan summary in Hindi) पसंद आया होगा। इस ब्लॉग पर और भी बहुत सी बुक समरी हैं। आप उन्हें भी पढ़ सकते हैं। धन्यवाद।

2 thoughts on “Godan Summary in Hindi”

  1. Explained very well.
    It may be helpful for those who are studying for a master’s degree in Hindi literature.
    Lot of thanks with best regards,
    D.N.Singh Narwal
    (M.A, M.ed)

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