Hanuman Chalisa Kisne Likhi Thee

हनुमान चालीसा किसने लिखी थी (Hanuman Chalisa Kisne likhi thee )

हनुमान चालीसा 16वीं शताब्दी में भारतीय कवि “संत तुलसीदास” ने लिखी थी। यह उनके द्वारा रचित भगवान हनुमान को समर्पित एक भक्ति भजन है।

Hanuman Chalisa Kisne Likhi Thee

तुलसीदास भक्ति आंदोलन के एक प्रमुख कवि थे। उन्होंने गायन, जप और पूजा आदि के माध्यम से भगवान की भक्ति करने पर जोर दिया था ।

उन्होंने बहुत सी काव्य रचनायें की हैं। लेकिन हनुमान चालीसा को उनके सबसे प्रसिद्ध कार्यों में से एक माना जाता है। दुनिया भर के लाखों हिंदुओं द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है।

ताकि वे सकटमोचन भगवान हनुमान का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। (Article – Hanuman Chalisa Kisne likhi thee ).

Tulsidas Biography (तुलसीदास जीवन परिचय)

तुलसीदास एक प्रसिद्ध भारतीय संत और कवि थे जो 16वीं शताब्दी के दौरान जन्मे थे। वे अपनी महान रचनाओं – रामचरितमानस तथा हनुमान चालीसा के लिए विख्यात हैं। उनके रचनाएं संस्कृत में न होकर अवधी भाषा में हैं।

इसलिए वे आम जनता में काफी लोकप्रिय हैं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

तुलसीदास का जन्म 1532 ईश्वी में उत्तर प्रदेश के राजापुर गाँव में हुआ था जो वर्तमान में वाराणसी शहर के पास है। Blog – Hanuman Chalisa Kisne likhi thee.

उनकी माता का नाम हुलसी और पिता का आत्माराम दुबे थे। जाति से वे जो ब्राह्मण थे। तुलसीदास अपने चार भाई -बहनो में सबसे छोटे थे और जन्म के समय उनका नाम रामबोला रखा गया था।

तुलसीदास का परिवार गरीब था। जब तुलसीदास अभी छोटे ही थे, तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई।

उनकी शादी बचपन में ही रत्नावली नाम की एक लड़की से कर दी गयी थी। तुलसीदास ने घर पर रहकर ही संस्कृत और अन्य धार्मिक ग्रंथों में शिक्षा प्राप्त की।

वैवाहिक जीवन और आध्यात्मिक यात्रा

तुलसीदास का विवाह कम उम्र में रत्नावली से हो गया था। दोनों पति -पत्नी अपने गृहनगर राजापुर में एक साथ रहते थे। लेकिन तुलसीदास अपने वैवाहिक जीवन से संतुष्ट नहीं थे।

वे गूढ़ आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना चाहते थे। एक दिन उनका मन भौतिक सुखों से भर गया। और उन्होंने यात्रा पर निकलने का मन बना लिया।

उन्होंने अपना घर और परिवार छोड़ दिया और ज्ञान प्राप्त करने के लिए भारत के विभिन्न पवित्र स्थानों की यात्रा करने लगे। अपनी यात्राओं के दौरान, उन्होंने कई प्रसिद्ध संतों और विद्वानों से मुलाकात की और उनके अधीन अध्ययन किया।

अंत में वे वाराणसी शहर में पहुंचे, जहाँ उन्हें प्रसिद्ध ऋषि नरहरि दास मिले। वे उनके शिष्य बन गए तथा आजीवन वहीं रहे। (Hanuman Chalisa Kisne likhi thee ).

इसके बाद तुलसीदास ने खुद को भगवद – साधना के लिए समर्पित कर दिया तथा ध्यान-योग आदि में कई साल बिताए। एक दिन उन्हें भगवान राम के दर्शन हुए।

इस घटना का तुलसीदास पर गहरा प्रभाव पड़ा और उन्हें अपनी सबसे प्रसिद्ध रचना, रामचरितमानस लिख डाल।

साथ ही भक्त हनुमान को समर्पित हनुमान चालीसा भी लिखी।

रामचरितमानस

रामचरितमानस भगवान राम को समर्पित महाकाव्य है। यह अवधी भाषा में लिखा गया है तथा जन – सामान्य में बोली जाती है।

इस महाकाव्य में 10,000 से अधिक छंद हैं और इसे सात पुस्तकों (खंड ) में विभाजित किया गया है। प्रत्येक खंड में भगवान राम के जीवन के एक अलग पहलू का वर्णन है। Post (Hanuman Chalisa Kisne likhi thee ).

रामचरितमानस को भारत के भक्ति साहित्य के महानतम कार्यों में से एक माना जाता है। इसका सदियों से हिंदुओं द्वारा सम्मान किया जाता रहा है। इसका कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है तथा यह भारतीय संस्कृति और धर्म का पवित्र दर्पण है।

विरासत (Legacy)(Hanuman Chalisa Kisne likhi thee )

तुलसीदास ने अपना शेष जीवन वाराणसी में बिताया। वहाँ रहकर उन्होंने अनेक ग्रन्थ लिखे। 1623 ईश्वी में 91 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई। आज भी उनके भक्ति ग्रन्थ हिंदुओं द्वारा व्यापक रूप से पढ़े और पढ़ाये जाते हैं।

तुलसीदास के जीवन और शिक्षाओं का भारतीय संस्कृति और धर्म पर गहरा प्रभाव पड़ा है। उन्हें भक्ति आंदोलन के सबसे महान संतों में से एक माना जाता है। उनके लेखन ने सदियों से अनगिनत लेखकों को प्रेरित किया है। सृष्टि के अंत तक उनका नाम हिन्दू धर्म में अमर रहेगा।

समाप्त।

दोस्तो, इस लेख से आपको पता चल गया होगा कि हनुमान चालीसा किसने लिखी थी (Hanuman Chalisa Kisne likhi thee) और तुलसीदास कौन थे। धन्यवाद।

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