Internet Kya Hai – Ultimate Guide in Hindi

Internet Kya Hai in Hindi (इंटरनेट क्या होता है): दोस्तो, आजकल हम प्रतिदिन internet का प्रयोग करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इंटरनेट है क्या ?

कहाँ से आता है ? इंटरनेट कैसे काम करता है ? और इंटरनेट का मालिक कौन है। Internet की खोज किसने की ? Wi Fi से internet कैसे मिलता है ? क्या इंटरनेट तार से आता है ? आदि (Article – Internet Kya Hai).

तो इन तमाम प्रश्नो के उत्तर इस रोचक लेख में मिल जायेंगे। तो आइये इंटरनेट से जुड़े सभी पहलुओं के बारे में पढ़ते हैं।

Internet Kya Hai - Ultimate Guide in Hindi

इंटरनेट की परिभाषा ( Definition of Internet )

इंटरनेट एक -दूसरे से जुड़े Computer Systems और उपकरणों का एक विशाल नेटवर्क है जो सूचना प्रसारित करने के लिए एक दूसरे के साथ communicate करता है।

यह ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल (TCP) और इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) जैसे मानकों के सेट का उपयोग करके संचालित होता है। TCP ही यह सुनिश्चित करता है कि नेटवर्क पर डेटा कैसे भेजा और प्राप्त किया जायेगा।

मान लीजिये , अमेरिका के किसी वैज्ञानिक ने coding करके एक वेबसाइट बनाई। अब वह चाहता है कि उसका दूसरा साथी भी उसे देख पाए तो वह उस तक कैसे भेजेगा। (Essay-Internet Kya Hai).

इसके लिए उसे TCP और IP का इस्तेमाल करना होगा। IP एक तरह से सभी कम्प्यूटर्स का एड्रेस होता है। इसका उपयोग करके ही TCP उस कंप्यूटर तक अपना डाटा भेजता है।

तो इसी तरह से एक से दूसरे फिर तीसरे और सारे संसार के कम्प्यूटर्स तक डाटा पहुँचता है। और इसे ही इंटरनेट कहते हैं। (Internet kya hota hai )

तभी तो इंटरनेट से कनेक्ट होने के लिए internet प्रोवाइडर आपसे IP मांगता है। हर कंप्यूटर या लैपटॉप या फ़ोन का अपना अलग IP address होता है।

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Internet Ki Full Form Kya Hai (Internet की Full Form क्या है)

Answer : Interconnected Network

दोस्तो, Internet दो शब्दों से मिलकर बना है Inter + Net .


अब Inter का फुल फॉर्म है – Interconnected

और Net का फुल फॉर्म है – Network

तो Internet का फुल फॉर्म हो गया – Interconnected Network

इंटरनेट कैसे काम करता है – सब देशों में कैसे पहुँचता है
(How Internet Works)

दोस्तो, इंटरनेट आपस में जुड़े बहुत से कंप्यूटर सिस्टम और उपकरणों का एक global नेटवर्क है। ये तार तथा वेतार (वायरलेस) दोनों तरीकों से संचारित होता है।

निम्न steps में आपको पता चलेगा कि आखिर इंटरनेट काम कैसे करता है। अर्थात अमेरिका से दूसरे देशों में कैसे पहुँचता है। तो आइये स्टेप्स पढ़ते हैं :

1) समुद्र के नीचे केबल: सबसे पहले विभिन्न देशों में internet पहुंचाने के लिए समुन्द्र के नीचे के नीचे Optic Fibres की केबल (तार) बिछाई जाती है। ऑप्टिक फाइबर सस्ता भी पड़ता है और डाटा भी स्पीड से भेजता है। भारत में रिलायंस कम्युनिकेशन यह काम करती थी। लेकिन बाद में दिवालिया हो गयी थी।

2) Satellite Link (सैटेलाइट लिंक): दूर-दराज के इलाकों में जहां समुद्र के नीचे केबल बिछाना संभव नहीं है, वहाँ सैटेलाइट लिंक के जरिए इंटरनेट पहुँचाया जाता है। इसमें Elon Musk की कंपनी स्टरलिंक ने तहलका मचा रखा है। जो 5G के साथ -साथ 7G देने में भी सक्षम है।

इसके बार में आप और डिटेल्स यहाँ पढ़ सकते हैं – Elon Musk Biography Book Summary in Hindi .

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3) Router and Switch (राउटर और स्विच): प्रत्येक point पर जहां डेटा, नेटवर्क में प्रवेश करता है या बाहर निकलता है, वहां राउटर और स्विच होते हैं।

ये डेटा के प्रवाह को निर्देशित करते हैं। ये डिवाइस डेटा के पैकेट को उनके इच्छित गंतव्य तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार हैं।

4) Data Station (डेटा केंद्र): इंटरनेट का प्रसार डेटा केंद्रों के नेटवर्क पर निर्भर करता है। ये केंद्र सर्वर और अन्य नेटवर्किंग उपकरण को होस्ट करता है।

ये डेटा केंद्र बड़ी मात्रा में डेटा के storage के लिए जिम्मेदार हैं। इन्हे हाई-स्पीड डेटा लिंक के माध्यम से इंटरनेट से जोड़ा जाता है।

5) Wireless Infrastructure (वायरलेस इन्फ्रास्ट्रक्चर): Wired कनेक्शन के अलावा, इंटरनेट कई तरह के वायरलेस इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी निर्भर करता है। (Internet kya hota hai in Hindi )

इसमें सेल्युलर नेटवर्क, वाई-फाई हॉटस्पॉट और माइक्रोवेव लिंक शामिल हैं। ये मोबाइल तथा दूसरे उपकरणों को कनेक्टिविटी प्रदान करता है। Internet Kya Hai.

कुल मिलाकर, इंटरनेट एक अत्यधिक जटिल और आपस में जुड़ा हुआ नेटवर्क है जो विभिन्न देशों तक पहुँचने और दुनिया भर के उपयोगकर्ताओं को जोड़ने के लिए हार्डवेयर और बुनियादी ढांचे की एक विस्तृत श्रृंखला पर निर्भर करता है।

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घर पर इंटरनेट कैसे लें (How to Get Internet At Home)

दोस्तो, घर पर इंटरनेट प्राप्त करने के लिए, आपको एक आईएसपी । (ISP – Internet Service Provider ) चुनना होगा जो आपके क्षेत्र में सेवा प्रदान करता है।

IPS एक ऐसी कंपनी होती है जो आपको इंटरनेट का Broadband Connection देती है।

आप अपने area की IPS company से संपर्क करें। फिर वे लोग आपके घर पर एक मॉडेम या राउटर लगा देंगे। फिर आपका Password आदि बनाकर internet सेवा शुरू कर देंगे।

इसके बाद आप अपने उपकरणों जैसे Phone , Laptop , Alexa , Smart TV आदि को होम नेटवर्क से कनेक्ट कर पाएंगे और इंटरनेट का उपयोग करना शुरू कर सकेंगे । (Blog – Internet Kya Hai).

भारत के मेट्रो सिटीज में पाए जानी वाली कुछ प्रमुख ISP कम्पनीज ये हैं :

  • Airtel Broadband
  • JioFiber Broadband
  • Tata Play Fiber
  • Hathway
  • Tikona
  • ACT Fibernet

आप इनकी वेबसाइट पर जाकर कांटेक्ट कर सकते हैं। सबसे न्यूनतम प्लान 500 रुपये प्रतिमाह में मिल जाता है। जिसमे आपको 40MBPS की स्पीड मिलती है। बाकी के प्लान आपको इनकी websites पर मिल जायेंगे।

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घर पर इंटरनेट कैसे लें (Internet Kya Hai)

घर पर इंटरनेट प्राप्त करने के कई तरीके हैं। यह आपके area और facility की उपलब्धतता पर निर्भर करता है। Internet लेने के कुछ सबसे सामान्य तरीके ये हैं:

1. Cable Internet (केबल इंटरनेट): कई इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी) केबल इंटरनेट प्रदान करते हैं। यह system केबल तार की मदद से आपको हाई-स्पीड इंटरनेट प्रदान करता है।

2. DSL Internet (डीएसएल इंटरनेट): डीएसएल (डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन) एक अन्य प्रकार का वायर्ड इंटरनेट है जो इंटरनेट एक्सेस प्रदान करने के लिए मौजूदा टेलीफोन लाइनों का उपयोग करता है।

DSL केबल इंटरनेट से धीमा हो सकता है, लेकिन यदि आपके क्षेत्र में केबल इंटरनेट उपलब्ध नहीं है तो यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है। (Internet kya hota hai )

3. Fiber Optic Internet (फाइबर ऑप्टिक इंटरनेट): फाइबर ऑप्टिक इंटरनेट एक नई तकनीक है जो बहुत तेज गति से डेटा संचारित करने के लिए फाइबर ऑप्टिक केबल का उपयोग करती है।

फाइबर इंटरनेट केबल या डीएसएल की तुलना में बहुत तेज हो सकता है, लेकिन यह सभी क्षेत्रों में उपलब्ध नहीं हो सकता है।

4. Satellite Internet (सैटेलाइट इंटरनेट): यदि आप किसी दूरस्थ क्षेत्र में रहते हैं जहां वायर्ड इंटरनेट उपलब्ध नहीं है, तो सैटेलाइट इंटरनेट एक विकल्प हो सकता है। (Blog- Internet Kya Hai).

सैटेलाइट इंटरनेट इंटरनेट से जुड़ने के लिए सैटेलाइट डिश का उपयोग करता है, लेकिन यह अन्य प्रकार के इंटरनेट की तुलना में धीमा और अधिक महंगा हो सकता है।

5. Mobile HotSpot (मोबाइल हॉटस्पॉट): यदि आपको केवल थोड़े समय के लिए इंटरनेट एक्सेस की आवश्यकता है या आप लंबी अवधि के अनुबंध के लिए साइन अप नहीं करना चाहते हैं, तो मोबाइल हॉटस्पॉट एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

वाई-फाई नेटवर्क बनाने के लिए आप अपने स्मार्टफोन या एक समर्पित हॉटस्पॉट डिवाइस का उपयोग कर सकते हैं जिससे आप अपने कंप्यूटर या अन्य उपकरणों से जुड़ सकते हैं।

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Wi – Fi Kya Hai (Wi Fi se Internet)

Internet kya hai

वाई-फाई एक wireless नेटवर्किंग तकनीक है। इसके जरिये आप अपने घर के उपकरणों को इंटरनेट से कनेक्ट कर सकते हैं। इसके लिए आपको तारों या केबलों की आवश्यकता नहीं होती।

वाई-फाई IEEE 802.11 मानकों पर आधारित है। जो बताते हैं है कि वायरलेस उपकरणों को कितनी frequency की Radio Waves से जोड़ा जाना चाहिए।

वाई-फाई एक प्रकार का लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) है। जिसका अर्थ है कि इसे एक सीमित भौगोलिक क्षेत्र, जैसे घर, कार्यालय या सार्वजनिक हॉटस्पॉट के भीतर ही वायरलेस कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

आप एक बिल्डिंग एक बाहर इससे कनेक्ट नहीं हो सकते। Post- Internet Kya Hai.

वाई-फाई नेटवर्क में आमतौर पर एक वायरलेस राउटर या एक्सेस प्वाइंट होता है जो एक वायरलेस सिग्नल प्रसारित करता है। इस सिग्नल से एक व अधिक वायरलेस डिवाइस कनेक्ट हो सकते हैं।

वाई-फाई एक विशिष्ट आवृत्ति बैंड पर काम करता है और डेटा संचारित करने और प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार की modulation तकनीकों का उपयोग करता है।

सबसे आम वाई-फाई फ्रीक्वेंसी बैंड 2.4 गीगाहर्ट्ज और 5 गीगाहर्ट्ज हैं। इन बैंडों को आगे भी कई चैनलों में बांटा गया है। Guide – Internet kya hota hai .

वाई-फाई नेटवर्क से कनेक्ट करने के लिए, डिवाइस में एक वायरलेस Adaptor होना चाहिए जो 802.11 standards के अनुकूल हो।

अधिकांश स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट और अन्य डिवाइस में पहले से ही बिल्ट-इन वाई-फाई एडेप्टर होते है। ये अलग से भी लगवाए जा सकते हैं।

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Wi Fi कैसे काम करता है (How Wi Fi Works)

वायर्ड और वायरलेस तकनीकों के माध्यम से एक प्रदाता (ISP ) आपके घरों तक Wi Fi पहुँचाता है। इस पूरी प्रक्रिया के निम्न स्टेप्स हैं :

1. इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी) कनेक्शन: आईएसपी सबसे पहले आपके घर को इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करेगा । इसके लिए वह फाइबर-ऑप्टिक, केबल या डीएसएल कनेक्शन जैसी वायर्ड तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।

आईएसपी घर पर एक Modem या गेटवे डिवाइस (Gateway ) स्थापित करता है जो वायर्ड सिग्नल को एक डिजिटल सिग्नल में परिवर्तित करता है। जिससे इंटरनेट आपके उपकरण में पहुँचता है।

2. वाई-फाई राउटर या एक्सेस प्वाइंट: अगला कदम घर के भीतर वाई-फाई राउटर या एक्सेस प्वाइंट स्थापित करना है। यह डिवाइस मॉडेम या गेटवे से डिजिटल सिग्नल लेता है और इसे 802.11 मानकों का उपयोग करके वायरलेस रूप Airwaves पर प्रसारित करता है।

3. वायरलेस डिवाइस: एक बार वाई-फाई नेटवर्क सेट हो जाने के बाद, वायरलेस डिवाइस जैसे स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप और अन्य वाई-फाई-सक्षम डिवाइस नेटवर्क से कनेक्ट हो सकते हैं और इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं। (Main article on Internet Kya Hai).

इसके लिए डिवाइस पर उपलब्ध नेटवर्क की सूची से वाई-फाई नेटवर्क नाम (एसएसआईडी) का चयन करना होता है। और password डालना होता है।

4. सिग्नल की ताकत और रेंज: वाई-फाई सिग्नल की ताकत और रेंज कई कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें राउटर या एक्सेस प्वाइंट का पावर आउटपुट, घर के भीतर डिवाइस का प्लेसमेंट और कोई भी भौतिक बाधा (जैसे दीवार या फर्नीचर) शामिल हैं। ) जो सिग्नल के साथ हस्तक्षेप कर सकता है।

कुल मिलाकर, घर में वाई-फाई प्राप्त करने की प्रक्रिया में वायर्ड कनेक्शन के माध्यम से इंटरनेट से जुड़ना शामिल है, और फिर पूरे घर में वायरलेस तरीके से इंटरनेट सिग्नल प्रसारित करने के लिए वाई-फाई राउटर या एक्सेस प्वाइंट का उपयोग करना शामिल है। इससे आपके सारे घर में इंटरनेट बिना तार के पहुँचने लगेगा।

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Internet Kee Khoj Kisne Kee (Internet ka Itihas)
इंटरनेट की खोज किसने की

इंटरनेट कोई एक दिन में नहीं बना है। बल्कि इसका विकास कई दशकों तक हुआ। इसलिए इसका इतिहास बहुत पुराना है। इसमें बहुत से वैज्ञानिकों , कंप्यूटर साइंटिस्ट और mathematicians ने योगदान दिया है। तब जाकर यह इतना प्रभावकारी हुआ है।

इंटेरेंट के इतिहास के मुख्य बिंदु इस प्रकार से हैं :

1) इंटरनेट की उत्पत्ति: 1960 के दशक में अमेरिकी रक्षा विभाग ने ARPANET नामक एक शोध नेटवर्क बनाया था। ARPANET को विभिन्न विश्वविद्यालयों और अनुसंधान केंद्रों के शोधकर्ताओं को जानकारी साझा करने के लिए बनाया गया था। और यहीं से इंटरनेट की शुरुआत हुई थी।

2) TCP/IP का विकास: 1970 के दशक में, कंप्यूटर वैज्ञानिक Vint Cerf and Bob Kahn ने ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल/इंटरनेट प्रोटोकॉल (TCP/IP) नामक प्रोटोकॉल का एक नया सेट विकसित किया, जो इंटरनेट की नींव बन गया। (Full guide about Internet Kya Hai).

3) इंटरनेट का विकास: 1980 और 1990 के दशक के दौरान, अधिक से अधिक विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों और नेटवर्क से जुड़ी सरकारी एजेंसियों के रूप में इंटरनेट का तेजी से विकास हुआ।

1989 में Tim Berners-Lee ने वर्ल्ड वाइड वेब (WWW ) का निर्माण किया। इससे इंटरनेट जनता तक भी पहुंचने लगा।

4) इंटरनेट का व्यावसायीकरण: 1990 के दशक के मध्य में, इंटरनेट का अधिक व्यावसायीकरण हो गया क्योंकि व्यवसायों और व्यक्तियों ने वेबसाइट बनाना और ऑनलाइन सेवाओं की पेशकश करना शुरू कर दिया।

अमेज़ॅन और ईबे जैसी लोकप्रिय वेबसाइटों के निर्माण ने ई-कॉमर्स को एक प्रमुख उद्योग के रूप में स्थापित करने में मदद की। (Hindi article -Internet kya hota hai).

5) इंटरनेट प्रौद्योगिकी में प्रगति: पिछले कुछ दशकों में, कई तकनीकी प्रगति हुई हैं जिन्होंने इंटरनेट की क्षमताओं में सुधार और विस्तार करने में मदद की है। इनमें ब्रॉडबैंड इंटरनेट, वाई-फाई, मोबाइल इंटरनेट और क्लाउड कंप्यूटिंग शामिल हैं।

Internet Ka Malik Kon Hai (Internet का मालिक कौन है)

इंटरनेट का कोई मालिक नहीं है। शुरू में इसे अमेरिका की मिलिट्री द्वारा शुरू किया गया था। तब इसका नाम APRANET था। उस समय इसे यूनिवर्सिटी और रिसर्च केंद्रों तक ही रखा गया था।

लेकिन बाद में www बन जाने के बाद यह जनता को भी मिलने लगा। अब इसे सरकार के विभाग Information एंड Broadcasting द्वारा संचालित किया जाता है।

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Part 2- Internet के लाभ और हानियाँ
(Essay-Internet Kya Hai)

A: Internet ke labh (Internet के लाभ)

इंटरनेट ने हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में क्राँति सी ला दी है। आगे इंटरनेट के सभी लाभों की विस्तृत सूची दी गयी है :

1. Access to Information (सूचना तक पहुंच): इंटरनेट समाचार और वर्तमान घटनाओं से लेकर history और research तक से जुडी जानकारी आपको देता है।

2. Communication (संचार): इंटरनेट लोगों को ईमेल, मैसेजिंग ऐप, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से दुनिया भर में एक दूसरे से जुड़ने और संवाद करने में सक्षम बनाता है।

3. Online Learning (ऑनलाइन सीखना): इंटरनेट ने लोगों के लिए शैक्षिक संसाधनों और ऑनलाइन पाठ्यक्रमों तक पहुंचना संभव बना दिया है, जिससे वे नए कौशल सीख सकते हैं और अपने करियर को आगे बढ़ा सकते हैं। Hindi Nibandh- Internet Kya Hai.

4. Entertainment (मनोरंजन): फिल्मों और टीवी शो को स्ट्रीम करने से लेकर ऑनलाइन गेम खेलने और संगीत सुनने तक, इंटरनेट मनोरंजन के व्यापक विकल्प प्रदान करता है।

5. E-Commerce (ई-कॉमर्स): इंटरनेट ने हमारे खरीदारी और व्यापार करने के तरीके को बदल दिया है। हम सामान और सेवाओं को Online खरीदने और बेचने में सक्षम हो गए हैं।

6. Globalization (वैश्वीकरण): इंटरनेट ने राष्ट्रों और संस्कृतियों के बीच बाधाओं को तोड़ने में मदद की है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों के लोगों के बीच अधिक समझ और सहयोग को बढ़ावा दिया है।

7. Innovation (नवाचार): इंटरनेट ने creativity और उद्यमिता को बढ़ावा दिया है। नए विचारों और व्यवसायों को फलने-फूलने के लिए एक मंच प्रदान किया है।

8. Accessibility (अभिगम्यता): इंटरनेट ने विकलांग लोगों के लिए जानकारी प्राप्त करना और समाज में भाग लेना आसान बना दिया है। Full guide – Internet kya hota hai .

उदाहरण के लिए, सहायक प्रौद्योगिकियां जैसे कि स्क्रीन रीडर और आवाज पहचान सॉफ्टवेयर नेत्रहीनों और शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों को वेब नेविगेट करने में सहायता करते हैं।

9. Flexibility (फ्लेक्सिबिलिटी): इंटरनेट ने रिमोट वर्क और फ्लेक्सिबल शेड्यूल के लिए नए अवसर पैदा किए हैं। अब लोग घर से या दुनिया में कहीं से भी Freelancing का काम कर सकते हैं।

10. Convenience (सुविधा): इंटरनेट ने रोज़मर्रा के कई कार्यों को और अधिक सुविधाजनक बना दिया है। जैसे ऑनलाइन बैंकिंग, यात्रा की बुकिंग, और किराने का सामान ऑर्डर आदि आप घर बैठे ही कर सकते हैं।

11. Collaboration (सहयोग): इंटरनेट ने लोगों के भौतिक स्थान की परवाह किए बिना Projects पर सहयोग करना और विचारों को साझा करना आसान बना दिया है।

Google Docs, ड्रॉपबॉक्स और Trello जैसे ऑनलाइन सहयोग उपकरण टीमों को वास्तविक समय में एक साथ काम करने की अनुमति देते हैं।

12. Creativity (रचनात्मकता): इंटरनेट ने YouTube, Instagram, और DeviantArt जैसे प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से लोगों को अपनी रचनात्मकता व्यक्त करने और दूसरों के साथ अपना काम साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया है। (Internet Kya Hai).

13. Social Connections (सामाजिक संपर्क): इंटरनेट ने लोगों के लिए सोशल मीडिया, ऑनलाइन फ़ोरम और मैसेजिंग ऐप के माध्यम से दूसरों के साथ सामाजिक संबंध बनाना और बनाए रखना आसान बना दिया है।

14. Research (अनुसंधान): इंटरनेट ने शोधकर्ताओं के लिए डेटा तक पहुंचना और साझा करना, सहकर्मियों के साथ सहयोग करना और उनके निष्कर्षों को प्रकाशित करना आसान बना दिया है।

15. Transparency (पारदर्शिता): इंटरनेट ने लोगों के लिए सरकारी गतिविधियों, समाचार और वर्तमान घटनाओं, और कॉर्पोरेट प्रथाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करना आसान बना दिया है। इससे पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिला है। (Ultimate jaankari – Internet kya hota hai )

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B: Internet kee haaniyan (Internet की हानियाँ)Internet Kya Hai


इंटरनेट कई लाभ प्रदान करता है, लेकिन इसके बहुत से नुक्सान भी हैं। जो इस प्रकार से हैं :

1. Cybersecurity threats (साइबर सुरक्षा खतरे): Internet की वजह से पहचान की चोरी (identity theft ) , हैकिंग और Phishing scam आदि साइबर अपराध बढ़ गए हैं।

2. Privacy concerns (गोपनीयता संबंधी चिंताएँ): इंटरनेट लोगों की गोपनीयता से समझौता कर सकता है। कुछ कंपनियां बड़ी मात्रा में व्यक्तिगत डेटा एकत्र करती हैं। फिर वे उसे गलत लोगों को बेच भी देती हैं।

3. Online addiction (ऑनलाइन लत): इंटरनेट की लत लग सकती है। जिससे सामाजिक अलगाव, नींद विकार और अन्य नकारात्मक परिणाम बढ़ गए हैं। Article – Internet Kya Hai.

4. Online harassment (ऑनलाइन उत्पीड़न): इंटरनेट की वजह से साइबरबुलिंग, ट्रोलिंग और अन्य प्रकार के ऑनलाइन उत्पीड़न आम बात हो गए हैं।

5. Misinformation (गलत सूचना): इंटरनेट गलत सूचना और षड्यंत्र के सिद्धांत फैला सकता है, जिससे भ्रम और अविश्वास पैदा होता है।

6. Digital divide (डिजिटल डिवाइड): हर किसी के पास इंटरनेट तक पहुंच नहीं है। इससे डिजिटल डिवाइड होता है inequality को बढ़ावा देता है।

7. Distraction (व्याकुलता): इंटरनेट व्याकुलता का source हो सकता है, जिससे उत्पादकता और फोकस कम हो जाता है। (Internet kya hota hai ).

8. Content regulation (सामग्री विनियमन): इंटरनेट अभद्र भाषा, अतिवादी सामग्री और हानिकारक सामग्री के अन्य रूपों को भी बढ़ावा देता है।

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Part 3Role Of Internet
(UPSC Essay on Internet in Hindi)

आइये अब इंटरनेट की हमारे जीवन में विविध भूमिकाओं के बारे में पढ़ते हैं।

Internet And Communication (Internet का संचार पर प्रभाव)

इंटरनेट का संचार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। लोगों के एक दूसरे के साथ बातचीत करने और जानकारी साझा करने के तरीके में बदलाव आया है। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे इंटरनेट ने संचार को प्रभावित किया है:

1. Instant communication (त्वरित संचार): इंटरनेट की वजह से communication क्राँति आ चुकी है। पहले के जमाने में चिट्ठी भेजकर ही दूसरे का हाल -चाल जाना जाता था। Full Guide – Internet Kya Hai.

इसमें कई दिन और महीने लग जाते थे। लेकिन आज ईमेल, WhatsApp , इंस्टेंट मैसेजिंग , फेसबुक , ट्विटर आदि के जरिये आप कुछ seconds में ही दूसरे से बात कर सकते हो।

2. Global communication (वैश्विक संचार): इंटरनेट ने दूरी और भूगोल की बाधाओं को तोड़ दिया है। आप किसी भी देश के लोगों से तुरंत बात कर सकते हो। साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, चैट रूम और ऑनलाइन फ़ोरम के जरिये मीटिंग्स आदि भी कर सकते हो।

3. Increased access to information (जानकारी तक पहुंच में वृद्धि): इंटरनेट ने लोगों के लिए जानकारी तक पहुंचना और उसे साझा करना आसान बना दिया है। आपके दिमाग में कैसा भी सवाल क्यों न हो , आप जल्दी से Google और विकिपीडिया के जरिये उसका उत्तर पा सकते हो।

4. New forms of communication (संचार के नए रूप): इंटरनेट ने संचार के नए रूपों को सक्षम किया है, जैसे ब्लॉगिंग, पॉडकास्टिंग और ऑनलाइन वीडियो। ये platform लोगों को अपने विचारों को Global Level तक पहुंचाने में मदद करते हैं। Hindi blog – Internet kya hota hai .

5. Challenges to traditional communication (पारंपरिक संचार के लिए चुनौतियाँ): इंटरनेट के उदय ने संचार के पारंपरिक रूपों, जैसे प्रिंट मीडिया, डाक आदि को संकट में भी डाल दिया है। आज कोई भी व्यक्ति लेटर नहीं लिखता बल्कि व्हाट्सप्प से बात कर लेता है।


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Online Privacy and Security

ऑनलाइन गोपनीयता और सुरक्षा महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जो हाल के वर्षों में जरुरी हो गए हैं। क्योंकि लोग खरीदारी और अन्य गतिविधियों के लिए इंटरनेट पर निर्भर हैं। और उनकी जानकारी चुराई भी जा सकती है। ऑनलाइन गोपनीयता और सुरक्षा के कुछ प्रमुख पहलू यहां दिए गए हैं:

1. Data privacy (डेटा गोपनीयता): ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं को उनके द्वारा उपयोग की जाने वाली वेबसाइटों और Apps की Privacy नीतियों के बारे में पता होना चाहिए।

उन्हें अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम , पता , अकाउंट नंबर आदि सावधानी से देने चाहिएं। पहले जांच लें कि वेबसाइट फेक तो नहीं है।

2. Cybersecurity (साइबर सुरक्षा): आजकल बहुत से वायरस बन चुके हैं जो आपके कंप्यूटर को डैमेज पहुंचा सकते हैं। साथ ही hackers भी आपके अकाउंट को हैक करने की कोशिश करते रहते हैं।

इसलिए एंटी वायरस और सिक्योरिटी के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल लाजमी है। (Ultimate Guide in Hindi – Internet Kya Hai).

3. Online tracking (ऑनलाइन ट्रैकिंग): बहुत बार आप जब गूगल में कोई चीज सर्च करते हैं तो बहुत सी Websites आपको ट्रैक करती हैं। फिर वे आपकी खोज से सम्बन्धी विज्ञापन आपको देने लगते हैं। इससे बचने के लिए लोग VPN and Firewall का इस्तेमाल करते हैं।

4. Phishing (फ़िशिंग): फ़िशिंग से तात्पर्य नकली वेबसाइटों से है। आप गलती से भी ऐसी नकली website पर अपने पासवर्ड या क्रेडिट कार्ड नंबर आदि न दें। अन्यथा आपका अकाउंट खाली हो जायेगा।

5. Social engineering (सोशल इंजीनियरिंग): सोशल इंजीनियरिंग में धोखे या चालाकी से आपको उल्लू बनाया जाता है। पहले कोई stranger आपका दोस्त बनकर आपसे Chat करता है और आपसे जरुरी जानकारी उगलवा लेता है।

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The Impact of Social media on Society

Internet Kya Hai

Internet के आने के बाद तरह – तरह के सोशल मीडिया आ गए। इससे हमारा समाज के साथ interact करने का तरीका ही बदल गया। सोशल मीडिया ने हमारे समाज को निम्न तरीकों से प्रभावित किया है:

1. Increased communication (संचार में वृद्धि): सोशल मीडिया से लाखों मील दूर के लोगों से भी ऐसे बात कर सकते हैं जैसे वे आपके पास ही बैठे हों।

इसने लोगों के लिए लंबी दूरी के संबंध बनाए रखना आसान बना दिया है। साथ ही व्यवसायों को अधिक व्यक्तिगत स्तर पर ग्राहकों से जुड़ने में सक्षम बनाया है। Blog -Internet kya hota hai .

2. Improved access to information (सूचना तक बेहतर पहुंच): सोशल मीडिया ने लोगों के लिए सूचनाओं और समाचारों तक पहुंच को आसान बना दिया है। पहले पता ही नहीं चलता था कि कहाँ क्या हुआ है।

लेकिन अब हर कस्वे की खबर जंगल की आग की तरह फ़ैल जाती है।

3. Enhanced business opportunities (व्यापार के अवसरों में वृद्धि): सोशल मीडिया के जरिये लोग आसानी से अपना प्रोडक्ट अपने कस्टमर तक पहुँचा सकते हैं। (Internet Kya Hai).

हर सोशल मीडिया बिज़नेस पेज बनाने का अवसर देता है। आप अपने प्रोडक्ट की Ads भी वहाँ दे सकते हैं।

4. Increased awareness of social issues (सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना): सामाजिक मुद्दों और अन्याय के बारे में जागरूकता बढ़ाने में सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

इसने व्यक्तियों और संगठनों को अपनी चिंताओं और Social Issues को व्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान किया है।

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Internet Censorship and Freedom of Speech

बहुत से लोग बोलने के अधिकार का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। और सोशल मीडिया पर गंदगी फैला रहे हैं। इसलिए सरकार समय -समय पर प्रतिबंध लगाती रहती है। आइए इसी से जुड़े कुछ अहम् मुद्दों के बारे में पढ़ते हैं।

1. Government censorship (सरकारी सेंसरशिप): दुनिया भर की सरकारों ने इंटरनेट की कुछ Websites पर सेंसरशिप भी लगा रखी है। उनके मुताबिक ये Websites उनके देश और नागरिकों के लिए हानिकारक है। चीन में तो गूगल भी ban है।

2. Corporate censorship (कॉर्पोरेट सेंसरशिप): बहुत बार सोशल मीडिया कम्पनीज जैसे Twitter आदि पर भी controversy हो जाती है। क्युँकि उसमे नफरत फ़ैलाने के लिए Fake न्यूज़ डाल दी जाती है।

3. Impact on freedom of speech (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रभाव): कुछ लोग Freedom Of Speech के नाम पर विवादास्पद या राजनीतिक रूप से संवेदनशील बातें बोल जाते हैं। इसलिए भी प्रतिबंध लग जाते हैं। (Good Guide- Internet Kya Hai).

4. Alternative forms of expression (अभिव्यक्ति के वैकल्पिक रूप): कुछ लोग VPN का इस्तेमाल कारक प्रतिबंधों से भी बच जाते हैं। बहुत से लोग फेक प्रोफाइल बनाकर भी गलत कार्य कर सकते हैं।

इसलिए सिर्फ पॉलिसीस बनाने से कुछ नहीं होता। समाज को खुद इसके बारे में सोचना चाहिए।

5. Balancing freedom of speech and censorship (बोलने की आजादी और सेंसरशिप में संतुलन): बोलने की आजादी का मुद्दा जटिल है। जहाँ सरकारों पर राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नैतिकता की रक्षा करने की जिम्मेदारी होती है वहीं नागरिकों को खुद को अभिव्यक्त करने का अधिकार है।

इसलिए दोनों के बीच संतुलन बिठाना चाहिए।

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Cyberbullying on Internet

साइबरबुलिंग का सरल मतलब है कि सोशल मीडिया, टेक्स्टिंग या मैसेजिंग ऐप के जरिये किसी व्यक्ति को मानसिक पीड़ा पहुँचाना । साइबरबुलिंग आज एक कॉमन प्रॉब्लम हो गयी है। इससे जुड़े मुख्य फैक्टर्स आगे डिसकस किये गए हैं :

1. Definition of cyberbullying (साइबरबुलिंग की परिभाषा): डिजिटल माध्यम से किसी व्यक्ति का उत्पीड़न, अपमान, या धमकी भरा व्यवहार ही Cyberbullying कहलाता है।

इसमें अफवाहें फैलाना, शर्मनाक तस्वीरें या वीडियो साझा करना, या हानिकारक संदेश भेजना शामिल हो सकता है।

2. Prevalence of cyberbullying (साइबरबुलिंग की व्यापकता): साइबरबुलिंग एक व्यापक समस्या है। खासकर युवा लोगों में यह ज्यादा पायी जाती है। Research से पता चला है कि लगभग तीन में से एक किशोर को साइबरबुलिंग का दर्द झेलना पड़ा है। (Internet Kya Hai – full information).

3. Effects on mental health (मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव): साइबरबुलिंग का मानसिक स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। इसमें विक्टिम को चिंता, अवसाद, कम आत्मसम्मान और suicidal विचारों से गुजरना पड़ता है।

इससे victim दूसरों से अलग रहने लग पड़ता है तथा किसी पर विश्वास नहीं करता।

4. Impact on academic performance (अकादमिक प्रदर्शन पर प्रभाव): साइबरबुलिंग की वजह से students के अकादमिक प्रदर्शन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। क्योंकि इससे Motivation और एकाग्रता में कमी आ जाती है।

5. Prevention and intervention (रोकथाम और हस्तक्षेप): साइबरबुलिंग को रोकने के लिए कदम उठाना महत्वपूर्ण है। घरवालों को बच्चों की डिजिटल गतिविधि की निगरानी करनी चाहिए। और अच्छे सँसाकर देने चाहिए।

सरकार को भी उचित क़ानून बनाने चाहिए और उनका पालन करना चाहिए।

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The Impact of the Internet on Education

इंटरनेट का शिक्षा पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। इससे छात्रों के सीखने और शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके में बदलाव आया है। शिक्षा पर इंटरनेट के अग्रलिखित प्रभाव पड़े हैं:

1. Increased access to information (सूचना तक पहुंच में वृद्धि): इंटरनेट ने छात्रों के लिए अकादमिक पत्रिकाओं, शोध पत्रों और शैक्षिक वेबसाइटों सहित विभिन्न स्रोतों से जानकारी प्राप्त करना आसान बना दिया है।

इसने छात्रों के लिए उपलब्ध ज्ञान के दायरे का विस्तार किया है और स्वतंत्र सीखने की सुविधा प्रदान की है।

2. Enhanced collaboration and communication (बेहतर सहयोग और संचार): इंटरनेट ने छात्रों और शिक्षकों के लिए सहयोग और संचार करना आसान बना दिया है। इससे ऑनलाइन सीखने और Virtual कक्षाओं के अवसरों में वृद्धि हुई है। (Internet Kya Hai – Essay for UPSC).

3. Improved teaching methods (बेहतर शिक्षण विधियाँ): इंटरनेट ने शिक्षकों को उनकी शिक्षण विधियों को बढ़ाने के लिए नए उपकरण और संसाधन प्रदान किए हैं, जैसे कि इंटरैक्टिव व्हाइटबोर्ड, ऑनलाइन क्विज़ और शैक्षिक वीडियो। Essay – (Internet kya hota hai )

इसने छात्रों के लिए सीखने को अधिक आकर्षक और इंटरैक्टिव बना दिया है।

4. Increased flexibility (लचीलापन बढ़ा): इंटरनेट की वजह से विकासशील देशों के छात्र घर बैदे Harvard University जैसे विश्वविद्यालयों से पढ़ाई आकर सकते हैं। इससे उन छात्रों के लिए लचीलेपन और पहुंच में वृद्धि हुई है, जिनकी आर्थिक स्तिथि अच्छी नहीं है ।

5. New challenges and concerns (नई चुनौतियाँ) : इंटरनेट ने शिक्षा के लिए कई लाभ लाए हैं, लेकिन साथ ही नई चुनौतियाँ और चिंताएँ भी बढ़ी हैं। जैसे इंटरनेट Addiction , साहित्यिक चोरी (plagiarism ) और copyright issues आदि।

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Online Shopping and E-commerce

आजकल ऑनलाइन शॉपिंग का जमाना है। ई-कॉमर्स ने लोगों के सामान और सेवाओं को खरीदने – बेचने के तरीके में क्रांति ला दी है। Internet का ऑनलाइन शॉपिंग और ई-कॉमर्स के संबंध में निम्नलिखित role है।

1. Definition of e-commerce (ई-कॉमर्स की परिभाषा): ई-कॉमर्स वेबसाइट या मोबाइल ऐप का उपयोग करके ऑनलाइन सामान और सेवाओं की खरीद और बिक्री ही E – Commerce कहलाता है।

2. Growth of e-commerce (ई-कॉमर्स का विकास): ई-कॉमर्स ने हाल के वर्षों में विस्फोटक वृद्धि का अनुभव किया है। इससे लोग घर बैठे ही सामान खरीद भी रहे हैं और बेच भी रहे हैं। (Blog- Internet kya hota hai )

3. Benefits of online shopping (ऑनलाइन खरीदारी के लाभ): ऑनलाइन खरीदारी कई लाभ प्रदान करती है। आपको आने -जाने का खर्च बचता है, आराम रहता है और बहुत से discount भी मिलते हैं।

4. Challenges for traditional retailers (पारंपरिक खुदरा विक्रेताओं के लिए चुनौतियां): ऑनलाइन खरीदारी ने पारंपरिक भौतिक खुदरा विक्रेताओं के लिए चुनौतियां भी पेश की है।

उनके बिज़नेस ठप्प होने की कगार पर हैं। लेकिन अगर वे भी ऑनलाइन आ जायें तो मुकाबला कर सकते हैं।
Complete guide – Internet Kya Hai.

5. Security concerns (सुरक्षा संबंधी चिंताएँ): ऑनलाइन शॉपिंग ने सुरक्षा के बारे में भी चिंताएँ बढ़ा दी हैं। विशेष रूप से क्रेडिट कार्ड और NetBanking से जुड़े scam बढ़ गए हैं। कई लोगों के एकाउंट्स से चोरी हुई है।

6. Future of e-commerce (ई-कॉमर्स का भविष्य): ई-कॉमर्स के बढ़ते रहने की उम्मीद है। क्युँकि प्रतिदिन नयी टेक्नोलॉजी आ रही है। जो ज्यादा सेफ और कारगर है।

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Internet and Online Streaming -(Internet Kya Hai)

ऑनलाइन स्ट्रीमिंग ने आजकल पारम्परिक मीडिया की band बजा दी है। नए -नए लोग अनोखे कार्यक्रम ला रहे हैं जिन्हे लोग देखना पसंद करते हैं। तो आइये पढ़ते हैं कि Internet ने Online Streaming से समाज में क्या परिवर्तन ला दिए हैं :

1. Definition of online streaming (ऑनलाइन स्ट्रीमिंग की परिभाषा): ऑनलाइन स्ट्रीमिंग का मतलब है इंटरनेट पर ही अपने मोबाइल के जरिये TV की तरह शोज और मूवीज देखना। पहले लोगों को सिर्फ टीवी पर ही निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन अब सब बदल चुका है। Internet Kya Hai.

2. Rise of online streaming (ऑनलाइन स्ट्रीमिंग का उदय): हाल के वर्षों में ऑनलाइन स्ट्रीमिंग तेजी से बढ़ी है, जो हाई-स्पीड इंटरनेट और नेटफ्लिक्स, अमेज़ॅन प्राइम वीडियो आदि से संभव हो सका है।

3. Effect on traditional media (पारंपरिक मीडिया पर प्रभाव): ऑनलाइन स्ट्रीमिंग ने पारंपरिक मीडिया उद्योगों, विशेष रूप से टेलीविजन और मूवी स्टूडियो को खत्म सा कर दिया है। इसके बदले लोग Netflix और दूसरे OTT पर अपने पसंद के कार्यक्रम देख पाते हैं। (Internet kya hota hai )

4. Changing consumer behavior (उपभोक्ता व्यवहार बदलना): ऑनलाइन स्ट्रीमिंग ने उपभोक्ता व्यवहार को बदल दिया है। दर्शक अब पारंपरिक टीवी शेड्यूल से बंधे नहीं रहते। जैसे पहले केवल Sunday को रामायण आता था। अब तो जब चाहे You Tube पर देख लीजिये।

5. Increased competition (बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा): ऑनलाइन स्ट्रीमिंग ने मीडिया कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ा दिया है। जो बहुत अच्छा है। जो अच्छा कंटेंट लाएगा जनता उसी को देखेगी। और कोई भी हम पर अपना कचरा नहीं थोप पायेगा।

6. Innovation and new opportunities (नवाचार और नए अवसर): ऑनलाइन स्ट्रीमिंग की वजह से नयी -नयी innovation हो रही है। जिससे लोगों को मीडिया उद्योग में नई jobs भी मिल रही हैं।

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Internet And Music Industry

दोस्तो, संगीत किसे अच्छा नहीं लगता है। इंटरनेट के आने के बाद संगीत उद्योग पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। संगीत के निर्माण से लेकर वितरण और उपभोग सबके तरीके बदल गए हैं। आइये पढ़ते हैं कि Internet ने कैसे संगीत जगत पर अपना प्रभाव डाला है। (Internet kya hota hai ).

1. Music distribution (संगीत वितरण): इंटरनेट ने संगीत वितरण में क्रांति ला दी है। पहले कलाकारों को नकचढ़े Music Producers के आगे -पीछे चक्कर लगाने पड़ते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं है।

बहुत से नए कलाकार अब अपने संगीत को डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे Tunes, Spotify, and YouTube के माध्यम से सीधे श्रोताओं तक पहुंचा रहे हैं । तथा नाम , शोहरत और दौलत कमा रहे हैं।

2. Music consumption (संगीत की खपत): श्रोता भी अब स्ट्रीमिंग सेवाओं और You Tube आदि पर संगीत का आनंद लेना ज्यादा पसंद करते हैं। पहले की तरह वे चित्रहार और रंगोली पर निर्भर नहीं हैं। जो हफ्ते में केवल एक बार ही आते थे। Hindi Essay – Internet Kya Hai.

3. Piracy (पायरेसी): इंटरनेट ने संगीत की व्यापक चोरी को भी बढ़ावा दिया है। संगीत को अवैध रूप से डाउनलोड करना और साझा करना संगीत उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण समस्या बन गया है। इससे कलाकारों को बहुत आर्थिक नुक्सान होता है।

4. Marketing and Promotion (विपणन और प्रचार): इंटरनेट के जरिये नए कलाकार सोशल मीडिया, ऑनलाइन विज्ञापन और अन्य डिजिटल चैनलों के माध्यम से अपने संगीत की मार्केटिंग कर पा रहे हैं।

5. Creative collaboration (रचनात्मक सहयोग): इंटरनेट ने कलाकारों को दुनिया भर के अन्य कलाकारों के साथ सहयोग करने और उनके काम को साझा करने के भी अवसर दिए हैं। भारत का कलाकार इटली या जर्मनी के म्यूजिशियन के साथ घर बैठे ही collaborate कर सकता है।

6. Revenue models (राजस्व मॉडल): इंटरनेट ने संगीत उद्योग में पारंपरिक राजस्व मॉडल के महत्व को बहुत कम कर दिया है। कलाकार अब रिकॉर्ड लेबल , स्ट्रीमिंग सेवाओं, मर्चेंडाइज और लाइव प्रदर्शन से पैसा कमा पा रहे हैं। (Internet kya hota hai ).


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Impact of the Internet on Politics and Democracy

इंटरनेट का राजनीति और लोकतंत्र पर भी काफी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। इससे नागरिक अपने अधिकारों के प्रति ज्यादा जागरूक हुए हैं। वे राजनेताओं के साथ जुड़ सकते हैं। और घोटाले भी कम होते हैं।

आइये इंटरनेट के राजनीति से जुड़े अहम् पहलुओं को पढ़ते हैं। (Internet kya hota hai ).

1. Access to information (सूचना तक पहुंच): इंटरनेट ने राजनीतिक मुद्दों और उम्मीदवारों के बारे में जानकारी तक पहुंच को काफी बढ़ा दिया है। इससे नागरिक राजनीतिक मामलों पर अधिक आसानी से Research करके अपनी राय बना सकते हैं।

2. Citizen engagement (नागरिक जुड़ाव): इंटरनेट ने नागरिकों को सोशल मीडिया, ऑनलाइन मंचों और अन्य डिजिटल चैनलों के माध्यम से राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल होने में सक्षम बना दिया है। इससे नागरिक सक्रिय रूप से राजनीति में भाग ले सकते हैं। (Full article – Internet Kya Hai).

3. Political campaigning (राजनीतिक प्रचार): इंटरनेट ने राजनीतिक प्रचार को बदल दिया है। अब नेता लोग मतदाताओं तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन चैनलों का उपयोग कर रहे हैं।

4. Political polarization (राजनीतिक ध्रुवीकरण): इंटरनेट को राजनीतिक ध्रुवीकरण से भी जोड़ा गया है। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार सोशल मीडिया के जरिये गलत प्रचार भी किया जाता है।

5. Fake news ( फर्जी खबरें): इंटरनेट की वजह से गलत सूचना और फर्जी खबरें भी फैलती हैं। यह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अखंडता को कमजोर करता है। इसलिए सावधानी से हर चीज को पढ़ा -सुना जाना चाहिए।

6. Surveillance and Privacy (निगरानी और गोपनीयता): इंटरनेट ने निगरानी और गोपनीयता की चिंता बढ़ा दी है। आप जो भी Internet पर करते हैं सरकार उसकी निगरानी करती रहती है।

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Internet Addiction

इंटरनेट की लत, को समस्याग्रस्त इंटरनेट उपयोग (PIU – problematic internet use) के रूप में भी जाना जाता है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक है। इस समस्या से जुड़े कुछ मुख्य points इस प्रकार से हैं –

1. Definition (परिभाषा): इंटरनेट की लत एक ऐसा मानसिक विकार है जिसके चलते कोई व्यक्ति इंटरनेट से ज्यादा देर तक दूर नहीं रह पाता है। अगर उसे इंटरनेट नहीं मिले तो तरह -तरह के लक्षण नजर आने लगते हैं जैसे गुस्सा, अवसाद , चिंता आदि। (Read- Internet Kya Hai on this blog Hindi Pronotes).

2. Symptoms (लक्षण): इंटरनेट की लत के मुख्य लक्षण हैं – हमेशा ऑनलाइन गतिविधियों में व्यस्त रहना, इंटरनेट के उपयोग पर नियंत्रण का खत्म होना, इंटरनेट का उपयोग कम या बंद होने पर cravings और नकारात्मक परिणामों के बावजूद इंटरनेट का निरंतर उपयोग आदि।

3. Causes (कारण): इंटरनेट की लत के कई कारण हो सकते हैं। जैसे अवसाद, चिंता , अकेलापन, अलगाव आदि। इन सबसे निजात पाने के लिए इंसान इंटरनेट का आदि बन जाता है। और सपनों की दुनिया में जीने लगता है। (Internet kya hota hai )

4. Effects (प्रभाव): इंटरनेट की लत का मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे व्यक्ति में depression , चिंता और तनाव के बढ़े हुए स्तर मिलते हैं। इससे सिरदर्द, पीठ दर्द और आंखों में जलन जैसी शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

5. Treatment (उपचार): इंटरनेट की लत का सामान्य उपचार है – नियम बनाना। आप decide कीजिये कि दिन में कितने घंटे इंटरनेट use करेंगे और कब। उसके बाद उतना ही इंटरनेट इस्तेमाल करें। सारा दिन Phone में न लगे रहें।

साथ ही Exercise और योग आदि को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करें। अच्छे दोस्तों से मिलें – जुलें।


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Internet And The Dark Web (Internet Kya Hai in Hindi)

Internet Kya Hai

डार्क वेब इंटरनेट का एक छिपा हुआ हिस्सा है जिसे सर्च इंजन (Google आदि ) भी पकड़ नहीं सकते। इस पर बहुत अविगढ़ चीजें होती हैं। आइए इससे जुडी महतवपूर्ण बातें जानते हैं।

1. Definition (परिभाषा): डार्क वेब internet का वह हिस्सा है जिसे सर्च इंजन भी ढूँढ नहीं सकते। इसे access करने के लिए खास Software और configuration की जरुरत होती है। डार्क वेब पर ज्यादातर गलत सामग्री पायी जाती है।

2. Anonymity (गुमनामी): डार्क वेब गुमनामी के लिए जाना जाता है। इस तक Google आदि की पहुँच नहीं हो पाती। इसपर अवैध गतिविधियाँ बहुत होती हैं। (Ultimate guide in Hindi about Internet Kya Hai).

3. Illegal activities (अवैध गतिविधियां): डार्क वेब को मादक पदार्थों की तस्करी, हथियारों की बिक्री, हैकिंग और यहां तक ​​कि मानव तस्करी के लिए जाना जाता है। इसलिए सभ्य लोगों को इससे दूर ही रहना चाहिए।

4. Law enforcement (कानून प्रवर्तन): कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अपराधियों की पहचान करने और उन पर मुकदमा चलाने के लिए विशेष तकनीकों और अंडरकवर ऑपरेशनों का उपयोग करते हुए, डार्क वेब पर अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। (Internet kya hota hai ).

5. Risks (जोखिम): डार्क वेब तक पहुंचना खतरनाक हो सकता है। क्योंकि इससे आप मैलवेयर, scams और अन्य खतरों के संपर्क में आ सकते हैं। साथ ही अवैध गतिविधियों में शामिल होने के गंभीर कानूनी परिणाम हो सकते हैं।

समाप्त।

दोस्तो, इस लेख को पढ़कर आपको पता चल गया होगा कि इंटरनेट क्या है (Internet Kya Hai). आपको इस ब्लॉग (Hindi Pronotes) पर और भी रोचक articles तथा Bestseller किताबों की समरी मिलेगी। जरूर पढ़ें। धन्यवाद।

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