All Quiet On The Western Front summary in Hindi

दोस्तो, यह उपन्यास – All Quiet On The Western Front summary in Hindi , प्रथम विश्व -युद्ध (1914 -1918 ) की पृष्ठ्भूमि में लिखा गया है। इसमें दिखाया गया है कि युद्ध में soldiers कितने stress से गुजरते हैं और कितनी यातनायें झेलते हैं।

उस समय जर्मनी में इस नावेल को ban कर दिया गया था। लेकिन अब इसे 22 भाषाओं में translate किया जा चुका है। तथा यह विश्व -विख्यात novel बन चुका है।

Author : Erich Maria Remarque

All Quiet On The Western Front
(Summary in Hindi)

पहला विश्व -युद्ध शुरू हो चूका था। 19 साल का Paul जर्मनी के एक स्कूल में पढता था।

उसके स्कूल में एक टीचर अक्सर देशभक्ति और राष्ट्रवाद की स्पीच देता रहता था। उसकी स्पीच से प्रभावित होकर Paul और उसके कुछ classmates ने भी आर्मी join कर ली और लड़ाई करने चले गए।

उन्हें Himmelstoss नाम के captain ने कुछ हफ़्तों तक hard training दी और फिर लड़ाई के Front पर भेज दिया। लेकिन कुछ ही हफ़्तों में Paul और उसके दोस्तों ने लड़ाई के भयानक रूप को देखा।

उन्हें देशभक्ति और राष्ट्रवाद जैसे शब्द खोखले लगने लगे। क्युँकि Front पर सिर्फ soldiers लड़ रहे थे। Commander और politicians सिर्फ orders पास कर रहे थे। और अपनी life हमेशा की तरह enjoy कर रहे थे।

Paul ने यह भी देखा कि जिस तरह लड़ाई को glorify किया जाता है, दरअसल ऐसा कुछ भी नहीं है। गिरते हुए bombs से हर soldier डर के साये में जी रहा होता है।

**

दो हफ़्तों की लड़ाई के बाद Paul और उसके दोस्तों को कुछ दिन के लिए छुट्टी दी जाती है। लेकिन 150 लोगों की कंपनी में से सिर्फ 80 लोग ही जिन्दा वापस आते हैं।

Paul और उसके दोस्त हॉस्पिटल जाते हैं। वहाँ उनका classmate Kemmerich एडमिट था। उसकी टांग काट दी गयी थी। और वह मरने ही वाला था। Muller नाम का एक दोस्त Kemmerich से कहता है कि दुनिया से जाने के बाद वह अपने जूते उसे दे जाये। क्युँकि उसके जूते फट गए थे।

दूसरों को Muller की बात insensitive लगी। लेकिन Paul ने सोचा कि Muller practical बात कर रहा था।
साथ ही उसे यह भी लगा कि लड़ाई के कारण लोग दुःख, हमदर्दी और डर के emotions से दूर हो जाते हैं। हो सकता है Muller के साथ भी ऐसा हो रहा हो।

कुछ दिन बाद Kemmerich की मृत्यु हो जाती है। लेकिन मरने से पहले उसने अपने जूते Paul को दे दिए थे और कहा था कि उन्हें Muller को दे दे। novel – All Quiet On The Western Front summary in Hindi .

Gone with the Wind – Summary in Hindi

**

इसके बाद कुछ नए recruit भी आ जाते हैं। उनमें से Kat नाम का लड़का बहुत अच्छा खाना बनाता था।
उसे फ़ौज के खाने से शिकायत थी। अफसरों को तो बहुत अच्छा खाना मिलता था लेकिन soldiers को बेस्वाद खाना खाना पड़ता था।

Kat कहता था कि अगर soldiers को भी officers की तरह सैलरी और luxury दी जाये तो war जल्दी खत्म हो सकती थी।

Kropp नाम के लड़के का कहना था कि संसार में armies नहीं होनी चाहिए। बल्कि नेताओं को आपस में कुश्ती या boxing करके समस्यायों को हल करना चाहिए। उनके लिए निर्दोष लोग क्यों अपनी जान गँवायें।

कुछ अनपढ़ और घमंडी लोग वोट लेकर लीडर बन जाते हैं। और फिर अपनी ईगो को शांत करने के लिए युद्ध शुरू करवा देते हैं। साथ ही उन्हें सत्ता भी मिलती रहती है। लोगों को nationalism और patriotism जैसे शब्दों से brainwash करते रहते हैं।

अगर आपका देश महान है तो दूसरे का क्या है ? जब हर कोई अपने देश को महान मानता है तो फिर इन शब्दों का मतलब ही क्या रह जाता है। क्यों न हम सभी देशों को महान मान लें और आपस में शांति और भाईचारे से जियें। क्या यह करना इतना मुश्किल है ?

Kropp की ऐसी बातें सुनकर सब लोग प्रभवित भी थे, लेकिन निशब्द भी थे।

**

रात के समय लड़कों को Front पर कंटीली तार लगाने के मिशन पर भेजा जाता है। लेकिन अचानक से तोप के गोले बरसने लगते हैं। सभी लड़के साथ के graveyard (कब्रिस्तान ) में छिप जाते हैं।

लेकिन गोलों की वजह से जमीन में दफ़न मुर्दे बाहर निकल कर गिरने लगते हैं। इस भयानक मंजर को देखकर सब डर जाते हैं।

फिर वे लोग किसी तरह जान बचाकर वापस आ जाते हैं। अपने कैंप पर पहुँचकर सब लड़के अपने फ्यूचर प्लान के बारे में discuss करने लगते हैं। लेकिन कुछ कहते हैं कि उन्हें नहीं लगता कि लड़ाई कभी खत्म होगी।

अगले दिन captain Himmelstoss भी Front पर आता है। लेकिन Tjaden नाम का लड़का उसके गलत orders के कारण गुस्से में था और वह उसकी insult कर देता है। वह कहता है कि हम यहाँ मर रहे हैं और तुम घर पर मजे कर रहे हो।

इसके बाद Tjaden को हल्की सजा दी जाती है।

**

अगले दिन Allied forces की infantry उन पर हमला कर देती है। बहुत से soldiers बम के धमाकों से उड़ जाते हैं। किसी का धड़ अलग हो जाता है। किसी का सिर फट जाता है। चूहे शवों को खाने लगते हैं।

Paul को लगता है कि उसे जानवर बन जाना चाहिए। और तभी वह जिन्दा रह पायेगा। इस मुठभेड़ के बाद 82 लोगों में से केवल 32 ही जिन्दा बच पाते हैं।

**

Novel – All Quiet On The Western Front Hindi summary

कुछ दिन के बाद Paul को 17 दिन की छुट्टी देकर घर भेज दिया जाता है। लेकिन घर पर वह बहुत depressed अनुभव करता है। वह किसी से अपने trauma वाले अनुभव को share नहीं कर पता। लोगों की नजरों में वह हीरो था। लेकिन war की असली हकीकत तो सिर्फ उसे पता था। नींद में भी उसे बम के धमाके और अपने दोस्तों की चीखें सुनायी देती थीं। जो अकाल मृत्यु को प्राप्त हो गए थे।

एक दिन Paul अपने शहीद दोस्त Kemmerich की माँ से मिलने जाता है। वह उससे झूठ बोलता है कि उसके बेटे की मौत जल्दी हो गयी थी। और वह किसी दर्द से भी नहीं गुजरा था।

Paul कुछ समय के लिए एक ट्रेनिंग कैंप पर जाता है। वहाँ वह Russian prisoners-of-war को देखता है। वह देखता है कि Russians भी उनकी तरह humans ही थे।

उसे समझ नहीं आता कि वह तो उन्हें जानता भी नहीं है और न ही उनसे कोई दुश्मनी है। फिर देश के नाम पर उन्हें क्यों मारना पड़ रहा था। और ऐसा सब soldiers के साथ था। हर कोई सिर्फ nationalism और देशभक्ति के नाम पर अपने जैसे इंसान को मार रहा था।

**

छुट्टी खत्म होने पर Paul फिर से अपनी कंपनी में आ जाता है। एक दिन जर्मन सम्राट उनसे मिलने आता है। वे देखते हैं कि वह छोटा सा था और बोल भी नहीं पा रहा था। सब सोचते हैं कि क्या वे इसी आदमी के लिए लड़ रहे हैं !

एक दिन लड़ाई के दौरान Paul अपने दोस्तों से अलग हो जाता है। वह धमाके से बचने के लिए एक गड्ढे में कूद जाता है। तभी एक French soldier भी उस गड्ढे में आ जाता है। लेकिन Paul अचानक से उसे चाकू मार देता है। क्युँकि वह दुश्मन सेना का था।

French soldier कुछ देर में मर जाता है। इसके बाद Paul आत्मग्लानि से भर जाता है। वह सोचता है कि उस soldier की उससे कोई पर्सनल दुश्मनी नहीं थी। लेकिन वे दोनों war के victim थे।

Paul उस soldier की चीजों को देखता है। उसे पता चलता है कि घर पर उसकी एक wife और बच्चा भी थे। इससे Paul को काफी दुःख होता है।

Paul वापस अपने कैंप पर आता है। वह अपने दोस्तों को इस घटना के बारे में बताता है। उसके दोस्त उसे सहानुभूति देने लगते हैं।

**

All Quiet On The Western Front – summary in Hindi

कुछ हफ़्तों के लिए Paul को आसान काम दिया जाता है। उसे एक supply डिपो की चौकीदारी करने के लिए कहा जाता है।

लेकिन जल्दी ही अगली लड़ाई छिड़ती है। उसमें Paul और उसका दोस्त Kropp घायल हो जाते हैं। दोनों को हॉस्पिटल भेजा जाता है। Paul की सर्जरी होती है। जबकि Kropp की टाँग काटनी पड़ती है। इसे वह बहुत ज्यादा depression में चला जाता है।

**
साल 1918 तक जर्मन आर्मी कमजोर पड़ती जा रही थी। एक -एक करके Paul के अधिकतर classmates मारे जाते हैं। एक लड़का भागने की कोशिश करता है। लेकिन उसे पकड़ लिया जाता है। और उसका court – martial किया जाता है।

एक दिन Kat भी मारा जाता है। एक बम धमाके से उसका सिर फट जाता है।

अक्टूबर 1918 में Paul भी लड़ाई में मारा जाता है। मरने के बाद उसके चेहरे पर शाँति के भाव थे। मानों सब कुछ खत्म होने की वजह से उसे राहत मिली हो।

उस दिन की आर्मी रिपोर्ट में सिर्फ यही लिखा था – All quiet on the Western Front (पश्चिमी मोर्चे पर सब शाँत है )।

समाप्त।

दोस्तो, इस novel – All Quiet On The Western Front summary in Hindi को पढ़कर आपको क्या लगता है युद्ध अच्छा है या बुरा, comment करके बतायें। धन्यवाद।

1984 by George Orwell (novel summary in Hindi)

Leave a Comment