Autobiography of a Yogi summary in Hindi

पढ़िए Autobiography of a Yogi summary in Hindi . इस किताब ने करोड़ों लोगों का जीवन बदला है।
इसे best spiritual किताबों में से एक माना जाता है।

पढ़िए और जानिये आत्मज्ञान से सच्ची ख़ुशी कैसे मिल सकती है।

Author: Yogi Paramahansa Yogananda

Autobiography of a Yogi summary in Hindi

Autobiography of a Yogi
(Summary in Hindi)

दोस्तो, अगर जीवन में दुःख -दर्द है, चिंता और depression रहता है या सब कुछ होते हुए भी ख़ुशी महसूस नहीं होती तो यह किताब आपके लिए है।

इस किताब ने बहुत से लोगों को रास्ता दिखाया है।

नीचे इसकी summary दी गयी है। पढ़िए और लाभ उठाइये।

Part 1 : जीवन परिचय

योगी परमहंस योगानंद को पहली बार पश्चिमी सभ्यता (western culture) को क्रिया योग से अवगत करवाने का श्रेय दिया जाता है।

योगी परमहंस का जन्म गोरखपुर में हुआ था। उनका बचपन का नाम मुकुंद लाल घोष था। उनकी माँ बहुत दयालु थीं। लेकिन पिता बहुत strict थे।

उनके आठ भाई -बहन थे।

जब वे 11 साल के थे तो उन्हें अपनी माँ की मौत का सपना आया था। इसके कुछ दिन बाद ही वे सच में चल बसीं।

इसके बाद उन्हें वैराग्य हो गया और वे हिमालय की तरफ चल पड़े। उनके भाई ने उन्हें रोकना चाहा लेकिन वे नहीं माने।

उन्हें बनारस में उनके गुरु स्वामी युक्तेश्वर गिरी मिले। वे उन्हें देखते ही पहचान गए। क्युँकि वे भी उनके सपने में आ चुके थे।

दोनों गुरु -शिष्य बन गए। तथा एक दूसरे से अगाध प्रेम करने लगे।

गुरु ने उन्हें क्रिया योग सिखाया। इसके बाद योगी जी हमेशा meditation में लीन रहने लगे।

1915 में योगी जी ने कोलकात्ता के Serampore college से graduation किया।

1917 में उन्होंने Dihika में लड़कों के लिए एक स्कूल खोला। जहाँ उन्हें योग की शिक्षा दी जाती थी।

1920 में वे अमेरिका चले गए। वहाँ उनके lectures बहुत popular हो गए।

बहुत से लोग उनके followers बन गए।

अपने जीवन में वे अनेक महान लोगों से मिले। जिनमें प्रमुख थे – Neumann, श्री आनंदमयी माँ, गाँधी जी, टैगोर, Sir C. V. Raman, और Luther Burbank आदि।

1952 में अमेरिका में ही उनका देहाँत हो गया ।

Part 2 – शिक्षाएं (Teachings)

इस भाग में हम योगी जी की teachings के बारे में जानेंगे।

जिन्हे पढ़कर और प्रयोग करके हमें मानसिक शांति और happiness का अनुभव होगा।

1. Self-Realization

सबसे पहले व्यक्ति को self realization (आत्मज्ञान) करना चाहिए।

मतलब यह जानना चाहिए कि वह कौन हैं ? और इस दुनिया में क्यों आया है ?

उसका क्या purpose है?

यह जानना होगा कि हम mind, body और soul से ईश्वर से जुड़े हुए हैं।

ईश्वर और हम कोई अलग -अलग नहीं हैं। सबमें ईश्वर है।

अगर यह मह्सूस कर लेंगे तो आनंद से भर जायेंगे।

भय, चिंता, उदासी दूर हो जाएगी।

सब कुछ ईश्वर की मर्जी से हो रहा है। इसलिए सब कुछ उस पर छोड़ दें।

हमें सिर्फ अपना कर्म करना है।

ईश्वर ने ही हमें बनाया है। और वही हमारी रक्षा करेगा।
इसी विश्वास के साथ जीवन जीना चाहिए।

2. Living a Life of Happiness

अगर आपको जीवन में खुश रहना है तो अपने अंदर झाँकिये।

बाहर मृगतृष्णा के पीछे मत भागिए।

अपनी desires को काबू में कीजिये।

बहुत से लोग बड़ी -बड़ी desires पाल लेते हैं। वे सोचते हैं बड़ी गाडी और बांग्ला लेंगे। ताकि उन्हें ख़ुशी मिले।

लेकिन जब ऐसा नहीं हो पता तो वे गम के सागर में डूब जाते हैं।

जबकि योगी इस तरह नहीं सोचता। सबसे पहले वह कोई desire ही नहीं पालता।

वह पैदल चलकर भी खुश रहता है। उसे ईश्वर के बनाये बृक्षों, वादियों , घाटियों आदि के दर्शन होते हैं। वह ईश्वर की मस्ती में रमा रहता है।

उसे भौतिक वस्तुओं से कोई मोह नहीं होता।

मान लीजिये किसी की गाड़ी चोरी हो जाये। और वह जरा भी दुःख न करे, तो
इसका मतलब है वह इंसान मोह -माया से दूर है। उसके पास गाड़ी तो थी। लेकिन वह उसके मोह से बंधा नहीं था।

लेकिन ऐसा कितने लोग कर पाते हैं।

बहुत से लोग तो गाड़ी में मामूली सी खरोंच लगने पर ही हाय -तौबा करने लगते हैं। क्युँकि वे मोह -माया में फँसे हुए हैं। वे चीजों से attach हो जाते हैं। जब वह चीज खो जाती है तो वे दुखी हो जाते हैं।

यह मोह -माया ही लोगों के दुखों का कारण है।

इसलिए अगर सूखी रोटी मिले तो भी प्रसन्न रहिये और छप्पन भोग
मिले तो भी। यही सच्ची खुशी का राज है।

3. Living in Purpose and Being Purposeful

अपने purpose या जिंदगी के मकसद को पहचानें। हमारा सबसे बड़ा purpose सच्ची ख़ुशी प्राप्त करना है।

लेकिन लोग इसे गलत तरीके से interpret करते हैं। वे सोचते हैं कि दूसरों को हरा कर ख़ुशी मिलेगी।

या materialistic चीजें जुटाने से वे खुश रहेंगे। लेकिन यही उनका सबसे बड़ा भ्र्म है। बाहर से तो वे खुश दिखाई
देते हैं। लेकिन अंदर से उनकी आत्मा दुखी रहती है।

अगर सच्ची ख़ुशी प्राप्त करनी है तो इस बात का ध्यान रखें कि आपके आस -पास के लोग भी खुश रहें। क्युँकि अगर पडोसी के घर गुलाब का बगीचा होगा तो आपके पास भी उसकी महक ही आएगी।

इसी तरह भोग -विलास में डूबकर तरह -तरह की बीमारियाँ ही लगती हैं।

धन -दौलत के घमंड में असली दोस्त दूर हो जाते हैं और चापलूस आपसे चिपक जाते हैं। जो एक दिन आपको पतन की तरफ ले जाते हैं।

इसलिए सच्ची खुशी पाने की सोचिये। न कि क्षणिक ख़ुशी। लोगों की ख़ुशी का ध्यान रखिये। योगी की तरह सादे जीवन से भी संतुष्ट रहें।

किसी भी चीज के मोह में न बंधें।

4. Being in Service ( Autobiography of a Yogi हिंदी में summary )

कुछ लोग दूसरों का गला काट कर खुद को लम्बा करना चाहते हैं।

ऐसे लोग सब कुछ पाकर भी कभी सफल नहीं होते। न ही खुश रह पाते हैं। उनकी आत्मा ही उन्हें आत्म ग्लानि की आग में जलाती रहती है।

जो खुद को जान लेता है, उसे बाहर होने वाले परिवर्तन से भी फर्क नहीं पड़ता।

ब्रह्मण्ड हमारी हमेशा सेवा करता है। इसलिए आप भी उसकी सेवा करें। उसके इंसानों की सेवा करें।

सिर्फ उनके प्रति दयालु रहने से भी आप उनकी सेवा कर देंगे। किसी को भी कष्ट न पहुंचायें। उनकी कमियों को ignore करें। खूबियों को देखें।

हर किसी के दिल में एक चुम्बक होता है। जिससे हम दूसरों को अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं।

यह चुंबक सेवा – भाव ही है। हमेशा दूसरों की help करने को तत्पर रहें। बहुत से लोग अनपढ़ होते हुए भी सिर्फ दूसरों की सेवा करके बहुत आगे बढ़ जाते हैं।

बहुत से नेता लोग भी ऐसे ही बने हैं। लेकिन बाद में उन्हें सत्ता का मद और पैसे का लालच हो जाता है। और वे मानसिक शाँति खो देते हैं। इसलिए humble रहकर सिर्फ जनता की सेवा करते रहें।

आप एक योगी की तरह सुख और ईश्वर को प्राप्त कर लेंगे। और ईश्वर से बड़ी दौलत कोई नहीं है।

Part 3 : The Law of Success: Using the Power
of Spirit to Create Health, Prosperity, and
Happiness (सफल जीवन कैसे जियें)

इस भाग में योगी जी ने जीवन में सच्ची सफलता पाने के रहस्य बताये हैं।

अध्यात्म की शक्ति से आप स्वास्थय, समृद्धि और ख़ुशी पा सकते हैं।

इसके लिए निम्नलिखित सिद्धांतो को समझें और जीवन में अपनायें।

1. The Power of Thought

आपको life में success मिलेगी या failure, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी सोच कैसी है।

अगर आप सोचेंगे कि आपको इस काम में सफलता मिलेगी तो सच में ही आपको सफलता मिलेगी।

कुछ लोगों को यह झूठ लगता है।

वे कहते हैं कि हम तो सोचते ही हैं कि सफलता मिले। फिर मिलती क्यों नहीं है।

लेकिन होता यह है कि कहीं न कहीं उनके मन में कोई शक या संदेह रहता है। जो उन्हें भी पता नहीं होता।

ऐसे negative emotions को पहचानने के लिए ही meditation की जरुरत पड़ती है। जो आप आगे पढ़ेंगे।

इसलिए आपको positive सोच तो रखनी ही है। लेकिन negative बातों से छुटकारा भी पाना है। और ऐसा एक – दो बार नहीं निरंतर करना होता है।

एक positive सोच वाला व्यक्ति बनें। जो आप एक दिन में नहीं बन सकते। पहले सभी negative विचारों को हटायें। और positive बातें ही दिमाग में लायें। इससे आप एक योगी की तरह हमेशा शाँत, संतुष्ट और प्रसन्न रहेंगे।

(Tags: Autobiography of a Yogi summary in Hindi )

2. Will is the Dynamo

इंसान की will – power में dynamite की शक्ति होती है।

इस शक्ति के प्रयोग से इंसान किसी भी बाधा को पार कर सकता है।

कुछ लोग इस शक्ति के प्रयोग के बारे में नहीं जानते।

लेकिन जो जान जाते हैं वे life में बहुत कुछ achieve करते हैं।

इसके लिए यह उदाहरण देख लेते हैं –

जैसे आपको पता होगा युवावस्था के शुरू में बहुत से लोग शराब पीने लगते हैं।

उनमें से कुछ देखते हैं कि शराब उनके लिए बहुत हानिकारक है।

फिर वे अपनी will power कि मदद से उसे छोड़ देते हैं। ओर स्वस्थ जीवन जीने लगते हैं। लेकिन वहीं कुछ लोग बार -बार कोशिश करने के बाबजूद भी शराब की आदत नहीं छोड़ पाते।

क्युँकि उन्हें will power को मजबूत करना नहीं आता। उन्हें ब्रह्माण्ड कि शक्ति पर भी विश्वास नहीं होता है।

साथ ही उनके thoughts भी negative होते हैं।

वे असफलता मिलने की वजह से दुखी रहते हैं। जबकि सच्ची ख़ुशी के बारे में ऊपर बताया जा चुका है।

इसलिए कभी शराब की लत नहीं छोड़ पाते।

इसलिए आज ही सबको will power को बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए।

ठीक एक योगी की तरह।

जिस भी भोग -विलास के काम को करने का मन करे, उसे मत करिये।

शपथ लीजिये कि आप उस काम को नहीं करेंगे।

एक योगी की तरह pleasure का sacrifice कर दीजिये। क्युँकि व्यसनों से मिलने वाला pleasure वास्तव में pain है।

एक योगी को कपड़ों तक की desire नहीं होती। वह सादा सा कपडा पहनकर भी अन्दर से खुश ओर संतुष्ट होता है। क्युँकि वह अंदर की दुनिया में रमण करता है।

जब आप ऐसा सोचेंगे तो परमानंद मिलने लगेगा।

छोटी -छोटी चीजों में भी आपको ख़ुशी मिलने लगेगी।

3. You Can Control Destiny

बहुत से लोग अपनी हालत के लिए भाग्य को दोष देते रहते हैं।

लेकिन योगी जी कहते हैं कि इंसान का भाग्य उसके हाथ में होता है।

अपने कर्मों से आदमी अपने भाग्य को भी बदल सकता है।

यही कारण है कि बेहद गरीब घरों में पैदा हुए कुछ लोग आगे चलकर बहुत सफल हुए।

क्युँकि उन्होंने ईश्वर पर भरोसा रखा और कर्म करते रहे।

कुछ लोग जरा सा failure मिलते ही ईश्वर पर अपना विश्वास खो देते हैं। और उसे कोसने लगते हैं।

लेकिन ऐसा करके उनके साथ क्या होता है ?

वे negative हो जाते हैं और पतन के मार्ग पर चल पड़ते हैं। बहुत से लोग तो crime भी करने लगते हैं। और देर -सवेर कानून के शिकंजे में फँस जाते हैं।

इसलिए हमेशा positive रहें।

ईश्वर पर भरोसा रखें और अच्छे कर्म करते रहें।

एक दिन फल जरूर मिलेगा।

4. Fear Exhausts Life Energy

डर इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है।

यह हमारी life energy को खत्म कर देता है।

हमारे बहुत से डर केवल कल्पना मात्र होते हैं।

उनका कोई वास्तविक आधार होता ही नहीं है।

जैसे लोग public speaking से डरते हैं। लेकिन इस डर का कोई logical reason ही नहीं है।

यह हमारे दिमाग की उपज होता है। क्या वहाँ बैठे लोग हमें मारने लगते हैं?

इसी तरह लोग बिज़नेस शुरू करने से डरते हैं। शुरू करने से पहले ही वे सोच लेते हैं अगर पैसा डूब गया तो ?

वे कभी ये नहीं सोचते कि उनका बिज़नेस करोड़ों का profit करेगा।

इसलिए अपने मन से ऐसे बेबुनियाद डरों को निकाल दें।

ईश्वर पर विश्वास रखते हुए हर डर का सामना कीजिये।

आप हर काम में सफल हो जायेंगे।

5. Failures Should Arouse Determination

Life में हर किसी को कभी न कभी असफलता मिलती है।

लेकिन कुछ लोग इससे दुःख और निराशा में डूब जाते हैं। और उसके बाद दुबारा कोशिश ही नहीं करते।

जबकि failure वास्तव में एक सबक होता है।

हमें उससे सीख लेनी चाहिए और बार -बार तब तक कोशिश करनी चाहिए, जब तक सफल नहीं हो जाते।

क्या कभी एक बार bicycle चलाने से कोई उसे चलाना सीख पाया है ?

कभी नहीं।

बार -बार कोशिश करनी पड़ती है। बहुत बार गिर जाते हैं और चोट लगती है। लेकिन कोशिश करते रहने से एक दिन उसे चलाना सीख जाते हैं।

ऐसा ही life में हर चीज के साथ है।

जैसे UPSC के exam में भी बहुत से लोग असफल हो जाते हैं। लेकिन जो बार -बार कोशिश करते हैं। वे एक दिन सफल हो जाते हैं।

ऐसे ही blogging में शुरू में सफलता नहीं मिलती। लेकिन जो लगातार कोशिश करता है उसका blog एक दिन जरूर सफल होता है।

6. The Need for Self-Analysis Autobiography of a Yogi in Hindi

हर इंसान को आत्म -विश्लेषण की जरुरत है।

हमारे अंदर तरह -तरह के negative emotions भरे होते हैं।

जिससे हम आगे नहीं बढ़ पाते। न हमें मनचाही सफलता मिलती है।

अगर आप बात -बात पर दूसरों पर गुस्सा करते हो तो आपको अपने इस emotion को समझना चाहिए।

आपको समझना चाहिए कि आपके गुस्से से आपने कितने लोगों को पीड़ा पहुंचाई होगी।

और ऐसा करके आपको कोई फायदा भी नहीं मिला होगा।

बल्कि खुद का भी blood pressure बढ़ा होगा। पश्चाताप भी हुआ होगा।

आत्म -विश्लेषण करके आप इस emotion से छुटकारा पा सकते हैं।

जब भी गुस्सा आये तो patience रखें। Tolerance बढ़ायें।

यही योगी करते हैं। इसलिए वे अंदर से इतने शांत और संतुष्ट होते हैं।

तो इस तरह का विश्लेषण आप अपने सभी negative emotions को दूर करने के लिए कर सकते हैं। जैसे ईर्ष्या, द्वेष, डर, दुःख, निराशा आदि।

आज ही analyse करिये कि आपमें क्या बुराइयाँ हैं और उन्हें दूर कर दीजिये।

फिर देखिये सब लोग कैसे आपसे प्यार करते हैं। और मान -सम्मान देते हैं।

आपको हर काम में सफलता भी मिलेगी।

7. The Creative Power of Initiative

पहला कदम उठाना बहुत बड़ी बात होती है।

बहुत से लोग बातें तो आसमान छूने की करते हैं, लेकिन उसके लिए कोई कदम नहीं उठाते।

किसी भी चीज की शुरआत करना ही सबसे मुश्किल होता है। अगर शुरुआत हो जाए तो बाकी का काम अपने आप हो जाता है।

जैसे पहाड़ी से बड़ा सा पत्थर धकेलने के लिए आपको बहुत ताकत लगानी पड़ती है। लेकिन जब पत्थर एक बार नीचे की तरफ लुढ़कने लगता है, फिर उसे किसी ताकत की जरुरत नहीं होती।

इसलिए हर काम में पहला कदम उठाना ही मुश्किल होता है।

अतः कुछ भी करके आप अपने pending काम को शुरू कर दें। उसके बाद वह आसानी से होता चला जायेगा।

अगर कोई बिज़नेस शुरू करना है, तो आलस और डर पर काबू पाकर उसकी शुरआत करें।

उसके बाद वह आसान लगने लगेगा।

8. See the Image of God in All Men

आजकल हर आदमी दूसरे को दबाकर आगे बढ़ना चाहता है।

लेकिन यह बहुत ही गलत है।

इससे न केवल हमारी आत्मा पर बोझ बढ़ जाता है, साथ ही मानसिक हालत भी देर – सवेर खराब हो जाती है।

दूसरों का गलत करने वाला आत्मग्लानि से पीड़ित रहता है।

उसमें negativity भर जाती है। उसके पास सब कुछ होकर भी वह क्लेश में रहता है।

उसे दूसरों से केवल बद्दुआ ही मिलती है।

9. Habits of Thought Control One’s Life (credit: Autobiography of a Yogi Hindi summary )

आपके जैसे विचार होते हैं आपकी personality भी वैसी बन जाती है।

अगर आप सोचते हैं कि किसी काम में असफल होंगे तो सच में असफल हो जायेंगे।

क्युँकि ऐसा सोचकर व्यक्ति खुद ही असफलता को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है।

इसलिए हमेशा positive ही सोचें।

कभी दूसरों के प्रति ईर्ष्या -द्वेष न रखें। इससे आप अंदर ही अंदर बहुत कुटिल होते जायेंगे।

और आपके negative emotions आपको ही बर्बाद करेंगे।

इसलिए positive सोच रखिये।

10. Power of Divine Will

ईश्वर की इच्छा से अपनी इच्छा जोड़ें।

ईश्वरीय इच्छा के सामने कुछ भी नहीं है।

कोई नहीं जानता इस अनंत ब्रह्माण्ड का अंत कहाँ है। और इसमें क्या छुपा है।

हर चीज divine will से ही घटित हो रही है।

लोग पैदा हो रहे हैं , मर रहे हैं। ग्रह -नक्षत्र घूम रहे हैं , रात -दिन हो रहे हैं , लोगों का भाग्य भी अनिश्चित है।

इस अब के पीछे divine will ही है।

उस पर विश्वास रखें और अपने कार्य उसे ही समर्पित करें।

11. From the Ocean of Abundance

हमारे अंदर खुशियों का समंदर हैं। लेकिन हम उसे मह्सूस नहीं कर पाते।

हम बाहर की दुनिया में ख़ुशी ढूँढ़ते हैं।

लेकिन materialistic खुशियाँ हमें संतुष्टि नहीं देतीं।

जब तक आप अंदर से शाँत नहीं होंगे बाहर के सुख आपको ख़ुशी नहीं दे पायेंगे।

इसलिए मह्सूस करिये कि आप दुनिया में सबसे खुश हैं और आप सच में ही खुश हो जायेंगे।

आपके अंदर पूरा ब्रह्माण्ड है। वहाँ से आप जो चाहें वो पा सकते हैं।

कल्पना करें कि आप बहुत rich हैं और आप हो जायेंगे।

अगर किसी गरीब बच्चे को खाना खिला दें तो इससे उस बच्चे के लिए

आप भगवान तुल्य हो जायेंगे। और आपको भी असीम आनंद मिलेगा।

क्या ऐसा आनंद BMW गाड़ी चला रहे उस अमीर व्यक्ति को मिल सकता है जो सिर्फ दूसरों को torture करके पैसा कमा रहा है।

नहीं। कुछ देर के लिए तो उसे छदम आनंद मिल भी जायेगा। लेकिन जब वह सोयेगा तो उसे सिर्फ guilt और लालच जैसे दुःख ही मिलेंगे। उसकी आत्मा कभी संतुष्ट नहीं रहेगी

इसलिए अपनी ख़ुशी के स्त्रोत अपने अंदर ढूंढें।

न कि संसार की भौतिक वस्तुओं में।

12. The Way of Meditation

जैसे शरीर के लिए लोग gym या अखाड़े में जाकर exercise करते हैं।
उसी तरह हमारे brain के लिए सबसे अच्छी exercise meditation अर्थात ध्यान है।

इसलिए हर दिन 5 मिनट ही सही meditation जरूर करें।

किसी शाँत जगह पर बैठ जायें।

और मन में ईश्वर या किसी सुन्दर प्राकृतिक दृश्य को देखें – जैसे beach या forest आदि।

अब आप अपने negative emotions को पहचाने और उन्हें बाहर निकाल दें।

अपनी फालतू की इच्छाओं को भी ढूँढे और बाहर निकाल दें।

इसके बाद अपने positive emotions पर ध्यान दें। और उन्हें मजबूत करें।

किसी मंत्र का जाप कर सकते हैं। या positive affirmation बोल सकते हैं।

जैसे –

मैं बहुत खुश हूँ।

मैं ईश्वर के सानिध्य में हूँ। आदि।

13. Success is Measured by Happiness

सफलता आपकी धन – दौलत, गाड़ी, बंगले या शोहरत आदि से नहीं आँकी जाती।

बल्कि आप कितने खुश रहते हैं इस बात से आँकी जाती है।

बहुत से अमीर लोग सब कुछ होते हुए भी दुखी रहते हैं।

अगर एक व्यक्ति किसी कंपनी का मालिक है लेकिन उसकी wife से उसका divorce हो जाता है, तो क्या उसे successful माना जायेगा?

कभी नहीं। क्युँकि वह तो अंदर ही अंदर दुखी होगा।

इसके विपरीत कोई किसान है। लेकिन उसकी वफादार पत्नी उसके लिए अपने हाथ से बना गर्म -गर्म खाना ला रही है तो उससे successful कोई नहीं हो सकता।

इसलिए सच्ची ख़ुशी पाने की कोशिश करें।

न कि materialistic ख़ुशी।

14. Put God’s Power Behind Your EffortsAutobiography of a Yogi summary in Hindi

जो भी कार्य करें उन्हें ईश्वर का नाम लेकर करें।

ऊपरवाले पर विश्वास करें। यह ब्रह्माण्ड उसी ने बनाया है। और ब्रह्माण्ड आपको बचपन से देता ही आ रहा है।

यह हर पल हमेशा Oxygen दे रहा है।

प्रकाश दे रहा है।

भोजन दे रहा है। आदि।

लेकिन इंसान इस सब के लिए उसे शुक्रिया भी नहीं करता।

बहुत से लोग नास्तिक होते जा रहे हैं। इसलिए वे चिंता और depression में डूब जाते हैं।

इसलिए खोये विश्वास को फिर से पैदा करें। और supreme power पर यकीन रखें।

हमेशा सोचें कि ईश्वर आपको हर काम में सफलता देगा। इससे आपके brain को power मिलेगी।

और वह पूरे जोश से अपने goal को हासिल करने में जुट जायेगा।

इसलिए ईश्वर पर श्रद्धा और विश्वास रखें।

समाप्त।

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Conclusion: इस महान किताब Autobiography of a Yogi summary in Hindi से हमने सीखा कि तनाव मुक्त रहकर अपनी जिंदगी ख़ुशी से कैसे बितायें। पढ़ने के लिए धन्यवाद।

3 thoughts on “Autobiography of a Yogi summary in Hindi”

  1. I’ve recently read this Famous Book by Paramahansa Yogananda Ji on official site of YSS India and I must say this book has just awakened me and gave me insights about so many things.

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