Bhangarh Fort Horror Story in Hindi

भानगढ़ किले की हॉरर स्टोरी (Bhangarh Fort Horror Story in Hindi): दोस्तो, अपने भानगढ़ किले के बारे में काफी कुछ सुन रखा होगा।

सब कहते हैं कि वह किला एक भूतिया किला है। और वहाँ अक्सर भूत – प्रेत तथा दुष्ट आत्माएं घूमती रहती हैं।

यह आत्मायें लोगों को तरह-तरह से दिखाई देती हैं। आगे आपको इसी किले पर आधारित कुछ खौफनाक कहानियाँ पढ़ने को मिलेंगी।

लेकिन इससे पहले क्या आपको यह पता है कि यह किला भूतिया कैसे बन गया। इसके बारे में दो लोक कथाएं प्रचलित हैं।

Bhangarh Fort Horror Story in Hindi
Bhangarh Fort Horror Story in Hindi

पहली लोक कथा : वास्तव में यह किला माधो सिंह ने अपने बेटे राजा मानसिंह के लिए बनाया था। राजा मानसिंह की बेटी रत्नावती बहुत ही खूबसूरत थी।

एक बार रत्नावती बाजार जाती है और वहाँ से इत्र खरीद कर लाती है। तभी एक तांत्रिक की उस पर नजर पड़ती है। और वह दुष्ट तांत्रिक उस पर मोहित हो जाता है।

इसके बाद वह काले जादू से एक इत्र को अभिमंत्रित करता है। और उसे दुकानदार को दे देता है। वह उससे कहता है कि इस इत्र को राजकुमारी को दे देना। Story – Bhangarh Fort Horror Story in Hindi for you.

अगली बार जब राजकुमारी आती है तो दुकानदार उसे इत्र दे देता है और कहता है कि उसे तांत्रिक ने दिया है। राजकुमारी को तांत्रिक का नाम सुनते ही गुस्सा आ जाता है। क्योंकि उसे तांत्रिक अच्छे नहीं लगते थे।

वह उस शीशी को लेकर वहीं एक पत्थर पर फोड़ देती है।

वास्तव में उस तांत्रिक ने यह जादू किया हुआ था कि जो भी इत्र को लगाए वह उससे प्यार करने लगे। उसने सोचा था कि जब राजकुमारी इस इत्र को लगाएगी तो वह उससे प्यार करने लगेगी।

लेकिन संयोग से वह इत्र अब उस पत्थर को लग चुका था। रात को वह पत्थर उड़ता हुआ उस तांत्रिक की कुटिया में जाता है और उसे कुचल देता है।

तांत्रिक को राजकुमारी पर बहुत गुस्सा आता है। वह मरते हुए श्राप देता है कि भानगढ़ उजड़ जाएगा और किले में सिर्फ भूत – प्रेत वास करेंगे।

और ऐसा कहा जाता है कि उसके बाद सच में ही यह किला उजड़ गया और अब यहां भूत – प्रेत तथा दुष्ट आत्माएं घूमती हैं।

दूसरी लोककथा: कहा जाता है कि जब यह किला बनाया जा रहा था तो उसकी एक प्राचीर एक सन्यासी की कुटिया से लग रही थी । संन्यासी ने कहा कि अगर इसकी दीवार ऊंची कर दोगे तो मेरी कुटिया में धूप नहीं आ पाएगी। और मुझे सर्दियों में बहुत ठंड लगेगी।

इसलिए इस प्राचीर को सिर्फ इतना ऊंचा करना कि मेरी कुटिया पर परछाई ना पड़े। लेकिन राजा ने उस सन्यासी की बात अनसुनी कर दी। और सब दीवारों को बहुत ऊँचा बनवा दिया।

इससे नाराज होकर उस संन्यासी ने श्राप दिया कि जल्दी ही यह किला उजड़ जाएगा। और यहां पर सिर्फ भूत प्रेत और बुरी आत्मायें भटकेंगी।

दोस्तो, आइये अब इस किले से जुड़ी कुछ डरावनी कहानियाँ पढ़ते हैं।

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Story 1 – Bhangarh Fort Horror Story

प्रांजल, भानगढ़ के किले में घूम रहा था। उसने इस किले के बारे में काफी कुछ सुन रखा था। वह देखना चाहता था कि क्या सचमुच में ही यह किला भूतिया है।

लेकिन इस किले में शाम के 6:00 बजे के बाद अंदर रुकना allowed नहीं था। इसलिए प्रांजल 6 बजते ही एक कमरे में छुप जाता है।

थोड़ी देर बाद कुछ Guards आते हैं और ऊपर – ऊपर से चेक करके वहाँ से चले जाते हैं। फिर वे main गेट पर ताला लगा देते हैं।

धीरे-धीरे अंधेरा हो जाता है और पूरे किले में सन्नाटा छा जाता है। मगर चांदनी रात थी इसलिए सब कुछ दिखाई दे रहा था।

इसके बाद प्रांजल इधर-उधर घूमने लगता है। दो-तीन घंटे घूमने के बाद भी उसे कोई भूत – प्रेत नहीं मिलता। और वह सोचता है कि लोगों ने ऐसे ही अफवाहें फैला रखी हैं।

फिर वह सोने के लिए कोई जगह ढूँढने लगता है। तभी उसे कहीं से बर्तनों की आवाजें आने लगती हैं। ऐसा लगता है कि कोई कढ़ाई में कड़छी चला रहा था।

प्रांजल उन आवाजों की दिशा में जाने लगता है।

एक जगह सीढ़ियां नीचे की तरफ जा रही थी। वह उन सीढ़ियों से उतरता है। और छोटे-छोटे गलियारों से होता हुआ एक कमरे में पहुंच जाता है। वहाँ पर वह देखता है कि एक औरत चूल्हे पर कढ़ाई रखकर कुछ बना रही थी।

औरत प्रांजल को देख कर थोड़ा हैरान होती है और कहती है अरे बेटा तुम अंदर कैसे रह गए। यहाँ रात को रुकना allowed नहीं है। (Bhangarh Fort Horror Story in Hindi के बारे में पढ़िए).

लेकिन प्रांजल वहीं बैठ जाता है और कहता है कि आंटी फिर आप यहाँ क्या कर रही हैं।

औरत कहती है कि बेटा किसी को बताना मत। मैं अपने परिवार के साथ यहाँ गुप्त रूप से रहती हूँ।

प्रांजल कहता है कि इसका मतलब है यह जगह बिल्कुल भी भूतिया नहीं है। और आप लोगों ने जानबूझ कर ऐसी बातें फैला रखी हैं।

औरत कहती है कि हमने नहीं लोगों ने फैला रखी हैं। हम तो सिर्फ इसका फायदा उठाकर यहाँ रह रहे हैं। और कृपा करके तुम किसी को मत बताना। वरना सरकार हमें यहां से निकाल देगी।

प्रांजल चुप रहता है। वह धर्मसंकट में पड़ गया था। वह सोच रहा था कि उसे यह बात बाहर बतानी चाहिए या नहीं।

इसके बाद औरत कहती है कि मैं खाना बना रही हूँ और तुम खाना खाकर ही जाना। प्रांजल यह सुनकर खुश हो जाता है। कि चलो गर्मागर्म खाना तो मिलेगा। वर्ना उसे Biscuit खाकर सोना पड़ता।

तभी औरत अपनी बेटी को लगाती आवाज लगती है और कहती है कि रत्नावती अगर सब्जी कट गई हो तो नीचे ले या।

तभी सीढ़ियों से पायल की आवाज आने लगती है। प्रांजल देखता है कि कोई लड़की एक परात पकडे नीचे आ रही है। लेकिन जैसे ही वह लड़की नीचे पहुंचती है प्रांजल के प्राण सूख जाते हैं।

प्रांजल देखता है कि वह लड़की नहीं बल्कि लड़की का धड़ था। उसका कोई सिर नहीं था।

तभी सिरकटा धड़ परात को उस औरत के पास रख देता है और फिर से छन -छन करता हुआ ऊपर चला जाता है।

वह औरत भी अब एक चुड़ैल में बदल चुकी थी। उसका चेहरा एक सड़ी – गली लाश की तरह लग रहा था। वह परात से सब्जी उठा कर कड़ाही में डालने लगती है।

लेकिन वह सब्जी नहीं बल्कि इंसानी बच्चे के कटे हुए अंग थे। तभी डर के कारण प्रांजल के दिल में जोर से दर्द उठता है और हार्ट – अटैक की वजह से उसकी वहीं मृत्यु हो जाती है।

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Story 2

गर्मी की छुट्टियाँ पड़ रही थीं। दिल्ली से चार दोस्त अलवर के भानगढ़ किले में घूमने जाते हैं। वे घूम-घूम कर सारा किला देखने लगते हैं। दो-तीन घंटे के बाद नवीन नाम का लड़का थक जाता है।

इसके बाद बाकी दोस्त कहते हैं कि अब हमें ऊपर पहाड़ी पर चलना चाहिए। लेकिन नवीन कहता है कि उसकी टांगों में दर्द हो रहा है। और वह काफी थक भी गया है। तुम लोग आगे जाओ और मैं यहीं बैठकर तुम्हारा इंतजार करूँगा।

बाकी लोग मान जाते हैं और आगे बढ़ जाते हैं। उनके जाने के बाद नवीन इधर -उधर घूमने लगता है। फिर वह एक छोटे से कमरे में जाता है। वह देखता है कि वहाँ पर अजीबोगरीब मूर्तियां बनी हुई थीं।

कमरे के बीच वाली मूर्ति एक खौफनाफ दिखने वाले आदमी की लग रही थी। नवीन नजदीक जाकर उसे छूने लगता है। उसके बड़े-बड़े दांत थे और नुकीले पंजे भी थे। Note: यह Bhangarh Fort Horror Story in Hindi है।

फिर नवीन मूर्ति के साथ खड़ा होकर सेल्फी लेने लगता है। तभी अचानक से मूर्ति उस पर हमला कर देती है। और उसके गले को अपने पजों से दबोच लेती है।

नवीन छूटने की बहुत कोशिश करता है लेकिन मूर्ति की पकड़ बहुत मजबूत होती है। और वह छूट नहीं पाता। वह चिल्लाने की भी बहुत कोशिश करता है। तभी मूर्ति उसका गला घोंटने लगती है।

मगर उसी वक़्त एक आदमी दौड़ता हुआ उस कमरे में आता है। लेकिन तब तक मूर्ति ने नवीन को छोड़ दिया था और वहाँ से गायब हो चुकी थी।

नवीन देखता है कि कमरे में एक अंकल खड़े थे। वे नवीन से पूछते हैं कि बेटा क्या हुआ तुम इतना क्यों चिल्लाए।

नवीन बुरी तरह से हाँफ भरा था। उसके गले में भी दर्द हो रहा था और वह अपने गले को सहला रहा था। उसकी आंखों से आँसू टपक रहे थे।

फिर वह रोते-रोते उन अकंल को सारी कहानी बताता है। वे अंकल उसे हौसला देते हैं और वहाँ से ले जाते हैं।

जब सारे दोस्त वापस आते हैं तो नवीन उन्हें सारी घटना के बारे में बताता है। इसके बाद वे लोग भी डर जाते हैं और जल्दी से अपने होटल के लिए निकल जाते हैं।

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Story 3: Bhangarh Fort Horror Story

एक बार राघव नाम का लड़का पटना से अलवर आया हुआ था। वह यहाँ अपने मामा के पास आया हुआ था।

उसने भानगढ़ के किले के बारे में बहुत सुन रखा था। एक दिन मामा से कहकर वह अकेले ही किला देखने चला जाता है। लेकिन जाने से पहले उसके मामा कहते हैं कि 6:00 बजे के बाद वहाँ बिल्कुल भी मत रुकना। और सीधा घर चले आना।

इसके बाद राघव जाकर भानगढ़ के किले को अच्छे से देखता है। और वहाँ पर तरह-तरह की फोटोस और सेल्फीज भी लेता है। उसे यह जगह बहुत ही खूबसूरत लगती है। और वह सोचता है कि यहाँ फैली भूतों की कहानियाँ क्या सच होंगी !

तभी घूमते – घूमते राघव एक कमरे के पास पहुंचता है। वह देखता है कि उस कमरे को अच्छे से बंद करके रखा हुआ था। उस पर लकड़ी के फट्टे लगाए गए थे और कीलें ठोकी गयी थीं। साथ ही लोहे की जंजीरों से भी उसे बाँधा गया था।

राघव सोचता है कि इस कमरे को इतने अच्छे से Seal क्यों किया गया होगा। क्या इसके अंदर कोई खजाना है।

इसके बाद वह अपना कान उस दरवाजे के साथ सटा देता है। तभी अंदर से किसी के फुसफुसाने की आवाज आती है।

वह एक लड़की की आवाज थी। वह कहती है कि प्लीज मुझे बाहर निकालो। वह गलती से अंदर बंद हो गई थी।

लेकिन राघव कहता है कि दरवाजा तो सील है। फिर तुम अंदर कैसे चली गयी। Bhangarh Fort Horror Story in Hindi कैसी लगी जरुरु बताएं।

लड़की कहती है कि पिछले हफ्ते यह खुला हुआ था। वह उस कमरे में गयी लेकिन पीछे से दरवाजा बंद हो गया। फिर उसे अँधेरे में एक भूत दिखा और वह बेहोश हो गयी। उसे आज ही होश आया है। प्लीज मुझे बाहर निकालो नहीं तो मैं मर जाऊँगी।

यह सुनकर राघव कहता है कि ठीक है मैं किसी को बुलाकर लाता हूँ।

लेकिन तभी लड़की कहती है कि क्या तुम्हारे पास खाने के लिए कुछ है। उसे बहुत भूख लगी है। राघव कहता है कि उसके पास सिर्फ एक चॉकलेट है। लड़की कहती है हाँ, दे दो।

राघव जेब से Chocolate निकालकर नीचे बैठता है और दरवाजे के नीचे से उस लड़की को देने लगता है।

लड़की भी chocolate लेने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाती है। लेकिन जब राघव उस हाथ को देखता है तो उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

वह किसी लड़की का हाथ नहीं था। वह एक जला हुआ हाथ था। जिस पर अजीब से बाल थे और बड़े -बड़े नाखुन थे।

राघव तेजी से उठकर वहाँ से भागने लगता है। पीछे से किसी के हँसने की आवाज आती है।

घर पहुँचकर वह अपने मामा को सारा किस्सा सुनाता है। उसके मामा कहते हैं कि मैंने तो पहले ही तुम्हे आगाह किया था।

इसके बाद कई रातों तक राघव को उस भूतिया हाथ के सपने आते रहते हैं।

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समाप्त।

दोस्तो, आपको भानगढ़ के किले पर आधारित ये कहानियाँ (Bhangarh Fort Horror Story in Hindi) कैसी लगीं, कृपया Comment में बताइये। अगर आपके पास भी कोई ऐसे किस्सा है तो भी बताइये।

अपने दोस्तों को भी भेजिए और उन्हें भी डराइए।

पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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