Brahmastra film story in Hindi

Brahmastra story – Brahmastra film की कहानी

प्राचीन काल में हिमालय में कुछ ऋषि लोग रहा करते थे। एक बार उन्हें वहाँ एक ब्रह्म शक्ति मिली। उस शक्ति से उन्होंने बहुत सारे अस्त्र-शस्त्र बनाए। उन सभी शस्त्रों में ब्रह्मास्त्र सबसे शक्तिशाली था। तथा उसमें सारे संसार को नष्ट करने की ताकत थी।

इसलिए बहुत से बुरे लोगों की ब्रह्मास्त्र पर नजर रहने लगी । ब्रह्मास्त्र को बुरे लोगों से बचाने के लिए उन सब ऋषि यों ने एक संस्था बना ली जिसका नाम ब्रह्मांश रखा गया।

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इसके बाद फिल्म आज की मुंबई में शुरू हो जाती है। शिवा नाम का लड़का एक disc jockey था। जो clubs में music play किया करता था।

एक बार ईशा नाम की लड़की लंदन से India आती है। उस समय दुर्गा पूजा चल रही थी। शिवा पहली नजर में ही उसके प्यार में पड़ जाता है। धीरे-धीरे ईशा भी शिवा से प्यार करने लगती है। एक दिन शिवा, ईशा को बताता है कि वह एक अनाथ लड़का है। उसे अपने पिता का कोई पता नहीं है और उसकी माँ की बचपन में ही एक आग दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।

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उधर दिल्ली में ब्राह्मांश संस्था का एक मेंबर जिसका नाम मोहन था , रहा करता था। उसके पास ब्रह्मास्त्र के तीन टुकड़ों में से एक टुकड़ा था।

एक दिन Zor और Raftar नाम के दो आदमी मोहन पर हमला करते हैं। मोहन उनका मुकाबला करता है और अपने वानर -अस्त्र का प्रयोग करके उन्हें भगा देता है।

लेकिन तभी जुनून नाम की लड़की वहाँ आती है जो Zor और Raftar की टीम की ही सदस्य थी। वे तीनों देव नाम के आदमी के लिए काम करते थे।

जूनून , मोहन को अपने वश में कर लेती है और उसे टार्चर करती है। पूछने पर मोहन बताता है कि ब्रह्मास्त्र का दूसरा टुकड़ा अनीश शेट्टी नाम के आर्टिस्ट के पास है जो काशी में रहता है।

इसके बाद वे मोहन से ब्रहमांश के लीडर Raghu की लोकेशन के बारे में पूछते हैं। लेकिन यह बताने से पहले ही मोहन सुसाइड कर लेता है।

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Hindi film: Brahmastra story

उधर मुंबई में शिवा को सपना आता है जिसमें वह देखता है कि जुनून ने मोहन पर हमला किया था। और अब वह अनीश पर हमला करने जा रही थी। इसलिए शिवा और ईशा , अनीश के घर काशी के लिए चल पड़ते हैं।

लेकिन रास्ते में ही रफ्तार उन पर हमला करता है। लेकिन तभी अनीश वहाँ आ जाता है और अपने नंदी -अस्त्र का प्रयोग करके शिवा और ईशा को बचा लेता है।

घर पहुँचकर अनीश, शिवा को ब्रह्मास्त्र का दूसरा टुकड़ा दे देता है। और उन्हें उनके leader रघु के आश्रम जाने के लिए कहता है, जो हिमाचल में स्तिथ था।

शिवा और ईशा हिमाचल के लिए रवाना हो जाते हैं। लेलिन पीछे से ज़ोर और जूनून अनीश पर हमला कर देते हैं। इस लड़ाई में अनीश मारा जाता है।

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उधर रफ्तार रास्ते में शिवा और ईशा पर हमला कर देता है। एक समय वह ईशा को मारने ही वाला था लेकिन तभी शिवा अपने अग्नि – अस्त्र का प्रयोग करके रफ्तार को मार देता है।

इसके बाद शिवा और ईशा आश्रम में पहुंच जाते हैं। वहाँ पर उन्हें ब्रह्मांश संस्था के लीडर रघु मिलते हैं। वे शिवा से कहते हैं कि तुम भी ब्रह्मांश संस्था को ज्वाइन कर लो। लेकिन शिवा मना कर देता है । तब रघु उससे कहता है कि अगर तुम संस्था जॉइन कर लोगे तो मैं तुम्हें तुम्हारे मां-बाप की सच्चाई बताऊंगा। यह सुनकर शिवा हैरान हो जाता है। और ब्रह्मांश join कर लेता है।

इसके बाद शिवा, आश्रम में और भी लोगों से मिलता है। जिनमें रानी, रवीना , शेर और तेनजिंग थे। उन सब को रघु तरह -तरह के अस्त्रों की शिक्षा देता है। शिवा भी अग्नि को कंट्रोल करना सीखता है।

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एक दिन रघु शिवा को बताता है कि वह देव और अमृता नाम के ब्रह्मांश मेंबर का बेटा है। और देव ने ही वास्तव में ब्रह्मास्त्र को activate किया था । लेकिन धीरे -धीरे देव में घमंड आने लगा।

एक दिन देव और उसकी पत्नी अमृता की लड़ाई हो जाती है। अमृता जल -अस्त्र को कंट्रोल कर सकती थी। जिसकी मदद से उसने लड़ाई में देव को हरा दिया । लेकिन इस लड़ाई के बाद उन दोनों का कोई अता-पता नहीं चला। अमृता की नाव एक आईलैंड पर मिली और उसके साथ ब्रह्मास्त्र के तीन टुकड़े भी मिले।

बाद में दो टुकड़ों को मोहन और आशीष को दे दिया गया। ताकि वे उन्हें सुरक्षित रख सकें। ब्रह्मास्त्र का तीसरा टुकड़ा अभी भी गायब था। इसके बाद वे सब लोग तीसरे टुकड़े को ढूंढने के लिए उस island पर जाते हैं। तीसरा टुकड़ा वहां एक शंख में छुपा हुआ था । जब शिवा के खून की कुछ बूंदे शंख पर गिरती हैं। इससे वह visible हो जाता है और वे लोग उसे उठा लेते हैं।

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Film – Brahmastra story

उधर जुनून और उसकी gang आश्रम में पहुंच जाती है और उन सब को बंदी बना लेती है। लेकिन शिवा आकर उनसे लड़ता है और जुनून को हरा देता है। इस लड़ाई में Zor नंदी -अस्त्र का प्रयोग करता है लेकिन शिवा उसे भी मार देता है। इसके बाद शिवा नंदी – अस्त्र का प्रयोग करके सबको छुड़ा लेता है।

लेकिन तभी जुनून ब्रह्मास्त्र का तीसरा टुकड़ा जो ईशा ने पकड़ा हुआ था ले लेती है। फिर वह तीनों टुकड़ों को इक्कठा जोड़ देती है। इससे ब्रह्मास्त्र एक्टिवेट हो जाती है और सृष्टि खतरे में पड़ जाती है।

साथ ही ईशा की जान भी खतरे में पड़ जाती है। लेकिन तभी ईशा की प्यार की वजह से शिवा के अंदर एक दिव्य -शक्ति उत्पन्न हो जाती है। और वह ब्रह्मास्त्र को भी कंट्रोल में कर लेता है। इससे ईशा की जान बच जाती है। और ब्रह्मण्ड पर आया संकट भी टल जाता है।

फिल्म के अंत में हम देखते हैं कि ब्रह्मास्त्र की ऊर्जा की वजह से Dev , जो किसी और आईलैंड पर बंदी था छूट जाता है।

समाप्त।

दोस्तो, यह थी ब्रह्मास्त्र फिल्म (Brahmastra story ) की कहानी। आपको यह फिल्म कैसी लगी थी, नीचे कमेंट करके बतायें।

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