Think like a monk summary in Hindi

इस किताब (Think like a monk summary in Hindi ) को पढ़कर आपको पता चलेगा कि आपके कष्टों
का असली कारण क्या है। कारण जानकर आपको उसके निवारण का भी तरीका पता चलेगा।

यह सब जानकर आप सच्ची खुशी, शांति और संतुष्टि पा सकेंगे। दिन प्रतिदिन होने वाला stress और
anxiety भी हमेशा आपसे दूर रहेंगे।

Author – Jay Shetty

Think like a monk summary in Hindi
(Think like a monk summary in Hindi)

Think like a monk summary in Hindi

इस किताब को तीन भागों में बाँटा गया है।

  • Part 1 – Let Go
  • Part 2 – Grow
  • Part 3 – Give

आइये एक -एक करके इन तीनों की summary पढ़ते हैं ।

Part 1 – Let Go

इस भाग में लेखक ने बताया है कि जो negative चीजें आपने पकड़ कर रखी हैं, उन्हें छोड़ दीजिये।

इसके लिए सबसे पहले आप अपनी identity के बारे में समझिये – कि आखिर आप हैं कौन ?

Identity

  • क्या आप एक जॉब के लिए struggle कर रहे व्यक्ति हो ?
  • क्या आप एक depression में जी रहे व्यक्ति हो ?
  • क्या आप बिज़नेस में failed व्यक्ति हो ?

आखिर आप हो क्या ? आप जो हैं क्या आप वहीं हैं या आपको सच में कुछ और होना चाहिए। तो दोस्तो, इस भाग में लेखक ने यही बताया है।

हम जब बच्चे थे, तो क्या थे ? हम न कोई टीचर थे, न दुकानदार थे, न जॉब के लिए परेशान व्यक्ति थे । न हमें depression था – हम सिर्फ एक उन्मुक्त जीव थे।

खुश थे। ताजगी और स्फूर्ति से भरे हुए थे।

लेकिन धीरे -धीरे हमारे मन के शीशे पर धूल जमा होने लगती है। यह धूल हमारे खुद के ambitions की हो सकती है। या समाज के द्वारा कही गयी negative बातों की भी हो सकती है।

हम बहुत बड़ी -बड़ी desires पाल लेते हैं। हमें लगता है जब इतना पैसा होगा तो फिर हम ख़ुशी से जी लेंगे। यह एक तरह की धूल ही है।

क्या सिर्फ पैसे वाला आदमी ही खुश होता है। एक अमीर इंसान का अगर divorce हो जाये या उसे diabetes आदि हो तो क्या वह खुश रह पायेगा?

उसके मुकाबले वह गरीब आदमी ज्यादा खुश होगा, जिसकी पत्नी अपने हाथ से खाना बना कर खिला रही हो
या उसे कोई बीमारी न हो।

ऐसे ही हम बिज़नेस में fail होने से इसलिए डरते हैं, क्युँकि हम सोचते हैं कि लोग क्या कहेंगे। तो दोस्तो, इस तरह की धुल को अपने मन के आईने से साफ़ कीजिये।

आप देखेंगे कि आपको अपनी identity और जीने का असली मकसद पता चलेगा। आप फिर से बच्चे की तरह खुश और tension – free जीवन जीने लगेंगे।

अपनी identity को जान लेने के बाद आपको निम्न चीजें छोड़ देनी हैं :

Lower Values

दोस्तो, बहुत से लोगों में lower values पायी जाती हैं। जिनकी वजह से life की value भी कम हो जाती है। और ऐसे लोग कभी खुश नहीं रह पाते। उन्हें लगता है कि lower values से वे सच्ची ख़ुशी हासिल कर लेंगे, लेकिन यही उनकी गलत सोच है।

कुछ lower values हैं – लालच, दूसरों से जलन, क्रोध और कामुकता।

बहुत लोग लालच में आकर scam तक कर देते हैं और फिर देर -सवेर उनका पतन हो जाता है और इज्जत भी मिटटी में मिल जाती है। इसलिए लालच जैसी lower values को जाने दें।

दूसरों की तरक्की से जो जलते हैं उन्हें high BP, stress और anxiety जैसी बीमारियाँ घेर लेती हैं। इसलिए कभी दूसरों से जलन न करें। इसके वजाय उसकी तारीफ करें और खुद भी प्रेरणा लें।

आप देखोगे कि इसी से आपका भला होगा।

क्रोध करने से भी आदमी को बहुत नुक्सान होता है। ऐसे -ऐसे झगडे हो जाते हैं, जिनमें भाई – भाई ही खून के प्यासे हो जाते हैं। और जिंदगी ही खराब हो जाती है। हमारे पास एक ही जिंदगी है उसे हंसी -ख़ुशी बिताना चाहिए। न कि लड़ – झगड़ कर।

कामुकता से भी इंसान का पतन हो जाता है। कितने लोग offices में sexual harassment करने लगते हैं। जिस से उन पर तरह -तरह के cases हो जाते हैं। और इज्जत भी मिटटी में मिल जाती है।

ऐसे आदमी से फिर कोई बात भी नहीं करना चाहता। इसलिए spiritual रहने से कामुकता को हटाया जा सकता है।

तो दोस्तो, इन lower values को अपनी life से जाने दें। यही एक monk करता है। वह बहुत ही शाँत रहता है। काम में भी संतुष्ट रहता है। सबसे दयालुता से बात करता है।

इसलिए आप भी lower values को दूर करें और higher values अपनायें।

A book by Robin Sharma : The Monk Who Sold His Ferrari Summary in Hindi

Fear

बहुत से लोग डर के साये में जिंदगी गुजार रहे हैं। किसी को लगता है उनकी जॉब चली जाएगी। किसी को लगता है उनका बिज़नेस असफल न हो जाये।

किसी को लगता है वे इस परीक्षा को उत्तीर्ण नहीं कर पायेंगे। या कोई सोचता है उनका प्यार उनसे दूर न हो जाये।

तो इस तरह से कई तरह के डर हमें घेरे रहते हैं। लेखक कहते हैं कि इन सब डरों का कारण हमारी attachment यानि आसक्ति है। इसलिए इन सब डरों को दूर करने का तरीका है – detachment (अनासक्ति )।

एक साधु कभी भी चीजों से attach नहीं होता। न उसे घर का मोह है, न जॉब का, न पैसे का। खाना भी जैसा मिल जाये वह खा लेता है। उस अच्छे खाने से भी मोह नहीं है।

इसलिए वह हमेशा निडर होता है। उसका मन हमेशा शांति और संतुष्टि से भरा रहता है। तभी साधु लम्बी और स्वस्थ जिंदगी जी पाते हैं।

तो दोस्तो, आज से ही चीजों से मोह का त्याग कर दें। सिर्फ अपना कर्म करें। मोह नहीं। जॉब नहीं भी मिलेगी तो कोई प्रलय नहीं आ जाएगी। हो सकता है आपके साथ उससे भी अच्छा कुछ हो जाये।

Remove Negativity

आजकल की दुनिया में हर तरफ negativity बढ़ती जा रही है। सोशल मीडिया और TV channels के जरिये तो इसे बहुत ही ज्यादा बढ़ावा मिल रहा है।

हर इंसान कड़वा बोल रहा है। जोर से बोल रहा है। अगर दोस्तो, आप भी ऐसा करते हैं अर्थात negativity फैलाते हैं, तो इसे भी अपने से दूर कर दें।

क्युँकि – What goes around, comes around . या बोये पेड़ बबूल के तो आम कहाँ से होये।

जैसा आप कर्म करते हैं, वैसा ही आपको फल मिलता है। अगर आप दूसरों की negativity के victim हैं, तब भी आप इसे खुद से दूर कर दें (let go)।

कई बार हम खुद को ही criticize करने लगते हैं। ऐसा करना भी आपके लिए अच्छा नहीं है।

Negativity से लड़ने के लेखक ने 3 steps बताये हैं :

1. Sight

हमारी ज्ञानेन्द्रियाँ यानि sense organs हमें बहुत प्रभावित करते हैं। सुबह उठने से पहले कभी भी negative चीजें जैसे टीवी की news या WhatsApp या Facebook आदि check न करें।

ऐसी चीजें देखें जो आपको सारे दिन के लिए positive energy से भर दें। जैसे उगते सूर्य को देखें। खिले हुए फूलों और कलियों को देखें।

अपने परिवार के लोगों का फोटो देखें जिनसे आप प्यार करते हो। ईश्वर का फोटो देखें।

2. Smell

Smell भी एक बहुत powerful इंद्री है।

Spa, perfume या इत्र आदि की इतनी बड़ी industries इसी इन्द्री की बदौलत चले हुए हैं। अच्छी smell हमें तरोताजा कर देती है। एक नयी स्फूर्ति और ऊर्जा देती है।

दूसरी ओर बुरी smell हमें बीमार सा कर देती है। लोगों को उबकाई तक आ जाती है।

इसलिए आप natural खुशबू का इस्तेमाल करें। अपने लिए छोटा सा बगीचा जरूर बनायें। अपने घर में भी फूल उगायें। अच्छे और खुशबूदार वातावरण से आप हमेशा positivity से भरे रहेंगे।

3. Sound

ध्वनि भी हमारे जीवन को बहुत तरह से प्रभावित करती है। बच्चे की किलकारी से सब लोग खुश हो जाते हैं। उनके मस्तिष्क में प्यार का संचार होने लगता है।

अच्छे music का महत्व तो सबको पता ही है। इसलिए प्रतिदिन आधा घंटा अपने मनपसंद गाने सुनें। और खुद को music therapy से heal करें।

आपकी सारी थकान भाग जाएगी। और आपके होठों पर अपनेआप ही मुस्कान आ जाएगी।

तो दोस्तो, ऊपर दिए गए तीनों तरीके आपको दिनभर तरोताज़ा और खुश बनाये रखेंगे। इन्हे जरूर अपनायें।

Negative thoughts हटाने का 3 steps तरीका – Spot, Stop, Swap

अगर आपको ज्यादा सोचने की आदत है। या एक ही विचार बार -बार आपके दिमाग में आता रहता है, तो इसके लिए तीन steps का यह formula इस्तेमाल करें :

  • Spot – सबसे पहले देखें किआपके दिमाग में क्या negative thought आ रहा है।
  • Stop – फिर उस negative thought को address करें। उसकी वजह जानें। फिर उसका कोई solution ढूँढ लें। फिर उसे वहीं खत्म कर दें। अब बार -बार उसके बारे में न सोचें।
  • Swap – इसके बाद negative thought को किसी positive thought से swap कर दें। यानि बदल दें। कुछ positive सोचेने लगें। या किसी self -help बुक की summary पढ़ने लगें। जो आप इस blog पर भी कर सकते हैं। इस से आप positive energy और ख़ुशी से भर जायेंगे।

Self Criticism हटाने का तरीका – Self Compassion

खुद के negative criticism को दूर करने का तरीका है – Self compassion.

बहुत बार हमारी desires पूरी नहीं हो पातीं। कई सपने टूट जाते हैं। और बहुत बार सिर्फ असफलता मिलती है। इस से हम खुद को कोसने लगते हैं।

या जाने -अनजाने निराश हो जाते हैं। दुःख से घिर जाते हैं। और depression में भी चले जाते हैं। इस सबसे निपटने का तरीका है – self – forgiveness और self – compassion.

दोस्तो, universe का control हमारे हाथ में नहीं है। हमें हर चीज नहीं मिलेगी। हम बहुत सी गल्तियाँ भी करेंगे।

इसके लिए आप खुद को सजा न दें। बल्कि सबसे पहले खुद को माफ़ कर दें। आखिर हम सब human ही तो हैं।इसके बाद खुद से प्यार करें। या खुद के लिए दयालु रहें। इसे ही self – compassion कहा गया है।

दूसरों से तो हम प्यार से बात करते ही हैं। उसी तरह खुद को भी कभी निराशा के गड्ढे में न धकेलें। आप देखेंगे कि आप एकाएक खुश हो जायेंगे। Self compassion के बारे में शायद आपको पहले पता नहीं होगा।

इसलिए ऐसी किताबें हमेशा पढ़ते रहना चाहिए। ताकि आपको नयी -नयी बातें पता चल पायें। और आपके ज्ञान में बृद्धि हो सके।

Part 2 – Grow
(Think like a monk summary in Hindi)

किताब के इस भाग में लेखक ने बताया है की negative चीजें छोड़ देने के बाद आप अपनी मानसिक और spiritual growth करें। इसके लिए आप निम्न तरीके अपना सकते हैं :

1. Follow your passion

वो चीज करें जिससे आपको ख़ुशी मिलती है। तभी आपकी growth हो पायेगी। दूसरों की देखा – देखी कुछ भी न करें। बहुत से parents दूसरों की देखा -देखी अपने बच्चे को science रखवा देते हैं। ताकि उनका बच्चा भी doctor या engineer बन सके।

बेशक बच्चे का उसमें बिलकुल interest न हो। लेकिन वे अपने अधूरे सपनों का बोझ उन पर लाद देते हैं। कई बार तो बच्चे आत्महत्या तक कर लेते हैं।

इसलिए बच्चे का interest और strength जानकर ही उसका subject चुनना चाहिए। ऐसे Job या business में भी सिर्फ अपने passion को follow करें। बेशक उसमें पैसे कम मिले। लेकिन काम ऐसा होना चाहिए जिस से आपको ख़ुशी मिले।

नहीं तो आप जिंदगी भर के लिए bore और चिड़चिड़े हो जायेंगे। Passion ढूँढ़ने के लिए जापानी तरीके Ikigai के बारे में भी पढ़ें।

2. Good Intention (Book- Think like a monk summary in Hindi)

किसी भी काम को अच्छी नीयत से करें। किसी की help कभी यह सोच कर न करें, कि बदले में वह भी आपकी help करेगा।

निःसन्देह help वापस आती है। लेकिन सिर्फ त्याग -भाव से ही help करें। तभी आपको उसका पुण्य भी प्राप्त होगा। कभी किसी का अहित न करें। इस से आपकी आत्मा ग्लानि से भर जाएगी।

3. Power of Routines

हमेशा routine में काम करें। Routine का मतलब है निश्चित समय पर निर्धारित काम करना।

जैसे सुबह 5 से 5 : 30 तक अगर exercise का time रखा है, तो रोजाना उस समय exercise ही करें। यह नहीं के 4 दिन तो exercise कर ली, फिर कभी Youtube देखने लग पड़े। या फेसबुक में busy हो गए।

ऐसे ही 6 बजे writing का time रखा है, तो रोज लिखें। Bloggers और writers के लिए रोज लिखना बेहद जरुरी होता है।

इसी तरह monk भी routine में प्रतिदिन meditation करते हैं। और लाइफ में कभी दुखी नहीं होते। उनका हृदय हमेशा शांति, संतुष्टि और ख़ुशी से भरा होता है। वह भी तब, जब उनके शरीर पर एक पतला सा कपास का ही कपडा होता है। क्युँकि वे अंदर से शाँत होते हैं।

4. Plan Your Next Day the Night Before

दोस्तो, कई बार हमारे पास करने के लिए बहुत से काम होते हैं। लेकिन अक्सर हम कुछ जरुरी काम करना ही भूल जाते हैं।

क्युँकि हमारे दिमाग में बहुत से thoughts आते -जाते रहते हैं। जिनसे हमें confusion भी हो जाता है।

इसलिए आप सोने से पहले अगले दिन की planning कर लें। जो भी काम हैं उन्हें पेपर पर या मोबाइल में नोट कर लें। इस से आपको clear हो जायेगा, कि कितने काम हैं। और कौन से बहुत जरुरी हैं।

अगले दिन आप एक -एक करके उन कामों को करते जायें। इस से आपको confusion नहीं होगा। और काम भूल जाने की वजह से anxiety भी नहीं होगी।

और आप हमेशा शान्त रहेंगे –Think like a monk summary in Hindi .

5. Integrate Time and Life

कुछ लोग time को बाँट देते हैं। वे सोचते हैं कि जब नौकरी लगेगी तो वे खुश हो जायेंगे। या जब गाड़ी आएगी तो उन्हें ख़ुशी मिलेगी। या घर ले लेंगे तो सब settle हो जायेगा। आदि -आदि।

लेकिन इन चीजों में सालों लग जाते हैं। तो क्या तब तक आप जिंदगी को ही नहीं जियेंगे। या ख़ुशी का इंतजार करते रहोगे। एक monk कभी ऐसा नहीं करता।

वह हरदम खुश रहता है। क्युँकि उसे पता होता है कि गया दिन वापस नहीं आएगा। न ही वह खुश होने के लिए जॉब, गाड़ी -बंगले आदि का इन्तजार करता है। वह तो एक फूल को खिलते देख कर ही खुश हो जाता है।

तो दोस्तो, आप भी जान लीजिये की time आपकी जिंदगी का अभिन्न अंग है। इसे हिस्सों में न बाँटे। बल्कि इसके साथ -साथ आगे बढ़ें और वह भी ख़ुशी और संतुष्टि के साथ।

वक़्त आने पर जॉब और बाकी luxuries भी मिल ही जाएँगी।

6. Fill Your Mind With Positive Thoughts

अपने दिमाग में हमेशा positive thoughts ही भरें। सुबह उठते ही आप कोई self -help book पढ़ें।

इस से आप देखेंगे कि आप एक अदृश्य ऊर्जा से भर जाते हैं। जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए inspire feel करते हैं।

ऐसा अक्सर करते रहें। क्युँकि आपने खुद अनुभव किया होगा कि motivation की उम्र ज्यादा लम्बी नहीं होती।

इसलिए अक्सर पढ़ते रहें। Summary पढ़ने में ज्यादा टाइम भी नहीं लगता है। हमारे blog पर भी आपको मोटिवेशन की bestseller books की summary मिलेगी। तो इन्हे पढ़ें और फायदा उठायें।

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Part 3 – Give
(Think like a monk summary in Hindi)

दोस्तो, इस भाग में हम पढ़ेंगे कि कैसे आप देने की प्रवृत्ति पैदा करें। इस से आप सच में एक खुश और सम्पूर्ण इंसान बन पाओगे।

सबसे बड़े दानवीर कर्ण थे। वे कुछ भी दे सकते थे। लेकिन आपको अपनी धन – सम्पति देने की जरुरत नहीं है। तो आइये देखते हैं लेखक क्या देने की बात कर रहा है।

Mudita

हर monk को Mudita के बारे में बताया जाता है। आप भी इस concept को जानकर life में utilise कर सकते हो।

Mudita का मतलब है दूसरों को sympathy यानि सहानुभूति देना। और दूसरों की ख़ुशी में खुश होना। अगर ये दो बातें आपने सीख लें तो आपका जीवन बदल जायेगा।

आजकल हर कोई दूसरे को नीचा दिखाने में लगा रहता है। दूसरों से कड़वा बोलता है। इस से दूसरे भी ऐसा ही करते हैं। इस से सिर्फ negativity फैलती है, ख़ुशी नहीं।

इस से बेहतर है कि अगर कोई आपसे बात करे तो प्यार से उसकी बात सुनें और उसे कोई कष्ट है तो sympathy दें। न कि उसे criticize करने लग पड़ें या डाँट दें। दूसरों का कष्ट और दर्द समझें।

इसी तरह अगर किसी को कोई ख़ुशी या तरक्की मिलती है तो ईर्ष्या या जलन न करें। जलन का तो नाम ही काफी है – यह आपको अंदर से जलाने लगती है।

ईर्ष्या करने से ज्यादा stress hormone (जैसे cortisol ) निकलने लगता है, जिस से आपकी धड़कन बेवजह बढ़ जाती है।

और आपको आगे चलकर दिल की बीमारियाँ लग सकती हैं। एकदम से तो पता नहीं चलता है। तो दोस्तो, आज से आप Mudita का principle भी जीवन में अपना लें। आपका जीवन आज से ही बदल जायेगा।

Relationships

कोई भी रिश्ता हो उसे मजबूत रखने के लिए आपको तीन चीजों पर ध्यान देना चाहिए –

  • Presence – जब भी किसी को आपकी help की जरुरत हो, तो निस्वार्थ भाव से आगे बढ़-चढ़ कर उनकी मदद करें। Present रहें। गायब न हो जायें।
  • Attention – उन्हें जो भी कष्ट हो, उसे ध्यानपूर्वक सुनें और फिर उसके निवारण हेतु कार्य करें। बहुत से लोग दूसरों के कष्ट में आनंद लेने लगते हैं। इस से उनके साथ भी आगे ऐसा ही होता है। क्युँकि कष्ट किसे नहीं होते हैं।
  • Intimacy – प्रगाढ़ता बढ़ाने के लिए trust और प्यार अपनायें। उन्हें hurt करने वाली बातें कभी न बोलें। उनका trust कभी न तोड़ें। जो promise किया है, उसे हर हाल में निभायें। अगर कोई चीज संभव न हो तो उसका promise न करें, लेकिन जितना आपसे हो सके उनकी help करें।

समाप्त।

तो दोस्तो, यही है Jay Shetty कि इस amazing किताब की summary (Think like a monk
summary in Hindi).

उम्मीद है आपको जरूर inspiration मिली होगी। और आपमें positive energy का संचार हुआ होगा।

कृपया नीचे comment करके मुझे moral support दें। और पोस्ट को अपने loved ones के साथ share भी कर दें। क्युँकि ज्ञान बाँटने से बढ़ता है। हो सकता है इस summary को पढ़कर वे आपसे भी sympathy और kindness से बात करना शुरू कर दें। उनको personal benefit तो मिलेगा ही।

धन्यवाद।

The Monk Who Sold His Ferrari Summary in Hindi (by Robin Sharma)

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