Who Moved My Cheese summary in Hindi

Title: Who Moved My Cheese summary in Hindi

Who Moved My Cheese summary in Hindi
(Who Moved My Cheese summary in Hindi)

Author: Spencer Johnson

Who Moved My Cheese summary in Hindi

एक बार एक भूल-भुलैया (maze ) के पास चार लोग रहते थे। उनमे दो चूहे – Sniff और Scurry थे । और दो छोटे आदमी – Hem और Haw थे।

एक बार उन चारों को एक cheese station C पर बहुत सा cheese रखा हुआ मिल गया। इस से वे काफी खुश हो गए। उन्हें लगा कि यह cheese उनकी सारी जिंदगी के लिए काफी है।


और इसे खाकर वे मजे से जिंदगी गुजार सकते हैं। अब उन्हें इधर-उधर भटकने की भी जरुरत नहीं थी।

Sniff और Scurry हर सुबह जल्दी उठते थे। और station C पर जाकर cheese खाते थे। इसके अलावा वे maze के दूसरे भागों में भी घूमते रहते थे।

इसके विपरीत Hem और Haw लेट उठते थे। उन्हें लगता था कि cheese स्टेशन पर ही तो है। वहाँ से वो कहाँ जाने वाला है। आराम से जाकर खा लेंगे। इस मानसिकता के कारण वे बहुत सुस्त और आलसी हो गए थे।

Sniff और Scurry cheese पाकर खुश तो बहुत थे। फिर भी वे अपनी आखें- नाक -कान खुले रखते थे। वे हर सुबह cheese को measure करते थे कि कितना cheese बाकी है। वे सुस्त नहीं थे। बल्कि खुद को active रखते थे।

उन्होंने जल्दी ही समझ लिया कि cheese धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। और एक दिन यह खत्म भी हो सकता है।

लेकिन Hem और Haw ने कभी इस बात पर ध्यान नहीं दिया। उन्हें लगा cheese बहुत ज्यादा है और कभी खत्म नहीं हो सकता।

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एक दिन Sniff और Scurry, cheese – station C पर पहुंचे तो देखा कि वहाँ कोई cheese नहीं था। लेकिन इस से वे ज्यादा हैरान नहीं हुए। वे तो पहले से ही ऐसी situation के लिए तैयार थे।

उन्हें पता था कि एक दिन ऐसा हो सकता था। वे न गुस्सा हुए, न अफ़सोस किया और न दुखी हुए। उन्होंने जरा भी समय बर्बाद नहीं किया। और नया cheese station ढूँढ़ने निकल गए।

लेकिन जब Hem और Haw , cheese – station C पहुँचे तो उन्हें shock लग गया। क्युँकि cheese वहाँ नहीं था। Hem गुस्से से चिल्लाने लगा और बोला – ये cheese यहाँ से किसने हटा दिया ? दोनों काफी देर तक frustrate होते रहे।

फिर Hem ने कहा – Sniff और Scurry यहाँ नहीं है। शायद वे कहीं और cheese ढूँढने निकल गए हैं। क्या हम भी चलें ? Haw बोला – नहीं। वे सिर्फ चूहे हैं। उन्हें तो अक्ल ही नहीं है। हम इंसान हैं और उनसे कहीं ज्यादा intelligent हैं। हम अपने दिमाग का इस्तेमाल करके हर चीज पहले की तरह कर देंगे।

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उधर दूसरी और Sniff और Scurry हर दिन नया cheese खोजने में लगे हुए थे। वे हर दिन नए -नए रास्तों पर निकल पड़ते थे। और मेहनत करते रहते थे।

आखिर एक दिन उन्हें एक नया Cheese – Station N मिल गया । इस Station पर पहले से भी कहीं ज्यादा cheese रखी हुई थी। इस से Sniff और Scurry बहुत खुश हो गए। वे फिर से हँसी -ख़ुशी जीवन बिताने लगे।

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उधर Hem और Haw अभी भी cheese के गायब हो जाने का रोना रो रहे थे। वे दूसरों को कोस रहे थे। कुंठा से ग्रस्त हो रहे थे। कभी दुःख तो कभी अफ़सोस जाहिर कर रहे थे।

तभी Haw ने कहा कि क्यों न वे maze के अंदर जाकर और cheese ढूंढें। Hem ने कहा कि यह बहुत risky होगा। Maze खतरों से भरा हुआ हो सकता है। और उन्हें यहाँ का comfort छोड़ कर कहीं नहीं जाना चाहिए।


यहाँ वे आराम से तो हैं। अगर वे maze में जाकर खो गए तो ? और अगर अंदर cheese नहीं हुआ तो क्या होगा ?इस तरह वह तरह-तरह की negative बातें करता रहा। थोड़ी देर बाद Hem और Haw खाली पेट घर चले गए।

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ऐसे ही वे दोनों हर दिन वहाँ जाते। और यही सोचते कि शायद आज cheese वापस आ गया होगा। लेकिन ऐसे कई दिन बीत गए। वहाँ कोई cheese वापस नहीं आया।

फिर वे कुछ बेकार वाली मेहनत करने लगे। उन्हें लगा कहीं cheese जमीन में तो नहीं दबा है। इसलिए वे गड्ढा खोदने लगे। वे हर दिन आते और गड्ढा खोदते। लेकिन फिर भी उन्हें कोई cheese नहीं मिला।

एक दिन Haw यह सब देख कर हँसने लगा। Hem के पूछने पर उसने कहा कि हम हर दिन एक ही काम कर रहे हैं। लेकिन result नया चाहते हैं। ये तो मूर्खता है।

वो कहता है कि अब उन्हें maze में जाना चाहिए। लेकिन Hem उस से काफी बहस करता है। लेकिन नए cheese की खोज में जाने से मना कर देता है। अंत में Haw अकेले ही cheese की खोज में maze के अन्दर चला जाता है।

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Haw को शुरू में maze के टेढ़े -मेढ़े रास्तों से डर लगता है। लेकिन फिर भी वो धीरे- धीरे आगे बढ़ता रहता है। धीरे- धीरे उसने महसूस किया कि maze के रास्ते इतने भी बुरे और खतरनाक नहीं हैं जितना वो पहले सोच रहा था।

अब उसका डर धीरे -धीरे निकलने लगा। उसको सफर में नए -नए अनुभव होने लगे। उसके पास अभी भी cheese नहीं था लेकिन फिर भी वो खुश था। उस ऐसा लग रहा था जैसे वो किसी नए adventure पर जा रहा हो।

अब तक उसके मन का सारा डर निकल गया था। और वो हर नए रास्ते पर बेख़ौफ़ होकर जा रहा था।

एक दिन उसे एक नया Cheese – Station E मिलता है। लेकिन अन्दर जाकर देखता है कि वहाँ सिर्फ cheese के छोटे -छोटे टुकड़े पड़े हुए थे। अब Haw सोचता है कि काश वो पहले ही आ गया होता तो ये cheese उसे मिल जाता।

वो भर पेट cheese खाता है। और कुछ cheese इकट्ठा करके वापस Hem के पास जाता है। अब तक Hem की हालत बहुत खराब हो चुकी थी।

Haw उसे cheese देता है और बताता है कि अन्दर और cheese मिल सकती है। लेकिन Hem कहता है कि उसे नयी cheese नहीं चाहिए। उसे वही पुरानी वाली cheese चाहिए। वो अब भी negative विचारों से भरा हुआ था।

इसके बाद Haw फिर से नया cheese ढूँढने के लिए maze में चला जाता है। अपने पीछे वो निशान भी छोड़ देता है ताकि कभी Hem आना चाहे तो आसानी से आ सके। रास्ते पर चलते -चलते Haw को इधर -उधर cheese के टुकड़े मिल जाते थे। उन्हें खाता हुआ वो आगे बढ़ता रहता था।

इसी तरह एक दिन Haw को Cheese – Station N मिल जाता है। वहाँ पर इतनी सारी cheese थी कि वो देख कर हैरान हो जाता है। उसने देखा Sniff और Scurry पहले से ही वहाँ थे। अब Haw भी वहाँ रहने लगता है।

लेकिन अब वो पहले की तरह comfort – zone नहीं बनाता। बल्कि हर दिन cheese को analyze करता रहता है कि cheese खराब या कम तो नहीं हो रहा।

इसके अलावा वो आस- पास की दूसरी जगहों पर भी घूमता रहता था। ताकि वक़्त पड़ने पर उसे रास्ता जल्दी मिल जाये। अब Haw अपना जीवन ख़ुशी से बिता रहा था। उसे अफ़सोस सिर्फ इस बात का था कि काश Hem भी वहाँ आ जाता।

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Book की Theme : दोस्तो, Alfred Wallace (जिन्होंने Darwin के साथ evolution की theory दी थी) ने कहा था –

यह जरुरी नहीं है कि सबसे ज्यादा Intelligent species ही survive करेगी। बल्कि वो species survive करती है जो खुद को हालात के मुताबिक adapt कर लेती है।

Sniff और Scurry सिर्फ चूहे थे। वे इंसानो से intelligent नहीं थे। लेकिन उन्होंने बदलाव के अनुरूप खुद को adapt कर लिया था। इसलिए वे अच्छे से survive कर पाए।

यही इस किताब की Major theme है।

आपने भी देखा होगा,कई बार exam में ज्यादा marks लाने वाले जीवन में कुछ बड़ा नहीं कर पाते। जबकि कम marks वाले बहुत सफलता प्राप्त कर लेते हैं। क्युँकि वे हालात के अकॉर्डिंग adapt हो जाते हैं।

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Book के 5 lessons :

दोस्तो, इस किताब में cheese का मतलब आपकी life की किसी भी comfortable situation से है। जैसे आपकी नौकरी, घर, relationship, business आदि। ये सब कभी भी बदल सकते हैं। अतः change के लिए खुद को हमेशा ready रखें।

Change के प्रति adapt होने के लिए इस किताब में हमें निम्नलिखित 5 lessons मिलते हैं:

1) Change happens – cheese can be changed at any time

दोस्तो change यानि बदलाब कुदरत का नियम है। आपकी अच्छी situation (cheese) कभी भी बदली जा सकती है। जैसे corona time में teaching में बहुत बड़ा बदलाव आ गया।

अभी तक टीचर chalk and board को ही prefer करते थे। लेकिन जब online teaching होने लगी तो तरह – तरह की apps जैसे Google meet, Zoom, MS teams आदि का use होने लगा।

कुछ टीचर जो Sniff और Scurry जैसे थे उन्होंने तो जल्दी से इन Apps को सीख लिया और इस mode पर switch कर गए। लेकिन Hem जैसे टीचर chalk – board method की खूबियाँ और online teaching apps की problems ही गिनाते रहे।

Haw जैसे टीचर भी देर से और धीरे ही सही पर ये सब सीख गए।

तो जिन्होंने अपने आप को adapt कर लिया उन्होंने तो बच्चों का syllabus कहीं आगे बढ़ा दिया। लेकिन जो change को resist कर रहे थे उन्होंने किताब भी नहीं खोली।

सोचिये जब Corona के बाद School या College खुलते तो ऐसे टीचर्स पर syllabus पूरा करवाने का कितना बड़ा pressure आ जाता। Students पर भी कितना बोझ पड़ जाता। इस से सारा system ही ठप्प हो जाता।

ऐसे examples हर field में मौजूद हैं।

2) Anticipate change – get ready for cheese to be moved
( Who Moved My Cheese summary in Hindi)

समझदार वही है जो पहले से ही समझ जाये कि Change आने वाला है। इस से वो उस Change के according adapt होने के लिए खुद को तैयार कर पायेगा।

अगर आपके office में नया software install होने वाला है, तो आप पहले ही उस से related classes शुरू कर सकते हैं। Internet या You – tube से भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है।

3) Monitor the change – keep smelling the cheese

हमेशा देखते रहें कि घर या office आदि में कोई change तो नहीं आने वाला है।

अगर आप Hem और Haw की तरह अपनी comfort – zone में बैठे रहेंगे तो आलसी हो जायेंगे। और समय से change के लिए खुद को adapt भी नहीं कर पाएँगे।

इसलिए हमेशा खुद को up -to -date रखिये। News पढ़िए, दोस्तों से मिलिए -जुलिये, informative लोगों से बात करते रहिये।

4) Adapt to change quickly
(Book: Who Moved My Cheese summary in Hindi)

आपको याद होगा पहले Kodak company होती थी जो photographic films (reel) बनाती थी। सारी market में company का ही बोलबाला था।

लेकिन जब digital camera मार्किट में आया तो उन्होंने सोचा कि कोई उसे use नहीं करेगा। उन्होंने company को इस बदलाव के लिए तैयार ही नहीं किया। नतीजतन आज Kodak का नामो-निशान मिट चुका है।

दोस्तो अगर life में कुछ change आ रही है तो जल्दी से उस बदलाव के लिए खुद को adapt कर लें। कई बार लोगों की job चली जाती है। इस से कुछ लोग depression में चले जाते हैं।

लेकिन इस से अच्छा है कि proactive बनें और नयी job ढूँढ लें। Private job में तो हमेशा ही 10 jobs की लिस्ट तैयार रखनी चाहिए जिन्हे आप मौजूदा नौकरी छूटने पर कर सकें।

नौकरी की बहुत सी websites हैं जिन पर नौकरी ढूँढी जा सकती है। Linkedin पर profile बनाई जा सकती है Employment news भी मददगार साबित हो सकता है।

कहने का तात्पर्य यह है कि – जहाँ चाह वहाँ राह ।

5) Enjoy the change

Change को बोझ मानेंगे तो life ख़ुशी से नहीं जी पाएँगे। इसलिए नई change में भी खुश रहना सीखें।

अगर नयी job ली है तो वहाँ नए friends बनाएँ। खुश रहें और दूसरों को भी खुश रखें।

समाप्त।

तो दोस्तो, यह थी इस किताब की summary (Who Moved My Cheese summary in Hindi) .

आप इस किताब के कौन से character से मेल खाते हैं। नीचे comment करके बताएँ। आपके पास change से related कोई example हो तो भी भी comment में शेयर करें। धन्यवाद।

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