A Message to Garcia Hindi Summary

यह कहानी Rowan नाम के एक soldier की है जो हर बाधा को पार करके Garcia नाम के क्रान्तिकारी को राष्ट्रपति का पत्र पहुँचाता है। आगे पढ़िए A Message to Garcia Summary in Hindi .

Author – Elbert Hubbard

A Message to Garcia
(Summary in Hindi)

सन 1895 के दौरान Cuba अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहा था। उस पर Spain का कब्ज़ा था।

USA भी Cuba की आजादी चाहता था और rebels का सहयोग कर रहा था। उस समय USA के President William McKinley थे।

वे चाहते थे कि Spain और rebels शांति से बात-चीत करें और Spain अपना कब्जा छोड़ दे। लेकिन Spain इस के लिए नहीं माना।

लिहाजा America ने Cuba के rebels के सहयोग के लिए USA Maine नामक navy की ship भेज दी। लेकिन इस ship में बिस्फोट हो गया। जिसमें 266 soldiers की जान चली गयी। हालाँकि ये पता नहीं चला कि जहाज में कोई accident हुआ था या Spain ने mine से इसमें विस्फोट किया था।

लेकिन इससे USA और Spain में सन 1898 में लड़ाई छिड़ गयी। जो 3 महीने , 3 हफ्ते और 2 दिन चली। इस लड़ाई में USA की जीत हुई और Cuba को आजादी मिल गयी।

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दोस्तो, A Message To Garcia वास्तव में एक Letter था जो President William Mackinley ने Cuba के क्रान्तिकारी Garcia के नाम भेजा था।

Garcia , Cuba के जंगलों में कहीं छिपा था। और किसी को भी उसका पता नहीं था। उस तक कोई सन्देश भी नहीं आता -जाता था।

President के एक सलाहकार ने उन्हें बताया कि शायद Rowan नाम का एक soldier उनका पत्र Garcia तक पहुँचा दे।

President ने Rowan को बुलाया और उसे Letter देकर कहा कि इसे Garcia तक पहुंचा दे। Rowan ने कोई भी प्र्शन पूछे बिना Letter ले लिया और Garcia की तलाश में निकल पड़ा।

Rowan एक शिप के द्वारा Cuba पहुँचा। और फिर जंगल की तरफ चला गया। तीन हफ्ते में वह जंगल से वापस आ गया। उसने President को बताया कि उसने उनका लेटर Garcia को दे दिया है। यह सुनकर प्रेजिडेंट और बाकि सब हैरान रह गए। क्युँकि किसी को भी Garcia के address का पता नहीं था।

दोस्तो इस किताब की इतनी सी कहानी है। लेकिन इसका lesson बहुत बड़ा है। वास्तव में इसका असली हीरो Rowan है।

लेखक कहते हैं कि आजकल के नौजवानों को education के साथ – साथ Rowan जैसी काम के प्रति लगन और उसे पूरा करने की दृढ इच्छाशक्ति ( Willpower) की भी जरुरत है।

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अगले भाग में यही बताया गया है कि Office के कर्मचारियों को किस तरह काम करना चाहिए। और किस तरह नहीं।

बहुत से Business owners हमेशा परेशान रहते हैं। क्युँकि उनके employees ठीक से काम ही नहीं करते।

एक simple से document में वे हजार गल्तियाँ कर देते हैं। किसी का नाम रमेश सिंह हो तो वे रमेश कुमार लिख देंगे। उन्हें comma और full stop का महत्व तक पता नहीं होता।

कितनी बार सरकारी ऑफिस में File ही move नहीं होती। छोटे -छोटे कामों के लिए रिश्वत देनी पड़ती है। इसके बाद भी वे documents में बचकानी गल्तियाँ कर देते हैं।

लेखक ने एक example देते हुए कहा है कि जैसे अगर कोई Employer किसी फाइल की रिपोर्ट मांगे तो employee ये चीजें बोलने लगते हैं :

File है कहाँ ? क्या यह मेरा काम है ? क्या दूसरा आदमी नहीं कर सकता ? आदि।

इसके बाद अगर वह बेमन से काम कर भी देता है तो उसे देखकर Employer माथा पीट लेगा। और सोचेगा इससे अच्छा होता यह काम वह खुद ही कर लेता।

इसके विपरीत Rowan का example है। उसने एक भी प्रश्न नहीं पूछा। कि Garcia कहाँ मिलेगा। उसे तो किसी ने देखा ही नहीं है ? वह जंगल में कैसे जायेगा ? क्या खायेगा -पियेगा ? आदि -आदि।

बल्कि उसने अपने कर्म को पूजा माना। उसमें अपने काम को पूरा करने की दृढ इच्छाशक्ति थी। उसने हर चीज खुद की और Garcia का पता लगा कर अपना काम पूरा किया।

हर व्यक्ति अपने काम को इतनी शिद्दत से कर सकता है। इससे सब उसका ही सम्मान करेंगे। उसकी खुद की भी self – esteem बढ़ जाएगी। और वह अंत में कह सकेगा कि उसके जीवन का भी कोई महत्व था।

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किसी भी देश का future अच्छा कैसे होगा अगर उसके employee workplace पर laziness दिखाते हैं। या अपने अंदर efficiency नहीं लाते।

जब एक स्टेनोग्राफर की vacancy निकलती है तो लाखों लोग apply करते हैं। लेकिन उनमे से 90 % को न तो punctuation का पता होता है न ही spellings का। लेकिन वे salary और दूसरे benefits के बारे में बहुत जागरूक होते हैं।

Hubbard बताते हैं कि उनके दोस्त ने एक assistant रखा था। लेकिन जब भी वह उसे किसी काम पर भेजता था तो कभी वह रास्ते में खाना खाने लग जाता था या शराब पीने।

कभी बीमारी का बहाना बना देता था और कभी भी time पर काम नहीं करता था। इससे उनके दोस्त को office run करने में बहुत परेशानी होती थी। और Clients हमेशा शिकायत करते रहते थे।

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बहुत से लोग workers के साथ तो सहानुभूति रखते हैं लेकिन Business या Institution चलाने वाले Employers की problem कोई नहीं समझता।

कितने entrepreneur हमेशा stress में जीते हैं। अगर वे काम न करें तो बिज़नेस ही ठप्प हो जायेगा। और उन सब employees को निकलना पड़ेगा।

Employees हमेशा Owner को अपनी problems गिनाते रहते हैं। लेकिन अपना काम कभी भी ठीक से नहीं करते। ऐसा कभी नहीं होता कि पहली deadline पर कुछ complete हुआ हो।

तो इस किताब का यही सन्देश है कि हम सबको Rowan से सीखना चाहिए। और अपने अंदर अच्छे work – ethics लाने चाहिए।

कुछ ethics इस प्रकार से बताये गए हैं :

1. कभी भी अपने ऑफिस के बाहर line न लगने दें। हाथ के हाथ काम करके दें। इससे लोग आपका सम्मान करेंगे।

2. आज का काम कभी भी कल पर न छोड़ें।

3. हमेशा calendar में या diary में To Do लिस्ट बनायें।

4. छोटी -छोटी बातों के लिए Employer को परेशान न करें।

5. हमेशा active रहें।

6. Tax payers के पैसे से मिलने वाली salary की कदर करें और अपना काम पूरा करें।

7. हमेशा पहली deadline पर ही काम को कर दें।।

8. अपने काम में गल्तियाँ न करें। अगर कोई चीज नहीं आती हो तो internet या किसी सहयोगी से सीख लें।

9. अपने अंदर moral thread को मजबूत करें। अपने काम को अपना धर्म और ईश्वर की पूजा मानें। इससे आपके परिवार का पेट भर रहा है। कभी भी रिश्वत न लें। वरना पापों का दंड भोगना ही पड़ेगा। आदि।

Conclusion

अगर किसी भी देश के employees Rowan की तरह अपना काम ठीक से करें तभी वह देश developed की श्रेणी में आएगा।

अन्यथा वह सबसे corrupt, गरीब और पिछड़ा ही रहेगा। और ऐसे employees से सारे देशवासी भी परेशान रहेंगे।

समाप्त।

उम्मीद है A Message to Garcia Summary in Hindi पढ़कर आप भी motivate हुए होंगे। कृपया इस पोस्ट को share करें ताकि आपके दोस्त भी अपने काम के प्रति जागरूक हो जायें। अपना comment करके मुझे भी motivate करें। धन्यवाद।

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