Zero to One book summary in Hindi

Title: Zero to One book summary in Hindi

Zero to One book summary in Hindi
(Zero to One book summary in Hindi)

हैलो दोस्तो,

क्या आप ने भी कभी अपना Start – up शुरू करने का सपना देखा है?

मुझे पूरा यक़ीन है कि कभी न कभी तो स्टार्ट -अप का ख्याल आपके मन में जरूर आया होगा और ऐसा हम सबके साथ होता है।

आये दिन हम नए – नए Start – ups के बारे में न्यूज़ में भी तो सुनते रहते हैं।

जैसे Oyo Rooms , Ola taxi , Uber, Zomato, Swiggy आदि ऐसे ही Start – ups हैं जो बहुत ज्यादा सफल हो चुके हैं तथा उनके owner करोड़पति – अरबपति बन चुके हैं।

तो आज हम Start – up से सम्बंधित एक बहुत ही important मानी जाने वाली एक किताब की book summary Hindi में discuss करने जा रहे हैं।

बुक का नाम है Zero to One . और इसे लिखा है Peter Thiel ने.

सबसे पहले Peter Thiel के बारे में आपको बता दूँ। आपने Paypal का नाम तो सुना ही होगा।

जब Google pay, Phone pay, Paytm बने भी नहीं थे तब से Paypal अमेरिका में use हो रहा है।
Paypal से आप e -mail के जरिये ही payment का लेन-देन कर सकते हैं।

Paypal दो लोगों ने मिलकर develop किया था। एक तो Peter Thiel थे और दूसरे, जिन्हे सारी दुनिया जानती है – Elon Musk , सदी के क्रांतिकारी entrepreneur और inventor।

जो भी व्यक्ति Start -up शुरू करना चाहता है और entrepreneur बनना चाहता है उन्हें Peter Thiel की इस किताब को जरूर पढ़ना चाहिए। नीचे इसी किताब की book summary Hindi में दी गयी है।

आइये summary के main points discuss करते हैं।

1) Zero to One

पहला point है – Zero to One। ये बुक का टाइटल भी है।

तो आखिर इसका मतलब क्या है?

देखिये Zero का मतलब सबको पता होता है, 0 यानि nothing।

तो Peter Thiel यही कहते हैं कि अगर आपको सफल स्टार्ट-अप शुरू करनी हो तो Zero से स्टार्ट करिये।
मतलब ऐसे product से शुरुआत करनी चाहिए जो अभी exist ही नहीं करता या दूसरे शब्दों में बोलें तो अभी
उसकी quantity Zero है।

लेकिन बहुत से लोग गलती करते हैं कि वे One ( 1 ) से स्टार्ट करते हैं।
पीटर के अकॉर्डिंग 1 का मतलब है, पहले से ही उस प्रोडक्ट का मार्किट में मौजूद होना ।

चलिए cold drinks का example लेकर समझते हैं।

Market में पहले से ही Coca-Cola, Pepsi, Thumbs up जैसे सॉफ्ट ड्रिंक मौजूद हैं।

यदि आप नया स्टार्ट-उप लगाते हैं और इनके जैसा ही cold drink ले आते हैं तो क्या होगा ?
इस से केवल कम्पटीशन ही बढ़ेगा।

बड़ी companies के पास तो पैसा होता है। पैसे की ताकत से वे नयी स्टार्ट-उप के कम्पटीशन को आसानी से
कुचल देंगे। और नया स्टार्ट-उप fail हो जायेगा।

यही main reason है कि 95% Start -up 1 -2 साल में ही fail हो जाते हैं।

तो ऐसे में क्या करें?

यही Peter Thiel ने समझाया है कि Zero से स्टार्ट करें। न कि One से।

उनका मतलब है कि कोई ऐसा product लाने की सोचें जो एकदम नया हो।

ऐसा product जो मार्किट में मिलता ही नहीं हो।

जब प्रोडक्ट एकदम नया होगा तो उसका कोई कम्पटीशन भी नहीं होगा।
लोगों को वह product आपसे ही खरीदना पड़ेगा जिस से आपको बहुत profit होगा और आपका Start -up भी सफल हो जायेगा।

Example के लिए AirBnB डिसकस कर सकते हैं।

देखिये पहले tourists के रहने के लिए hotels ही होते थे । लेकिन Brian, Joe and Nathan एक नया concept ले आये जो एकदम brand new था।

उन्होंने सोचा कि बहुत से घरों में 1 -2 कमरे हमेशा ही free पड़े रहते हैं। तो क्यों न इन कमरों को tourists को, होटल से सस्ते दाम पर रहने कि लिए दे दिया जाये?

इसी idea को लेकर उन्होंने AirBnB website बनाकर अपना स्टार्ट-उप launch कर दिया।

यह idea बहुत unique था। इस से पहले ऐसा कोई भी प्रोडक्ट market में था ही नहीं।

लोगों को ये काफी पसंद आया। लोग धीरे – धीरे इस website से जुड़ते चले गए।

सबने अपने घरों में खाली पड़े कमरे offer कर दिए । इस से tourists को भी बहुत फायदा हुआ। क्यूंकि होटल्स के मुकाबले इनका rent बहुत कम था। और tourist को घर जैसा अहसास होता था।

आज इस कंपनी का turn – over अरबों में है।

ऐसा इसलिए हो सका क्युँकि उन्होंने Zero से start किया। मतलब एकदम नए idea से।

अगर वो भी दूसरों को कॉपी करके कोई होटल खोलते तो क्या उन्हें इतना profit होता?

कभी नहीं।

इसलिए कभी भी दूसरों का आईडिया कॉपी न करें बल्कि अपने unique idea पर based कोई नया product लाने की सोचें।

Monopoly बनाइये

Peter Thiel कहते हैं कि आप अपनी कंपनी की मार्किट में Monopoly बनाने की कोशिश करें।

इससे बहुत अधिक फायदा होता है।

Monopoly का मतलब है कि सारे market में आपका ही product हो।

कुछ लोग ये बोल सकते हैं कि Monopoly बुरी होती है । इस से कीमतें बढ़ जाती हैं। लेकिन ये तो इस बात पर depend करता है कि स्टार्ट-अप owner स्वार्थी है या अच्छा इंसान है।

Owner कीमतें न बढाकर भी Monopoly से बहुत फायदा कमा सकता है।

इस से लोग उसे goodwill भी देंगे जो स्टार्ट-अप की growth के लिए बहुत फायदेमंद होती है।

India में मोनोपोली का best example है – IRCTC

IRCTC एक प्राइवेट कंपनी है जहाँ पर आप Indian railway का टिकट बुक कर सकते हैं।
आप सिर्फ और सिर्फ इसी कंपनी की website से रेल ticket बुक कर सकते हो।

ऑनलाइन और कोई दूसरी कंपनी नहीं है जहाँ से आप रेल टिकट बुक कर सकें। इसीलिए ये company हमेशा मोटा मुनाफा कमाती हैं।

क्युँकि इसने monopoly बना रखी है।

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Characteristics of a successful Start -up :

किताब के अगले भाग में Peter Theil बताते हैं कि एक सफल Start -up की क्या विशेषताएं होनी चाहिए।

उन्होंने 4 important विशेषताएं बताई हैं।

आपको भी अपने start-up में इन features को जरूर शामिल करना चाहिए।

1 Proprietary
2 Network effect
3 Economy of scale
4 Branding

आइये एक -एक करके इन चारों के बारे में जानते हैं।

1. Proprietary

आपकी Start – up में proprietary की विशेषता जरूर होनी चाहिए। जिसका मतलब है आपके प्रोडक्ट पर पूर्ण रूप से आपका अधिकार होना चाहिए। इसके लिए आप प्रोडक्ट का ट्रेडमार्क या copyright जरूर करवा लें।
इस से कोई भी आपके प्रोडक्ट को कॉपी नहीं कर पायेगा।

जैसे Dominos Pizza को कोई भी जैसे का तैसा शुरू नहीं कर सकता। इसके लिए पहले उसको Franchise rights कंपनी से खरीदने पड़ेंगे।

कोई भी प्रोडक्ट बनाएं तो पहले उसका patent करवा लें या उसका copyright करवा लें। ये प्रोडक्ट के टाइप पर depend करता है कि आपको patent मिलेगा या copyright।

ज्यादातर medicines के लिए patent मिलते हैं और books कि लिए copyrights .

2. Network Effect

आपका प्रोडक्ट ऐसा होना चाहिए जिसका network बन सके। जैसे Facebook पहले USA में स्टार्ट हुआ था। फिर धीरे -धीरे users जुड़ते चले गए। सब फेसबुक use करने लगे और नेटवर्क बढ़ता ही चला गय। आज लगभग सारी दुनिया में इसका साम्राज्य फैला हुआ है।

आप भी क्या ऐसा प्रोडक्ट बनाने के बारे में सोच सकते हैं जिसका नेटवर्क पूरी दुनिया में फ़ैल सके ?

3. Economy of Scale

पीटर कहते हैं कि Start – up पहले छोटे से स्टार्ट करना चाहिए। लेकिन उसमें ऐसी क्वालिटी भी होनी चाहिए कि बाद में उसे scale करके बड़ा भी किया जा सके।
इसके बहुत से examples दिए जा सकते हैं:

Amazon, Oyo hotels, Uber, पतंजलि इत्यादि ।

पहले ये सब Start – up छोटे स्केल पर शुरू हुए थे। लेकिन आज पूरी दुनिया में फैल चुके हैं।

4. Branding

Author कहते हैं कि आपको अपने product की branding जरूर करनी चाहिए।

आपने बहुत सी brands के बारे में सुना ही होगा।

जैसे: Apple , Adidas , Samsung, Prada, Ray Ban आदि।

कोई प्रोडक्ट brand कब बनता है?

जब उसकी quality बहुत ही top -notch लेवल की होती है। quality ज्यादा लाने कि लिए उसमें इन्वेस्टमेंट भी ज्यादा करनी पड़ती है और efforts भी बहुत ज्यादा लगाने पड़ते हैं। इस से प्रोडक्ट की कीमत भी ज्यादा हो जाती है लेकिन वो ब्रांड बन जाता है।

ऐसा प्रोडक्ट इस्तेमाल करने पर कस्टमर को बहुत अच्छा फील होता है। वो इसके लिए ज्यादा पैसे खर्च करने के लिए भी तैयार हो जाता है। उस प्रोडक्ट को वो status symbol भी मानने लगता है।

Apple के प्रोडक्ट्स की कहानी तो सब को पता ही है।
Apple का फ़ोन लेने का ड्रीम किस teenager का नहीं होता?

वहीँ दूसरी और अगर आप घटिया प्रोडक्ट बनाते हैं जिसकी कोई ब्रांड वैल्यू नहीं है तो कोई उसे free में भी लेने को तैयार नहीं होगा।

इसलिए प्रोडक्ट को ब्रांड में कन्वर्ट करना बेहद जरुरी है। तभी आपका Start – up सफल होगा।

How to start the company or Start -up :
(स्टार्ट-अप शुरू कैसे करें)

अगर आपके पास भी कोई unique idea है तो आप भी अपनी Start -up लगा सकते हैं। इसके लिए author ने 4 steps बताये हैं।

1 Start with a friend
2 Clear role and responsibilities
3 Hire full time employees
4 Pay less to founders

चलिए चारों steps को brief में समझ लेते हैं।

1. Start with a friend (किसी दोस्त कि साथ शुरू करें )

हमेशा Start -up किसी like minded friend के साथ लगायें। जिसके साथ आपकी अच्छी बनती हो। और आप दोनों की brain frequency भी मैच करती हो।

मतलब आप दोनों लगभग एक जैसा सोचते हों। और अपने आईडिया को लेकर उत्साही हों।

अन्यथा partner के साथ छोटे -मोटे झगड़े होने लगेंगे और Start – up चलने से पहले ही फ्लॉप हो जाएगी।

Peter Theil और Elon Musk दोनों अच्छे friends थे । दोनों ने Paypal स्टार्ट किया था। जो आज भी सारी दुनिया में use होता है।

2. Clear role and responsibilities

जितने भी founders या partners हों सबको अपना role और responsibility पहले ही समझा दें और document पर लिख भी लें।

जैसे मैनेजमेंट कौन देखेगा? मार्केटिंग कौन संभालेगा? एकाउंटिंग की responsibility किसकी होगी? इत्यादि।

इस से बाद में झगड़ा नहीं होगा और ऐसा करने से Start -up smoothly चलेगा।

3 Hire full time employees

स्टार्ट-उप में employees तो hire करने ही पड़ेंगे। जैसे web developer, content writers , managers, accountant आदि।

लेकिन ऑथर कहते हैं कभी भी freelancer को hire मत करिये। फुल टाइम employee ही रखें।

ऐसे employee कम्पनी में लग्न से काम करेंगे। उन्हें कम्पनी के बारे में अच्छे से समझ भी होगी और जिम्मेवारी से काम करेंगे।

Freelancer पेमेंट होते ही bye -bye कर देंगे।

4. Pay less to founders

Author कहते हैं कि जब Start -up नया – नया हो तो founders को बहुत ज्यादा सैलरी नहीं लेनी चाहिए। क्युँकि शुरू में मुनाफा इतना नहीं होता।

पहले ही भारी भरकम सैलरी ले लेंगे तो इन्वेस्टमेंट के लिए पैसे नहीं रह जायेंगे और स्टार्ट-उप की growth भी बहुत धीमी होगी।

Marketing

बुक के अगले भाग में Peter Theil product की marketing के बारे में बताते हैं।

मार्केटिंग से यहाँ मतलब प्रोडक्ट को बेचने से है।

आप निम्न 4 तरह से product की marketing कर सकते हो:

1 Complex marketing
2 Personal marketing
3 Advertisement
4 Viral marketing

आइये इन सबके बारे में जानते हैं।

1. Complex marketing

अगर आपका प्रोडक्ट बहुत बड़ा है। या बहुत बड़ा order आया है तो उसे complex डील की category में रखा जाता है।

ऐसे में आपको खुद बैठ कर negotiate करना चाहिए।

क्युँकि दूसरी कंपनी बहुत बड़ा आर्डर दे रही है तो owner से ही बात करना चाहेगी।

2. Personal marketing

Personal marketing से मतलब है ऐसी मार्केटिंग जिसे कोई person करे। जैसे salesman ।
आपने देखा होगा insurance आदि salesman ही sell करते हैं।

3. Advertisement

Advertisement तब करनी चाहिए जब प्रोडक्ट की कीमत बहुत जयादा न हो और day to day लाइफ में use होता हो।

जैसे cosmetics, grocery आदि।

4. Viral marketing


Viral marketing का मतलब है product को एक customer से दूसरे तक तेजी से पहुँचाना।

ऐसा आपने ज्यादातर Apps में देखा होगा।

Apps बनाने वाली company ऑफर देती है कि अपने friends को App के बारे में message forward करो और आपको कुछ cashback money मिलेगी।

आपको थोड़े पैसे देकर कंपनी अपना App ज्यादा लोगों से download करवा लेती है। बाद में advertisement के जरिये Apps से खुद बहुत सा पैसा कमा लेती है।

आपने देखा ही होगा Paytm , Phonepay , PubG इत्यादि में तरह – तरह के offers आते रहते हैं।

समाप्त।

तो दोस्तो, यही थी इस bestseller किताब की summary (Zero to One book summary in Hindi).

उम्मीद है आपने काफी कुछ सीखा होगा।

Please इस पोस्ट को Like और Share करें।

धन्यवाद।

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