Sam Bahadur Story in Hindi

Sam Bahadur Story in Hindi (सैम बहादुर फिल्म स्टोरी): सैम बहादुर फिल्म भारतीय सेना के पहले फील्ड मार्शल Sam Manekshaw के जीवन पर आधारित है।

इसे मेघना गुलजार ने भवानी अय्यर तथा शांतनु के साथ मिलकर लिखा है। मेघना गुलजार ने ही इसे निर्देशित किया है।

इसे Ronnie Screwvala ने अपनी कंपनी RSVP के बैनर तले produce किया है। विक्की कौशल ने इस फिल्म में Sam Bahadur की भूमिका निभायी है।

Sam Bahadur Story in Hindi
Sam Bahadur Story in Hindi

Sam Bahadur Story in Hindi

Sam Manekshaw का जन्म 3 अप्रैल 1914 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। उनके पिता का नाम Hormizd Manekshaw तथा उनकी माँ का नाम Hilla था। वे दोनों ही पारसी समुदाय से संबंध रखते थे। तथा गुजरात से आए थे।

वास्तव में वे लोग 1903 में मुंबई से लाहौर जा रहे थे ताकि वहाँ पर अपना क्लीनिक खोल सके। लेकिन जब वे अमृतसर पहुंचे तो Hill की तबीयत खराब हो गई क्योंकि वे प्रेग्नेंट थीं। इसलिए उन्हें वहाँ रुकना पड़ा।

लेकिन उन दोनों को अमृतसर इतना पसंद आया कि उन्होंने उसी को अपना घर बना लिया। और आगे चलकर उन्होंने वहाँ अपना क्लीनिक खोला जो काफी अच्छा चला।

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान Hormizd, Army Medical Corps में कैप्टन के पद पर रहे।

Sam Manekshaw के 6 भाई बहन थे जिनका नाम Fali, Cilla, Jan, Sheru, Sam and Jami था।।

Fali और Jan दोनों इंजीनियर बने। Cilla और Sheru टीचर बन गए। लेकिन Sam और Jami दोनों आर्मी में आ गए। Jami एक डॉक्टर थे तथा उन्होंने रॉयल इंडियन एयर फोर्स join कर लिया था। आगे चलकर वे Air Marshal के पद से रिटायर हुए थे।

Bollywood Movie: Sam Bahadur Story in Hindi

Manekshaw बचपन से ही बहुत चंचल प्रवृत्ति के थे। उनकी प्राइमरी स्कूलिंग पंजाब से हुई। इसके बाद वे नैनीताल के Sherwood कॉलेज में पढ़ने चले गए।

वहाँ से 12th की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने पिता से कहा कि उन्हें डॉक्टर की पढ़ाई के लिए लंदन भेज दो। लेकिन उनके पिता ने कहा कि इसके लिए तुम अभी बहुत छोटे हो।

साथ ही उनके दो बड़े भाइयों की इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी चल रही थी। और इस सब का खर्चा वे नहीं उठा सकते थे।

इसके बाद Sam Manekshaw ने अमृतसर के हिंदू कॉलेज में एडमिशन ले लिया तथा वहाँ से third division में ग्रेजुएशन की।

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Military Career (Sam Bahadur Story in Hindi)

सन 1932 में Manekshaw ने इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून में commission exam क्लियर कर लिया (आज इसे NDA या CDS बोला जाता है)। उन्हें फोर्थ बटालियन, 12th फ्रंटियर फोर्स रेजीमेंट में नियुक्त किया गया।

1939 में उन्होंने मुंबई में Siloo नाम की पारसी लड़की से शादी कर ली। आगे चलकर उनकी Sherry तथा Maya नाम की दो बेटियाँ हुईं।

दोस्तो, आगे की कहानी पढ़ने से पहले आप इंडियन आर्मी के structure को इस टेबल में पढ़ लें। क्युँकि Sam Manekshaw के बहुत से प्रमोशन हुए थे। इससे आपको समझने में मदद मिलेगी।

Indian Army Structure:

Sr. No.RankDetailsLeader
1.Army headquarterसभी 6 Commands आर्मी हेडक्वार्टर को रिपोर्ट करती हैं।HQ का इंचार्ज Chief of Army Staff (COAS) होता है। Army Chief in short.
2.6 Operational Command
(1 Training Command)
सभी Corps से 1 command बनती है।Command का इंचार्ज General Officer Commanding-in-Chief (GOC-in-C) होता है।
3.Corps3-4 Division से 1 Corps बनती है।Corps का इंचार्ज Lieutenant General होता है।
4.Division3-4 Brigade से 1 Division बनता है।Division का इंचार्ज Major General होता है।
5.Brigade3 Battalion से 1 brigade बनती है।Brigade का इंचार्ज Brigadier होता है।
6.Regiment/Battalion4 Rifle Company से 1 Battalion बनती है।Battalion का इंचार्ज Colonel (कर्नल) होता है।
7.Rifle Company3 पल्टन से 1 Rifle company बनती है।RC का इंचार्ज Lieutenant Colonel or Major होता है।
8.Platoon3 सेक्शन से 1 पल्टन बनती है।सेक्शन का इंचार्ज Subedar (JCO) होता है।
9.Sectionसेक्शन सबसे छोटा होता है। इसमें 10 Soldier होते हैं।सेक्शन का इंचार्ज हवलदार होता है।

World War II (Sam Bahadur Story in Hindi)

दूसरे विश्व युद्ध (1942) के दौरान जापान ने Burma (Myanmar) पर हमला कर दिया। उस समय Manekshaw एक कप्तान थे। उन्होंने अपनी बटालियन के साथ सितांग नदी (Sitang) के पास पगोड़ा हिल पर मोर्चा संभाला।

इस हमले में बहुत सारे भारतीय सिपाही मारे गए लेकिन फिर भी Manekshaw ने अपना target पूरा किया। लेकिन उन्हें मशीन गन की कई गोलियाँ लग गईं जिससे वे बुरी तरह से घायल हो गए। और बेहोश हो गए।

इसके बाद मेहर सिंह नाम के एक अर्दली (orderly) उन्हें उठाकर एक Australian सर्जन के पास ले गए। लेकिन सर्जन ने उनकी हालत देखकर हाथ खड़े कर दिए तथा उनका इलाज करने से मना कर दिया।

उन्हें 7 गोलियाँ लगी थीं जो उनके फेफड़ों, लिवर, गुर्दे और आंत को बुरी तरह से भेद गई थीं । थोड़ा होश आने पर उस surgeon ने उनसे पूछा कि आपको क्या हुआ है। इस पर Sam Manekshaw शाह ने जवाब दिया कि एक गधे ने उन्हें लात मार दी थी।

वह सर्जन उनके इस मजाक से दंग रह गया। उसने सोचा कि मौत के मुँह में गया यह इंसान अभी भी इतना positive है।

इसके बाद surgeon ने कहा कि आपके जैसा बहादुर इंसान बचाने के लायक है। इसके बाद सर्जन ने उनका इलाज शुरू कर दिया।

कुछ महीनो के बाद Manekshaw फिर से स्वस्थ हो गए। इसके बाद उनकी बहादुरी के लिए उन्हें मिलिट्री क्रॉस दिया गया।

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First war with Pakistan : Sam Bahadur movie Story in Hindi

1947 में भारत का विभाजन हो गया तथा यह भारत और पाकिस्तान नाम के दो मुल्कों में बँट गया। लेकिन तभी पाकिस्तान की आर्मी ने कश्मीर पर हमला कर दिया।

उस समय वहाँ के महाराजा हरि सिंह थे। उन्होंने भारत सरकार से मदद मांगी। भारत के उस समय के डिफेंस मिनिस्टर बीपी मेनन, मानेकशॉ के साथ श्रीनगर का दौरा करने गए।

Manekshaw ने कहा कि जल्दी भारतीय सेना को वहाँ भेजा जाए नहीं तो जम्मू कश्मीर Pakistani कब्जे में आ जाएगा। इसके बाद भारतीय सेना ने आक्रमण किया और पाकिस्तानी आर्मी को खदेड़ दिया।

1952 में उन्हें कर्नल तथा 167 इंफिनिटी ब्रिगेड का कमांडर भी बनाया गया। 1957 में उन्हें ब्रिगेडियर बना दिया गया।

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GOC

1957 में वे लंदन के इंपीरियल डिफेंस कॉलेज में पढ़ाई करने के लिए गए। वहां से वापस आने के बाद उन्हें GOC ( 26th infantry division ) बना दिया गया।

उस समय General Thimyya, COAS (Army Chief) थे। जो कृष्ण मेनन के काफी करीब थे।

साथ ही बृजमोहन कौल Chief Of General Staff (CGS) थे। यह COAS के बाद दूसरा सबसे बड़ा पद था। बृजमोहन कौल, नेहरू और मेनन के बहुत करीब आ गए और खुद को Army Chief से भी ऊपर समझने लगे।

इसलिए बहुत सारे सीनियर army officials ने उनकी निंदा करना शुरू कर दी। Manekshaw भी उनके कड़े आलोचक बन गए। इसलिए कौल ने उन्हें Anti – National घोषित करवा दिया।

उसने उनके खिलाफ कुछ जासूस भेजे तथा कहा कि वे देशद्रोह के मामले में जुड़े हैं। इसलिए उन पर कोर्ट केस चलाया गया।

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China War and COAS

उसी दौरान 1961 में चीन ने भारत पर हमला कर दिया। क्योंकि मानेकशॉ पर उस समय Court Case चल रहा था इसलिए वे इस युद्ध में भाग नहीं ले पाए। भारत यह युद्ध हार गया था।

इस हार की वजह कौल और Menon को बताया गया। तथा उन दोनों को पद से हटा दिया गया।

इसके बाद मानेकशॉ को कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया। नेहरू ने उनसे माफी माँगी तथा उन्हें Eastern Command का GOC बना दिया गया।

1969 में कुमार मंगलम COAS के पद से रिटायर हुए। इसके बाद कुछ विरोध के बाद मानेकशॉ को Army Chief (COAS) बना दिया गया। उनके विरोध की मुख्य वजह उनका पारसी होना था।

लेकिन उनके मुकाबले कोई भी अच्छा कैंडिडेट नहीं था। COAS बनते ही उन्होंने बहुत सारे सुधार किया। उन्होंने घिसे – पिटे आर्मी ट्रेनिंग के प्रोग्राम को बदलकर नए ट्रेनिंग प्रोग्राम लगाए। वे अपने सैनिकों में काफी लोकप्रिय थे।

एक बार की बात है कि उन्हें कहीं एक सैनिक मिला जिसने उन्हें नहीं पहचाना था। उन्होंने उससे पूछा कि क्या आपको अपने Army Chief का नाम पता है।

सैनिक ने जबाब दिया हाँ उनका नाम उनका Sam Bahadur है। तब से Manekshaw का nickname Sam Bahadur ही पड़ गया।

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Second War with Pakistan (1971) – Sam Bahadur story in Hindi

इसके बाद 1971 में पाकिस्तान ने फिर से भारत पर हमला कर दिया। उस समय भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी। जब उन्होंने Sam Manekshaw से पूछा कि क्या आप इस बार जीत सकते हो तो उन्होंने कहा कि अभी उनकी सारी army इधर – उधर बिजी है।

लेकिन अगर आप मुझे फ्री होल्ड दें तो मैं आपको जितवा सकता हूँ। इस पर इंदिरा गांधी ने कहा, जो भी कर सकते हैं कीजिए। आप पूरी तरह से आजाद हैं।

उस समय पूर्वी पाकिस्तान (आज का बंग्लादेश) एक अलग देश की माँग कर रहा था। उनकी मुक्तिवाहिनी सेना पाकिस्तानी सेना के विरुद्ध लड़ रही थी। उस समय पाकिस्तान सेना ने उन लोगों पर बहुत जुल्म ढाये थे। जिनमें लाखों महिलों के साथ बलात्कार भी शामिल है।

Manekshaw ने इस स्तिथि का फायदा उठाया। उन्होंने मुक्ति वाहिनी सेना को ट्रेनिंग दी। साथ ही उन्हें हथियार और गोला बारूद आदि भी दिए गए।

इसके बाद भारतीय सेना तथा मुक्ति – वाहिनी ने मिलकर पाकिस्तान पर हमला कर दिया। तथा उन्हें हरा दिया।

इसके बाद बंग्लादेश एक आजाद देश बन गया। भारत के जनरल जगजीत अरोड़ा तथा पाकिस्तान के जनरल नियाजी ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।

इस युद्ध में भारतीय सेना ने 94000 पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बना लिया था। लेकिन Sam bahadur ने उनसे बहुत ही मानवता पूर्ण व्यवहार किया। उन्हें खाने – पीने का अच्छी सुविधा दी तथा उन्हें कुरान दिए गए। साथ ही उन्हें घर से आ रहे पार्सल भी पहुँचाये गए।

( यही कारण है कि पाकिस्तान को भारत के अभिनंदन के साथ भी अच्छा व्यवहार करना पड़ा था।)

युद्ध के बाद इंदिरा गांधी ने Sam Bahadur को फील्ड मार्शल बना दिया।

Sam Bahadur Story in Hindi

वे भारतीय सेना में अनेक योगदान देते हुए 1972 में रिटायर हो गए। भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें पद्म – विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया। Sam Bahadur को अपने जीवन काल में और भी तरह-तरह के सम्मान प्राप्त हुए थे।

सन 2008 में जब Sam bahadur Manekshaw, 94 साल के थे तो तमिलनाडु (वेलिंगटन) के मिलिट्री अस्पताल में निमोनिया की वजह से उनकी मृत्यु हो गई। उन्हें तमिलनाडु में ऊटी के पास एक पारसी सिमेट्री में उनकी पत्नी के बगल में दफना दिया गया।

16 दिसंबर को भारत में, पाकिस्तान पर मिली जीत के उपलक्ष्य में विजय दिवस मनाया जाता है तथा Sam Bahadur Manekshaw की वीरता को याद किया जाता है।

समाप्त।

दोस्तो, यह थी सैम बहादुर फिल्म की पूरी कहानी (Sam Bahadur story in Hindi)। उम्मीद है आपको मेरा प्रयास अच्छा लगा होगा। नीचे Comment करके अपनी प्रतिक्रिया दें। धन्यवाद।

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