Bhoot Ki Kahani – 100 डरावनी कहानियाँ

भूत की कहानी (Bhoot Ki Kahani): कहानियाँ तरह – तरह की होती हैं। लेकिन भूतों की कहानी लोगों को सबसे ज्यादा पसंद आती हैं। क्योंकि इन कहानियों को पढ़कर लोगों को डर का एहसास होता है। साथ ही उन्हें Adrenaline Rush भी मिलता है।

इसके अलावा हम सबको पैरानॉर्मल (paranormal) घटनाओं को जानने की भी तीव्र इच्छा रहती है। भूत की कहानी पढ़कर हमारे जहन में रोमांच, सनसनी, हैरत और भय आदि के emotions पैदा होते हैं। जो हमें एक अलग ही तरह का आनंद प्रदान करते हैं।

आगे इस पोस्ट में रोंगटे खड़े कर देने वाली 100 से भी ज्यादा भूत की कहानियाँ (Bhoot Ki Kahani) दी गयी हैं। उम्मीद है आपको पसंद आएँगी। तो आइये पढ़ते हैं।

Bhoot Ki Kahani
Bhoot Ki Kahani

1. छलावा – भूत की कहानी

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में रझूं नाम का एक गांव था। वहाँ एक बार, एक आदमी रात के समय काम से वापस लौट रहा था। रास्ते में एक कसाई ने एक बकरा काटा हुआ था।

उस आदमी ने सोचा कि आज मैं डिनर में बकरे का माँस बनाऊँगा। यही सोचकर उसने कसाई से कहा कि मुझे भी एक किलो बकरे का माँस दे दो।

लेकिन कसाई ने कहा कि बाकी मीट तो खत्म हो गया है। बस बकरे का सिर ही बचा है। यह सुनकर आदमी ने कहा कि कोई बात नहीं मुझे यह सिर ही दे दो।

कसाई पैसे लेता है और उसे वह सिर दे देता है। वह आदमी उस सिर को अपने साफे में लपेटता है और उसे अपने कंधे पर लाद कर चल देता है।

रास्ते में एक शमशान पड़ता है। वह व्यक्ति उस शमशान को लाँघकर आगे बढ़ जाता है। लेकिन तभी अचानक से उसकी पीठ पर रखा हुआ बकरे का सिर मिमयाने लगता है।

बकरे के कटे सिर को मैं – मैं करता सुनकर वह आदमी कुछ घबरा जाता है। लेकिन उसने ऐसी घटनाओं के बारे में सुन रखा था। (Bhoot Ki Kahani Hindi me).


वह समझ गया कि शमशान से गुजरते हुए कोई भूत इस बकरे से चिपट गया है। और अब वह छलावा कर रहा है।

अगर उसने जरा भी डर दिखाया तो उसकी मौत हो सकती है।

तभी उसे उसके दोस्त द्वारा बताया गया एक टोटका याद आता है। वह एक मंत्र पढता है और उस बकरे के सिर को जीभ से चाटकर जूठा कर देता है।

ऐसा करते ही बकरे से चिपटा हुआ भूत भाग जाता है। और बकरे से “मैं – मैं” की आवाज आना बंद हो जाती है।

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2. पीपल का पेड़

एक बार में अपने दादाजी के साथ बाजार गया हुआ था। वहाँ हम सामान आदि खरीदते हैं। लेकिन वहाँ हमें काफी टाइम लग जाता है। और घर लौटते हुए रात के 9:00 बज जाते हैं।

जब हम घर वापस लौट रहे थे तो रास्ते में हमें हमारे ही गांव में रहने वाला एक तांत्रिक मिलता है। वह भी घर लौट रहा था। इसलिए हम तीनों साथ ही घर जाने लगते हैं।

हमारे रास्ते में एक शमशान पड़ता था। हम बातें करते हुए उस शमशान घाट को क्रॉस करने लगते हैं। जैसे ही हम श्मशान के बीच में पहुँचते हैं तो देखते हैं कि वहाँ मौजूद पीपल का पेड़ एकदम से उल्टा हो चुका था।

उसकी पूरी शाखाएँ धरती की तरफ थीं जबकि उसकी जड़ें आसमान की तरफ थीं। वह पीपल का पेड़ हमारा रास्ता रोक रहा था।

यह देखकर डर के मारे मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे। तभी दादाजी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और कहा घबराओ मत।

फिर तांत्रिक ने हमें बताया कि यह एक छलावा है। शमशान घाट में भूत – प्रेत इस तरह की हरकतें करके लोगों को डराने की कोशिश करते हैं। कुछ लोगों को डर के मारे हार्ट – अटैक भी आ जाता है। इसलिए बिलकुल भी डरना मत। (Khofnaak Bhoot ki kahani).

तभी तांत्रिक अपनी जेब से एक लोहे की कील निकालता है। फिर वह कोई मंत्र पढता है और उस कील को एक पत्थर लेकर पीपल के तने में ठोंक देता है।

इतना करते ही पीपल का पेड़ फिर से अपनी जगह पर सीधा हो जाता है। इसके बाद हम वापस घर आ जाते हैं। लेकिन यह घटना आज भी मेरे बदन में सिहरन पैदा कर देती है।

3. Kota P. G
(Bhoot Ki Kahani)

एक बार सूरज नाम का लड़का इंदौर से राजस्थान के कोटा में आईआईटी (IIT- JEE) की कोचिंग लेने आता है। उसके माता-पिता उसे Golden Eagle नाम के PG में एक रूम दिलवा देते हैं। इसके बाद वे वापस चले जाते हैं और सूरज भी अपनी कोचिंग में व्यस्त हो जाता है।

धीरे -धीरे एक हफ्ता बीत जाता है और सब कुछ ठीक चल रहा था।

एक रात सूरज अपने कमरे में पढ़ाई कर रहा था। उस समय रात के 2:00 बज रहे थे। तभी सूरज को लगता है कि बाथरूम में कोई रो रहा है।

वह थोड़ा घबरा जाता है। लेकिन फिर वह सोचता है कि शायद बगल वाले कमरे का Bunty नाम का लड़का होगा। उसका टेस्ट ठीक नहीं गया था और शायद वह उससे मिलने आया था।

सूरज उठकर बाथरूम की तरफ जाता है और दरवाजा खोल देता है। लेकिन जैसे ही वह अंदर देखता है उसकी चीख निकल जाती है।

Horror story – Bhoot ki kahani

बाथरूम की छत से एक लड़के की लाश, फंदे पर झूल रही थी। यह देखकर बदहवास हो चुका सूरज चीखता हुआ कमरे से भाग जाता है।

फिर वह नीचे जाकर Caretaker को यह सब बताता है। केयरटेकर और कुछ लड़के सूरज के कमरे में आते हैं और बाथरूम को अच्छे से चेक करते हैं। लेकिन वहाँ कुछ भी नहीं था।

इसके बाद सूरज उस कमरे में नहीं जाता बल्कि एक दूसरे लड़के के कमरे में रात गुजारता है। वहाँ एक लड़का सूरज को बताता है कि 3 साल पहले उस कमरे में एक लड़के ने आत्महत्या कर ली थी। और शायद वह एक हांटेड (haunted) कमरा है।

अगले दिन सूरज अपने माता-पिता को फोन करके यह सब बताता है। उसके माता-पिता वापस आते हैं और Caretaker को यह बात छुपाने के लिए खूब खरी – खोटी सुनाते हैं।

इसके बाद वे सूरज को एक नए P.G में शिफ्ट कर देते हैं।

4. दरहा भूत

दिशा नाम की 16 साल की लड़की अपने माता-पिता के साथ रहती थी। वह देखने में बहुत खूबसूरत थी और पढ़ाई – लिखाई में भी बहुत तेज थी।

लेकिन उनके पड़ोस में मालती नाम की एक बहुत ही ईर्ष्यालु औरत रहती थी। वह दिशा और उसके परिवार से बहुत ईर्ष्या करती थी।

एक दिन दिशा 9th के फाइनल एग्जाम में पूरी क्लास में टॉप करती है। उसके माता-पिता पड़ोसियों को मिठाई बाँटते हैं। वे दिशा से कहते हैं कि मालती आंटी को भी मिठाई दे आओ।

यह सुनकर दिशा मिठाई का डिब्बा लेकर मालती के यहाँ जाती है और कहती है कि आंटी में फर्स्ट आई हूँ, आप मिठाई ले लो।

यह सुनकर मालती को बहुत जलन होने लगती है। उसकी अपनी बेटी केवल पासिंग मार्क्स लेकर पास हुई थी।

बहरहाल, मालती दिशा को बधाई देती है और कहती है कि बेटा बैठो, मैं तुम्हारे लिए चाय लाती हूँ।

Best Bhoot ki kahani

इसके बाद मालती किचन में जाकर चाय बनाती है और दिशा को भी एक प्याली चाय देती है। चाय पीकर दिशा अपने घर चली जाती है।

आधी रात के वक्त दिशा के माँ – बाप को उसके कमरे से शोर -शराबे की आवाजे आती हैं। वे भाग कर दिशा के कमरे में जाते हैं। लेकिन अंदर का नजारा देखकर उनके होश उड़ जाते हैं।

सारे कमरे का सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा था। और दिशा फर्श पर बैठी हुई अपने सिर को जोर-जोर से हिला रही थी। उसके बाल बिखरे हुए थे। और आंखें तीन गुना बड़ी लग रही थीं।

उसके चेहरा बिल्कुल लाल हो चुका था और वह किसी जानवर की तरह गुर्रा रही थी। उसके मुंह से झाग भी निकल रहा था।

दिशा के माता-पिता जल्दी से उसे एक डॉक्टर के पास ले जाते हैं। लेकिन सारे टेस्ट करने के बावजूद भी डॉक्टर को पता नहीं चलता कि दिशा को क्या हुआ है। लेकिन वह कुछ दवाईयाँ देकर उन्हें घर जाने को कहता है।

तभी वहाँ पर एक औरत उनसे कहती है कि इस लड़की पर किसी ने ऊपरी बाधा की है। आप इसे किसी तांत्रिक के पास ले जाइए।

यह सुनकर दिशा के मां-बाप उसे एक तांत्रिक के पास ले जाते हैं। वहाँ तांत्रिक अपनी तंत्र – क्रिया करता है। वह उन्हें बताता है कि किसी डायन ने इस लड़की पर अपना दरहा भूत छोड़ा है। और उसी भूत ने दिशा को अपने काबू में कर रखा है।

इसके बाद तांत्रिक जादू मंत्र करके उस भूत को एक बोतल में कैद कर लेता है। फिर शमशान जाकर उसे वहाँ की धरती में गाड़ देता है।

ऐसा करते ही दिशा बिलकुल ठीक हो जाती है। लेकिन उन्हें पता चलता है कि पड़ोस की मालती आंटी को लकवा मार गया था। और वह अस्पताल में भर्ती थी।

5. ठक – ठक

विशाल बहुत खुश था। वह एक Bank PO (Probation Officer) बन गया था और उसकी पोस्टिंग बेलगाम के पास एक ग्रामीण बैंक में हुई था।

वह रहने के लिए उसी गाँव में एक मकान किराए पर ले लेता है। उस गाँव की आबादी बहुत कम थी। और मकान भी दूर -दूर बने हुए थे।

मकान देते हुए मकान – मालिक विशाल को बताता है कि अगर रात को 12:00 बजे कोई तुम्हारी खिड़की पर ठक- ठक करे तो दरवाजा बिलकुल भी मत खोलना।

विशाल पूछता है कि ठक – ठक कौन करता है। लेकिन मकान -मालिक कहता है कि उसे नहीं पता। मगर जिसने भी कभी खिड़की खोल कर उसे देखा है वह जिन्दा नहीं बचा है।

विशाल को इन सब अंधविश्वासों में कोई विश्वास नहीं था। लेकिन वह मकान -मालिक से बहस करना उचित नहीं समझता। इसलिए “ठीक है” बोल कर वहाँ रहने लगता है।

एक रात विशाल घर पर सोया हुआ था। तभी रात के 12:00 बजे उसे खिड़की पर ठक -ठक की आवाज सुनाई देती है। इससे उसकी नींद टूट जाती है। और उसे अपने मकान -मालिक की बातें याद आती है।

हालाँकि उसे पैरानॉर्मल में कोई विश्वास नहीं था लेकिन गहरी नींद में होने की वजह से वह खिड़की नहीं खोलता। और कुछ देर बाद वह आवाज बंद भी हो जाती है।

Daravni Bhoot Ki Kahani – Thak Thak

लेकिन इसके बाद हर तीसरे दिन खिड़की पर ठक -ठक की आवाज आने लगती है। इससे विशाल की नींद हर बार टूट जाती थी।

एक बार विशाल सोचता है कि जरूर कोई लोगों को डराने के लिए Prank करता होगा। अगर वह उसे पकड़ कर लोगों के सामने ले जाए तो सबका अन्धविश्वास भी दूर हो जायेगा। और रोज -रोज की ठक -ठक से भी मुक्ति मिल जाएगी।

इसलिए अगली रात को जब ठक -ठक की आवाज आती है तो विशाल खिड़की खोल देता है। लेकिन जब वह सामने देखता है तो भय से उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

एक सिर कटा आदमी काले घोड़े पर बैठा हुआ था। उसके हाथ में एक जलती हुई मशाल भी थी।

तभी सिरकटा मशाल को विशाल के घर पर फेंक देता है। इससे पूरे घर में आग लग जाती है।

विशाल घर से बाहर जाने की कोशिश करता है लेकिन घर का कोई भी दरवाजा नहीं खुलता। सुबह तक सारा घर विशाल सहित जलकर राख हो चुका था।

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6. चिता (Bhoot Ki Kahani)

पुनीत और वासु दो दोस्त थे। एक रात 12:00 बजे वे दोनों शमशान घाट की तरफ घूमने जाते हैं। वहाँ वे एक जगह जाकर बैठ जाते हैं और सिगरेट जलाकर कुछ बातें करने लगते हैं।

काफी बातें करने के बाद पुनीत कहता है कि बहुत टाइम हो गया है और उन्हें अब चलना चाहिए।

तभी वासु वहाँ पड़ी दो लकड़ियाँ उठा लेता है और कहता है कि रात को घर में आग जलाएगा । लेकिन पुनीत कहता है कि यह तो शमशान घाट की लकड़ी है। इसे घर ले जाना ठीक नहीं है। इससे कोई भूत – वाधा हो सकती है।

लेकिन वासु कहता है कि तुम कौन सी सदी में जी रहे हो। ये साइंस का जमाना है और भूत – प्रेत कुछ नहीं होते।

इसके बाद दोनों अपने – अपने घर चले जाते हैं।

रात को वासु सोया हुआ था। लेकिन करीब 2:00 बजे उसे अपना दम घुटता सा लगता है और उसकी आँख खुल जाती है।

वह देखता है कि सारे कमरे में धुआँ भरा हुआ था। और उसी की वजह से उसका दम घुट रहा था।

तभी वासु को शरीर में कुछ चुभने का भी एहसास होता है। वह अपने पलंग की तरफ देखता है और उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

Bhoot ki Kahani – Chita

दरअसल वह पलंग की जगह चिता पर लेटा हुआ था। और उसी चिता से धुआँ निकल रहा था।

वासु जल्दी से उठता है और चिता से कूद कर अपने घर से बाहर चला जाता है। वह पुनीत को फ़ोन करके बुलाता है और उसे सब कुछ बताता है। पुनीत उसे अपने घर ले जाता है।

अगले दिन वे एक पंडित के पास जाकर कुछ हवन पाठ करवाते हैं। इसके बाद से वासु को भूत -प्रेत में विश्वास हो जाता है।

7. शादी

संचित की शादी में काफी मुश्किलें आ रही थीं। इसलिए उसने शादी मेट्रोमोनियल पर अपनी प्रोफाइल बना ली।

एक दिन उसे कनिका नाम की लड़की का मैसेज आता है। इसके बाद वे दोनों phone पर बातें करने लगते हैं। दोनों को एक दूसरे की सोच काफी अच्छी लगती है।

एक दिन वे दोनों एक रेस्टोरेंट में मिलते हैं और खाना खाते हैं। वे एक दूसरे को पसंद करते हैं तथा शादी का मन बना लेते हैं। फिर एक दिन वे Court में जाकर शादी कर लेते हैं।

संचित और कनिका का शादीशुदा जीवन काफी अच्छा चल रहा था। लेकिन धीरे-धीरे संचित देखता है कि कनिका का व्यवहार कुछ अजीब सा होने लगा था।

वह रात को अचानक से गायब हो जाती थी। इसके बाद संचित बीमार भी रहने लगता है। उसे भयंकर सपने भी आने लगते हैं।

एक रात संचित की आँख अचानक से खुल जाती है। वह देखता है कि कनिका बिस्तर पर नहीं थी। तभी उसे फर्श पर किसी के पैरों के निशान दिखते हैं जो दूसरे कमरे में एक अलमारी की तरफ जा रहे थे।

वह उन निशानों के पीछे -पीछे उस अलमारी तक जाता है। और उसका दरवाजा खोल देता है।

संचित देखता है कि कनिका वहाँ बैठी हुई थी। लेकिन उसके सारे शरीर पर पर (feathers) लगे हुए थे। उसे देखकर वह एक चील में बदल जाती है।

फिर वह संचित पर झपट्टा मारकर उसे नोचने की कोशिश करती है। लेकिन संचित किसी तरह से बच जाता है। और चील वहाँ से भाग जाती है।

इसके बाद संचित एक तांत्रिक के पास जाता है और अपनी कहानी बताता है। तांत्रिक बताता है कि इस दुनिया में हमारे बीच चर्माचर (Skinwalker) भी रहते हैं। वे बहुत तरह के भेष बदल सकते हैं तथा दूसरों की उम्र चुराते रहते हैं।

संचित को समय रहते कनिका की असलियत पता चल गयी अन्यथा बहुत जल्दी उसकी मृत्यु भी हो सकती थी।

8. Mobile (Bhoot ki kahani)

शिवम नाम के लड़के को एक बार एक जंगल में एक मोबाइल मिलता है। वह उसे देखकर बहुत खुश होता है। यह काफी महंगा मोबाइल था।

शिवम मोबाइल लेकर घर आ जाता है। वह सोचता है कि अगले दिन वह एक नयी सिम लेगा और उस मोबाइल में डाल कर उसका इस्तेमाल करना शुरू करेगा।

रात को शिवम सो जाता है। लेकिन आधी रात को उसकी नींद टूट जाती है। वह देखता है कि मोबाइल की घंटी बज रही थी। यह देखकर वह हैरान हो जाता है। क्युँकि उस मोबाइल में कोई SIM नहीं थी। फिर घण्टी कैसे बज सकती थी।

शिवम मोबाइल को हाथ में ले लेता है। वह देखता है कि मोबाइल की स्क्रीन पर एक लड़की सिर झुका कर बैठी हुई थी।

उसने सफेद कपड़े पहने हुए थे। तथा बाल बिखरे हुए थे। अचानक से वह लड़की शिवम की तरफ देखती है।
और कहती है – हैल्लो शिवम। लेकिन शिवम के होश उड़ चुके थे। वह लड़की नहीं बल्कि एक चुड़ैल थी।

फिर वह लड़की कहती है कि तुम मेरा मोबाइल यहाँ क्यों लाये। मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरी हत्या कर दी थी। और यह मोबाइल उस जंगल में गिर गया था।

अब तक शिवम के हाथ बुरी तरह से काँप रहे थे। लेकिन वह मोबाइल को छोड़ नहीं पा रहा था।

तभी लड़की अपने हाथ मोबाइल से निकालती है और शिवम की गर्दन पकड़ लेती है। फिर वह उसका गला घोंट कर उसे मार डालती है।

9. Secondhand Car

अमर बेहद खुश था। आखिर उसने अपने लिए सेकंड – हैंड कार खरीद ली थी। अब वह पूरे देश में घूम पायेगा।

एक दिन अमर उस कार में मनाली के लिए निकल पड़ता है। रास्ते में वह एक जगह कार खड़ी कर देता है। क्योंकि वहाँ का दृश्य बहुत ही लुभावना था।

फिर वह पहाड़ी के पास जाकर वहाँ के फोटोस खींचने लगता है। लेकिन तभी कार अपने -आप ही स्टार्ट हो जाती है।
इंजन की आवाज सुनकर अमर कार की तरफ मुड़ता है। और उसे फूल स्पीड में अपनी तरफ आता देख हैरान रह जाता है।

साथ ही अमर देखता है कि ड्राइविंग सीट पर सफेद धुँए की बनी अजीब सी आकृति बैठी हुई थी। वह एक लड़की लग रही थी। (Bhoot pret kee kahani).

जल्दी ही कार अमर के बिलकुल पास पहुँच जाती है। लेकिन इससे पहले कि कार उसे टक्कर मार कर पहाड़ी से नीचे गिराती, वह कूद कर एक तरफ हट जाता है।

लेकिन कार नीचे खाई में गिर जाती है और उसमें ब्लास्ट हो जाता है। यह सब देखकर अमर बहुत हैरान था और कार के नष्ट हो जाने की वजह से बहुत दुखी भी था।

अगले दिन अमर कार डीलर के पास जाता है और सारी घटना के बारे में बताता है। डीलर कहता है कि उसने अफवाह सुनी थी कि उस कार में एक लड़की की उसके बॉयफ्रेंड ने गला घोंटकर हत्या कर दी थी।

अमर गुस्से से कहता है कि तुमने यह सब मुझे पहले क्यों नहीं बताया।

लेकिन डीलर कहता है कि उसे भूत -प्रेतों में विश्वास नहीं था। मगर अब अमर को शुक्र मनाना चाहिए कि उसकी जान बच गयी है। साथ ही इन्शुरन्स की वजह से उसे पैसे तो मिल ही जायेंगे।

10. खूबसूरत

अतुल नाम का लड़का घूमने फिरने का बहुत ही शौकीन था। एक बार वह छत्तीसगढ़ के एक गांव में घूमने जाता है। जंगल में घूमते हुए उसे एक लड़की मिलती है। वह लड़की बहुत ही सुंदर थी।

अतुल उस लड़की से बातें करने लगता है। लड़की भी काफी खुले विचारों की थी। बातों ही बातों में वे एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो जाते हैं।

इसके बाद अतुल कहता है कि उसने गावं में एक घर को किराए पर ले रखा है। अगर तुम चाहो तो आज रात को वहाँ रुक सकती हो। लड़की इसके लिए तैयार हो जाती है।

फिर अतुल उस लड़की को अपने साथ घर ले जाता है। वहाँ वे दोनों काफी मौज – मस्ती करते हैं। और रात को शारीरिक संबंध बना लेते हैं। (Ghost story in Hindi).

सुबह के 6:00 बजे अतुल की नींद खुलती है। उसे बहुत थकान महसूस हो रही थी। वह देखता है कि वह लड़की bed पर नहीं थी।

फिर वह उठकर बाथरूम की तरफ जाता है। उस लगता है कि उसके घुटनों में भी बहुत दर्द हो रहा था। जैसे ही वह बाथरूम में पहुँचकर शीशे में अपना चेहरा देखता है तो उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

उसके बाल सफेद हो चुके थे। और उसके चेहरे पर झुर्रियां पड़ चुकी थी। उसके घुटनों में भी घटिया का दर्द हो रहा था। वह सिर्फ पच्चीस साल का था लेकिन अब वह 60 साल का लग रहा था।

उसकी आँखों में आँसू आ गए और वह सोचने लगा कि आखिर वह लड़की कौन सा शैतानी जीव थी जो उसकी जवानी चुरा कर ले गयी।

Note: अगली दस कहानियाँ काले जादू और तंत्र विद्या पर आधारित हैं।

11. मारण

संजय अपनी पत्नी सीमा के साथ सुख पूर्वक रहता था। उसका बिज़नेस काफी अच्छा चल रहा था। लेकिन उनके पड़ोस में निशा नाम की एक औरत रहती थी। वह सीमा की दोस्त थी।

एक दिन बातों – बातों में सीमा निशा को बताती है कि वे नई फैक्ट्री लगाने जा रहे हैं। इससे उनका बिजनेस और भी फैल जाएगा।

इस बात को सुनकर निशा को बहुत जलन होती है। एक दिन वह एक तांत्रिक के पास जाती है। और उसे बहुत सारे पैसे देकर कहती है कि संजय को कष्ट पहुंचाओ। तांत्रिक इसके लिए राजी हो जाता है। वह संजय पर मारण मंत्र का प्रयोग कर देता है।

इसके बाद संजय को तरह-तरह की बीमारियाँ लग जाती हैं। वह हमेशा बिस्तर पर ही पड़ा रहता था। धीरे-धीरे उसका बिज़नेस खराब होने लगता है। (Bhoot ki kahaniyan).

एक दिन निशा की माँ उनसे मिलने आती है। वह निशा से कहती है कि संजय को किसी अच्छे तांत्रिक को दिखाओ।

निशा उनकी बात मानकर एक तांत्रिक को घर ले लाती है। तांत्रिक निशा को बताता है कि संजय पर किसी ने मारण मंत्र का प्रयोग किया है।

फिर वह एक तांत्रिक विधि – विधान करता है। इससे संजय ठीक हो जाता है। तांत्रिक संजय को सलाह देता है कि हमेशा हनुमान चालीसा का पाठ किया करे।

12. मोहन – बाण

अमित नाम का युवक अभी हाल में ही अपनी पत्नी संजना के साथ अल्मोड़ा शिफ्ट हुआ था। वह बिजली के कार्यालय में एक सहायक अभियंता था और उसकी पोस्टिंग यहाँ हो गयी थी।

वे वहाँ एक किराए के मकान में रहने लगते हैं। उनके पड़ोस में दीक्षा नाम की एक औरत भी रहती थी। उसकी अपने पति से तलाक हो चुका था। तथा गाँव में उसकी रेपुटेशन अच्छी नहीं थी।

एक दिन दीक्षा की नजर अमित पर पड़ती है। अमित देखने में बहुत ही हैंडसम था। उसे देखते ही दीक्षा उस पर मोहित हो जाती है। वह हर कीमत पर उसे हासिल करना चाहती थी।

वास्तव में दीक्षा एक डायन थी। तथा उसने डाकिनी साधना की हुई थी। रात को वह एक काला जादू करती है। और अमित पर मोहन बाण छोड़ देती है।

इसके बाद अमित अचानक से अपनी पत्नी संजना के साथ झगड़ा करने लगता है। धीरे-धीरे यह उसका रोज का काम हो जाता है। कई बार तो वह संजना पर हाथ भी उठा देता था।

संजना को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर अमित को अचानक से ये क्या हो गया है।

एक दिन अमित घर पर अकेला था। तभी दीक्षा चीनी लेने के बहाने आती है और अमित से चिकनी -चुपड़ी बातें करने लगती है। अमित उस पर मोहित हो जाता है और इन दोनों का लव अफेयर शुरू हो जाता है।

एक दिन संजना, पार्क में अमित और दीक्षा को एक साथ आलिंगन करते हुए देख लेती है। यह देखकर उसे बहुत धक्का लगता है। और वह रोने लगती है।

Mohan Baan – Bhoot Ki Kahani

घर पर वह अमित को समझाने की कोशिश करती है। लेकिन अमित कुछ भी सुनने को तैयार नहीं था। वह कहता है कि तुम मुझे तलाक दे दो। लेकिन संजना दुखी होकर अपने माता -पिता के घर चली जाती है।

इसके बाद अमित दीक्षा के घर में शिफ्ट हो जाता है और उसके साथ ही रहने लगता है। ऐसे ही दो-तीन साल बीत जाते हैं। धीरे-धीरे दीक्षा का मन अमित से भर जाता है। और एक दिन वह उसे अपने घर से निकाल देती है।

अब तक अमित बुरी तरह से बीमार हो चुका था। वह गहरे डिप्रेशन में भी था। वह जिंदगी में नितांत अकेला हो गया था। उसे कभी समझ में नहीं आया कि आखिर उसकी खुशहाल जिंदगी में एकदम से यह सब क्या हो गया।

13. स्तम्भन (Bhoot ki Kahani)

अनुराग बहुत खुश था। दरअसल उसने अपने गाँव में Soap बनाने का कारखाना लगाया था। और इसके लिए उसका मुद्रा लोन अप्रूव हो गया था। अब उसका बिजनेस अच्छे से फल -फूल सकता था।

उसके घर पर भी सभी लोग खुश थे। लेकिन उनके परिवार का चाची से साथ झगड़ा रहता था। जब चाची को पता चलता है कि अनुराग को मुद्रा लोन मिल गया है तो उसके कलेजे पर साँप लोटने लगता है।

एक दिन अनुराग घर पर अकेला था। तभी चाची वहाँ आती है और अनुराग से कहती है कि बेटा आओ मैंने मीट बना रखा है। तुम भी आकर खा लो। कहाँ खुद लंच बनाने लगोगे।

अनुराग को चाची का इस तरह से उसे इनवाइट करना कुछ अजीब सा लगा। क्योंकि पिछले ही हफ्ते उन लोगों की बहस हुई थी। और आज तक चाची ने उनसे बात तक नहीं की थी।

लेकिन उम्र का लिहाज करके अनुराग खाना खाने चला जाता है। घर पर चाची उसे चावल और मीट परोसती है। अनुराग खाना खाता है और चाची से कहता है कि मीट बहुत टेस्टी बना है। इसके बाद अनुराग घर चला जाता है।

वास्तव में चाची ने अनुराग को उल्लू का मीट खिला दिया था। उसने पहले ही एक तांत्रिक को बुलाकर उस माँस पर स्तंभन नामक काला जादू करवा दिया था।

Stambhan – Bhoot Ki Kahani

इसके बाद तो अनुराग और परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है। अनुराग एकदम से अपाहिज की तरह हो जाता है। उसका दिमाग काम करना बंद कर देता है। उसकी गर्दन उल्लू की तरह धँस जाती है और चेहरा एक तरफ लटक जाता है।

वह सारा दिन कुर्सी पर ही बैठा रहता है और फैक्ट्री ही बंद हो गयी थी।

उसकी यह हालत देखकर उसके माँ-बाप बहुत परेशान हो जाते हैं। वे उसे बहुत से डॉक्टरों को दिखाते हैं। लेकिन कोई भी दवा काम नहीं करती।

एक दिन पड़ोस के एक वृद्ध आदमी आते हैं और अनुराग को देखकर कहते हैं कि इस लड़के पर किसी ने काला जादू किया है।

फिर वे उन्हें एक सिद्ध बाबा का पता बताते हैं और कहते हैं कि इस बच्चे को वहाँ ले जाओ। उसके माँ-बाप अनुराग को वहाँ ले जाते हैं।
वहाँ पर सिद्ध – बाबा 21 दिन की तंत्र – क्रिया शुरू कर देते हैं। अंतिम दिन वे अनुराग को एक बूटी खिलाते हैं।

इसके बाद अनुराग को बहुत सी उल्टियाँ होती हैं। और उसके पेट से काला पदार्थ निकलता है।

इसके बाद अनुराग धीरे-धीरे ठीक होने लगता है। लेकिन उधर पता चलता है कि उसकी चाची को कैंसर की बीमारी हो गयी है। फिर वह बहुत सालों तक उस बीमारी से लड़ती रहती है।

14. उच्चाटन

साजिद नाम का लड़का हरियाणा का रहने वाला था। वह पढ़ने में बहुत होशियार था। कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद वह दिल्ली के मुखर्जी नगर से UPSC की कोचिंग लेना शुरू कर देता है।

घर पर उसकी माँ अपनी गाँव की एक सहेली रैना को बताती है कि उसका बेटा साजिद UPSC की तैयारी कर रहा है। यह सुनकर रैना को बहुत ज्यादा जलन महसूस होती है। उसे लगता है कि इसका बेटा बड़ा अफसर बन जायेगा। और यह उस पर धौंस जमायेगी।

एक दिन दिवाली के समय साजिद घर आता है। तभी रैना मिठाई लेकर आती है और साजिद से कहती है कि लो बेटा यह दिवाली का प्रसाद है खा लो। साजिद सीधा-साधा लड़का था वह उस मिठाई खा लेता है।

लेकिन रैना ने एक तांत्रिक से वह मिठाई बनवाई थी। और उसमें उच्चाटन तंत्र करवा दिया था। जिससे व्यक्ति का मन किसी चीज से उचाट हो जाता है ।

Best Bhoot ki kahani – Ucchatan

छुट्टियाँ के बाद साजिद वापस दिल्ली चला जाता है। लेकिन इसके बाद उसका मन पढ़ाई में बिल्कुल भी नहीं लगता था। उसे Teacher का पढ़ाया कुछ भी समझ नहीं आता था।

उसने क्लास में जाना भी छोड़ दिया और सारा दिन मोबाइल पर वीडियो गेम आदि खेलता रहता था। साथ ही वह लड़की के चक्कर में भी पड़ गया था।

जब पहला UPSC exam होता है तो वह उसमें फेल हो जाता है। घर पर उसके माँ-बाप भी बहुत परेशान हो जाते हैं।

एक दिन साजिद की दादी उसके हाव -भाव देखकर भाँप जाती है की उसके पोते पर काले जादू का साया है।

उनके कहने पर साजिद के माता -पिता उसे एक तांत्रिक के पास ले जाते हैं। वह तांत्रिक अपनी तंत्र विद्या के द्वारा उस पर किया गया उच्चाटन काट देता है।

इससे साजिद का मन फिर से पढ़ाई – लिखाई में रम जाता है। और अगली बार उसका UPSC क्लियर हो जाता है।

15. वशीकरण (Bhoot Ki Kahani)

आरव और मेधा की नई-नई शादी हुई थी। दोनों अपनी शादीशुदा जिंदगी से काफी खुश थे। दोनों नौकरी पेशा भी थे और एक कंपनी में काम करते थे।

एक दिन आरव के कॉलेज का दोस्त संजीव उससे मिलने शहर आता है। वास्तव में वह वहाँ एक इंटरव्यू देने आया था और उसे रहने के लिए ठिकाना चाहिए था।

आरव ने कहा था कि वह उसके यहाँ रुक सकता है। जब संजीव की नजर मेधा पर पड़ती है तो वह उस पर मोहित हो जाता है। वह हर हाल में उसे पाना चाहता था। लेकिन मेधा को उसकी नीयत अच्छी नहीं लगती है। और वह यह बात आरव को भी बताती है।

लेकिन आरव कहता है कि शायद तुम्हें कोई भ्रम हुआ है। संजीव ऐसा नहीं है।

अगले दिन संजीव वहाँ से चला जाता है। लेकिन वह अपनी जान -पहचान के एक तांत्रिक के पास जाता है और कहता है कि उसे एक औरत का वशीकरण करवाना है। वह तांत्रिक को बहुत सारा पैसा देता है और तांत्रिक इसके लिए तैयार हो जाता है।

Horror Stories – Bhoot ki kahani

इसके बाद तांत्रिक कहता है कि उस लड़की का कोई कपड़ा दो। संजीव पहले ही मेधा का रुमाल चुरा कर ले आया था। वह रुमाल तांत्रिक को दे देता है। इसके बाद तांत्रिक वशीकरण मंत्र का प्रयोग कर देता है।

फिर वह रुमाल को जलाकर उसकी राख संजीव को दे देता है। वह संजीव से कहता है कि इस राख को किसी चीज में मिलाकर उस लड़की को पिला देना। इसके बाद वह लड़की हमेशा के लिए तुम्हारे वश में हो जाएगी।

एक दिन संजीव फिर से आरव के घर जाता है। उस समय मेधा घर पर अकेली थी। शिष्टाचार के नाते वह संजीव के लिए चाय लाती है।

लेकिन संजीव कहता है कि उसे थोड़ा पानी चाहिए। मेधा पानी लेने किचन में जाती है। पीछे से संजीव मेधा की चाय में वह राख घोल देता है। जब मेधा आती है तो वह अपनी चाय पी लेती है।

इसके बाद संजीव चला जाता है लेकिन रात को मेधा खुद उसे फोन करती है। वह कहती है कि संजीव उसे बहुत अच्छा लगता है।

यह सुनकर संजीव बहुत खुश होता है। उसे लगता है कि वशीकरण ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। फिर वह मेधा से कहता है कि अगले दिन मुझे लोटस होटल में आकर मिले। और साथ में एक लाख रूपया भी लाये।

मेधा अगले दिन संजीव से मिलने चली जाती है। वहाँ संजीव उसके साथ सहवास करता है। और उसके लाये पैसे भी ले लेता है।

अब संजीव और मेधा हर हफ्ते होटल में मिलते थे और संजीव मेधा से बहुत सारे पैसे ले लेता था। धीरे-धीरे आरव को इस बात की भनक लग जाती है।

वह मेधा को बहुत डाँटता है और कहता है कि आज के बाद संजीव से कभी मत मिलना। लेकिन मेधा उसकी बात नहीं सुनती और कहती है कि उसे संजीव पसंद है।

यह सुनकर आरव को बहुत हैरानी होती है। वह सोचता है कि पहले तो मेधा संजीव को बहुत बुरा – भला कहती थी। अचानक से उसे क्या हो गया है।

एक दिन आरव जाकर संजीव को बहुत मारता है और कहता है कि आगे से मेधा से मिला तो अपने दोस्तों को लेकर आएगा। और उसे जान से मार देंगे।

इसके बाद संजीव मेधा को फ़ोन करके कहता है कि अपने पति को चाय में जहर पिला कर मार डालो। यह सुनकर मेधा चाय बनाती है और उसमें जहर मिला देती है। जब आरव घर आता है तो वह उसे चाय पिला देती है।

चाय पीते ही आरव दर्द से तड़पने लगता है और जल्दी ही उसकी मृत्यु हो जाती है। इसके बाद पुलिस छानबीन करती है और मेधा को आरव की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया जाता है।

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16. कच्चा कलुआ

शैलेंद्र अपनी पत्नी प्रेरणा के साथ रहता था। उनकी शादी के 2 साल हो चुके थे। एक दिन शैलेंद्र ऑफिस से घर आता है। तभी प्रेरणा उसे खुशखबरी देती है कि वह गर्भवती है। यह सुनकर शैलेंद्र बहुत खुश होता है।

उनके पड़ोस में प्रभा नाम की एक औरत भी रहती थी। वह एक डायन थी। वह किसी को भी खुश नहीं देखना चाहती थी। जब उसे पता चलता है कि प्रेरणा गर्भवती हो गई है तो वह बहुत दुखी हो जाती है।

वह सोचती है कि अब शैलेंद्र और प्रेरणा के घर में बहुत खुशियाँ हो जाएँगी। और वह यह सब कैसे बर्दाश्त कर पायेगी। इसलिए वह रात को एक तंत्र क्रिया करती है। और प्रेरणा के पीछे कच्चा – कलवा लगा देती है।

इसके बाद प्रेरणा को रात को बहुत ही बुरे – बुरे सपने आने लगते हैं। तथा वह हमेशा रात को चीख मार कर उठ जाती थी।

शैलेंद्र उसे बहुत सारे Psychologists के पास लेकर जाता है। लेकिन प्रेरणा को कोई आराम नहीं मिलता।

एक दिन प्रेरणा रात को सोई हुई थी। तभी उसे लगता है कि एक बच्चे जैसा दिखने वाला भूत उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को खा रहा है। इससे उसकी आंख खुल जाती है।

Short Bhoot ki kahani

तभी वह देखती है कि उसकी टाँगों से खून निकल रहा है। वह जल्दी से शैलेंद्र को जगाती है और इसके बाद दोनों हॉस्पिटल चले जाते हैं। वहाँ डॉक्टर उन्हें बताते हैं कि प्रेरणा को गर्भपात हो गया है। इससे दोनों पति -पत्नी दुःख में डूब जाते हैं।

अगले दिन प्रेरणा की माँ उससे मिलने आती है। वह अपने तजुर्बे से समझ जाती है कि किसी ने प्रेरणा पर काला – जादू किया गया है।

फिर वह एक तांत्रिक को बुलाती है और प्रेरणा का तांत्रिक इलाज शुरू करवाती है। वह तांत्रिक काफी विद्वान था और उसने कई सिद्धियाँ प्राप्त की हुई थीं।

वह जान जाता है कि प्रेरणा पर कच्चा – कलवा छोड़ा गया है और वह उसकी काट जानता था। वह पूरे विधि -विधान से अपनी तंत्र क्रिया करता है और कच्चा -कलवा को वहाँ से भगाने में सफल रहता है।

इसके बाद कच्चा – कलवा जाकर प्रभा को ही अपना शिकार बना लेता है और एक दिन हार्ट – अटैक से प्रभा की मृत्यु हो जाती है।

17. मुठकरनी

कुणाल और वरुण दो अच्छे दोस्त थे। वे दोनों मिलकर एक कंपनी शुरू करते हैं। एक दिन उनकी कंपनी में एक बेहद खूसूरत सिया नाम की लड़की जॉइन करती है। वे दोनों उसके प्यार में पड़ जाते हैं। लेकिन लड़की वरुण को पसंद कर लेती है। इससे कुणाल को वरुण से चिढ़ मच जाती है।

धीरे-धीरे उन दोनों में झगडे भी होने लगते हैं। वे दोनों एक दूसरे के फैसलों की निंदा किया करते थे। एक दिन वरुण कहता है कि सिया को भी कंपनी का पार्टनर बनाया जाए। लेकिन कुणाल कहता है कि सिया सिर्फ एक employee है उसे पार्टनर कैसे बनाया जा सकता है।

लेकिन वरुण इस बात पर अड़ जाता है। इस सब से कुणाल बहुत तंग आ चुका था। और तभी वह एक गलत फैसला ले लेता है।

वह एक तांत्रिक के पास जाता है। और उससे कहता है कि उसे एक व्यक्ति की हत्या करवानी है। तांत्रिक कहता है कि इसके लिए बहुत पैसा लगेगा। वरुण पूरा पैसा देने के लिए तैयार हो जाता है।

इसके बाद तांत्रिक वरुण पर मुठकर्णी विद्या का प्रयोग करना शुरू कर देता है।

Bhoot ki kahani in Hindi

वह एक थाली में एक अभिमंत्रित चाकू रखता है। तथा शाकिनी को मुर्गे का कच्चा माँस चढ़ाता है। प्रक्रिया पूरी होते ही अचानक से चाकू हवा में उड़ने लगता है और गायब हो जाता है।

तांत्रिक कुणाल को बताता है कि यह चाकू सीधे जाकर वरुण के दिल को चीर देगा।

उधर वरुण कंपनी के दरवाजे पर खड़ा किसी से बात कर रहा था। तभी वह अपने दिल को पकड़ लेता है और दर्द के मारे जोर-जोर से चीखने लगता है। थोड़ी देर में ही वह तड़प-तरह कर दम तोड़ देता है।

लेकिन कुछ लोग उसे अस्पताल ले जाते हैं। वहाँ डॉक्टर कहते हैं कि वरुण की हार्ट अटैक से मृत्यु हो चुकी है।

कुछ महीने बीत जाने के बाद कुणाल सिया से कहता है कि मैं तुमसे शादी करना चाहता है। सिया मान जाती है और एक दिन वे दोनों शादी कर लेते हैं।

18. Mayong (Bhoot Ki Kahani)

गौरव नाम का लड़का एक बार असम घूमने गया हुआ था। वहाँ उसे पता चलता है कि मायोंग नाम का गाँव काले जादू के लिए बहुत प्रसिद्ध है।

इससे उसके मन में बहुत उत्सुकता जागती है। वो खुद अपनी आंखों से उस गाँव और वहाँ के काले जादू को देखना चाहता था।

इसलिए अगले दिन एक टैक्सी लेकर वह मायोंग गाँव पहुँच जाता है। गाँव में घूमते हुए उसे एक लड़की मिलती है। वह देखने में बहुत ही सुंदर थी।

गौरव उससे पूछता है कि क्या वह काला जादू जानती है। लड़की कहती है कि हाँ वह जानती है और उस गाँव के अधिकतर लोग भी इसे जानते हैं।

Mayong Village – Bhoot ki kahani

गौरव उससे विनती करता है कि क्या वह उसे काला जादू दिखा सकती है। लड़की इसके लिए मान जाती है। गौरव यह सुनकर खुश हो जाता है और फिर उस लड़की के साथ उसके घर चला जाता है।

रात को वह लड़की काला जादू शुरू करती है। वह एक मंत्र पढ़कर गौरव के ऊपर कुछ फूल फेंकती है और उसे बकरा बना देती है।


गौरव डर के मारे मिमियाने लगता है। तभी वह देखता है कि वह लड़की वास्तव में एक गन्दी दिखने वाली बूढी औरत थी।

अगले दिन वह बूढी औरत बकरा बन चुके गौरव को ले जाकर एक कसाई को बेच देती है। गौरव अपनी मौत का इन्तजार करते हुए बेबसी के आँसू बहाने लगता है।

19. डायन

यह कहानी छत्तीसगढ़ के छोटे से कस्बे की है। नेहा नाम की एक औरत अपने 12 साल के बेटे अर्जुन के साथ हाल में ही वहाँ शिफ्ट हुई थी।

वह वहाँ एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती थी। एक दिन नेहा देखती है कि किसी ने उसके घर के बाहर कूड़ा फेंक दिया है। वह अपनी पड़ोसी के यहाँ जाकर उससे कहती है कि आपने यहाँ कूड़ा क्यों फेंका है। उस औरत का नाम श्रद्धा था। वह कहती है कि उसने कूड़ा नहीं फेंका है।

लेकिन नेहा कहती है कि तुम झूठ बोल रही हो। और कौन यहाँ कूड़ा फेंकेगा। फिर वह उसे धमकी देती है कि अगर तुमने दोबारा ऐसा किया तो वह पुलिस में उसकी रिपोर्ट करवा देगी।

इसके बाद नेहा घर आ जाती है लेकिन वह यह नहीं जानती थी कि श्रद्धा एक डायन थी।

एक दिन नेहा का बेटा अर्जुन घर के बाहर खेल रहा था। तभी श्रद्धा उसे चॉकलेट दिखाकर घर में बुलाती है और उसे चॉक्लेट देती है।

जब अर्जुन चॉक्लेट खा रहा था तभी श्रद्वा काले जादू से अभिमंत्रित तेल उसके सिर में डाल देती है।

इसके बाद वह अर्जुन को घर भेज देती है। जब नेहा घर आती है तो देखती है अर्जुन कहीं भी नहीं था। वह अर्जुन को आवाज लगाती है और हर जगह उसे ढूँढने लगती है।

Bhoot ki kahani – Ghost story

तभी एक पड़ोसी पेड़ की तरफ इशारा करता है। जब नेहा पेड़ की तरफ देखती है तो उसके होश उड़ जाते हैं। अर्जुन पीपल के पेड़ की चोटी पर बैठा हुआ था। और कभी भी नीचे गिर सकता था।

सब लोग हैरान होते हैं कि इतना छोटा लड़का इतने ऊँचे पेड़ पर कैसे चढ़ गया। लेकिन तभी पड़ोस के दो – तीन लोग मिलकर अर्जुन को नीचे उतार लेते हैं।

रात को अर्जुन को अजीब सा दौरा पड़ जाता है। उसके मुँह से झाग निकलने लगता है। नेहा उसे डॉक्टर के पास ले जाती है लेकिन डॉक्टर को समझ नहीं आता कि अर्जुन को क्या हो रहा है। उसका शरीर भी नीला पड़ता जा रहा था।

बहरहाल डॉक्टर कुछ दवाईयाँ देकर अर्जुन को घर भेज देता है। जब नेहा अर्जुन को घर ला रही थी तो वह देखती है कि श्रद्धा उसे देखकर मुस्कुरा रही थी।

यह देखकर नेहा को उस पर बहुत गुस्सा आता है। तभी पड़ोस की एक औरत नेहा को बताती है कि तुम श्रद्धा से बचकर रहना।

नेहा के पूछने पर औरत बताती है कि श्रद्धा से लोग दूर ही रहते हैं। और अफवाह है कि वह एक डायन है। जो भी उससे बहस आदि करता है तो वह उस पर जादू – टोना कर देती है।

अब नेहा को पूरा विश्वास हो गया था कि श्रद्धा ने ही अर्जुन पर कुछ जादू टोना कर दिया है। इसके बाद वह एक तांत्रिक को बुलाती है तथा अर्जुन का इलाज करवाती है। तांत्रिक अपनी तंत्र विद्या से अर्जुन पर किया गया टोटका दूर कर देता है।

लेकिन इसके बाद नेहा उस शहर को छोड़कर दूसरे शहर में शिफ्ट हो जाती है।

20. यक्षिणी (Bhoot ki kahani)

जितेश अपनी पत्नी शोभा से बहुत दुखी था। आए दिन वह घर में क्लेश करती रहती थी। वह उसे ठीक टाइम पर ना तो नाश्ता देती थी ना ही डिनर देती थी। साथ ही बात – बात पर उसकी कमियाँ निकालती रहती थी।

जितेश उसे तलाक लेने को कहता था लेकिन वह तलाक देने को भी राजी नहीं थी। कुल मिलाकर जितेश अपनी शादी -शुदा जिंदगी से बहुत दुखी था।

एक दिन जितेश YouTube पर यक्षिणी साधना के बारे में एक वीडियो देखता है। उसके मन में एक Plan आता है।

वह सोचता है कि वह भी यक्षिणी साधना करेगा। तथा उसे पत्नी के रूप में सिद्ध करेगा। इससे यक्षिणी उसकी पत्नी को मार देगी। और इसके बाद वह बहुत ही सुखपूर्वक जिंदगी बिताएगा।

यह सोचकर वह यक्षिणी साधना शुरू कर देता है। वह रोज रात को 1:00 बजे उठ जाता है। और एक अलग कमरे में जाकर यक्षिणी साधना करने लगता है।

शुरू के दो दिन ठीक बीत जाते हैं। लेकिन तीसरे दिन उसे तरह-तरह की आवाजें आने लगती हैं। इससे वह भयभीत हो जाता है।

Yakshini – Bhoot Ki kahani

लेकिन उसे वीडियो में कही गयी बात याद आती है कि यक्षिणी की साधना अगर बीच में छोड़ दी जाए तो साधक की मृत्यु हो जाती है। इसलिए वह किसी तरह उस दिन की साधना पूरी कर लेता है।

इसके दो दिन बाद वह फिर से साधना कर रहा था। लेकिन तभी उसे लगता है कि उसके पीछे कोई बैठा हुआ है। इससे वह बहुत डर जाता है।

तभी उसकी नजर सामने खिड़की पर पड़ती है। उस खिड़की के काँच में वह उस बला की परछाई देखता है।

वह देखता है कि एक चिम्पैंजी जैसी दिखने वाली औरत उसके पीछे बैठी हुई थी। उसकी तीन आँखे थीं जो बहुत बड़ी और लाल थीं और उसकी जीभ बहुत लम्बी थी।

यह देखकर जितेश का का दिल जोर-जोर से धड़कने लगता है। उसका पूरा शरीर पसीने से भीग जाता है। तभी वह जीव जितेश की गर्दन पर हाथ रख देता है।

अब जितेश अपने डर पर काबू नहीं रख पाता। और वह सामने वाले दरवाजे से होकर वहाँ से भाग जाता है।

अब वह घर के बाहर आ गया था। लेकिन तभी वह जीव उसके सामने आ जाता है और एकदम से उसकी गर्दन मरोड़ कर उसकी हत्या कर देता है। फिर वह धुँआँ बनकर वहाँ से गायब हो जाता है।

समाप्त।

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