Nivesh Kya Hai – What is Investment in Hindi

Nivesh Kya Hai (निवेश क्या है ?) : बहुत से लोग सोचते हैं कि शायद बिज़नेस से ही कोई करोड़पति और अमीर बन सकता है। लेकिन दोस्तो ऐसा नहीं है।


कोई भी व्यक्ति जो जॉब करता है वह अपनी सैलरी से भी अमीर बन सकता है। बशर्ते वह अपनी सैलरी का कुछ भाग निवेश करना शुरू कर दे।

इस पोस्ट में आपको बताया जायेगा कि निवेश क्या है , कितने प्रकार का है , और घर बैठे Apps कि मदद से कैसे करते हैं।

तो आइये पढ़ते हैं।

Nivesh Kya Hai - What is Investment in Hindi
Nivesh Kya Hai

परिभाषा : निवेश क्या है ?

दोस्तो , निवेश का मतलब है अपने पैसों को ऐसी जगह लगाना जिससे वे आपको और ज्यादा Profit या Return बना कर दे।

ज्यादातर लोग शेयर्स, बांड्स, PPF, रियल एस्टेट आदि में अपने पैसों को इन्वेस्ट करते हैं। आगे आपको सारे इन्वेस्टमेंट के sources विस्तार से बताये जायेंगे।

1. Stock Market (स्टॉक मार्केट)

दोस्तो स्टॉक मार्किट पर कम्पनीज के शेयर मिलते हैं। अगर आप किसी कंपनी के शेयर खरीद लेते हैं तो आप भी उस कंपनी में हिस्सेदार हो जाते हैं। (Blog- Nivesh Kya Hai ).

जब कंपनी प्रॉफिट कमाती है तो शेयर का प्राइस बढ़ जाता है। और आपको काफी लाभ होता है।

लेकिन यह रिस्की निवेश है। और बिना जाने आप इसमें निवेश न करें।

पहले इस ब्लॉग पर शेयर से जुड़े सारे आर्टिकल्स पढ़ लें। तभी स्टॉक्स में जाएँ।

अगर आपने एक बार शेयर मार्किट के बारे में सीख लिया तो फिर घर बैठे ही Grow App के जरिये आप शेयर्स खरीद और बेच सकते हैं। (Download Grow App – Click Here ).

पहले की तरह आपको किसी दलाल ( ब्रोकर ) के पीछे नहीं भागना पड़ेगा।

लेकिन शेयर खरीने के लिए आपको उस स्टॉक की सारी Fundamental Analysis करनी पड़ती है।
इसकी डिटेल आपको इस आर्टिकल में मिल जाएगी :

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2. Mutual Funds (म्यूच्यूअल फण्ड)

दोस्तो, अगर आपको शेयर मार्किट से डर लगता है तो आप म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट कर सकते हो। Mutual Fund भी एक तरह से शेयर्स में ही इन्वेस्ट करते हैं।

लेकिन वहाँ पर एक एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC ) होती है। उसके बहुत सारे Analyst होते हैं। जो analysis के बाद आपके पैसे को अच्छे Shares में डालते हैं। (Nivesh Kya Hai in Hindi).

मतलब आपको खुद Analysis नहीं करनी पड़ती।

इससे भी आपको अच्छे Returns मिल जाते हैं। आप Mutual Fund में भी Grow App के जरिये घर बैठे निवेश कर सकते हैं।

इसके बारे में और जानकारी इस पोस्ट से ले सकते हैं :

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3. Bonds (Nivesh Kya Hota Hai )

बांड्स एक तरह के सर्टिफिकेट होते हैं जिन्हे सरकार या कॉर्पोरेट हाउस जारी करते हैं। अगर आप इन्हे खरीदते हैं तो आपको एक निश्चित अवधि में उन पर व्याज मिलता है।

ये सर्टिफिकेट आपको लिखित में इस व्याज की गारंटी देते हैं। जैसे आप दो साल के लिए बांड लेते हैं तो , maturity पर आपको व्याज समेत आपका पैसा मिल जायेगा।

आपके पैसे को सरकार अलग -अलग योजनाओं में लगाती है और वहाँ से भी कमाती है।

4. PPF

PPF का मतलब होता है Public Provident Fund। इसका आप अलग से किसी भी बैंक में PPF Account खुलवा सकते हैं।

PPF account में आप हर साल maximum 1.5 लाख रुपये डाल सकते हैं। ये पैसा 15 साल के लिए ब्लॉक हो जाता है। आप इसे 15 साल के बाद निकालें तो बहुत फायदा होगा।

PPF से आप करोड़पति भी बन सकते हैं। क्युँकि ये आपको compound interest (चक्रविधि व्याज) देता है। जो कोई और निवेशl नहीं देता। FD आदि में आपको केवल simple interest मिलता है।

दूसरा, ये आपको FD से ज्यादा व्याज देता है।

आइये अब compound interest (या compounding ) के बारे में समझते हैं।

मान लीजिये आपने PPF में 1 लाख डाले। और इस पर आपको 10 % की rate से व्याज मिलता है तो एक साल बाद आपका व्याज होगा 10,000 रुपये। इससे आपका टोटल पैसा हो जायेगा 1,10,000 रुपये।

अब अगले साल आपको इस amount पर (1,10,000 ) व्याज लगेगा न कि 1,00,000 पर। ऐसा हर साल होता जायेगा।

इसे ही Compound Interest कहते हैं। (Nivesh Kya Hai – What is Investment in Hindi).

आइये अब देखते हैं कि 15 साल बाद आपको PPF से कितना पैसा मिलेगा:

15 साल तक आप सालाना 1.5 लाख जमा करवाते हैं तो इस से आपकी टोटल इन्वेस्टमेंट हुई = Rs 22,50,000

इस पर आपका व्याज बना = Rs 21 ,10 ,517

तो 15 साल बाद आपको टोटल मिलेगा = 43,60,517 रुपये

मतलब आपका पैसा लगभग डबल हो जायेगा। और इस पैसे पर कोई टैक्स भी नहीं लगता।

अगर आप इसी पैसे को 25 साल तक रखेंगे तो यह 1 करोड़ के ऊपर चला जायेगा। इस तरह PPF से कोई भी करोड़पति बन सकता है।

5. Fixed Deposit (FD) – Nivesh Kya Hai

दूसरा सुरक्षित निवेश है FD यानी Fixed Deposit। बहुत से लोग अपना पैसा savings account में ही पड़ा रहने देते हैं। क्युँकि या तो उन्हें financial समझ नहीं होती या फिर वे आलसी होते हैं।

लेकिन आप कभी भी पैसे savings account में न रखें बल्कि FD करवा दें। सेविंग्स अकाउंट में उतना ही पैसा रखें जितना आप महीने में खर्च करते हैं।

सेविंग्स अकाउंट में आपको सिर्फ 4% व्याज मिलता है जबकि FD में 6 % तक। Senior citizens को तो इससे भी ज्यादा व्याज मिलता है ।

अगर कोई आदमी सेविंग्स अकाउंट में 1 करोड़ रुपये रखता है तो एक साल में उसका व्याज बनेगा 4 लाख। लेकिन उसी पैसे की अगर FD करवा दे तो उसे मिलेंगे 6 लाख।

यानि सीधा -सीधा 2 लाख का अंतर है।

इसलिए फाइनेंस का बेसिक ज्ञान होना बहुत जरुरी है। जो आपको इस ब्लॉग पर मिल जायेगा।

दोस्तों , नेटबैंकिंग के जरिये आप बैंक जाये वगैर घर बैठे ही खुद FD करवा सकते हैं। बैंक की App से भी ऐसा कर सकते हैं।

FD की कोई लिमिट भी नहीं होती है। आप जरुरत के हिसाब से 7 days, 1 month या 5 साल, आदि की FD करवा सकते हैं।

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6. Real Estate (रियल एस्टेट)

Real estate investment का मतलब है property में निवेश। इससे भी आप अच्छी इनकम कमा सकते हैं। आप property खरीद सकते हैं या लीज पर भी ले सकते हैं। (Nivesh Kya Hai – What is Investment in Hindi).

Real estate में लोग तरह -तरह कि प्रॉपर्टीज खरीद सकते हैं जैसे residential homes, commercial buildings, industrial spaces, retail spaces, और जमीन के plot.

रियल एस्टेट में आप निम्न तरीकों से निवेश कर सकते हैं :

i) Rental Properties: आप घर खरीद सकते हैं और उसे रेंट पर चढ़ा सकते हैं। इससे आपको हर महीने रेंट मिलता रहेगा।

ii) Fix and Flip: कुछ लोग पुरानी Buildings सस्ते में खरीद लेते हैं। फिर उन्हें renovate करके महंगे दाम पर बेच देते हैं। इससे भी उन्हें अच्छा फायदा हो जाता है। इसे Fix and Flip कहते हैं।

iii) Real Estate Development: बहुत से बिल्डर या डेवलपर जमीन खरीद कर उस पर building आदि बनाते हैं। फिर उन घरों को लोगों को बेच कर मोटी कमाई करते हैं।

iv) Real Estate Investment Trusts (REITs): अगर आप घर या जमीन आदि नहीं खरीदना चाहते हैं तो REITs के जरिये भी रियल एस्टेट में निवेश कर सकते हैं। ये ऐसी कम्पनीज हैं जो आपके पैसे को Real Estate में लगाते हैं।

प्रॉपर्टी के दाम बढ़ने पर आपको भी अच्छा return मिलता है।

Table – Types of Investment Tools

Investment Methodsनिवेश के प्रकार
1. Stocks (स्टॉक्स)11. Sovereign Gold Bonds (सुवर्ण राजशाही बंड्स)
2. Mutual Funds (म्युच्यूअल फंड्स)12. Corporate Bonds (कॉर्पोरेट बॉन्ड्स)
3. Fixed Deposits (फिक्स्ड डिपॉजिट्स)13. Initial Public Offerings (IPOs) (प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव)
4. Public Provident Fund (PPF) (सार्वजनिक प्रोविडेंट फंड)14. Exchange-Traded Funds (ETFs) (विनिमय व्यापारित निधियां)
5. Savings Account (बचत खाता)15. ULIPs (Unit Linked Insurance Plans) (यूएलआईपी)
6. Real Estate (रियल एस्टेट)16. Systematic Investment Plans (SIPs) (व्यवस्थित निवेश योजनाएं)
7. Gold and Precious Metals (सोना और कीमती धातुएं)17. Post Office Monthly Income Scheme (POMIS) (पोस्ट ऑफिस मासिक आय योजना)
8. Bonds and Debentures (बोंड्स और डिबेंचर्स)18. RBI Savings Bonds (आरबीआई बचत बॉन्ड्स)
9. National Pension System (NPS) (राष्ट्रीय पेंशन योजना)19. Systematic Withdrawal Plans (SWPs) (व्यवस्थित विनिकेशन योजनाएं)
10. Sovereign Bonds (राजशाही बॉन्ड्स)20. Fixed Maturity Plans (FMPs) (निश्चित परिपक्वता योजनाएं)

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7. Gold Investment (Nivesh Kya Hai )

गोल्ड निवेश का एक प्रमुख तरीका है। इसमें आप अपने पैसे को Gold में invest करते हो। सोना एक प्राचीन और मूल्यवान पदार्थ है जो कभी खराब नहीं होता। संसार भर में लोग इसमें निवेश करते हैं। तथा आभूषण आदि खरीदते हैं।

आप निम्न तरीकों से गोल्ड में निवेश कर सकते हैं :

i) Physical Gold: आप अपने पैसों से gold bars, coins या jewelry खरीद सकते हैं। बाद में कीमत बढ़ने पर आप इसे बेच सकते हैं। या इसे गिरबी रखकर आप लोन भी ले सकते हैं।

ii) Gold Exchange-Traded Funds (ETFs): अगर आप सोना नहीं खरीदना चाहते तो Gold ETFs ले सकते हैं। ये बिलकुल mutual फण्ड की तरह होते हैं। लेकिन ETF में आपके पैसे को फण्ड मैनेजर सिर्फ Gold से जुडी companies में लगाते हैं।

गोल्ड ETF आप घर बैठे Grow App से भी खरीद सकते हैं तथा मार्किट आदि में जाने का झंझट भी नहीं करना पड़ेगा। (Article: Nivesh Kya Hai ).

iii) Gold Mutual Funds: आप Gold mutual funds में भी निवेश कर सकते हैं। इसमें सब investor से पैसा लिया जाता है। और फिर उसे गोल्ड से जुडी कम्पनीज में लगाया जाता है जैसे गोल्ड माइनिंग, गोल्ड इम्पोर्ट -एक्सपोर्ट , आदि।

iv) Gold Mining Stocks: आप सीधे gold mining companies के shares भी खरीद सकते हैं।

v) Gold Sovereign Bonds: बहुत बार governments भी gold से जुड़े sovereign bonds जारी करती है। यह एक तरह के ऋण -पत्र हैं।

अगर आप इन बांड्स को खरीदते हैं तो इसका मतलब है सरकार आपसे लोन ले रही है। जैसे -जैसे गोल्ड की कीमत बढ़ेगी आपको उसके हिसाब से व्याज मिलता जायेगा और maturity पर सारी राशि मिल जाएगी।

8. National Pension Scheme (NPS)

The National Pension Scheme (NPS) भारत सरकार की pension योजना है। इसे Pension Fund Regulatory and Development Authority (PFRDA) मैनेज करती है और 2004 में शुरू की गयी थी।

आने वाले सालों में सेंट्रल एम्प्लाइज के लिए पेंशन खत्म कर दी गयी है। उसके बदले NPS लायी गयी है।

इसमें आपको अपनी salary का कुछ भाग हर महीने देना पड़ता है। और 60 साल के बाद आपको हर महीने pension मिला करेगी। Post – Nivesh Kya Hai – What is Investment in Hindi.

इसके 40 % पर कोई टैक्स भी नहीं लगेगा।

NPS के दो स्तर हैं : Tier-I and Tier-II.

Tier-I Account: इस योजना में आप केवल 60 साल के बाद ही पेंशन ले सकते हो।

Tier-II Account: इस योजना में आप कभी भी पैसे निकाल सकते हो। लेकिन उस पर कोई भी टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेगा।

NPS में एक और अच्छी बात यह है कि आप खुद decide कर सकते हो कि जो पैसा आप दे रहे हो वह कहाँ लगेगा।

आपके पास चार option होते हैं – Equity (E), corporate bonds (C), government securities (G) या assets (A). आप सबको भी चुन सकते हैं।

लेकिन अगर आपको ज्यादा ज्ञान नहीं है तो ऑटो मोड भी भी सेलेक्ट कर सकते हो।

आपके द्वारा दिए जा रहे पैसे को Pension Fund Managers (PFMs) सँभालते हैं।

9. सुकन्या समृद्धि योजना

सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक बच्चियों के लिए बचत योजना है। यह योजना 2015 में प्रारंभ हुई थी और इसका उद्देश्य बेटी के भविष्य की आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। (Nivesh Kya Hai – What is Investment ).

इसके मुख्य Points इस प्रकार से हैं :

पात्रता: यह योजना 10 वर्ष से कम आयु की भारतीय बेटियों के लिए है।

खाता खोलने की योग्यता: एक प्रमाणित बैंक या डाक खाता के माध्यम से खाता खोला जा सकता है। संबंधित अभिभावक बालिका का खाता खोल सकते हैं।

निकासी और विवाह: सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश किया गया धन 18 वर्ष पूर्ण करने पर, विवाह या 21 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर निकाला जा सकता है। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज देने पड़ते हैं।

नियमित जमा: सुकन्या समृद्धि योजना में निवेशकों को नियमित रूप से खाते में किश्त जमा करनी होती है। योजना में न्यूनतम निवेश राशि 250 महीना है। निवेशकों को एक वार्षिक प्रीमियम जमा करना होता है ताकि वे नियमित रूप से निवेश करें।

टैक्स लाभ: सुकन्या समृद्धि योजना में आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत Tax में छूट मिलती है। इसके साथ ही, निवेश की ब्याज राशि और निकासी पर भी कोई कर नहीं लगता है।

10. अटल पेंशन योजना (APY)

The Atal Pension Yojana (APY) भारत सरकार की pension scheme है। इसे 2015 में लागू किया गया था। यह उन लोगों के लिए है जिन्हे कोई पेंशन आदि नहीं मिलती है। जैसे ठेलेवाले, मजदूर, प्राइवेट सेक्टरों के एम्प्लाइज आदि।

APY के लिए भारत का नागरिक होना जरुरी है और उसकी आयु 18 and 40 years के बीच होनी चाहिए। नागरिक के पास Bank Account होना चाहिए और उसे दूसरी social security scheme नहीं मिली होनी चाहिए। (Post- Nivesh Kya Hai )

इस योजना में उस व्यक्ति को हर महीने या साल में कुछ पैसे डालने पडते हैं। उसके हिसाब से आगे चलकर उसे हर महीने Rs. 1,000, Rs. 2,000, Rs. 3,000, Rs. 4,000, and Rs. 5,000 मिलते रहेंगे।

11. Angel investment (Nivesh Kya Hai – What is Investment in Hindi)

अगर आपके पास बहुत सा पैसा है तो आप एंजेल इन्वेस्टर भी बन सकते हो। इसमें आप किसी नयी Start – Up को बिज़नेस शुरू करने के लिए पैसे देते हो।

बदले में उस start – up के प्रॉफिट में आपको हिस्सा मिलता है।

कुछ एंजेल इन्वेस्टर पैसे के बदले उस कंपनी के शेयर्स लेते हैं। लेकिन इसके लिए Legal Contracts अदि sign करने पड़ते हैं।

12. Sovereign Gold Bonds (SGBs):

सरकार द्वारा जारी की जाती हैं। ये ऐसे पत्र होते हैं जो गोल्ड के प्राइस के आधार पर आपको दिए जाते हैं । इसमें आपको गोल्ड खरीदने की जरुरत नहीं हैं।

जब Gold की कीमत बढ़ेगी तो इनका रेट भी बढ़ जाता है। साथ ही इसमें आपको सालाना 2.5 % का इंटरेस्ट भी मिलता है। जो सीधा आपके अकाउंट में दिया जाता है।

सरकारी होने के कारण इनमे कोई रिस्क नहीं होता। इन्हे 8 साल तक आप बेच नहीं सकते। लेकिन आठ साल के बाद अगर गोल्ड की कीमत बहुत बढ़ जाती है तो आपको बहुत ज्यादा मुनाफा मिलेगा। साथ ही हर साल व्याज तो मिलेगा ही।

13. Corporate Bonds: Nivesh Kya hai

ये ऐसे पत्र हैं जो कंपनियों द्वारा जारी किये जाते हैं। ये कम्पनीज सरकारी भी हो सकती है और प्राइवेट भी। अगर आप इन्हे खरीदते हैं तो कुछ सालों के लिए ये Lock in पीरियड में रहते हैं।

लेकिन इसमें भी आपको सालाना व्याज मिलता है। और Maturity के बाद आप इन्हे उतने ही दाम पर बेच सकते हैं जितना कि उस समय कंपनी के एक शेयर का मूल्य चल रहा होगा।

साथ ही अगर आप कन्वेटिबले बांड्स लेते हैं तो आप उन्हें शेयर भी भी बदलवा सकते हैं।

14. Initial Public Offerings (IPOs):

जब भी कोई कंपनी शेयर मार्किट या NSE/BSE पर लिस्ट होती है तो अपना IPO निकालती है।

इसमें वह अपनी कंपनी के शेयर्स जनता के सामने रखती है। ताकि वे उन्हें खरीद सकें।

अगर आप इन IPO में इन्वेस्ट करते हैं तो लिस्टिंग के दिन आपको भारी फायदा हो सकता है। लेकिन बहुत रिसर्च के बाद अच्छी कंपनी के आईपीओ में भी इन्वेस्ट करें। क्युँकि बहुत से आईपीओ नुक्सान भी दे सकते हैं।

जैसे Tata Tech का आईपीओ बहुत फायदा देकर गया था लेकिन Paytm के आईपीओ ने निवेशकों को कंगाल भी कर दिया था।

इसलिए पहले सारे जोखिम और गुप्त जानकारी जाँच लें।

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15. Exchange-Traded Funds (ETFs):

ये बिलकुल म्यूच्यूअल फण्ड की तरह होते हैं। लेकिन फर्क यह होता है कि जहाँ म्यूच्यूअल फण्ड को आप किसी AMC (Asset Management Company) के द्वारा खरीदते हैं , ETF को आप सीधे Stock Exchange से खरीद सकते हैं।

भारत में दो स्टॉक एक्सचेंज हैं – NSE (National Stock Exchange, Delhi) और BSE (Bombay Stock Exchange, Mumbai).

इन ETF को आप Grow App के जरिये घर बैठे खरीद सकते हैं। और आपको किसी दलाल की भी जरूरत नहीं पड़ती।

16. ULIPs (Unit Linked Insurance Plans): Nivesh Kya hai

यह एक तरह की Insurance-cum-investment योजना है।

मतलब यह Life Insurance के और म्यूच्यूअल फण्ड का मिश्रण है। इसमें आपके पैसे का एक भाग Insurance को pay किया जाता है और बाकी पैसे को आपके द्वारा चुने गए फण्ड में डाला जाता है।

इसमें भी 5 साल का लोकिन पीरियड होता है। लेकिन साथ ही साथ अगर आपका Mutual Fund बढ़ता है तो आपका पैसा बढ़ता ही जाता है।

इसमें रिस्क यही है कि अगर म्यूच्यूअल फण्ड के भाव गिरते हैं तो आपको नुकसान हो सकता है। इसलिए सोच – समझ कर ही अपने ULIP का चुनाव करें।

समाप्त।

दोस्तो, उम्मीद है इस पोस्ट से आपको पता चल गया होगा कि – निवेश क्या है (What is investment in Hindi)? और निवेश कितने प्रकार का होता है। पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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