Doglapan Book Summary in Hindi

Doglapan Book Summary in Hindi by Ashneer Grover ( दोगलापन की पूरी summary): दोस्तो, अशनीर ग्रोवर भारत के जाने-माने Enterprennur हैं। सबसे पहले उन्होंने अलबिंदर ढींडसा के साथ Grofer नाम की स्टार्टअप शुरू की थी।

उससे निकलने के बाद उन्होंने BharatPe नाम की कंपनी भी शाश्वत नाकरणी के साथ मिलकर शुरू की। जो आज भारत की एक बहुत प्रसिद्ध Unicorn बन चुकी है। यह company डिजिटल पेमेंट तथा छोटे बिज़नेस को Online Loan देने का कार्य करती है।

हाल ही में अशनीर ने अपने अनुभवों के आधार पर दोगलापन नामक किताब लिखी है। आइये इसकी समरी पढ़ते हैं- Doglapan Book Summary in Hindi.

Doglapan Book Summary in Hindi

Doglapan
(Book Summary in Hindi)

इस किताब के सभी 7 Chapters इस प्रकार से हैं। :

1. Don’t Trust People Blindly (कभी किसी पर आँख बंद करके विश्वास मत करो).

2. Don’t Tell Your Secrets (अपने रहस्य किसी को मत बताओ)

3. Spend Time With Experts (विद्वानों के साथ वक़्त बिताओ)

4. Give Preference To Family (परिवार के लोगों को प्राथमिकता दो)

5. Job Can’t Make You Rich (नौकरी किसी को अमीर नहीं बना सकती)

6. Business/Company/Start-up Makes You Rich (बिज़नेस ही आपको जल्दी अमीर बना सकता है)

7. Learn To Delegate (दूसरों को काम सौंपना सीखो)

आइये अब इन सब चैप्टर्स की समरी (Doglapan Book Summary in Hindi) पढ़ते हैं।

1. Don’t Trust People Blindly

जब अशनीर अमेरिकन एक्सप्रेस कंपनी के लिए काम करते थे तो उनकी मुलाकात अलविन्दर ढींढसा से हुई। उस समय अलविन्दर Grofer स्टार्टअप शुरू करने जा रहे थे। (Blog – Doglapan Book Summary in Hindi).

उन्होंने अशनीर से कहा कि मुझे Investors के लिए प्रेजेंटेशन बनाने में मदद करो। अशनीर ने एक बहुत अच्छी प्रेजेंटेशन बनाई और उन्हें Funding मिल गयी।

इससे प्रभावित होकर अलविंदर ने अशनीर से कहा कि आप भी हमारी स्टार्टअप में पार्टनर बन जाओ। लेकिन उस समय अमेरिकन एक्सप्रेस से अशनीर को 80 लाख महीने की सैलरी मिलती थी।

अलविंदर ने कहा कि हम तुम्हें 40 लाख दे सकते हैं और 40 लाख के Grofer के Shares भी देंगे।

इस पर अशनीर ने शर्त रखी कि अगर कंपनी की वैल्यू 8 मिलियन हो जाती है तो उसे 100 करोड दिया जाए। अलविंदर ने यह बात मान ली।

इसके बाद अशनीर ने Grofer के लिए बहुत अच्छे से काम किया। और Grofer आकार में बढ़ती चली गई। अशनीर ने Grofer पर हुए बहुत सारे केस भी लड़े और जीते।

लेकिन अशनीर ने देखा कि कंपनी कुछ बेकार लोगों को भी Hire कर रही थी। और बहुत juniors को अशनीर से भी जयादा salary दी जाती थी।

जब उन्होंने अलबिंदर को इस बाबत कहा तो अरविंदर ने उन्हें जॉब छोड़ देने के लिए कहा। तब कंपनी की वैल्यू 4 मिलियन के लगभग हो चुकी थी। इस तरह से अमीर के 10 करोड बनते थे।

लेकिन अलविंदर ने उन्हें एक करोड़ से भी कम रुपए दिए और उन्हें नौकरी से जाना पड़ा।

तभी से अशनीर ने सीख लिया कि कभी भी किसी पर आँख बंद करके विश्वास नहीं करना चाहिए। और हमेशा लिखित Contract ही sign करना चाहिए।

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2. Don’t Tell Your Secrets


जब अशनीर IIT में पढ़ते थे तो एक बार उन्होंने France की फेलोशिप का notice देखा। केवल 5 बच्चों को ही यह फेलोशिप दी जानी थी। यह बात अशनीर ने बाकी बच्चों को नहीं बताई।

क्योंकि अगर सभी बच्चे apply कर देते तो शायद उन्हें वह फेलोशिप नहीं मिल पाती। इसलिए जिन बच्चों ने उस नोटिस को पढ़ा केवल उन्होंने अप्लाई किया। उनकी संख्या बहुत कम थी इसलिए अशनीर को आराम से फ्रांस की स्कॉलरशिप मिल गई।

स्कॉलरशिप में उन्हें बहुत ज्यादा पैसा भी मिला। और उनकी फीस भारत की फीस के बराबर ही लग रही थी। इससे उन्होंने सारा यूरोप घूम डाला। और वहाँ से काफी इंफॉर्मेशन और ज्ञान भी अर्जित किया।

जिससे उन्हें आगे चलकर अपनी Company बनाने में बहुत ही सहायता मिली। इसलिए अशनीर के मुताबिक हमें किसी को भी अपने Secret नहीं बताने चाहिए।

3. Spend Time With Experts

इस चैप्टर में अशनीर बताते हैं कि हमें कभी भी अपने आपको Perfect और महान नहीं समझना चाहिए। हमें यह बात अच्छे से जान लेनी चाहिए कि हम से ऊपर भी बहुत से लोग हो सकते हैं। और हम दूसरों से भी बहुत कुछ सीख सकते हैं।

जब आप इस Mindset के साथ किसी कंपनी को शुरू करेंगे तो आपको बहुत ज्यादा सफलता मिलेगी। क्योंकि आपका माइंड सेट एक Growth Mindset बना रहेगा। और आप हमेशा दूसरे लोगों से सीखते रहेंगे।

अशनीर जब France गए थे तो उन्होंने वहाँ के लोगों को नजदीक से देखा। उन्होंने देखा कि वहाँ के स्टूडेंट्स बहुत ही discipline में रहते हैं। वे टीचर के lectures को नोट करने के लिए अलग-अलग तरह के पेन का इस्तेमाल करते थे।

इससे उनके नोट्स बहुत ही प्रभावी बनते थे। अशनीर ने भी यही Technique सीखी और बाद में वे भी कलर पेन से अपने Notes बनाने लगे। इससे उनकी Grades में बहुत ज्यादा इजाफा हुआ।

उन्होंने France के लोगों से अनुशासन में रहना भी सीखा। इससे भी उनकी सारी कंपनियां आगे चलकर बहुत ज्यादा सक्सेसफुल हुईं। क्युँकि वे माहिर लोगों से हमेशा कुछ नया सीखते रहते थे।

Note: दोस्तो, इस Blog पर आपको लेटेस्ट Bollywood और Hollywood फिल्म्स की story बेहद आसान भाषा में दी जाती है। आप search में अपनी पसंद की फिल्म ढूँढ सकते हैं।

ब्लॉग का नाम याद रख लें – Hindi Pronotes ताकि फ्यूचर में भी यहाँ आकर रोचक लेख पढ़ सकें।

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4. Give Preference To Family


कुछ लोग अपने काम – धंधे में इतने मशगूल रहते हैं कि वे अपनी फैमिली को ही भूल जाते हैं। लेकिन अशनीर के मुताबिक ऐसा करना गलत है। Doglapan Book Summary in Hindi.

जब आप पर कोई मुसीबत आएगी तो आपका काम नहीं पूछेगा कि आप कैसे हैं। बल्कि आपका कोई फैमिली मेंबर या रिश्तेदार ही आपका हाल-चाल पूछेगा। बुरे वक्त में भी ये लोग ही आपके काम आयेंगे।

बीस साल पुराना दोस्त आपको धोखा दे सकता है। लेकिन आपके फैमिली मेंबर कभी भी आपको धोखा नहीं देंगे। इसलिए अशनीर कहते हैं कि जब आप कोई कंपनी शुरू करें तो उसमें अपने रिश्तेदारों या फैमिली मेंबर्स को भी उचित पोजीशन दें।

इससे आपकी कंपनी कभी भी डूब नहीं सकती। क्योंकि आपकी फैमिली मेंबर्स जी जान से आपकी भलाई के लिए काम करेंगे। और कोई आपकी कंपनी में गलत कार्य कर रहा होगा तो इसका फीडबैक आपको मिलता रहेगा।

अशनीर कहते हैं कि इसीलिए उन्होंने अपनी पत्नी माधुरी को हमेशा अपने बिजनेस में साथ रखा।

भारत में बहुत सारे सफल बिजनेस इसलिए सफल है क्योंकि उन्हें पूरा परिवार मिलकर चलाता है। जैसे हिंदूजा ब्रदर्स या Zerodha के कामत ब्रदर्स आदि ।

इसलिए परिवार बहुत महत्वपूर्ण है।

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5. Job Can’t Make You Rich

अशनीर कहते हैं कि जॉब से आज तक ना कोई रिच बना है ना कभी बनेगा। भारत की मिडिल क्लास फैमिली की यही मानसिकता होती है कि उन्हें कोई सरकारी जॉब मिल जाए।

इसके बाद वे सारी जिंदगी बंधी – बंधाई तनख्वाह पर काम करते हैं। कुछ सालों में थोड़ी बहुत इंक्रीमेंट होती भी है लेकिन फिर भी वह आमदनी किसी आदमी को करोड़पति या अरबपति कभी नहीं बना सकती।

यहां तक कि डॉक्टर की महीने की दो लाख की सैलरी भी अगर आप कैलकुलेट करें तो उसे करोड़पति बनने में काफी सालों लग जाएंगे। तब तक तो डॉक्टर बूढ़ा हो चुका होगा। बुढ़ापे में वह उस पैसे से enjoy ही नहीं कर पायेगा। (Book – Doglapan Summary in Hindi).

इसलिए हमें अपनी सरकारी नौकरी की मानसिकता को बदलना होगा। शुरू में कुछ सालों तक हम नौकरी कर सकते हैं। उससे होने वाली सेविंग से आप कोई छोटा – मोटा बिजनेस आदि करने की भी सोच सकते हैं।

अशनीर कहते हैं कि उन्होंने काफी सालों तक अमेरिकन एक्सप्रेस , पीसी ज्वेलर्स आदि companies में काम किया था। लेकिन Job करते हुए उन्हें पता चला कि इससे वे कभी भी अमीर नहीं बन पाएंगे। इसलिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी। तथा एक Entrepreneur (उद्यमी) बनने की सोची।

6. Business Makes You Rich


अशनीर कहते हैं कि अगर आप Life में आगे बढ़ना चाहते हैं तो आपको कोई बिजनेस कंपनी या स्टार्टअप शुरू करने के बारे में सोचना चाहिए। आज इंटरनेट के माध्यम से आप ऑनलाइन भी अपना छोटा बिजनेस शुरू कर सकते हैं।

शुरू में ब्लॉगिंग , एफिलिएट मार्केटिंग डिजिटल मार्केटिंग, फ्रीलांसर agency आदि जैसे छोटे बिजनेस ऑनलाइन ही शुरु कर सकते हैं।

सबसे पहले आप जॉब के साथ – साथ ही इन चीजों को करें। इससे आपको पता चलेगा कि बिजनेस स्टार्टअप की राह में क्या-क्या Obstacles आते हैं। और उनसे कैसे मानसिक और फिजिकल तौर पर लड़ा जाता है।

इससे आपके अंदर Entrepreneurship की skill पैदा होगी। तथा मुश्किलों का सामना करने का स्टैमिना पैदा होगा। (Article – Doglapan Book Summary in Hindi).

इसके बाद आप एक फिजिकल बिजनेस या company भी शुरू कर सकते हैं।

जब कंपनी या business बड़े हो जाते हैं तो करोड़ों – अरबों में कमाई होती है। और इसी से आदमी नौकरी के मुकाबले जल्दी अमीर बनता है।

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7. Learn To Delegate (Doglapan Book Summary in Hindi)

जब भी हम कोई कंपनी या स्टार्टअप शुरू करते हैं तो हम सारे काम खुद करने लगते हैं। इससे हम मानसिक रूप से बहुत ज्यादा थक जाते हैं। इसे burn-out कहते हैं। इससे हम कुछ भी creative नहीं सोच सकते।

साथ ही किसी मुसीबत से लड़ने की एनर्जी भी नहीं रहती। इससे कंपनी धीरे -धीरे डूबने लगती है।

कई बार तो हम चीजों को माइक्रोमैनेज करने लगते हैं। हमें लगता है कि हर चीज हमें खुद ही करनी चाहिए। लेकिन अशनीर कहते हैं कि हमें अपने Mindset को बदलना होगा।

हमें एक्सपर्ट लोग hire करनी चाहिए। फिर हमें उन पर विश्वास रखना चाहिए। उन्हें काम की पूरी जिम्मेवारी सौंप देनी चाहिए। बीच-बीच में उनसे फीडबैक लेते रहना चाहिए। (Book – Doglapan Book Summary in Hindi).

लेकिन ऐसा नहीं हो कि हमें 24 X 7 उनके साथ बैठकर ही उस काम को करते रहें।

हमें आदमी के टैलेंट को देखकर ही उसे जिम्मेवारी सौंपनी चाहिए। हर व्यक्ति हर चीज में एक्सपर्ट नहीं हो सकता। इसलिए जो जिस काम में एक्सपर्ट है उसे वही काम देना चाहिए।

उदाहरण के लिए Blogging में भी आप चीजों को डेलीगेट कर सकते हो। जैसे अगर आप Content नहीं लिख सकते तो आप फेसबुक या Fiverr आदि से कंटेंट राइटर ले सकते हो।

इसी तरह अगर आपको ब्लॉक डिजाइन करना नहीं आता तो वेब डेवलपर या वेब डिजाइनर की help ले सकते हो।

इसी तरह से हमें चीजों में डेलीगेट करने की आदत डाल लेनी चाहिए।

Note: दोस्तो, अगर आप आप ब्लॉग्गिंग के लिए मेरी consultation भी ले सकते हो। आप मुझे मेल करके सारे questions भेज दीजिये . Email : vismitroy@gmail.com . उन questions के हिसाब से आपको Charge बताया जायेगा। उसकी payment कीजिये और मैं फ़ोन पर आपको guide करूँगा।

समाप्त।

दोस्तो, यह थी अशनीर ग्रोवर की किताब दोगलापन की समरी (Doglapan Book Summary in Hindi). उम्मीद है आपको पसंद आयी होगी।

Note: दोस्तो, आप घर बैठे इस किताब को ऐमज़ॉन से मँगवा सकते हैं –

हिंदी संस्करण (Hindi Version of Doglapan) :

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P.S: अगर फर्राटेदार इंग्लिश बोलने के secret जानना चाहते हैं तो यह पोस्ट जरूर पढ़िए – English Kaise Bole – 3 Secrets .

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4 thoughts on “Doglapan Book Summary in Hindi”

  1. next book, The Art of Public Speaking Paperback – Dale Carnegie

    please arjun sir
    by this we learn how to avoid from public fear

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  2. hello sir please make a book summary on the book “the years of yes” by (shonda rhimes) … this is a very amazing book… please sir

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