Web Series Faadu Story in Hindi

Faadu Story in Hindi – Faadu Webseries की पूरी कहानी

  • Web Series : Faadu (फाडू)
  • Cast : Pavail Gulati, Saiyami Kher
  • Writer: Saumya Joshi
  • Director : Ashwiny Iyer Tiwari
  • Producer : Indranil Chakraborty

Faadu Story in Hindi
Faadu story in Hindi (Image credit- YouTube )

Faadu Story in Hindi – A Web Series

अभय दूबे नाम का लड़का मुंबई में एक slum में रहता था। उसका पिता ऑटो रिक्शा चलता था। और माँ को breast cancer था। साथ ही उसका छोटा भाई Roxy एक शराबी था।

अभय पढ़ाई में बहुत अच्छा था। साथ ही वह एक Poet भी था। और free time में अपनी गरीबी से inspired poems लिखा करता था।

उधर मंजरी नाम की लड़की कोंकण में रहा करती थी। उसके पिता postmaster थे तथा माँ घर संभालती थी।
मंजरी भी कविता लिखा करती थी। तथा Sylvia Plath और फैज़ की बहुत बड़ी फैन थी।

**

स्कूल के बाद अभय और मंजरी मुंबई में एक कॉलेज में एडमिशन लेते हैं। और वहीं उनकी मुलाकात होती है।

मंजरी अभय की ईमानदारी से प्रभावित होती है। और अभय को मंजरी का किसी को भी judge न करने का trait
पसन्द आता है। समय के साथ दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं।

अक्सर अभय और मंजरी एक दूसरे से लिटरेचर, फिलॉसफी और अपने सपने discuss करते रहते हैं।

एक दूसरे को पसंद करने के साथ -साथ दोनों की विचारधारा में अंतर भी था। जहाँ अभय अपनी गरीबी से तंग आकर life में Rich और पावरफुल बनने का सपना देख रहा था। वहीं मंजरी जिंदगी की छोटी -छोटी खुशियों से ही संतुष्ट थी।

इसी कारण दोनों में argument भी होते रहते थे। दोनों अपनी ideology को justify करने की कोशिश करते थे।

**

वक़्त के साथ अभय और मंजरी की शादी हो जाती है। लेकिन अभय अपनी तंगहाल जिंदगी से संतुष्ट नहीं था। और अब भी Life में कुछ बड़ा करना चाहता था।

पैसों की कमी के कारण अभय अपनी माँ का इलाज अच्छे हॉस्पिटल में नहीं करवा पाया। और एक दिन उनकी मृत्यु हो जाती है।

इससे अभय की success पाने की बेताबी और बढ़ जाती है।

**

Faadu Web Series – Complete Story in Hindi

एक बार अभय की नजर Udeshi Industries पर पड़ती है। उसके दिमाग में एक अच्छा बिज़नेस आईडिया होता है। वह सोचता है कि अगर Udeshi Industry के मालिक को वह idea बताये तो इससे वह अमीर बन सकता है।

काफी मुश्किल से आखिर एक दिन वह उदेशी ग्रुप के मालिक अनंत उदेशी से मिलने में कामयाब हो जाता है।

वह उसके सामने अपना idea रखता है। वास्तव में अभय का idea गरीब लोगों को लोन देने का था। क्युंकि अब तक कोई भी बैंक गरीब आदमी को लोन नहीं देता है। अभय के मुताबिक इस idea से दोनों पक्षों का भला हो
सकता था।

अभय यह भी कहता है कि गरीब कभी default नहीं करते। और हमेशा अपना लोन चुका देते हैं।

आखिर अनंत उदेशी अभय के idea से convince हो जाते हैं। और उसे इस project का लीडर बना देते हैं।

अभय को बहुत बड़ा पैकेज मिलता है जिससे रातोंरात उसका financial status बदल जाता है। और अब वह गरीब नहीं रहता।

लेकिन धीरे -धीरे वह काम में इतना मशगूल हो जाता है कि मंजरी को ज्यादा time नहीं दे पाता।
एक दिन वह उससे कहती है कि पहले वे कितनी गहरी बातें करते थे। और वह कितना quality time होता था।

लेकिन अब अभय के अंदर का Poet कहीं खो गया है। उसकी जगह एक materialistic इंसान ने ले ली है।

लेकिन अभय खुद को justify करता है। इससे दोनों में नोंक -झोंक हो जाती है। और मंजरी नाराज होकर अपने पिता के पास कोंकण चली जाती है।

**

उधर अभय के साथ सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन इसके बाद कहानी में Twist आ जाता है। एक दिन अनंत उदेशी का left hand मिश्रा, अभय को अपने ऑफिस में बुलाता है।

वह उसे एक minister Mangesh Mahatre के बारे में बताता है। दरअसल अनंत उदेशी, मंगेश की पार्टी को भारी चंदा देता था। वे सब उसे चीफ मिनिस्टर बनाना चाहते थे। ताकि आगे चलकर बिज़नेस की बड़ी -बड़ी डील्स अपने favour में करवा सकें।

मिश्रा कहता है कि Mangesh Mahatre के साथ एक स्कूल स्कैंडल हो गया है। और उसकी वजह से 6 बच्चों की जान चली गयी है। वैसे तो सारी पुलिस और वकील उनके साथ हैं। लेकिन एक कांस्टेबल अड़ गया है।

उस कांस्टेबल के पास मंगेश महात्रे के खिलाफ सारे सबूत हैं। फिर मिश्रा अभय को बताता है कि वह कांस्टेबल कोई और नहीं बल्कि अभय के बचपन का दोस्त तुकाराम नावलेकर है।

फिर मिश्रा अभय को 60 लाख देता है और कहता है कि तुकाराम के पास जाये और यह पैसे उन बच्चों की family में दस -दस लाख बाँटने को बोले। इससे तुकाराम अपना मुँह बंद कर लेगा।

लेकिन अभय की अंतरात्मा जद्दोजहद करने लगती है। उसे यह काम गलत लगता है लेकिन अपने carrier को आगे बढ़ाने के लिए वह इसके लिए तैयार हो जाता है।

वह पैसे लेकर तुकाराम के पास जाता है। लेकिन तुकाराम आदर्शवादी होता है। वह पैसे नहीं लेता बल्कि मंगेश को उसके गुनाह की सजा दिलवाना चाहता है।

अभय वापस मिश्रा के पास आता है। लेकिन मिश्रा एक और चाल चलता है। वह अभय को 20 लाख रुपये एक आदमी को देने के लिए भेजता है। अभय उस आदमी को पैसे दे देता है।

**

Faadu Story in Hindi A Unique Love Story


लेकिन वह आदमी यह पैसे तुकाराम के घर में रखवा देता है। और वे लोग उसे bribe लेने के केस में फँसा देते हैं। इससे तुकाराम को suspend कर दिया जाता है।

यह सुनकर अभय बहुत गुस्सा होता है। वह मिश्रा के पास जाता है और उसे खरी – खोटी सुनाता है।

वह कहता है कि वह मीडिया के पास जायेगा और सब कुछ बता देगा।

लेकिन तभी मिश्रा उसे एक वीडियो दिखाता है जिसमें वह पैसे लेकर तुकाराम से मिल रहा था। मिश्रा कहता है
कि अगर अभय ऐसा करेगा तो वे उसे भी रिश्वत देने के केस में फँसा देंगे।

और उसे कम से कम दो साल की जेल होगी। इसलिए अपना मुँह बंद रखे।

**
इस सबसे अभय बहुत guilty feel करने लगता है और शराब पीने लगता है। नशे की हालत में वह छत से गिर जाता है और उसे काफी चोटें लगती हैं।

उसे हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया जाता है। मंजरी यह खबर सुनते ही उसके पास आ जाती है।

होश में आने पर वह उसे एक Poem सुनाता है। मंजरी को लगता है कि उसका असली अभय फिर से उसके पास आ रहा है।

वे देर तक बातें करते हैं। अंत में मंजरी कहती है कि उन लोगों से न डरे। अगर उसे दो साल जेल हो भी गयी तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा । कम से कम उसकी आत्मा पर कोई बोझ तो नहीं होगा।

मंजरी की बातों से अभय को नयी प्रेरणा मिलती है। और वह दोषिओं से लड़ने का फैसला करता है।

**
ठीक होने पर अभय, तुकाराम से मिलता है। और उससे बच्चों की हत्या का evidence लेता है। फिर वे कुछ Newspapers के Editors से मिलते हैं और उन्हें evidence दिखाते हैं।

इसके बाद अभय अनंत के पास जाता है। लेकिन वह उसे बताता है कि Newspapers के editors भी उनके लिए काम करते हैं। और उन्होंने सारे evidence डिलीट कर दिए हैं।

तथा अब वह अभय को अरेस्ट करवा कर छोड़ेगा। यह सब जानकार अभय वहाँ से चला जाता है।

उसके जाते ही अनंत उदेशी पुलिसवालों को अभय को अरेस्ट करने को बोल देता है।

**

Web Series Faadu – Story in Hindi

तभी अभय को उसका दोस्त फ़ोन पर बताता है की उसके पिता की मृत्यु हो गयी है। यह सुनकर अभय दुःख से भर जाता है।

एक बार पिता ने अभय से कहा था कि मरने के बाद उनकी राख एक जगह मौजूद बरगद के पेड़ पर चढ़ा दे।
अभय अब पिता की आखिरी इच्छा को पूरा करना चाहता था।

लेकिन पुलिस उसे ढूँढने निकल चुकी थी। और जगह -जगह दबिश दे रही थी।

अभय किसी तरह पिता की राख को बताये गए बरगद के पेड़ पर चढाने में कामयाब होता है।

लेकिन इसके बाद पुलिस वहाँ पहुँच जाती है और उसे अरेस्ट करके जीप में बिठा देती है। मंजरी उससे पूछती है कि अब उसे कैसा लग रहा है।

अभय कहता है – फाडू।

इसके बाद पुलिस उसे ले जाती है।

समाप्त।

दोस्तो यह थी वेब सीरीज फाडू की पूरी कहानी (Faadu Story in Hindi)। उम्मीद है आपको अच्छी लगी होगी। पढ़ने के लिए धन्यवाद।

Read More:

.

Leave a Comment