On the Origin of Species summary in Hindi

Introduction On the Origin of Species summary in Hindi : दोस्तो, Charles Darwin, England के जाने -माने Biologist थे। उन्होंने 21 साल की उम्र में HMS Beagle नामक जहाज द्वारा समुद्री यात्रा की और देश -विदेश से Fossils इक्कठे किये। यह यात्रा पूरे पाँच साल चली (1831 – 1836)।

वापस आकर वे अपनी theory पर काम करने लगे। लेकिन 23 साल बाद ही वे इस पर अपनी किताब पूरी कर पाए। जो बर्ष 1859 में जाकर छपी थी। आगे इस famous किताब की समरी दी है जिसने छपते ही तहलका मचा दिया था। और God के concept को challenge किया था।

Author : Charles Darwin

On the Origin of Species summary in Hindi

On the Origin of Species – Summary in Hindi

इस किताब के कुल 13 Chapters हैं। इन सबकी summary आगे दी गयी है।

Chapter 1

इस Chapter में Darwin ने Artificial Selection के बारे में बताया है। जो इंसान द्वारा की जाती है। सारे का सारा Agriculture और Animal Husbandry इसी पर निर्भर है।

क्युँकि सभी किसान जब किसी Crop का बीज रखते हैं तो वे सबसे अच्छे पौधे का बीज चुनते हैं। जैसे मक्की का बीज रखना हो तो सबसे healthy भुट्टों को ही रखा जायेगा न कि बीमार और पतले भुट्टों को।

ऐसी ही animal husbandry में अच्छी नस्लों की आपस में breeding करवाई जाती है और इससे जो बच्चा उत्पन्न होता है वह ज्यादा दूध या माँस आदि देता है।

इस तरह इंसान अच्छी variations को select कर लेता है।

Darwin ने देखा कि पेड़ -पौधों या जीव -जंतुओं में दो तरह की variations पायी जाती हैं। 1) छोटी – छोटी variations जैसे पक्षियों की चोंच में फर्क।

2) अचानक से आ गयी बड़ी variations जिन्हे sports या monstrosities कहा गया है। जैसे Ancon भेड़ की छोटी टाँगे।

Darwin ने नोटिस किया की evolution के लिए छोटी variations ज्यादा काम आती हैं।

तो दोस्तो, जिस तरह से इंसान Artificial selection करता है उसी तरह Nature भी select करती है जिसे Natural Selection कहा जाता है। इसके बारे में आगे आने वाले Chapters में पढ़ेंगे।

Chapter 2 (On the Origin of Species summary in Hindi)

इस Chapter में Darwin ने species और varieties के बारे में बताया है । Species classification का basic unit है। एक species के प्राणी Structure और Function में एक जैसे होते हैं। और एक दूसरे से mating करके बच्चे पैदा कर सकते हैं।

जैसे Dogs एक species के होते हैं और Wolves दूसरी species के। वे देखने में कुछ हद तक एक जैसे लग सकते हैं। लेकिन फिर भी mating करके Offspring (संतान) पैदा नहीं कर सकते। इसलिए दोनों की species अलग – अलग है।

लेकिन फिर Variety क्या होती है। दो अलग Variety भी mating करके बच्चे पैदा कर सकते हैं। फिर वह species से कैसे अलग है ?

तो species और variety में यही अन्तर है कि जब एक species दो अलग -अलग areas में पायी जाती है तो different climate की वजह से उसके structure में कुछ फर्क आ जाता है। वह देखने में अलग भी लग सकती है। लेकिन फिर भी एक ही species की दो varieties mating से बच्चे पैदा कर सकती हैं।

जैसे धान की तरह -तरह की varieties पायी जाती हैं। और वे Cross – breeding में सक्षम हैं। ज्यादातर plants में ही varieties पायी जाती हैं।

निष्कर्ष यही है कि दो species आपस में mating करके fertile offspring पैदा नहीं कर सकती हैं। लेकिन varieties ऐसा कर सकती हैं।

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Chapter 3

किताब का यह Chapter सबसे important है। और इसी में Natural Selection की theory बताई गयी है जिससे धरती पर सारी Animals और plants आदि की प्रजातियां (species) बनी हैं। स्कूल की books में भी इसी Chapter की summary दी गयी होती है।

तो यह theory इस प्रकार से है।

1) जब Food और दूसरे sources प्रचुर मात्रा में होते हैं तो animals की कोई भी species खूब फलती -फूलती है। और बहुत से बच्चे पैदा करने के कारण उनकी संख्या बढ़ जाती है।

2) Population बढ़ने से competition शुरू हो जाता है। Food, Water, Shelter आदि की कमी हो जाती है। ऐसे में उन animals का survive करना मुश्किल हो जाता है।

3) अब शुरू होता है Natural Selection – ऐसे Animals ही survive कर पाते हैं जिनमें कुछ useful variations होती हैं। इस theory को Alfred Wallace के अनुसार Survival of Fittest बोला गया था। जिसके अनुसार ऐसे Animals ही बच पाते हैं जो fit होते हैं।

जैसे मान लीजिये एक island पर कुछ जिराफ हैं। सबकी गर्दन सामान्य है लेकिन एक की गर्दन बहुत बड़ी है। धीरे -धीरे जिराफों की संख्या बढ़ने लगती है। और वे सभी पौधों को खा जाते हैं। ऐसे में अब सिर्फ वो जिराफ survive कर पायेगा जिसकी गर्दन लम्बी होगी। क्युँकि वह ऊँचे पौधों को खा पायेगा। बाकी भूख से मर जायेंगे । लम्बी गर्दन वाला जिराफ survive कर जायेगा।आगे चलकर उसके बच्चे भी लम्बी गर्दन के हो जायेंगे। जिससे एक नयी species बन जाएगी।

तो दोस्तो, इस केस में nature ने लम्बी गर्दन वाले जिराफ को select किया इसलिए इसे Natural Selection कहा जाता हैं। और इसी process से पुरानी species से नयी species बनती है।

Alfred Wallace ने इस process को Survival of Fittest कहा था। क्युँकि इस केस में लम्बी गर्दन वाला जिराफ मौजूदा परिस्थिति में Fit मन जायेगा। क्युँकि वही ऊँचे पेड़ों के पत्ते खाने में सक्षम होगा।

4) ऐसा भी हो सकता है कि जब लम्बी गर्दन वाला जिराफ दूसरे island पर चला जायेगा तो अपनी एक अलग species बना लेगा। क्युँकि अगर वह किसी छोटी गर्दन वाले जिराफ से mating करेगा तो नयी species नहीं बन पायेगी। क्युँकि trait की mixing हो जाएगी। और उसके बच्चे छोटी गर्दन वाले हो सकते हैं।

इसलिए नई variation वाले जिराफों का अलग होकर mating करना जरुरी है। इसे reproductive isolation भी कहा जाता है। ताकि फिर से trait की mixing न हो जाये।

Chapter 4

इस Chapter में sexual selection के बारे में बताया गया है। Animals में sexual selection पायी जाती है। यानि हर animal अपने लिए एक mating पार्टनर select करता है।

जैसे peacock dance करके मोरनी को attract करने की कोशिश करता है। मोरनी ऐसे peacock को select करती है जिसके पंखों का वितान ज्यादा बड़ा होता है।

ऐसे ही बहुत से पक्षी mating call देते हैं। जिसकी कॉल ज्यादा ऊँची होती है female उसे ही select कर लेती है।

मनुष्य में तो तरह -तरह की sexual selection पायी जाती है। किसी – किसी लड़के को अपने से बड़ी औरतें ही पसंद आती हैं जिसे gerontophilia कहा जाता है। ऐसे ही किसी को बहुत मोटी लड़कियाँ पसंद आती हैं जिसे Chub – chasing कहा जाता है।

ऐसे असंख्य तरह की sexual selections human में पायी जाती हैं।

Chapter 5On the Origin of Species in Hindi

Darwin के सामने सबसे बड़ी समस्या heredity यानि अनुवांशिकता को लेकर आयी थी। Heredity का मतलब है कि parents के traits ( गुण) बच्चों में कैसे आ जाते हैं ?

उस समय DNA और Genes की खोज ही नहीं हुई थी।

ऊपर जिराफ के केस में लम्बी गर्दन वाले जिराफ के बच्चे की गर्दन भी कैसे लम्बी हो सकती है ? Darwin इसे सही से नहीं बता सके थे।

इसलिए उन्होंने Lamarck की theory की सहायता ली। जो कहती है कि organism जिन organs का use करता रहता है वे बड़े हो जाते हैं। जबकि जिनका use नहीं करता वे खो जाते हैं।

Lamarck के अनुसार जिराफ की गर्दन धीरे -धीरे लम्बी हुई थी। क्युँकि वे लगातर ऊँचे पौधों को खाने की कोशिश करते रहे गर्दन के लगातार इस्तेमाल करते रहने से उनकी गर्दन लम्बी हो गयी।

आपने बॉडीबिल्डिंग में भी देखा होगा। Bodybuilders लगातार exercise करते हैं इससे उनके Biceps और Triceps बड़े हो जाते हैं।

लेकिन Lamarckism में भी वही problem थी। इसे यह नहीं बताया जा सकता था कि parents के traits बच्चों में कैसे चले जाते हैं। एक बॉडी – बिल्डर का बेटा क्या बिना exercise के बॉडीबिल्डर बन जायेगा ? ऐसा तो होता नहीं है।

फिर एक लम्बी गर्दन वाले जिराफ के बच्चे की गर्दन कैसे लम्बी हो जाती है ?

लेकिन दोस्तो, आगे चलकर Gregor Mendel ने Heredity के laws दिए थे। जिनसे Darwin की theory को explain किया जा सका। बाद में genes और mutation की खोज होने से evolution का molecular mechanism भी पता चल गया। और अब हम Darwin की theory को Neo – Darwinism के नाम से जानते हैं।

जिसके अनुसार हमारी Genes में mutation होती है। फिर वे genes – Sperm और Ova के जरिये ही बच्चे में जाती है।

जिराफ के केस में भी गर्दन बनाने वाली genes में कुछ mutation हो गयी होगी जिससे उसकी गर्दन लम्बी हो गयी। अब ये genes Sperm के जरिये उसके बच्चों में भी चली गयी और उनकी गर्दन भी लम्बी हो जाएगी।

तो इस तरह से Darwin की theory को explain किया जा सका और वह ठीक सिद्ध हुई।

The Third Chimpanzee summary In Hindi

Chapter 6

इस Chapter में Darwin ने theory को मिलने वाले criticism के बारे में लिखा है। उन्होंने पहले ही अनुमान लगा लिया था कि लोग इस theory को तरह -तरह से criticize करेंगे और तरह – तरह के सवाल करेंगे। लेकिन Darwin ने पहले ही future में उठने वाले संभावित सवालों का उत्तर दे दिया था।

सबसे पहला सवाल Intermediate Forms को लेकर है। इसके अनुसार सारी species की केवल complete form क्यों मौजूद हैं। और उनके बीच की forms कहाँ हैं।

क्युँकि Darwin की theory तो यही कहती है कि एक species से दूसरी बनी है। तो जब reptiles से birds बने तो उन दोनों के बीच की form कहाँ है ? जैसे Crocoduck के बारे में आपने सुना होगा।

Crocoduck वाली intermediate form nature में क्यों नहीं पायी जाती। Crocoduck ऐसी species होगी जिसका head crocodile जैसा होगा और body duck जैसी। क्युँकि crocodile से ही पक्षी बने हैं तो एकदम से तो नहीं बन गए होंगे। बीच में दूसरी intermediate forms भी बनी होंगी।

ऐसे ही Chimpanzee से जब आदमी बना तो एकदम तो नहीं बना होगा। ऐसा आदमी भी तो होगा जो कुछ आदमी दिखता होगा और कुछ Chimpanzee । तो वो intermediate form कहा हैं ?

लेकिन इसके जवाब में यह कहा जा सकता है कि 60 साल का आदमी भी कभी 13 साल का था। लेकिन वक़्त के साथ 13 साल वाली शक्ल – सूरत क्या बदल नहीं जाएगी ? ऐसे ही species ने अपना रूप बदला होगा। क्युँकि evolution कोई एक -दो साल में नहीं बल्कि Million Years में हुआ है।

Chapter 7On the Origin of Species Hindi summary

इस Chapter में Darwin ने instincts के बारे में बताया है। दोस्तो, Animals में तरह -तरह की instinct पायी जाती है।

उनमें इतना दिमाग और intelligence नहीं होती। लेकिन फिर भी instinct बहुत ही हैरान कर देती हैं।

जैसे आपने देखा होगा चिड़िया ऐसा घोंसला बनाती है कि इंसान कभी नहीं बना सकता। जबकि इंसान में कहीं ज्यादा intelligence है। तो इसी को instinct कहते हैं।

ऐसे ही instinct के हजारों examples हैं। जैसे कोयल हमेशा अपना अंडा कौए के घोंसले में रख देती है। क्युँकि उसमें ऐसी instinct ही develop हुई है।

मछली के बच्चे पैदा होते ही बिना किसी training के तैरने लगते हैं।

Honeybee हमेशा छत्ते में hexagonal cells ही बनाती है। उसने तो कभी geometry पढ़ी ही नहीं होती है। न उसके पास कोई tools होते हैं। फिर भी सारे cells hexagonal बनते हैं। क्युँकि उसके अंदर ऐसे ही instinct वाली genes होती हैं।

कुछ ants aphids को slave बना कर रखती हैं। यह भी instinct का ही example है। अन्यथा उनमें मनुष्य जितना दिमाग नहीं होता।

तो इस तरह से Animals में तरह -तरह की instinct evolve हुई हैं। उनमें ज्यादा intelligence न होने के बाबजूद वे कुछ कामों को इंसानों से अच्छा कर लेते हैं।

Instinct की तुलना हम computer के प्रोग्राम से कर सकते हैं। अगर आप addition का प्रोग्राम कंप्यूटर को देंगे उसके बाद वह बड़ी -बड़ी रकमों को भी seconds में जोड़ कर बता देगा। जबकि कंप्यूटर देखा जाये तो मृत है। लेकिन इस केस में जीवित इंसान से भी fast काम कर रहा है।

आज की तारीख में हम जानते हैं कि DNA ही वह प्रोग्राम है जिससे Nature ने animals में instinct डाल दी है। अगर हमारे अंदर चिड़िया की nest बनाने की genes डाल दीं जाएँ तो हम भी वैसा ही घोंसला बना सकते हैं। लेकिन ऐसा करना practically शायद possible नहीं है।

Chapter 8

इस Chapter में Darwin ने hybrids के बारे में बताया है। Species के concept के अनुसार दो species mate करके fertile hybrid नहीं बना सकतीं।

पहले तो दो species आपस में mate ही नहीं करतीं। जैसे कुत्ता और बिल्ली एक दूसरे से mate नहीं कर
सकते। इसके कई कारण हैं। दोनों का size और behavior का different है। साथ ही दोनों के DNA में भी difference है।

लेकिन कुछ species mating करती तो हैं लेकिन उनका बच्चा sterile होता है। यानि वह आगे बच्चा पैदा नहीं कर सकता।

जैसे घोड़ी और गधे के संसर्ग से खच्चर (mule ) पैदा होती है और वह बच्चा पैदा करने में सक्षम नहीं होती।

लेकिन पेड़ -पौधों में दो अलग -अलग varieties की mating से fertile संताने उत्पन्न हो सकती हैं। और इस तरह से बहुत सी crops की नयी -नयी varieties भी पैदा की गयी हैं।

Chapter 9

इस Chapter में Darwin ने बताया है कि evolution को prove करने में सबसे बड़ी बाधा imperfect Fossil record की वजह से आती है। क्युँकि हर species का Fossil record नहीं मिल पाता है।

किसी भी animal का Fossil बनना एक संयोग की बात है। किसी – किसी animal का ही Fossil record पाया गया है। और उसी से धरती की History के बारे में जानने की कोशिश की जाती है।

Species बनने के साथ -साथ धरती की physical forms भी बदलती रही हैं। कभी पहाड़ बने तो कभी सागर। धरती के टुकड़े टूटने से ही सारे continents भी बने हैं। लेकिन Geological record भी ठीक से दर्ज नहीं हो पाए हैं।

इन सब की वजह से complete timeline बना पाना मुश्किल होता है। और कौन सी species exactly कब बनी ये बताना भी मुश्किल है।

Chapter 10 (Book On the Origin of Species summary in Hindi)

इस Chapter में फिर से fossils के बारे में बताया गया है। Darwin ने पाँच साल तक लगातार समुद्री यात्रा की थी। और अलग -अलग continents से तरह -तरह के fossils जुटाए थे।

वे कहते हैं कि सभी fossils को जब Time wise arrange किया गया तो ऐसा लगा जैसे एक species से दूसरी उत्पन्न हुई हो। लेकिन descend (आगे आने वाली) होने वाली species पहली से ज्यादा complex हो गयी थी। उसमें तरह -तरह की modifications आ गयी थीं। इसे ही Descent With Modification कहा जाता है। जो evolution की सिंपल परिभाषा भी है।

इस तरह देखा जाये तो मछली से amphibians ( frog आदि) बने। फिर उनसे Reptile ( सांप , lizards , crocodile आदि) बने और फिर उनसे पक्षी और आगे चलकर mammals evolve हुए। इसलिए सब Animals का ancestor (पूर्वज) एक ही है। वे सब उससे ही derive हुए हैं।

Chapter 11

इस Chapter में Biogeography को discuss किया गया है। जिसका मतलब है world के different continents में different Animals और Plants की study ।

हर continent के Animals different होते हैं। जैसे कंगारू, koala आदि animals केवल ऑस्ट्रेलिया में ही मिलते हैं।

इसकी वजह Geographical Barriers (रुकावटें) होते हैं। Barriers तरह -तरह के हो सकते हैं जैसे Ocean, Mountain, Volcano आदि।

जैसे मान लीजिये कुछ animals किसी बहते हुए पेड़ के द्वारा किसी दूसरे आइलैंड पर चले जाएँ तो वे मुख्य continents से अलग हो जायेंगे। बाकी जानवर उस आइलैंड पर नहीं जा पाएँगे क्युँकि वे Ocean को अपनी इच्छा से तैर कर पार नहीं कर सकते।

लेकिन जो Animals संयोग से उस आइलैंड पर चले गए होंगे वे वहाँ रहते हुए उसके climate के अनुसार ढलने लगेंगे और आपस में mate करके नयी species बना देंगे।

Chapter 12

इस Chapter में Darwin ने Migration के role के बारे में बताया है। Evolution के लिए migration भी जिम्मेवार थी।

History में कई बार continents के टूटने से Animals अलग – थलग हो जाते थे। जैसे Africa जब Asia से अलग हुआ तो दोनों के animals अलग हो गए। अब उनके बीच Indian Ocean आ गया जो उन्हें एक दूसरे से अलग रखता है।

अब Africa के animals दूसरे places की तरफ migrate करने लगे। अफ्रीका का climate बहुत hot था और इसकी वजह से वहाँ adaptation के जरिये अलग -अलग species बनने लगीं।

जबकि एशिया में उसके climate के अनुसार species बनने लगीं। यही सिद्धांत हर continent पर लागू हुआ।

Animals अलग -अलग environment वाले इलाकों में migrate करते गए और natural selection से तरह -तरह की species बनती गयीं। लेकिन इसमें लाखों बर्षों का समय लगा था।

Chapter 13On the Origin of Species summary in Hindi

इस Chapter में Darwin कहते हैं कि बहुत से organisms एक दूसरे से resemble करते हैं। इसलिए उन्हें एक group में डाल दिया जाता है। इसे ही classification कहते हैं जो Taxonomy का part है।

जैसे जितने भी Animals बच्चों को दूध पिलाते हैं उन्हें हम mammals कहते हैं।

बहुत से animals के organs की morphology भी एक जैसी होती है। लेकिन किसी खास function के लिए वे अपना बाहरी रूप बदल लेते हैं। ऐसे एक जैसे दिखने वाले organs को homologous organs कहते हैं।

जैसी इंसान की arm, घोड़े की अगली टांग, चमगादड़ के wings – इन सब के structures अंदर से एक जैसे होते हैं। और इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि इन्हे किसी Creator यानि God ने बनाया है। क्युँकि अगर ऐसा होता तो वे पूरी तरह से different होते। ऐसा क्यों होता कि वे सब एक जैसे ही हैं। इससे तो यही सिद्ध होता है कि इंसान तक ये organs पीछे के जानवरों से evolution के जरिये आये हैं।

ऐसे ही बहुत से Animals में rudimentary organ मिलते हैं। ये ऐसे organs हैं जिनका Animals ने इस्तेमाल करना छोड़ दिया होता है। जैसे सांप के नीचे के scales । पहले कभी सांप की भी टाँगे होती थीं। लेकिन बिलों में रहने के कारण उसने उनका इस्तेमाल छोड़ दिया। और अब वे टाँगे rudimentary scale की तरह हो गयीं। अगर ईश्वर ने साँप बनाया था तो उसे टाँगे क्यों दी थीं ?

इस तरह से सब प्राणियों का एक ancestor से decent with modification अर्थात evolution हुआ है।

और इस तरह यह Theory ईश्वर के होने पर सवाल उठती है। लेकिन Creationist (ईश्वर पर विश्वास रखने वाले) इस theory पर विश्वास नहीं करते हैं।

समाप्त।

दोस्तो, उम्मीद है On the Origin of Species summary in Hindi पढ़कर आपको पता चल गया होगा कि Evolution के द्वारा Species कैसे बनी हैं। कृपया पोस्ट को share करें। धन्यवाद।

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2 thoughts on “On the Origin of Species summary in Hindi”

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