Shaniwar Wada Horror Story in Hindi

शनिवार वाड़ा की रोंगटे खड़ी कर देने वाली कहानियाँ ( Shaniwar Wada Horror Story in Hindi): भारत में अनेक भूतिया किले हैं। इनमें गोलकुंडा फोर्ट, भानगढ़ का किला तथा पुणे में स्थित शनिवार वाड़ा प्रमुख हैं।

शनिवार वाड़ा ( Shaniwar Wada) का निर्माण बाजीराव ने करवाया था। वे मराठा शाशक छत्रपति शाहू के पेशवा यानी प्रधानमंत्री हुआ करते थे। वे बहुत ही साहसी थे। उनकी जीवनी पर आधारित बाजीराव -मस्तानी फिल्म भी बन चुकी है।

बाजीराव की पांचवी पीढ़ी में नारायण राव वहाँ के पेशवा बनते हैं। लेकिन उनके चाचा रघुनाथ राव और चाची आनंदीबाई उसके अंगरक्षकों को रिश्वत देकर उसकी हत्या करवा देते हैं।

ऐसा माना जाता है कि आज भी नारायण राव की आत्मा वहाँ भटकती है। और दर्द से कराहती है।

इसके अलावा वहाँ पर एक छोटे राजकुमार की भी हत्या हुई थी। और लोग कहते हैं कि उसकी आत्मा भी वहाँ पर घूमती रहती है।

वास्तव में इस महल में कई लोगों की हत्याएँ हुई थीं। और समय-समय पर उनकी भूत आत्मायें वहाँ पर भटकती रहती हैं। इसलिए इस किले में शाम के 6:00 के बाद रुकना मना है।

आइये अब Shaniwar wada से जुडी कुछ Horror Stories पढ़ते हैं।

1. कराह
(Shaniwar Wada Horror Story in Hindi)

पारस और निखिल दो दोस्त थे। एक बार वे exam देने अहमदाबाद से पुणे आए हुए थे। उनकी वापसी की ट्रेन रात के 3:00 बजे थी। वे सोचते हैं कि अभी तो बहुत टाइम पड़ा हुआ है। और उन्हें शनिवार वाड़ा का किला देखकर आना चाहिए।

यही सोचकर वे एक Auto से शनिवार वाड़ा पहुँच जाते हैं। उस समय काफी रात हो गई थी और entry बंद थी। लेकिन पारस के मामाजी ASI (Archaeological Survey Of India) में बड़ी पोस्ट पर थे। वे उनसे फ़ोन करवाकर entry करवा लेते हैं।

Shaniwar Wada Horror Story in Hindi
Shaniwar Wada Horror Story in Hindi

अंदर पहुँचकर वे किले में घूमने लगते हैं। काफी देर तक घूमने के बाद पारस कहता है कि वह थक गया है। और एक जगह बैठ जाता है।

लेकिन निखिल एक ओर इशारा करके कहता है कि उन्होंने वो वाला भाग नहीं देखा है। मगर जब पारस जाने से मना कर देता है तो निखिल अकेला ही उधर चला जाता है।

तभी वहाँ निखिल को एक कमरे से किसी के कराहने की आवाजे आती हैं। ऐसा लग रहा था जैसे कोई मुसीबत में था और मदद माँग रहा था।

निखिल को लगता है कोई गलती से अंदर कैद हो गया है। वह कमरे के gate के पास जाता है लेकिन देखता है कि लोहे का वह गेट जंजीरों से जकड़ा हुआ था।

निखिल सोचता है कि इस गेट को कैसे खोले। तभी वह एक जंजीर को छूता है। ऐसा करते ही दरवाजा खुल जाता है। यह देखकर निखिल कुछ हैरान होता है। वह सोचता है कि जंजीरों में जकड़ा दरवाजा अपने आप कैसे खुल गया। बहरहाल वह अंदर चला जाता है।

वहाँ निखिल देखता है कि सामने अँधेरे में एक आदमी खड़ा है। उसने पुराने जमाने के राजाओं की तरह कपडे पहने हुए थे। (खौफनाक कहानी Shaniwar Wada Horror Story in Hindi).

तभी वह आदमी धीरे-धीरे निखिल की तरफ आने लगता है और कहता है – चाचाजी, मेरी मदद करो।

तभी निखिल कहता है कि आपको क्या मदद चाहिए। इसके बाद वह आदमी पीछे घूम जाता है। निखिल देखता है कि उस आदमी की पीठ में एक तलवार आर – पार हो रखी थी।

वह आदमी फिर से कहता है – चाचाजी, मेरी मदद करो और एकदम से गायब हो जाता है।

यह देखकर निखिल बहुत डर जाता है। वह समझ जाता है कि वह आदमी कोई भूत है। इसके बाद वह भागता हुआ बाहर पारस के पास जाता है और उसे सब कुछ बताता है। इसके बाद वे दोनों जल्दी से किले से बाहर चले जाते हैं।

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2. घुँघरू
(शनिवार बाड़ा की भूतिया कहानी)

गौरव नाम के लड़के की graduation हो चुकी थी। और वह नौकरी की तलाश में लगा हुआ था। लेकिन हर जगह कोशिश करने के बाद भी उसे कोई नौकरी नहीं मिल रही थी।

एक दिन उसके दूर के चाचा कहते हैं कि शनिवार वाडा में एक सिक्योरिटी गार्ड की vacancy है। अगर तुम करना चाहते हो तो मैं तुम्हें वहाँ लगवा सकता हूँ।

हताश हो चुका गौरव इसके लिए हाँ कर देता है। इसके बाद उसकी नौकरी लग जाती है। और उसे एक दूसरे गॉर्ड के साथ नाइट शिफ्ट दी जाती है। उसका काम वहाँ गेट पर चौकीदारी करना था।

एक रात गौरव के साथ का दूसरा गार्ड बीमार हो गया था। गौरव उससे कहता है कि तुम घर चले जाओ और आराम करो। आज की रात मैं ड्यूटी कर लूँगा।

इसके बाद दूसरा gaurd घर चला जाता है। रात के 2:00 बजे गौरव को किले के अंदर से घुंघरू की आवाज आती है। वह सोता है कि शायद कुछ टूरिस्ट अंदर रह गए हैं।

फिर वह अपनी टॉर्च लेकर अंदर देखने जाता है लेकिन वहाँ उसे कोई नजर नहीं आता। वह पूरे किले में घूम कर देखने लगता है। हॉरर कहानी – Shaniwar Wada Horror Story in Hindi.

इसके बाद वह ऊपर की मंजिल पर जाता है। वहाँ से उसे सामने बागीचे में एक लड़की घूमते हुए दिखती है। उसकी पीठ गौरव की तरफ थी और बाल बिखरे हुए थे। उसके चलने से ही घुंघरू की आवाज आ रही थी।

गौरव जल्दी से किले की दीवार से नीचे उतरता है। तथा बागीचे की तरफ जाता है। लेकिन वहाँ उसे कोई लड़की नजर नहीं आती। यह देखकर वह कुछ हैरान होता है।

मगर तभी उसे फिर से घुंघरू की आवाज आने लगती है। वह आवाज की दिशा में मुड़ता है। तभी उसे वह लड़की उसी दीवार पर खड़ी दिखती है जिससे उतरकर वह नीचे आया था।

इस बार लड़की का चेहरा गौरव की तरफ था और वह देखने में बहुत विकृत लग रहा था। तभी लड़की दीवार से कूद जाती है और बीच में ही गायब हो जाती है।

गौरव समझ जाता है कि वह लड़की नहीं बल्कि कोई आत्मा है। उसे बहुत डर लगता है और वह वहाँ से भाग जाता है। अगले दिन वह यह नौकरी भी छोड़ देता है।

3. कुआँ (Shaniwar Wada horror story)

एक बार Robin नाम का एक लड़का शनिवार – बाड़ा घूमने जाता है। वह सारे किले को अच्छे से देखता है और काफी फोटोज भी लेता है। तभी उसकी नजर पश्चिम दिशा की तरफ पड़ती है।

वह देखता है कि वह इलाका किसी उजाड़ खंडहर जैसा था तथा वहाँ झाड़ियाँ और पेड़ -पौधे उगे हुए थे। वहाँ लोग भी नहीं थे।

Robin को जिज्ञासा होती है और वह सोचता है कि उस तरफ क्या होगा। यह सोचकर वह उस उजाड़ की तरफ चला जाता है। तथा वहाँ पर भी वह अपने कैमरा से फोटो लेने लगता है।

तभी कुछ दूरी पर उसे एक पुराना सा कुआँ दिखता है। वह कुएँ की तरफ जाने लगता है। तभी उसे कुएँ के अंदर से किसी के “बचाओ – बचाओ” की आवाज सुनायी देने लगती है। यह किसी लड़की की आवाज थी।

रोबिन को लगता है कि शायद कोई लड़की कुएँ में गिर गयी है। वह भाग कर कुएँ के पास पहुँच जाता है और अंदर झाँकता है।

वह देखता है कि एक लड़की पानी में डूब रही थी। और वह हाथ उठाकर “बचाओ – बचाओ” बोल रही थी।

रोबिन जल्दी से अपना हाथ लड़की की तरह बढ़ाता है। मगर लड़की बहुत नीचे थी और उसका हाथ उस तक नहीं पहुँचता।

लेकिन तभी अचानक से लड़की का हाथ लम्बा होकर ऊपर आने लगता है। इससे पहले कि रोबिन कुछ कर पाता लड़की उसके हाथ को पकड़ लेती है और कुएँ में खींच लेती है। (Haunted stories: Shaniwar Wada Horror Story in Hindi).

शाम को एक टूरिस्ट को उस कुएँ में रॉबिन की तैरती हुई लाश दिखती है। उसके बाद पुलिस बुलाई जाती है।

लोग तरह -तरह की बातें बनाने लगते हैं। कुछ कहते हैं कि रोबिन गलती से कुएँ में गिर गया होगा तो कुछ सोचते हैं कि उसने suicide कर लिया होगा।

लेकिन हकीकत तो कुछ और ही थी।

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4. आपने मेरा सिर देखा
(Shaniwar Wada Horror Story in Hindi)

कमल और आशीष नाम के दो दोस्त एक बार शनिवार – बाड़ा घूमने जाते हैं। वे उस भव्य प्राचीन किले को देखकर बहुत ही खुश हो जाते हैं। तथा बाजीराव – मस्तानी फिल्म को भी याद करते हैं।

फिर वे किले के बागीचे को देखते हैं। और इसके बाद किले के अंदर चले जाते हैं। घूमते – घूमते वे एक वीरान से कॉरिडोर में पहुँचते हैं। उस कॉरिडोर के अंत में कुछ अंधेरा सा था।

तभी उन्हें वहाँ एक आदमी दिखता है। पहले उन्हें लगता है कि वह कोई पुतला है। लेकिन तभी वे देखते हैं कि वह आदमी उन्हें हाथ हिला कर बुला रहा था।

वे धीरे-धीरे उस व्यक्ति की तरफ बढ़ते हैं। वह आदमी भी उनकी तरफ आने लगता है। लेकिन जैसे ही वह अंधेरे से उजाले में पहुँचता है कमल और आशीष के पैरों तले जमीन खिसक जाती है। और उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। Note – Shaniwar Wada Horror Story in Hindi पढ़िए।

वह एक सिर कटा हुआ राजकुमार था। तभी वह उनसे कहता है कि क्या आपने मेरे सिर को कहीं देखा है।

इतना सुनते ही कमल और आशीष तेजी से बाहर की तरफ भागते हैं। और बाहर जाकर गार्ड को यह बात बताते हैं। गॉर्ड उन्हें बताता है कि पहले भी बहुत सारे लोगों को वह सिरकटा राजकुमार दिखा है।

इसके बाद कमल और आशीष ऑटो लेकर अपने घर चले जाते हैं।

समाप्त।

दोस्तो, उम्मीद है कि आपको शनिवार – बाड़ा पर आधारित ये खौफनाक कहानियाँ (Shaniwar Wada Horror Story in Hindi) पसंद आयी होंगी। इस ब्लॉग पर और भी horror stories हैं, आप उन्हें भी पढ़ सकते हैं। धन्यवाद।

FAQ about Shaniwar Wada

1. शनिवार वाड़ा की भूतिया कहानी क्या है?

बाजीराव की पांचवी पीढ़ी में उनके वारिस नारायण राव वहाँ के पेशवा बनते हैं। लेकिन उसके चाचा रघुनाथ राव और चाची आनंदीबाई उसके अंगरक्षकों को रिश्वत देकर उसकी हत्या करवा देते हैं। ऐसा माना जाता है कि आज भी नारायण राव का भूत वहाँ है। और दर्द से मदद की गुहार लगाता है।

2. शनिवार वाड़ा में किसका भूत है?

नारायण राव, राजकुमार और एक राजकुमारी का।

3. शनिवार वाड़ा कितने मंजिल का था?

तेरह मंजिल।

4. शनिवार वाडा पर किसने हमला किया?

शनिवार वाड़ा पर अंग्रेजों ने हमला किया था। साथ ही 1928 में एक गोदाम में आग लग गयी थी इससे सारा महल जल गया था।

5. क्या शनिवार वाडा का मस्तानी महल भूतिहा है?

हाँ , वहाँ घुँघरू की आवाज आती है। और कई बार एक लड़की दिखती है।

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