Shehzada Film Story in Hindi

Shehzada Film Story in Hindi (Shehzada Movie Story in Hindi): Shehzada फिल्म की पूरी कहानी

  • Film : Shehzada
  • Cast : Kartik Aaryan, Kriti Sanon, Paresh Rawal
  • Screenplay : Rohit Dhawan
  • Director : Rohit Dhawan
  • Producer : Bhushan Kumar and Others

Shehzada Film Story in Hindi
Shehzada Film Story in Hindi
(Credit: Wikimedia commons)

Shehzada Film Story in Hindi

बाल्मीकि और रणदीप नाम के दो दोस्त थे। वे आदित्य जिंदल नाम के रईस की कंपनी में क्लर्क की जॉब करते थे। इसी बीच रणदीप को आदित्य जिंदल की बेटी यशोदा (यशु) से प्यार हो जाता है। इसके बाद उन दोनों की शादी हो जाती है। इससे रणदीप बहुत Wealthy बन जाता है। जबकि बाल्मीकि गरीब ही रहता है।

समय के साथ बाल्मीकि की भी शादी हो जाती है। एक साल बाद रणदीप और बाल्मीकि के यहां एक ही दिन एक -एक बेटा पैदा होता है। लेकिन उस रात सुलोचना नाम की Nurse बाल्मीकि से कहती है कि रणदीप को मरा हुआ बेटा पैदा हुआ है। इससे बाल्मीकि कहता है कि चुपके से उसके बेटे को रणदीप के यहाँ रख आये और मृत बच्चे को उसे दे दे। बाल्मीकि चाहता था कि उसका बेटा अमीर घर में पले ।

बाल्मीकि की बात मानकर Nurse सुलोचना बच्चे को बदल देती है और रणदीप के मरे हुए बेटे को ले आती है। लेकिन रास्ते में बच्चा फिर से जीवित हो जाता है। Nurse बच्चे को वापस रणदीप के यहाँ ले जाने लगती है। लेकिन बाल्मीकि उसे ऐसा करने से रोकता है। वह उससे छीना – झपटी करता है। इसी दौरान सुलोचना सीढ़ी से नीचे गिर जाती है और कोमा में चली जाती है।

इसके बाद बाल्मीकि उस बच्चे को पालने लगता है। और उसका नाम बंटू रखता है। जबकि रणदीप के यहाँ जो बच्चा था उसका नाम राज रखा जाता है।

धीरे-धीरे दोनों बच्चे बड़े होने लगते हैं। राज एक भीरु और डरपोक किस्म का बच्चा था । जबकि बंटू मुखर स्वाभाव का और confident लड़का था। लेकिन बाल्मीकि बंटू से हमेशा चिढ़ता रहता था क्युँकि वह उसका अपना बेटा नहीं था। जबकि वह राज से बहुत प्यार करता था।

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इसके बाद फिल्म की कहानी काफी साल आगे shift होती है। अब तक बंटू और राज जवान हो चुके थे।

बंटू MBA करना चाहता था। लेकिन बाल्मीकि उसे MBA करने से मना कर देता है। इसके बाद बंटू एक ट्रेवल कंपनी में जॉब लेने जाता है। उस ट्रैवल कंपनी की Owner समायरा नाम की लड़की थी। जिसने बहुत struggle करके यह कंपनी खड़ी की थी।

बंटू और समायरा धीरे-धीरे एक दूसरे की प्रति आकर्षित हो जाते हैं। एक बार वे बिज़नेस trip के लिए Paris जाते हैं और उसके बाद दोनों प्यार में पड़ जाते हैं। लेकिन वे एक -दूसरे से प्यार का इजहार नहीं कर पाते।

उधर राज को MBA करने के लिए विदेश भेजा जाता है। लेकिन वह अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ कर घर वापस आ जाता है। Summary of Film : Shehzada Film Story in Hindi .

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एक दिन रणदीप को नायडू नाम के Industrialist का फोन आता है। वह रणदीप को कहता है कि अपनी कंपनी के 50% Shares उसे बेच दे। इसके लिए वह उससे मीटिंग रखता है।

उस मीटिंग में नायडू अपने बेटे को भेजता है। रणदीप भी अपने बेटे राज को उस मीटिंग में भेज देता है। फिर वह उसी होटल में जाकर चुपके से उस मीटिंग को देखने लगता है।

लेकिन जब राज नायडू के बेटे से मिलता है तो बहुत डर जाता है। उसकी इतनी भी हिम्मत नहीं होती कि वह इस Deal से मना कर सके। यह देखकर रणदीप को राज पर बहुत गुस्सा आता है।

उसी वक्त उस होटल में बंटू और समायरा भी, सुदर्शन नाम के एक इंडस्ट्रियलिस्ट से मिल रहे थे। लेकिन उन्हें उसकी डील पसंद नहीं आती और Bantu उससे डील के लिए मना कर देता है।

रणदीप दूर से यह सब देख रहा था। वह बंटू की Negotiation skills की मन ही मन तारीफ करता है। और सोचता है कि काश उसका बेटा भी ऐसा होता। जबकि उसे पता ही नहीं था कि दरअसल बंटू उसका ही बेटा था।

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इसके बाद अपने ससुर आदित्य के कहने पर रणदीप राज की सगाई समायरा के साथ कर देता है। लेकिन राज, नंदिनी (नंदू ) नाम की लड़की से प्यार करता था। और वह समायरा से शादी नहीं करना चाहता था।

इस सगाई से समायरा परेशान हो जाती है। आखिर एक दिन वह जाकर बंटू से अपने प्यार का इजहार कर देती है। यह सुनकर बंटू उससे कहता है कि राज से अपनी सगाई को तोड़ दे।

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Bollywood Movie : Shehzada Film Story in Hindi

इसी दौरान नायडू अपने गुंडे भेजता है और रणदीप पर हमला करवाता है। रणदीप ने नायडू को कोई भी Share बेचने से मना कर दिया था। इसलिए वह उससे नाराज था।

मारपीट के दौरान बंटू वहाँ पहुँच जाता है और उन गुंडों को बहुत मारता है। इसके बाद बंटू घायल रणदीप को हॉस्पिटल ले जाता है। रास्ते में गुंडे फिर से उनका पीछा करते हैं लेकिन बंटू उन सब को मर कर भगा देता है।

जिस हॉस्पिटल में रणदीप का इलाज चल रहा था, उसी हॉस्पिटल में सुलोचना nurse भी एडमिट थी। एक दिन वह अपने कोमा से बाहर आ जाती है। और बंटू को उसकी हकीकत बता देती है। वह कहती है कि रणदीप उसका असली पिता है।

इससे बंटू बहुत गुस्से में आ जाता है और जब बाल्मीकि वहाँ आता है तो उसे जोर से थप्पड़ मारता है। वह कहता है कि उसे अपने असली पिता के बारे में सब कुछ पता चल गया है।

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इसके बाद बंटू, रणदीप के साथ उसके आलिशान घर “वैकुण्ठ” चला जाता है। वहाँ सब बंटू की बहुत इज्जत करते हैं क्युँकि उसने रणदीप की जान बचाई थी। लेकिन बंटू किसी को नहीं बताता कि वह रणदीप का बेटा है।

एक दिन रणदीप के घर में पार्टी चल रही थी । उसी दौरान यशू , बंटू और समायरा को एक दूसरे को किस करते हुए देख लेती है। यह देखकर यशू बाल्मीकि को डाँटती है कि तुम्हारा बेटा बंटू उसकी होने वाली बहु को Kiss कर रहा था।

बाल्मीकि जल्दी से बंटू को डाँटते हुए वहाँ से ले जाता है। लेकिन राज सबको बता देता है कि वह नंदू से प्यार करता है। यह सुनकर राज और समायरा की engagement कैंसिल कर दी जाती है। Movie: Shehzada Film Story in Hindi .

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उधर नायडू इस situation का फायदा उठाना चाहता है। व नंदू को किडनैप करके ले जाता है। फिर रणदीप को फ़ोन करके कहता है कि अगर उसने कंपनी के शेयर उसे नहीं दिए तो वह नंदू को मार डालेगा।

इसके बाद बाल्मीकि बंटू से विनती करता है कि नंदू को बचा ले क्योंकि वह उसके बेटे राज की गर्लफ्रेंड है। पहले तो बंटू मना कर देता है लेकिन बाद में वह नंदू को बचाने चला जाता है।

इसके बाद बंटू नायडू के गुंडों को खूब धोता है। और इसी बीच नायडू को चाकू लग जाता है। राज वहाँ पहुँच जाता है और नायडू को हॉस्पिटल ले जाकर उसकी जान बचाता है। इसके बाद नायडू और रणदीप की दुश्मनी खत्म हो जाती है।

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Shehzada Film Story in Hindi – Starring Kartik Aaryan

अगले दिन बाल्मीकि और बंटू फिर से रणदीप के घर आते हैं। वहाँ पर आदित्य, बाल्मीकि को थप्पड़ मारता है और कहता है कि सुलोचना ने उसे सब कुछ बता दिया है।

इसके बाद रणदीप अपने सगे बेटे बंटू को गले लगा लेते हैं। लेकिन बंटू रणदीप से कहता है कि उसकी मां यशू को यह बात ना बताएं क्योंकि इससे उन्हें बहुत गहरा सदमा लगेगा। वे यह बर्दाश्त नहीं कर पायेंगी कि राज उनका बेटा नहीं है।

इसी दौरान यशु सबके सामने कहती है कि अब बंटू उसके बेटे जैसा है। क्योंकि उसने राज और नंदू दोनों की जान बचाई है।

फिर वह बंटू को कंपनी के 50% share दे देती है। इसके बाद वह बाल्मीकि से कहती है कि राज को 5 साल अपने साथ रखे और उचित ट्रेनिंग दे। ताकि एक दिन वह company को संभाल सके।

इसके बाद राज, बाल्मीकि के साथ उसके घर चला जाता है। वहां पहुंचकर राज कहता है कि काश 25 साल पहले Nurse ने उसकी और बंटू की अदला – बदली कर दी होती तो अच्छा होता। क्योंकि वह उसी घर के काबिल है।

यह सुनकर बाल्मीकि को बड़ा झटका लगता है। लेकिन बेचारे राज को क्या पता था कि अदला -बदली तो हुई ही थी।

उधर बंटू कंपनी का CEO बन जाता है और समायरा के साथ हेलीकॉप्टर में घूमने जाता है। उसे देखकर बाल्मीकि को बहुत ईर्ष्या होती है। वह सोचता है कि किस्मत उसे फिर से वहीं ले आयी है जहाँ से उसने शुरू किया था।

समाप्त।

दोस्तो, यह थी शहजादा फिल्म की पूरी कहानी (Shehzada Film Story in Hindi)। आपको यह फिल्म कैसी लगी Comment करके बतायें। धन्यवाद।

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