The Six Pillars of Self Esteem Hindi summary

Book – The Six Pillars of Self Esteem Hindi summary

Author by : Nathaniel Branden

Introduction : दोस्तो, Self esteem का मतलब होता है कि खुद की नजरों में आपकी image कैसी है। क्या आप आत्म -विश्वास से भरे हैं या खुद को दीन -हीन मानते हैं।

जिन लोगों को बचपन से ही छोटी -छोटी चीजों के लिए criticize किया जाता है , उनमें हीन भावना आ जाती है।

फिर वे Life में आगे नहीं बढ़ पाते।

देखा जाये तो सबने ही criticism झेला होता है। और सबकी Self esteem निचले स्तर की होती है। इसलिए सभी को अपनी Self – esteem को बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए।

इस summary में आप आगे पढोगे कि कैसे 6 तरीकों से आप अपनी Self – esteem को बढ़ा सकते हैं। और अपने अंदर आत्मविश्वास (confidence ) ला सकते हो।

दोस्तो, लेखक ने Self – esteem के 6 pillars बताये हैं। जो संक्षेप में इस प्रकार से हैं :

1) The practice of living consciously – अपने प्रति सचेत रहें।

2) The practice of self-acceptance – खुद को जैसे हैं वैसे ही स्वीकार करें ।

3) The practice of self-responsibility – अपने बर्ताब की जिम्मेवारी लें।

4) The practice of self-assertiveness – खुद की ख़ुशी पर ध्यान दें।

5) The practice of living purposefully – अपने जीवन का उद्देशय ढूँढे।

6) The practice of personal integrity – अपने character को संगठित रखें।

आइये अब इन सभी के बारे में विस्तार से पढ़ते हैं।

1) The Practice of Living Consciously

दोस्तो, बहुत बार ऐसा लगता है मानो हम एक रोबोट की तरह जिए जा रहे हैं। सब कुछ automatic तरीके से किये जा रहे हैं।

जैसे हमें समाज ने condition किया है , हम वैसे ही जिए जा रहे हैं।

समाज ने हमें सिखाया है कि स्कूल के बाद कॉलेज करो। फिर जॉब करो। तो हम वैसा ही करते हैं।

लेकिन सोचिये , क्या इसकी का नाम जिंदगी है ? अगर ऐसा नहीं करेंगे तो क्या हमारी Life खराब हो जाएगी। इसलिए हमें Conscious होकर सोचना चाहिए। न कि दूसरों की देखा – देखी एक रोबोट की तरह।

बहुत से लोग बिना स्कूल और कॉलेज गए भी बेहद Rich हो जाते हैं। Mark Zukerberg ने भी College बीच में छोड़ दिया था।

ऐसा ही एक और example हम अपने automatic behavior का ले सकते हैं।

जब कोई हमें गाली देता है, तो हम गुस्से में आ जाते हैं। या depression में चले जाते हैं। क्युँकि हमने बचपन से दूसरों को भी ऐसा करते देखा है।

लेकिन अगर हम conscious होकर यानि (सचेत होकर) सोचें तो क्या हमें ऐसा response देना चाहिए ?

क्या हम उस आदमी को सीधे ignore नहीं कर सकते। और सिर्फ अपने goal पर Focus नहीं रह सकते ? अगर ऐसा करना सीख लेंगे तो हमारा Mental Peace कभी खराब नहीं होगा।

इसलिए अपने अंदर Consciousness लाइए। हर चीज को analyze करके देखिये कि क्या उसे एक अलग positive तरीके से किया जा सकता है या नहीं।

इससे आपके अंदर confidence बढ़ता जायेगा। और आपकी Self esteem (आत्म -विश्वास) भी बढ़ जायेगा ।

2) The Practice of Self- Acceptance

बहुत बार हम दूसरों के criticism को दिल से लगा लेते हैं और बुरा मान जाते हैं।

जैसे अगर कोई Teacher किसी student को बोले कि तुम नालायक हो, तो ऐसे में student कैसे सोचता है।

या तो वह उदास हो जाता है , या गुस्सा हो जाता है।

ऐसा इसलिए होता है क्युँकि उसने खुद को accept नहीं किया है। मतलब खुद से प्यार ही नहीं किया है। उसे लगता है उसमें बस कमियाँ ही कमियाँ हैं।

लेकिन इसके विपरीत हो सकता है वह student अच्छा कबड्डी खेलता हो। या घर में माँ की help करता हो।

तो उसे अपने उन Traits को खुद appreciate करना चाहिए।

और मन ही मन कहना चाहिए कि मैं नालायक नहीं हूँ। मैं तो Best कबड्डी player हूँ। या मैं अपनी माँ का helpful बेटा हूँ। मुझे खुद पर गर्व है।

ऐसे ही दोस्तो, आप भी अपनी खूबियों को पहचानिये। और खुद को accept कीजिये।

ऐसा करने से भी आपका खुद पर आत्म -विश्ववास बढ़ेगा।

3) The Practice of Self- Responsibility

हमें अपने बर्ताब की भी जिम्मेवारी लेनी चाहिए। वेवजह कभी भी दूसरों की निंदा नहीं करनी चाहिए।

ऐसा करने का हमें कोई अधिकार नहीं है। क्युँकि हम सब में खूबियाँ भी होती हैं और खामियाँ भी।

हमें दूसरों की खूबियों के लिए उनकी सराहना करनी चाहिए। और खामियों को सुधारने के लिए motivate करना चाहिए।

मान लीजिये किसी parents को बच्चे को ज्यादा PubG खेलने से रोकना है तो डाँटने से काम नहीं चलेगा।

बल्कि पहले उसकी किसी strength को point out करना चाहिए। और कहना चाहिए कि देखो तुम हिंदी में कितने अच्छे Marks लाते हो। अगर ऐसे ही दूसरे subjects में मेहनत करोगे तो Life में कहाँ पहुँच जाओगे।

साथ ही बच्चे का खेलने का टाइम fix कर दें। और उससे पूछें कि ज्यादा मोबाइल use करने के क्या नुक्सान हैं। इससे बच्चा खुद ही नुक्सान के प्रति सचेत होगा।

इससे जुड़े आर्टिकल भी आप उसे भेज सकते हैं।

इस तरह proper communication से आप किसी भी चीज का हल निकाल सकते हो।

तो दोस्तो , ऐसे ही हमें एकदम से किसी की निंदा नहीं करनी चाहिए। अगर सब ऐसा करना सीख जाएँ तो सारे झगडे ही खत्म हो जायेंगे। Post – The Six Pillars of Self Esteem Hindi summary .

4) The Practice of Self- Assertiveness

अपने महत्व को पहचानें। और अपनी खुशियों का ख्याल रखें।

बहुत से लोग जॉब करते हुए अपने से ऊपर वाले लोगों की खुशामद करने लगते हैं।

कई बार वे जिन लोगों को पसंद नहीं करते, उनकी भी चापलूसी करने लगते हैं। बेशक अंदर से गाली दे रहे हों।

इसलिए यह सब न करके प्रोफेशनल attitude रखें। जिस काम की सैलरी मिल रही है उसे ईमानदारी से करें।अच्छे लोग आपके sincere काम को नोट कर ही लेंगे।

ऐसे ही कुछ लोग दूसरों के लिए अपनी ख़ुशी की कुर्बानी दे देते हैं। यह भी गलत है। आप किसी के गुलाम नहीं हैं।

सबसे तमीज से बात करें लेकिन किसी के पैरों में लेटने की जरुरत नहीं है । क्युँकि आपको एक ही जिंदगी मिली है। उसे राजा की तरह जियें।

5) The Practice of Living Purposefully

हम सभी से पूछा जाता है कि आपका Life में goal क्या है। लेकिन कभी यह नहीं पूछा जाता कि आपका Purpose क्या है।

आप इस Life में क्यों आये हो। क्या सिर्फ गाड़ी, घर और जॉब के लिए आये हो।

कुछ लोग goals ही पूरे करते हैं Purpose नहीं। इसलिए खुश नहीं रहते। Goals short – term के लिए होते हैं और हमारी इच्छा को ही पूरा करते हैं। जबकि Purpose आपकी तमाम जिंदगी के लिए होता है। और दूसरों के लिए ज्यादा होता है।

Purpose ढूँढने के लिए यह देखें कि ऐसी कौन सी चीज है जिसे करने से आप समाज में परिवर्तन ला पायें और उससे आपको ख़ुशी मिले।

बहुत से leaders Purpose ढूँढ़ते हैं। काफी लोग Charity के जरिये Africa के गरीब देशों के बच्चों की मदद करते हैं। क्युँकि उन्होंने इसे ही Life का Purpose मान रखा है।

Purpose ढूँढने से हमारा स्वार्थ काम हो जाता है। और इससे हमें ज्यादा ख़ुशी भी मिलती है। Book – The Six Pillars of Self Esteem Hindi summary .

6) The Practice of Personal Integrity

कुछ लोगों में बेहद कम Integrity होती है। उन पर कोई विश्वास ही नहीं करता। वे झूठ, फरेब और छल – कपट की जिंदगी जीते हैं।

कभी किसी की help नहीं करते। लोग पीठ पीछे उनकी निंदा ही करते रहते हैं।

इससे वे हमेशा stress में जीते हैं और उन्हें तरह -तरह की बीमारियाँ भी होती रहती हैं। उनकी आत्मा भी बेचैन रहती है।

इसलिए दोस्तो, थोड़े से फायदे के लिए कभी दूसरों का नुक्सान न करें। अपने character में integrity (सत्य-निष्ठा, ईमानदारी) लायें।

इससे लोग आप पर विश्वास करेंगे और कभी जरुरत पड़ने पर आपकी help भी करेंगे।

समाप्त।

दोस्तो, उम्मीद है आपको The Six Pillars of Self Esteem Hindi summary पसंद आयी होगी। इन 6 तरीकों से आप अपनी Self esteem को बढ़ा सकते हैं। इससे Life में आपको काफी सफलता मिलेगी।

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