Gaban Story in Hindi | गबन उपन्यास Summary

Gaban Story in Hindi (Gaban Summary): “गबन” मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखा गया एक यथार्थवादी उपन्यास है। इसे उन्होंने मध्यवर्गीय परिवार की इच्छाओं और धर्मसंकट के ताने -बाने में पिरोया है। Gaban उपन्यास का मूल विषय है – ‘महिलाओं की इच्छाओं का अपने पति के जीवन पर प्रभाव’।

इस उपन्यास में आप पढ़ेंगे कि कैसे एक पत्नी के गहनों की इच्छाओं ने एक पति को पैसों का गबन (Gaban) करने पर मजबूर कर दिया। और फिर दोनों आत्मग्लानि की आग में जलते हुए कैसे -कैसे दुःख भोगते हैं।

लेकिन अंत में उपन्यास सम्राट दोनों की ही मानसिकता को जागृत करके उन्हें श्रेष्ठ जीवन जीने का रास्ता भी दिखाते हैं। और इस तरह उपन्यास Gaban को एक सुखद मोड़ पर लाकर छोड़ते हैं।

तो आइये अब इस उपन्यास की पूरी कहानी (Gaban Summary in Hindi) पढ़ते हैं।

Gaban Story in Hindi
Gaban Summary in Hindi

Gaban Story in Hindi
(Gaban Summary in Hindi)

मुंशी दयानाथ प्रयागराज के रहने वाले थे। वे एक कचहरी में क्लर्क का काम करते थे। उनकी आमदनी कुछ खास नहीं थी। तथा वे मुश्किल से अपने मध्यम – वर्गीय परिवार का निर्वाह करते थे।

ऊपर से उनका मनमौजी पुत्र रमानाथ बेरोजगार था। वह कुछ काम नहीं करता था तथा हमेशा पिता के पैसे से मौज -मस्ती करता रहता था ।

समय के साथ माता -पिता को रमानाथ के विवाह की चिंता होने लगी। कुछ कोशिशों के बाद उसका विवाह दीनदयाल की बेटी जालपा के साथ रख दिया गया।

दीनदयाल एक जमींदार के घर में मुख्तार का काम करते थे। उनकी बेटी जालपा को बचपन से ही गहनों का शौक था। वह सोचा करती थी कि जब उसकी शादी होगी तो उसे बहुत सारे गहने मिलेंगे। खासकर, वह हमेशा एक चंद्रहार पाने का सपना देखा करती थी।

मुंशी दयानाथ बेटे की शादी के लिए बहुत सा कर्ज ले लेते हैं। वे चाहते थे कि बेटे की शादी बड़ी धूमधाम से करें और समाज में उनकी इज्जत खराब न हो। बाकी लोगों की तरह वे भी दिखावे में यकीन रखते थे। मगर इस कारण से उन पर बहुत सा कर्ज चढ़ गया।

कर्ज के पैसों से उन्होंने जालपा के लिए बहुत सारे गहने खरीद लिए। दयानाथ जालपा को चंद्रहार भी देना चाहते थे। लेकिन उनकी पत्नी जागेश्वरी ने इसके लिए मना कर दिया। क्युँकि इससे उन पर कर्ज का बोझ और भी बढ़ जाता।

रमानाथ ने अपने चंचल व्यवहार से अपने ससुराल वालों का मन मोह लिया था। उन सबको लगता था कि वह बहुत ही गुणी तथा धनी लड़का है। समय के साथ रमानाथ और जालपा की शादी कर दी जाती है।

शादी में प्राप्त गहनों को देखकर जालपा बहुत खुश होती है। लेकिन जब उसे चंद्रहार नहीं दिखता तो उसका दिल टूट जाता है। उसके बचपन की इच्छा पूरी नहीं हुई थी।

लेकिन उसकी एक सहेली कहती है कि जब तुम ससुराल जाओगी तो अपने पति को चंद्रहार लाने के लिए कह देना। जालपा को यह योजना अच्छी लगती है।

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Gaban Story in Hindi by Munshi Premchand

शादी के बाद रमानाथ और जालपा का दांपत्य जीवन काफी खुशहाल चलने लगता है। रमानाथ जालपा से बहुत प्यार करने लगता है।

लेकिन एक दिन दयानाथ आकर बेटे से कहते हैं कि तुम जालपा के गहने चुरा कर लाओ। अन्यथा इतना कर्ज कैसे चुकायेंगे। और साहूकार हमारा पूरा घर कुर्क कर लेगा।

पिता के कहने पर रमानाथ एक दिन चुपके से जालपा के गहने चुराकर ले आता है और अपने पिता को दे देता है। उसके पिता इन गहनों को बेचकर अपना कर्ज चुरा चुका देते हैं।

उधर जालपा को लगता है कि उसके गहने चोरी हो गए हैं। तथा वह बहुत दुखी हो जाती है। इससे रमानाथ को बहुत ग्लानि होती है। वह सोचता है कि जिस पत्नी से वह इतना प्यार करता है और उसके साथ ही इतना बड़ा विश्वास घात कर दिया है।

लेकिन वह जालपा से कहता है कि घबराओ मत मैं जल्दी ही तुम्हारे लिए नए गहने बनवा दूँगा। इसके बाद रमानाथ सोचता है कि कोई नौकरी करनी चाहिए तभी वह अपनी पत्नी के लिए गहने ला पाएगा।

यह सोचकर वह अपने शतरंज के दोस्त विदुर और रमेश के पास जाता है और सहायता करने के लिए कहता है। रमेश बाबू एक आदमी की सहायता से रमानाथ को चुंगी पर ₹30 मासिक तनख्वाह की नौकरी पर रखवा देता है। लेकिन घर आकर रमानाथ जालपा से झूठ ही बोल देता है कि उसकी तनख्वाह ज्यादा है।

जालपा के गहने चोरी होने की खबर उसकी माँ को भी लगती है। वह दया करके अपनी बेटी को एक चंद्रहार भिजवा देता है। लेकिन जालपा सोचती है कि माँ ने अपने गहने कुर्बान करके उसे चंद्रहार भेजा है। इसलिए वह इसे स्वीकार नहीं करती तथा वापस भेज देती है।

Novel “Gaban” Story in Hindi (Gaban Summary in Hindi)

इसके बाद रमानाथ सोचता है कि उसकी नौकरी तो लग गई है। क्यूँ न वह जालपा के लिए कर्ज लेकर गहने बनवा दे। बाद में किश्तों में सारा कर्ज चुका देगा।

यह सोचकर वह एक सर्राफ के पास जाता है और उससे कर्ज लेकर गहने बनवा देता है। गहने पाकर जालपा बहुत खुश हो जाती है।

एक दिन जालपा की सहेली रतन उसके घर आती है। वह एक बूढ़े वकील की पत्नी थी। जब वह जालपा के गहने देखती है तो उसे जड़ाऊ कंगन बहुत पसंद आते हैं।

फिर वह रमानाथ को ₹600 देती है और कहती है कि उसके लिए भी वैसे ही जड़ाऊ कंगन ले आयें। रमानाथ इसके लिए मान जाता है और पैसे ले लेता है।

अगले दिन रमानाथ उसी सर्राफ के पास जाता है और उसे ₹600 देकर कहता है कि उसे वैसे ही एक जोड़ी जड़ाऊ कँगन और दे दो।

लेकिन सर्राफ कहता है कि तुमने अभी तक पिछला कर्ज नहीं चुकाया है। यह कहकर वह पैसे रख लेता है और उसे कंगन नहीं देता। इससे रमानाथ परेशान हो जाता है।

वह सोचता है कि अब रतन को जड़ाऊ कंगन कहाँ से लाकर देगा। इसके बाद रतन अकसर उससे जड़ाऊ कँगन के बारे में पूछती थी। लेकिन वह कोई न कोई बहाना लगाकर टाल देता था।

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Hindi Novel : Gaban Summary in Hindi

एक दिन वह चुंगी से इकट्ठे हुए पैसे घर ले आता है और सोचता है कि यह पैसे रतन को दे देगा। लेकिन वह मन ही मन घबराने लगता है और सोचता है कि यह तो गबन है। और उस पर मुकद्दमा चल सकता है और जेल भी हो सकती है।

काफी सोच -विचार के बाद वह निर्णय लेता है कि उन पैसों को वापस चुंगी ले जायेगा। और यही सोचकर वह पैसे अलमारी में रख देता है।

जब रमानाथ बाहर गया हुआ था तो रतन फिर से घर आती है और जालपा से अपने पैसे वापस माँगती है। जालपा को अलमारी में वही पैसे रखे हुए मिल जाते हैं। औरवह उन पैसों को उठाकर रतन को दे देती है।

जब रमानाथ घर आता है तो उसे पता चलता है कि जालपा ने सारे पैसे रतन को दे दिए हैं। अब वह और घबरा जाता है। उसे लगता है कि उसने गबन जैसा अपराध कर दिया है।

अब वह यह सारी बात जालपा को बताना चाहता था। लेकिन उसे इसकी हिम्मत नहीं हो रही थी। इसलिए वह सारी बात एक पत्र में लिख देता है लेकिन अब उसे यह पत्र जालपा को देने का हौसला नहीं होता। वह पत्र एक जगह रख देता है।

जब रमानाथ किसी काम से बाहर गया हुआ था तो पीछे से वह पत्र जालपा के हाथ लग जाता है। वह उसे पढ़ने लगती है और संयोग से तभी रमानाथ आ जाता है। वह जालपा को उसका पत्र पढ़ते देख लेता है।

वह सोचता है कि इस पत्र को पढ़ने के बाद वह जालपा की नजरों में गिर जाएगा और इसके बाद उसका सामना कैसे करेगा। यह सोचकर वह घर छोड़कर भाग जाता है और कोलकाता चला जाता है।

Upnyas Gaban Story in Hindi (Gaban Summary)

उधर पत्र पढ़ कर जालपा को पता चलता है कि उसके पति ने गबन किया था। उसे पश्चताप होने लगता है। वह सोचती है कि उसके गहनों के लालच की वजह से ही उसके पति ने मज़बूरी में यह गबन किया था।

लेकिन इसके बाद वह अपने गहनों को बेच देती है और चुंगी के सारे पैसे वापस लौटा देती है। मगर वह देखती है कि रमानाथ 2 दिन से घर नहीं आया था। वह उसे ढूँढने लगती है लेकिन किसी को भी पता नहीं था कि वह कहाँ है।

इससे जालपा दुखी हो जाती है। क्युँकि वह भी अपने पति से बहुत प्यार करती थी और उसकी हर भूल माफ करने के लिए भी तैयार थी।

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Munshi Premchand’s Novel Gaban Story in Hindi


उधर रमानाथ कोलकाता पहुँच गया था। वहाँ वह अपने एक दोस्त देवीदीन के घर रह रहा था। कुछ दिनों के बाद वह अपनी पहचान बदल कर एक चाय की दुकान शुरू कर देता है। और इस तरह से अपना जीवन यापन शुरू करता है।

एक दिन रमानाथ नाटक देखकर थिएटर से आ रहा था। लेकिन तभी कुछ पुलिस वाले उसे पकड़ लेते हैं क्योंकि उसकी वेशभूषा कुछ अजीब सी थी। घबराहट में रमानाथ बता देता है कि उसने चुंगी में गबन किया था।

हालांकि इस केस का कोलकाता पुलिस से कुछ भी लेना-देना नहीं था। लेकिन अब पुलिसवालों के दिमाग में एक आईडिया आता है।

वास्तव में उस समय कोलकाता में कुछ कम्युनिस्ट लोग आंदोलन कर रहे थे। और पुलिस ने उनके कुछ क्रांतिकारी युवाओं को अरेस्ट कर लिया था। वे चाहते थे कि अब रमानाथ उन क्रांतिकारियों के खिलाफ गलत गवाही दे दे।

फिर वे रमानाथ को ब्लैकमेल करते हैं और कहते हैं कि अगर तुम गवाही नहीं दोगे तो गबन के मामले में सारी जिंदगी के लिए जेल में डाल देंगे। इसलिए रमानाथ उनके साथ सहयोग करने के लिए राजी हो जाता है।

इसके बाद रमानाथ को एक बंगले में रखा जाता है। तथा उसके मनोरंजन के लिए जोहरा नाम की एक वेश्या को भी बुलाया जाता है। धीरे-धीरे रामनाथ को जोहरा से प्यार हो जाता है।

उसे पता चलता है कि रमानाथ ने बहुत ज्यादा गरीबी की मजबूरी में यह पेशा अपनाया था। और रमानाथ को उसमें अपनी मजबूरी की झलक मिलती है। क्युँकि उसने भी आर्थिक तंगी में मजबूर होकर गबन का अपराध किया था।

रमानाथ और जोहरा अपने सुख-दुख एक दूसरे से बताते थे और इस तरह वे एक दूसरे के अच्छे मित्र भी बन गए थे।

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Gaban Summary in Hindi (Gaban Novel Full story)

उधर प्रयाग में जालपा को बहुत आत्मग्लानि हो रही थी। वह सोचती है कि किस तरह उसके गहनों और चंद्रहार के लालच ने उसके पति को गबन करने पर मजबूर कर दिया था।

एक दिन वह एक रिश्तेदार की मदद से कोलकाता जाती है। उसे पता चलता है कि वहाँ देवीदीन नाम का रमानाथ का दोस्त रहता है। वह उसके घर जाती है और देवीदीन उसे रमानाथ के बारे में बता देता है।

इसके बाद जालपा अपने पति से मिलती है। और उसे पता चलता है कि किस तरह से पुलिस ने उसके पति को फंसा रखा है। वह रमानाथ को छुड़ाने की कोशिश करने लगती है।

एक दिन रतन अपनी पति के इलाज के लिए कोलकाता आती है। लेकिन इसी दौरान उसकी मृत्यु हो जाती है। जालपा उसे सहारा देती है। और आगे चलकर रतन भी जालपा की रमानाथ को बचाने में मदद करती है।

एक दिन पुलिस रमानाथ को कोर्ट ले जाती है तथा वहाँ न चाहते हुए भी रमानाथ को झूठी गवाही देनी पड़ती है। इसकी वजह से जज उन क्रांतिकारियों को सजा सुना देता है। इसके बाद पुलिस को लगता है कि उनका काम हो गया और वे रमानाथ को जाने देते है।

लेकिन अब तक जालपा का हृदय परिवर्तन हो चुका था। वह एक लालची औरत से सामाजिक चेतना वाली महिला बन चुकी थी। वह समझ चुकी थी कि लोग पुलिस के अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। और यह एक महान कार्य था।

इसलिए वह रमानाथ के साथ एकदम से प्रयाग के लिए रवाना नहीं होती।

बल्कि एक खत लिखती है जिसमें वह पुलिस के सारे षड्यंत्र की पोल खोल देती है। और उस पत्र को जज को भिजवा देती है।

Famous Novel Gaban Story in Hindi (Author: Premchand)


जज समझ जाता है कि निर्दोष लोगों को सजा हुई है। फिर वह पूरी जाँच करवाते हैं और अंत में सजा को निरस्त करके उन क्रांतिकारियों को बरी कर देते हैं।

इसके बाद जालपा, रमानाथ और जोहरा को लेकर प्रयाग आ जाती है। जोहरा उनके घर में ही एक सदस्य की तरह रहने लगती है। रमानाथ अपने माता -पिता से झूठ कह देता है कि वह देवीदीन की विधवा बहू है।

इसके बाद जोहरा भी अपना पुराना पेशा त्याग कर समाज -सेवा के कार्यों में जुट जाती है। और सब लोग उससे बहुत प्रभावित होते हैं।

इसी दौरान जालपा की सहेली रतन की भी मृत्यु हो जाती है।

एक दिन जालपा, रमानाथ और जोहरा तीनों प्रयाग में स्नान करने गए थे लेकिन तभी जोहरा नदी के तेज बहाव की चपेट में आ जाती है। जालपा और रमानाथ उसे बचाने की कोशिश करते हैं लेकिन असफल रहते हैं और जोहरा की डूबने से मृत्यु हो जाती है।

इसके बाद जालपा और रामनाथ घर वापस आ जाते हैं। वे आगे का जीवन समाज सेवा में बिताने लगते हैं।

समाप्त।

दोस्तो, यह थी मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास गबन की पूरी कहानी (Gaban Story in Hindi). उम्मीद है आपको अच्छी लगी होगी। आपके समय के लिए धन्यवाद।

FAQ (Frequently asked questions about Gaban)

Q 1. गबन किसकी रचना है ?

Ans. गबन मुंशी प्रेमचंद की रचना है।

Q 2. गबन meaning in हिंदी क्या है ?

Ans. गबन का हिंदी मीनिंग “घोटाला” है।

Q 3. गबन के लेखक कौन हैं ?
Ans.
गबन के लेखक उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी हैं।

Q 4. गबन किस विधा की रचना है।
Ans.
गबन यथार्थवादी उपन्यास विधा की श्रेणी में आता है।

Q 5. गबन कब प्रकाशित हुआ था ?
Ans.
गबन साल 1931 में प्रकाशित हुआ था ?

Q 6. गबन उपन्यास का सारांश क्या है ?
Ans.
गबन का सारांश – जालपा नाम की महिला अपने लिए चन्द्रहार चाहती थी। उसका पति रमानाथ कर्ज लेकर उसके लिए गहने बनवा देता है। लेकिन जब वह कर्ज नहीं चुका पता तो अपनी नौकरी के स्थान पर पैसों का गबन करता है। लेकिन उसे आत्मग्लानि होती है और वह कलकत्ता भाग जाता है। लेकिन वहाँ पुलिस के षड्यंत्र में फँस जाता है। अंत में जालपा खुद में बदलाब लाती है और अपने पति को छुड़ा कर वापस ले आती है।

Q 7. गबन की नायिका का नाम क्या है ?
Ans.
गबन की मुख्य नायिका का नाम जालपा है।

Q 8. गबन उपन्यास की समस्या क्या है ?
Ans.
गबन उपन्यास की समस्या महिलाओं का आभूषण प्रेम और उनका दिखावा है। इसके साथ ही मध्य -वर्गीय परिवार की आर्थिक तंगी की समस्या को भी चित्रित किया गया है। साथ ही पुलिस में व्याप्त भ्रस्टाचार को भी उजागर किया गया है। इस प्रकार गबन उपन्यास में अनेक सामाजिक समस्याओं पर कुठाराघात किया गया है।

Q 9. गबन का प्रकाशन वर्ष क्या है ?
Ans.
गबन का प्रकाशन वर्ष 1931 है। यह सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित हुआ था।

Q 10. गबन प्रेमचंद के Characters (पात्र) कौन हैं ?

Ans. गबन के मुख्य पात्र रमानाथ, उसकी पत्नी जालपा, रतन और जोहरा हैं।

Q 11. गबन उपन्यास में कौन गबन करता है ?

Ans. गबन उपन्यास में रमानाथ गबन करता है।

Q 12. गबन उपन्यास का उद्देश्य क्या है ?

Ans. गबन उपन्यास का उद्देश्य युवाओं को सचेत करना है कि अपने लालच और इच्छाओं पर काबू पाना चाहिए। और किसी भी हालत में गबन या कोई अपराध नहीं करना चाहिए। इसके विपरीत समाज सेवा के कार्य करने चाहिए। तभी मानसिक शांति मिलती है और जीवन ख़ुशी से बीतता है।

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