Equity Kya Hai in Hindi | इक्विटी क्या है

Equity Kya Hai (Equity Meaning in Hindi) : इक्विटी क्या है ?

Equity स्टॉक मार्किट में प्रयोग किया जाने वाला एक आम शब्द है और आपने अक्सर इसके बारे में सुना होगा।
इस लेख में हम विस्तार से इसका मतलब भी जानेंगे, साथ ही इससे जुड़े दूसरे पहलुओं के बारे में भी पढ़ेंगे। । तो आइये शुरू करते हैं। (Article – Equity Kya Hai in Hindi ).

equity kya hai
What is Equity ?

Equity की Definition (इक्विटी क्या है)

Equity का मतलब है किसी भी व्यक्ति का किसी कंपनी पर मालिकाना हक़।

किसी भी व्यक्ति को यह हक़ किसी कंपनी के Shares खरीदने से अपने आप ही मिल जाता है।

जैसे अगर आपने Reliance Company के shares खरीद रखें है तो इसका मतलब है आपके पास Reliance का मालिकाना हक़ यानी Equity है। मतलब आप भी Reliance में हिस्सेदार हैं।

लेकिन यह अधिकार कितना है वह आपके Shares की संख्या पर निर्भर करता है। अगर कोई किसी कंपनी के 51% शेयर ले लेता है तो वह उस कंपनी का मालिक बन जाता है। Blog – Equity Kya Hai in Hindi.

Equity Vs Debt

दोस्तो, जब भी Equity की बात होती है तो Debt को भी जानना जरुरी हो जाता है। क्युँकि Equity और Debt एक दूसरे से अक्सर जुड़े रहते हैं। इसलिए Debt की चर्चा करना जरुरी है।

जब भी कोई व्यक्ति कंपनी शुरू करता है तो कुछ पैसा वह अपनी तरफ से लगाता है। और बाकी का Debt यानि ऋण ले लेता है।

जो पैसा व्यक्ति अपनी तरफ से लगाता है उसे Equity Capital बोलते हैं। और जो Debt या लोन होता है उसे Liability (देनदारी) कहते हैं। इन दोनों को जोड़ दें तो कंपनी के Assets बन जाते हैं।

इसलिए Assets का फार्मूला यह बन जाता है :

Assets = Equity + Liability (Debt)

Example : आइये एक Example से Equity और Debt का सम्बन्ध समझ लेते हैं।

मान लीजिये आप कोई Start – Up शुरू करते हैं। और उसके लिए आपको 10 लाख रुपये की जरुरत है।

लेकिन आपके पास 8 लाख रुपये ही हैं। इसलिए आप बाकी के 2 लाख बैंक आदि से लोन पर ले लेते हैं।

इस तरह आपके पास 10 लाख हो जायेंगे और आप अपना बिज़नेस शुरू कर देंगे।

लेकिन आपने अपनी तरफ से सिर्फ 8 लाख ही लगाया है। जो टोटल 10 लाख का 80 % बनता है।

तो इस तरह आप अपने Start Up पर केवल 80 % ही मालिकाना हक़ रखोगे। बाकी 20 % की आपके ऊपर Liability भी होगी। Post- Equity Kya Hai ?

अगर आपने समय पर लोन नहीं चुकाया तो आपकी सम्पति कुर्क भी हो सकती है। क्युँकि लोन देती बार Banks ने कुछ शर्तें रखी होती हैं।

Fun Fact: दोस्तो, क्या आप बता सकते हैं कि मुकेश अम्बानी का अपनी कंपनी पर कितना मालिकाना हक़ है ? इसके लिए आपको देखना होगा कि मुकेश अम्बानी के पास Reliance की कितनी Equity है।

आप Grow App पर जाकर, Reliance के Fundamentals में यह सब चेक कर सकते हो।

इससे आपको यह भी पता चल जायेगा कि Reliance के ऊपर कितना Debt है।

तो Check करके comment में बताइये।

.

कंपनी में Equity कितने लोगों की हो सकती है ?

दोस्तो, ऊपर दिए गए Example में हमने देखा कि उस व्यक्ति ने 8 लाख रुपये अपनी तरफ से लगाए थे।

मान लीजिये उस व्यकित को अब अपने बिज़नेस का विस्तार करना हो और उसे 80 लाख रुपये और चाहिए !

ऐसे में वह अपनी 8 लाख Equity को 10 लाख शेयर में convert कर सकता है। और हर शेयर की कीमत 8 रुपये रख देगा। (Equity Kya Hai in Hindi or इक्विटी क्या है).

इसके बाद वह IPO लाएगा। और वहाँ से Retail investors, या FII , Mutual Funds आदि उसके शेयर्स को खरीद लेंगे।

इससे उन लोगों के पास भी Equity का कुछ हिस्सा चला जायेगा।

और उस व्यक्ति को बिज़नेस को बढ़ाने के लिए 80 लाख भी मिल जायेंगे।

तो इस तरह से Company में हिस्सेदारी या Equity दो तरह के लोगों के पास होती है :

1. Shareholders या Investors (निवेशक)

2. Promotors ( जिन लोगों ने कंपनी शुरू की है)

अब Shareholders भी निम्न तरह के होते हैं :

1. Retail Investors – ये मेरे और आप जैसे छोटे निवेशक होते हैं जो 2 लाख से कम का ही निवेश कर पाते हैं।

2. HNI (High Networth Individuals) – बड़े निवेशक जो 2 लाख से ज्यादा का इन्वेस्टमेंट करते हैं।

3. FII (Foreign Institutional Investors) – यह विदेशी संस्थान होते हैं जो India की स्टॉक मार्किट में निवेश करते हैं। ये डॉलर में निवेश करते हैं इसलिए ये खास मायने रखते हैं।

जिस कंपनी में ज्यादा FII निवेश करते हैं उस कंपनी के शेयर प्राइस ऊपर जाते हैं। लेकिन अगर FII अपना पैसा निकाल लें तो उस कंपनी का शेयर गिरने लगता है।

FII की हिस्सेदारी (Equity) से यह भी पता चलता है कि Company की रेपुटेशन कैसी है। अगर किसी कंपनी में ज्यादा FII हैं तो वह कंपनी अच्छी ही मानी जाएगी।

4. DII (Domestic Institutional Investors) – ये घरेलू निवेशक संस्थान होते हैं। जैसे mutual funds, insurance companies, banks, financial institutions, pension funds आदि। ये सब भी किसी Company में Equity खरीद लेते हैं। (Equity Kya Hai – what is equity in Hindi).

अगर अच्छे mutual fund किसी कंपनी में इन्वेस्ट करते हैं तो यह इस बात को भी सूचित करता है कि कंपनी के Fundamentals अच्छे हैं। क्युँकि DII बेकार की कम्पनीज में इन्वेस्ट नहीं करेंगे।

आप Grow App से लिए गए निम्न चित्र से देख सकते हैं कि Reliance की Equity , Shareholders और Promoters में किस तरह से विभाजित है :

Equity Kya Hai in Hindi - इक्विटी क्या है

आइये अब दोनों तरह की Equity (Shareholder’s Equity and Promotor’s Equity) के बारे में पढ़ते हैं।

***

Shareholder’s Equity (Shareholder’s Equity Kya Hai )

किसी Company के जितने शेयर्स का प्रतिशत Shareholders के पास होता है उसे ही Shareholders Equity कहते हैं।

जैसे ऊपर के चित्र में आप देख सकते हैं कि Reliance Company में 11.98 % हिस्से के मालिक Retail Investors हैं। यानी वे 11.98 % की Equity रखते हैं।

(Equity और Shares को आप एक जैसा ही मान सकते हैं)।

आप खुद भी अपनी Shareholder Equity निकाल सकते हैं। इसके लिए यह Formula है :

Shareholder Equity = Shares Of Shareholder / Total Shares Of Company X 100

अगर किसी कंपनी के पास 10,000 Total Shares हैं। और आप उसमें से 1000 शेयर खरीद लेते हो , तो इस फार्मूला से आपकी Equity हो जाएगी:

Shareholder Equity= 1000/10000 X 100 = 10 %

मतलब आप उस कंपनी में 10 % मालिकाना अधिकार रखते हो। क्युँकि आपके पास उस Company की 10 प्रतिशत Equity है।

Fun Fact: अगर कोई Reliance की 51 % Equity खरीद ले तो वह Reliance का मालिक बन सकता है। लेकिन ऐसा possible नहीं हो पायेगा। क्युँकि सारे Retail Investors या FII आदि अपना हिस्सा एक साथ कभी बेचेंगे ही नहीं।

Promotor’s Equity (Promotor’s Equity Kya Hai )

Company शुरू करने वाले लोगों को ही Promotors कहते हैं।

इन Promotors के पास भी Company की अलग -अलग प्रतिशत Equity होती है। इस कुल Equity को ही Promotors Equity कहते हैं।

जैसे आम धारणा के विपरीत Mark Zukerberg ही फेसबुक के अकेले मालिक नहीं हैं। बल्कि फेसबुक में Dustin Moskovitz, Eduardo Saverin, और Chris भी Equity (मालिकाना हक़ ) रखते हैं।

यह बात और है कि मार्क ज़ुकेरबर्ग के पास ही 51 % से ज्यादा Equity है इसलिए उन्हें ही मालिक कहा जाता है।

लेकिन जितने भी लोगों के पास Equity होती है उन सबको कुछ अधिकार दिए जाते हैं। जिनके बारे में हम आगे पढ़ेंगे। (Equity Kya Hai in Hindi ).

Promotors Equity का Example:

मान लीजिये, तीन दोस्त मिलकर 30 लाख invest करके एक कंपनी शुरू करते हैं। और उसमें बराबर amount यानी 10 – 10 लाख देते हैं।

तो ऐसे में तीनों के पास बराबर Equity होगी यानि सबके पास 33.3 % इक्विटी होगी। और वे बराबर के मालिक कहलायेंगे।

लेकिन बहुत बार Equity बराबर नहीं होती है। ऐसे में जिसके पास सबसे ज्यादा इक्विटी होगी उसे ही मालिक का दर्जा मिलेगा।

.

Equity Market क्या है ?

दोस्तो, अब आपको इतना तो पता चल ही गया है कि किसी Company कि Equity आप उसके शेयर्स खरीदकर ही हासिल करते हो। इसलिए शेयर मार्किट ही Equity Market है।

अगर आपको किसी कंपनी में हिस्सा चाहिए तो आप शेयर मार्किट से उस कंपनी के शेयर खरीद लीजिये।
इससे आपके पास उस कंपनी की इक्विटी आ जाएगी। Blog – Equity Kya Hai in Hindi (इक्विटी क्या है).

आप बड़ी आसानी से Grow App के जरिये अपने Bedroom से ही शेयर्स खरीद सकते है। Grow App को अपने दोस्त को refer करने से आपको 200 RS भी मिलते हैं। इसलिए आप अभी download कर लीजिये।

Equity मार्किट दो तरह की होती है :

A. Primary Market

जब कंपनी पहली बार अपने शेयर्स पब्लिक को ऑफर करती है तो वह Primary Market के जरिये ही करती है। क्युँकि अभी तक कंपनी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट ही नहीं हुई होती है।

इसलिए कंपनी अपना Initial Public Offering (IPO) लाती है। और आप उसमें apply कर सकते हो।

Listing वाले दिन कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हो जाती है जिन्हे secondary market कहते हैं।

B. Secondary Market

Stock Exchanges को ही सेकेंडरी मार्किट कहते हैं जैसे NSE (National Stock Exchange) और BSE (Bombay Stock Exchange) .

यहाँ से अपनी पसंद की कम्पनीज के स्टॉक ले सकते हैं और इस तरह उनकी Equity हासिल कर सकते हैं।

Equity Trading क्या है ?

दोस्तो, स्टॉक मार्किट यानी NSE और BSE से शेयर्स की खरीद -फरोख्त को ही Equity Trading (इक्विटी ट्रेडिंग) कहते हैं।

आजकल आप Grow App के जरिये घर बैठे खुद ही शेयर्स खरीद भी सकते हो और बेच भी सकते हो।

गए वो ज़माने जब लोगों को Broker (दलाल) के चककर लगाने पड़ते थे। वे बहुत ज्यादा दलाली खाते थे और बहुत बार scam भी कर देते थे।

लेकिन Grow App पर बहुत कम ब्रोकरेज लगती है। साथ ही आपको Fundamentals भी दिख जाते हैं। जिसकी मदद से आप Sock कि intrinsic value निकाल सकते हो। (Equity Kya Hai ).

फिर आप अच्छी valuation वाली कंपनी के Stocks ले सकते हैं। इसे Value Investing कहते हैं। इससे आपके पैसे कभी भी नहीं डूबते। और यह तकनीक Warren Buffet की दी हुई है।

इसके बारे में आप विस्तार से इस पोस्ट में पढ़ सकते हो :

Equity लेने के फायदे

1. अगर आप किसी कंपनी के शेयर्स यानि इक्विटी लेते हैं तो आपका भी उसमें मालिकाना हक़ हो जाता है। और आपको कुछ अधिकार भी मिल जाते हैं।

2. इक्विटी लेने से आपको कंपनी में Voting Rights भी मिल जाते हैं। जब भी किसी नए Board Member का चुनाव किया जाता है तो आप भी अपना वोट डाल सकते हो।

ऐसे ही कंपनी जब कोई नया प्रस्ताव लाती है जैसे Merger या Demerger आदि, तो उसमें भी आप वोट डाल सकते हो। Blog post – Equity Kya Hai in Hindi | इक्विटी क्या है

अगर मेजोरिटी ऑफ़ वोट पक्ष में आते हैं तो ही उस प्रस्ताव को माना जायेगा अन्यथा नहीं।

3. इक्विटी लेने से आपके पास शेयर्स तो आ ही जाते हैं इसके साथ ही कंपनी के डिविडेंड पर भी आपका अधिकार हो जाता है। और वह समय -समय पर आपको मिलता रहता है।

4. जब कंपनी लगातार प्रॉफिट में रहती है तो उसके शेयर प्राइस बढ़ जाते हैं। इससे आपकी Equity की वैल्यू भी बढ़ जाती है। जब आप शेयर प्राइस को महँगे दाम पर बेचते हैं तो आपको अच्छे रिटर्न्स भी मिल जाते हैं।

5. अलग -अलग कम्पनीज की इक्विटी लेने से आपका पोर्टफोलियो diversify हो जाता है। यानी अगर एक कंपनी नुक्सान में रहती है तो दूसरी आपको बचा लेती है।

इसलिए एक ही कंपनी में सारा पैसा इन्वेस्ट न करें। बल्कि दो -तीन अच्छी Companies के स्टॉक्स लें।

Equity के नुक्सान

1. अगर Inflation (मुद्रास्फीति) ज्यादा हो जाती है तो शेयर प्राइस नीचे गिर जाता है। इससे आपकी Equity की value भी कम हो जाती है।

2. Company पर अगर ज्यादा Debt है तो भी उसके Share Price पर effect पड़ता है। इसलिए ज्यादा Debt वाली कम्पनीज में इक्विटी न लें। उससे आपको ज्यादा नुकसान हो सकता है।

3. अगर कंपनी की मैनेजमेंट में सही लोग नहीं हैं तो भी Company की Growth रुक सकती है। ऐसे में आपकी इक्विटी प्रभावित होगी। और आपको Loss उठाना पड़ेगा।

4. अगर किसी कंपनी पर मुकद्दमा या जुर्माना आदि लगता है तो भी Equity पर बुरा असर पड़ता है। शेयर की कीमत down होती है। Title: Equity Kya Hai in Hindi | इक्विटी क्या है .

5. कोरोना जैसी महामारी से या युद्धों से companies bankrupt भी हो सकती हैं। और आपकी shareholders equity एकदम से Zero हो सकती है। यानी आपको कोई भी पैसा वापस नहीं मिलेगा।

Equity Valuation (इक्विटी का मूल्यांकन)

किसी भी कंपनी में इक्विटी या शेयर लेने से पहले आप उसकी Valuation यानी मूल्यांकन करें। इससे आपको पता चलेगा कि इक्विटी लेने लायक है या नहीं।

Valuation निम्न steps में की जा सकती है :

1. Book Value (बुक वैल्यू) : सबसे पहले आप कमपनी की बैलेंस शीट में जाएँ। वहाँ से Assets और लिएबिलिटीज़ देखें।

फिर निम्न फार्मूला से आपको बुक वैल्यू पता चल जाएगी :

Book Value = Assets – Liabilities

अगर बुक वैल्यू ज्यादा है तो इसका मतलब है कि इक्विटी की Value भी अच्छी है।

आपको कंपनी की बैलेंस शीट Grow App से मिल जाएगी।

जैसे निम्न चित्र से आप Reliance की बैलेंस शीट देख सकते हो। इससे आपको Assets, Liabilities और इक्विटी पता चल जाएगी।

equity kya hai
Reliance Balance Sheet

2. कंपनी का मार्किट कैप देखें: इसके लिए यह फार्मूला होता है :

Market Cap : Share Price/Total Shares

लेकिन यह सब आपको खुद कैलकुलेट करने की जरुरत नहीं है। बल्कि ग्रो अप्प पर आपको आसानी से दिख जाएगी। (Equity Kya Hai in Hindi or इक्विटी क्या है).

3 PE Ratio देखें : जिस company कि PE Ratio ज्यादा होती है उसकी Equity Overvalued मानी जाती है। मतलब बहुत से निवेशक उसमे पैसा लगाने को तैयार हैं। अगर आपको PE Ratio के बारे में पूरा जानना है तो आप यह आर्टिकल पढ़ सकते हैं।

.

4. Fundamental Analysis: आखिर में आप Fundamental Analysis कीजिये। इससे आपको एक साथ ही Stocks और Equity की intrinsic Value पता चल जाएगी।

अगर आपको fundamental analysis सीखनी है तो इस पोस्ट को पढ़ कर सीख सकते हैं : Fundamental Analysis Kya Hai – Ultimate Guide in Hindi .

Conclusion: दोस्तो, इस पोस्ट को पढ़कर आपको पता चल गया होगा कि इक्विटी का मतलब किसी कंपनी में हिस्सेदारी या मालिकाना हक़ होता है। (Equity Kya Hai in Hindi).

किसी भी कंपनी के शेयर्स खरीदने से आपको उसकी इक्विटी मिल जाती है।

इस ब्लॉग पर Stock मार्किट से जुड़े और भी लेख हैं। आप उन्हें पढ़ सकते हैं। धन्यवाद।

समाप्त।

Stock Market की बेस्ट बुक Amazon से ऑनलाइन आर्डर कीजिये :

.

Leave a Comment