How to Stop Worrying and Start Living summary in Hindi

Self help book : How to Stop Worrying and Start Living summary in Hindi

How to Stop Worrying and Start Living  summary  in  Hindi
(Image: How to Stop Worrying and Start Living summary in Hindi)

Author: Dale Carnegie

दोस्तो,

आज की दुनिया कहने को तो आधुनिक होती जा रही है, लेकिन depression और anxiety के cases भी उसी रफ़्तार में बढ़ रहे हैं।

हर किसी के बड़े -बड़े ambitions हैं। हर कोई भाग -दौड़ में लगा हुआ है। किसी के पास किसी के लिए वक़्त नहीं है। इसी का नतीजा है कि बहुत से लोग depression का शिकार हो जाते हैं।

इसलिए आज हम एक ऐसी किताब की summary (How to Stop Worrying and Start Living summary in Hindi) देने जा रहें हैं जिसे पढ़कर आप खुद ही अपनी worry, anxiety और depression को दूर कर सकते हैं। और एक खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं।

किताब का नाम How to Stop Worrying and Start Living है। और यह Dale Carnegie द्वारा लिखी गयी है।

यह किताब लेखक ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर लिखी है। एक समय था जब लेखक भी बहुत चिंता करते थे। और इस से उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ा था।

इसलिए उन्होंने चिंता को दूर करने के लिए ये किताब लिखी जो आज पूरे world में बहुत famous हो चुकी है।आइये इस किताब की summary पढ़ते हैं।

How to Stop Worrying and Start Living
Summary in Hindi

किताब के chapters की summary :

1) Fundamental Facts You Should Know About Worry

दोस्तो, अगर आपको किसी चीज की चिंता हो रही है तो सबसे पहले पता लगाइये कि आपकी चिंता का आखिर कारण (reason) क्या है ?

लेखक कहता है कि reason न ढूँढ पाने से confusion बढ़ता है। और confusion से चिंता बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।

अगर आपको यही clear नहीं है कि आप चिंतित क्यों हैं, तो आपका दिमाग confuse हो जायेगा। उसे लगेगा कि शायद बहुत कुछ गलत हो चुका है। जिस से आपकी चिंता लगातार बढ़ती रहेगी।

अपनी चिंता का कारण ढूँढने के लेखक ने तीन steps बताए हैं।

1) एक कागज पर आप लिख लें कि आप किस चीज की वजह से चिंतित हैं। क्या नौकरी की चिंता है ? एग्जाम की चिंता है ? या घर लेने की चिंता है ? जो भी कारण है उसे paper पर लिख लें।

इस से दिमाग को clear हो जायेगा कि problem क्या है। वह देख पायेगा कि एक चीज की चिंता है या तीन की या 6 की। उसे ऐसा नहीं लगेगा कि उसे लाखों चिंताएं हैं। फिर वह अपनेआप उनका solution ढूँढने लग पड़ेगा।

2) अगले step में यह लिखिए कि मैं इस चिंता को दूर करने के लिए क्या कर सकता हूँ ? जैसे job के लिए apply कर सकता हूँ, एग्जाम के लिए study कर सकता हूँ , घर loan पर ले सकता हूँ। आदि।

जो भी possible solutions हों वह लिख लीजिये।

3) इसके बाद फैसला करिये कि आपको कौन सा काम करना है। और उस काम को शुरू कर दीजिये।

जैसे जॉब के लिए वेबसाइट पर search कर सकते हैं । वह पहला कदम हो जायेगा। इस से आपका दिमाग busy भी हो जायेगा। और फालतू की चिंता नहीं होगी।

खाली दिमाग में ही चिंता के विचार घूमने लगते हैं।

Live in Present (वर्तमान में जियें )

चिंता दूर करने का अगला तरीका है – Live in Present .

दोस्तो, हम लोग जब अकेले होते हैं तो past में हुई गलतियों के बारे में सोचने लगते हैं। उनके लिए हम खुद को दोष भी देने लगते हैं। इस से हमें दुःख और चिंता हो जाती है।

ऐसे ही हम future के बारे में भी गलत सोचना शुरू कर देते हैं।

  • Job नहीं मिली तो क्या होगा ?
  • Exam में पास नहीं हुए तो क्या होगा ?
  • Boss ने डाँट दिया तो क्या होगा ?

लेखक ने बताया है कि हमें न past की चिंता करनी चाहिए और न future की। क्युँकि past तो बीत चुका है। और future किसने देखा है ?

क्या कोई अपनी मरी माँ को याद करके दस साल बाद रो सकता है। जी नहीं। क्युँकि वो घटना घट चुकी है। अब उसे याद करके क्या फायदा। इसलिए आप भी पुराने झगड़ों को याद करके दुखी मत होइए।

लेखक कहता है कि हमें past और future के दरवाजे बंद कर देने चाहियें। और Present के घर में हंसी -ख़ुशी से रहना चाहिए।

What worst can happen – बुरे से बुरा आखिर क्या हो जायेगा ?

इस Trick में लेखक बताता है कि यह सोचें कि – आखिर मेरे साथ बुरे से बुरा क्या हो सकता है ?

सबसे बुरी चीज सोच लें। फिर उससे निपटने का रास्ता सोच लें। इस से आपकी चिंता खत्म हो जाएगी।

जैसे मान लीजिये आप बॉस से परेशान हैं। और हर दिन चिंता करते हैं कि कहीं नौकरी न चली जाये। ऐसे में आपको सोचना है कि ठीक है, मान लो अगर मेरी नौकरी चली जाती है।

तो क्या हो जायेगा ? क्या आप भूखे मर जायेंगे ? नहीं न। इसके बाद सारे options सोच लें।

जैसे –

  • ढाबे पर काम कर सकते हैं। लोग करते ही हैं।
  • चाय बना सकते हैं।
  • सब्जी बेच सकते हैं।
  • Tuition पढ़ा सकते हैं।
  • ये काम तो सबको मिल जाते हैं।

यह सब सोच के आपको खुद ही हँसी आ जाएगी। क्युँकि जितनी आपकी qualification होगी, उस के आधार पर आपको इन छोटे- छोटे कामों से तो कहीं अच्छी job मिल जाएगी।

लेकिन यहाँ मकसद खुद को यह बताना है कि बुरी से बुरी हालत में भी आपके पास survive करने के लिए बहुत तरीके होते हैं। इसलिए बेवजह चिंता नहीं करनी चाहिए।

तो यही trick है। बुरी से बुरी situation सोचें। और फिर उस situation में survive करने के methods भी सोच लें।

यह सोच लेने के बाद आप देखेंगे कि आपके दिमाग को तसल्ली हो गयी है। और वह उस विषय पर चिंता करना बंद कर देगा।

2) How to Break the Worry Habit Before It Breaks You

How to Stop Worrying and Start Living summary in Hindi
(How to Stop Worrying and Start Living summary in Hindi)

दोस्तो, चिंता चिता के समान होती है। कभी -कभार तो सबको चिंता हो जाती है। लेकिन कुछ लोगों को चिंता करने की आदत ही लग जाती है

सोते -जागते, उठते -बैठते वे बस चिंता करते रहते हैं। इस से एक दिन वे बहुत बड़े depression में चले जाते हैं। कुछ लोगों को OCD (Obsessive compulsive disorder ) हो जाती है। एक ही चीज को वे बार -बार करने लगते हैं।

इसलिए लेखक ने कहा है कि इस से पहले कि चिंता आपको ले डूबे, आप इस आदत को तोड़ डालिये। इस chapter में चिंता करने की आदत को दूर करने के निम्न तरीके बताये गए हैं।

1) Occupational therapy

हमेशा खुद को occupy रखें। कोई न कोई काम करते रहें। लेकिन काम का मतलब यह नहीं है कि boring या थका देने वाला काम करने लगें।

किसी hobby में मन लगाएँ। Exercise करें। Dance करें।

इस से आपका दिमाग distract हो जायेगा। और चिंता से हट कर उस काम पर ध्यान देने लगेगा ।

2) Little things

छोटी -छोटी चीजों की कभी चिंता न करें। जैसे कुछ mothers हमेशा चिंता करती रहती हैं।

बेटा अभी बाजार गया है। पता नहीं सकुशल पहुँचा होगा या नहीं। अभी वापस क्यों नहीं आया। आदि।

इस तरह की चिंताएँ बेवजह होती हैं। इन से ध्यान हटा लेना चाहिए। इसके लिए इस किताब में दिया कोई भी तरीका अपना सकते हैं।

3) Don’t fight inevitable

कई बार कुछ चीजें होकर रहती हैं। उन पर इन्सान का control नहीं होता। फिर उनकी चिंता करके क्या होगा? अगर चिंता करेंगे तो क्या वो चीज नहीं होगा?

अगर कोई बीमारी लगनी होगी तो लगेगी। Job जानी होगी तो जाएगी। भूकंप आना होगा तो आएगा।

इसमें हम क्या कर सकते हैं। इन चीजों को अपने हाल पर छोड़ देना चाहिए। क्युँकि चिंता करने से भी वो चीज होकर रहेगी। रुक नहीं जाएगी। तो फिर चिंता करके खुद को पहले ही बीमार क्यों बनाएँ।

3) Seven Ways To Cultivate A Mental Attitude That Will Bring You Peace and Happiness

इस chapter में लेखक ने सात तरीके दिए हैं। जिनसे आप अपना attitude (यानि सोचने का ढंग ) ऐसा बना लेंगे, कि आप हर समय शांति और ख़ुशी से भरे रहेंगे। यह तरीके हैं :

1) Think of peace, courage and hope

जब भी चिंता सताये तो आप कुछ positive बोलें। जैसे –

  • मैं शांत हूँ।
  • मुझमें दुनिया बदलने की ताकत है।
  • मैं साहसी हूँ।
  • मुझे सफलता मिल कर रहेगी।

इस तरह की बाते बोलने से आपका दिमाग चिंता के विचारों से हट जायेगा। और उसे नयी प्रेरणा भी मिलेगी।

2) Don’t think revenge

कभी भी दूसरों से बदले या प्रतिशोध की भावना न रखें। इस से आपको हमेशा चिंता होती रहेगी। आपका दिमाग कभी भी जरुरी काम पर focus नहीं कर पायेगा।

Negative लोगों से revenge लेने की जरुरत नहीं होती। क्युँकि देर -सवेर उन्हें अपने कर्मों की सजा मिल ही जाती है।

इसलिए हमेशा positive बात सोचें। और झगड़ों को भूलकर life में आगे बढ़ें। एक जगह पर अटक न जाएँ।

3) Ingratitude

अगर आप दूसरे की help करते हैं और वो आपको thank you भी नहीं बोलता। तो इस बात का बुरा न मानें।बल्कि इन चीजों के लिए तैयार रहें।

कुछ लोग इसी बात को लेकर चिंता करने लगते हैं कि उसने मुझे thanks भी नहीं कहा। लेकिन आपको इन बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

सिर्फ अपना काम करते रहें। इस से आपको अंदर से शांति मिलेगी।

4) Count your blessings not troubles

चिंता दूर करने का एक और उपाय यह है कि आप अपनी blessings को गिनें। मतलब जो कुछ भी अभी आपके पास है उस में ख़ुशी ढूँढे। उस की कदर करें। क्युँकि दूसरों के पास वह भी नहीं है।

जैसे आपके हाथ पैर तो सलामत हैं। इसके लिए ईश्वर का धन्यवाद करें। क्युँकि बहुत से लोगों के नहीं होते।

घर है, जॉब है, थोड़ा बैंक बैलेंस है , पेरेंट्स हैं तो यह सब भी आपके लिए blessings हैं।

इन चीजों के लिए ईश्वर का धन्यवाद करें। क्युँकि बहुत से लोग तो फुटपाथ और झुग्गी – झोपडी में जी रहे हैं। बहुत से बिमारियों का सामना कर रहे हैं।

उनके मुकाबले आपके पास तो बहुत कुछ है। इसलिए उन चीजों के लिए ख़ुशी व्यक्त करें।

5) Be yourself

कभी भी अपनी तुलना दूसरों से न करें। जैसे हैं वैसे रहें। बनावटी न बनें। बहुत से लोग दूसरों के महंगे कपडे या make-up आदि को देखकर खुद को हीन समझने लगते हैं। ऐसा बिलकुल न करें।

क्युँकि हो सकता है महंगे कपडे वालों से, आस -पास के लोग परेशान हों। और उन्हें नापसन्द भी करते हों। हो सकता है वे स्वार्थी और घमंडी हों।

इसलिए खुद को कभी उनसे compare ही न करें। बल्कि अपने अंदर अच्छी values लाएँ। Humble रहें, दूसरों की help करें। बड़ों का आदर करें। इस से लोग आपकी भी इज़्ज़त करेंगे। और आपको पसंद करेंगे।

6) Profit from loss

अगर आप कभी किसी चीज में असफल हो जाएँ तो भी निराश न हों। बल्कि उस असफलता में भी लाभ उठाना सीखें।

जैसे अगर कोई पहले blog में fail हो जाये तो ऐसा नहीं है कि सब खत्म हो गया है। बल्कि उस failure से उसने बहुत कुछ सीख लिया होगा।

उन गलतियों से सबक लेकर फिर से शुरू करें तो जरूर सफलता मिलेगी। हर हार में जरुरी सबक छिपे होते हैं।

7) Saying no is OK

हमेशा लोगों को खुश करने के लिए हाँ न करते रहें। इस से दूसरे लोग आपका नाजायज फायदा भी उठा सकते हैं। पहले अपनी ख़ुशी देखें।

कुछ लोग यही सोचते रहते हैं कि कहीं कोई हमारी निंदा न कर दे। इसलिए खुद दुःख सहकर भी दूसरों के काम के लिए हाँ करते रहते हैं।

अगर आपके वश में कोई काम नहीं है तो reason के साथ सीधा न कर दें। और गलत काम के लिए तो कभी भी हाँ न करें।

इस से आप बुरी तरह फँस जायेंगे। और दिन -रात चिंता से घिरे रहेंगे।

4) The Perfect Way to Conquer Worry

अगर आपको बैठे -बैठे चिंता हो रही हो तो लेखक ने एक बेहतरीन तरीका बताया है। आप कोई खुद की बनाई हुई prayer बोलें।

ईश्वर से प्रार्थना करें। आप बिना रुके कुछ न कुछ बोलते जाएँ। 10 – 20 line बोलें। आपकी चिंता दूर हो जाएगी। क्युँकि prayer में शक्ति होती है।

जब आप prayer बोलते हैं तो आप ईश्वर पर विश्वास जता रहे होते हैं। आपको भरोसा होता है कि supreme power आपका ख्याल रखेगी।

इसके अलावा आप कोई मंत्र -जाप कर सकते हैं। इस से आपमें positive energy flow होना शुरू हो जाएगी।आपमें नयी ऊर्जा और विश्वास का संचार होने लगेगा।

5) How to keep from worrying about Criticism

How to Stop Worrying and Start Living summary in Hindi
(Image: How to Stop Worrying and Start Living summary in Hindi)

बहुत से लोगों को Criticism की वजह से चिंता हो जाती है। Life में सभी को कभी न कभी किसी न किसी बात के लिए criticism झेलना पड़ता है। कोई न कोई हमारे काम में नुक्स ढूँढ लेता है।

कुछ लोग criticism से बहुत दुखी हो जाते हैं। और चिंता करने लगते हैं। लेखक ने criticism से निपटने का तरीका बताया है।

1) सबसे पहले यह देखें कि क्या सच में आपकी गलती है। अगर गलती है तो आराम से एक शब्द बोलें – Sorry.
दोस्तो , Sorry को कभी भी ego का issue न बनाएँ । Sorry बोलने से कोई भी छोटा नहीं होता है। इसलिए sorry बोलने की practice करें।

Life में हम ही सबसे बड़े नहीं हैं। हमसे बेहतर भी लोग हैं। यह स्वीकार करें और sorry का सही इस्तेमाल करना सीखें।

2) अगर गलती न होने पर भी कोई criticize करे, तो smile करके उसे ignore कर दें। कुछ लोग jealousy की वजह से आपको criticize करते हैं।

3) किसी से भी झगड़ा करने की न सोचें। इस से बाद में आपकी चिंता बढ़ेगी ही। इसलिए ignore करना सबसे बेहतर है।

4) हमारी life में हजारों लोग होते हैं। जरुरी नहीं है कि हम अपना focus खुद को criticize करने वाले पर रखें।बल्कि ऐसे friends के साथ समय बिताएँ जिनसे बात करके आपको ख़ुशी मिलती है।

6) Six Ways to Prevent Fatigue and Worry
and Keep Your Energy and Spirits High

इस chapter में author बताते हैं कि हमें इस तरह से काम नहीं करना चाहिए कि थकान हो जाये। जब हम थक जाते हैं तो हमारी spirit भी low हो जाती है।

उस समय हम ज्यादा चिंता करने लगते हैं। और ऐसे में अवसाद यानि depression में भी जा सकते हैं। Author ने थकान से निपटने के सात तरीके बताये हैं :

1) Rest

इस से पहले कि आपको थकान हो , आप rest कर लें । लगातार काम न करें। बीच -बीच में break लेते रहें।

2) Relax at work

ऑफिस में काम करते हुए भी relax करना सीखें। छोटी walk लें। या फूलों और पेड़- पौधों के पास चले जाएँ और उनकी खूबसूरती को निहारें। इस से आप fresh feel करेंगे।

3) Relax at home

घर पर भी relax करें। यह न हो कि अकेले बैठकर चिंता में खो जाएँ।

अच्छा music सुनें। Green tea बनाकर पिएं। Painting या किसी hobby को समय दें। इस से आपका mood fresh रहेगा।

4) Clean place

अपने work place को हमेशा neat रखें। वहाँ चीजों को clutter न करें। बिखरी हुई चीजों को देखकर दिमाग परेशान हो जाता है।

उसे सब उलझा हुआ लगता है। इसके लिए आप चीजों को organize करने की आदत डालें। जो सबसे जरुरी हों उन्हें आगे रखें।

और जो काम जरुरी न हो उन्हें पीछे रख दें। इस से आपका दिमाग खुश रहेगा।

5) Put enthusiasm

कोई भी काम हो उसे जोश से करें। Smile के साथ शुरू करें। इस से आपके brain को भी positive signal जाता है। और वो उस काम को interest के साथ करने लगता है। हर काम को interesting बनाया जा सकता है।

6) No Insomnia

कई बार चिंता करने से हमें नींद नहीं आती। और Insomnia हो जाता है। फिर हम Insomnia की चिंता करने लगते हैं कि हमें नींद नहीं आयी तो क्या होगा।

इसके बारे में बिलकुल न सोचें। आप देखेंगे कि आपको नींद अपनेआप आ जाएगी। लेकिन insomnia की चिंता करने लगेंगे तो शायद नींद न आये ।

7) Good Books

हमेशा अच्छी किताब पढ़ने की आदत डालें। किताबों से हमें नयी प्रेरणा, नया जोश और ज्ञान मिलता है। इस Blog पर भी आपको अच्छी से अच्छी किताबों की summary रोचक और सरल शब्दों में मिल जाएगी।
जब भी समय हो पढ़ते रहें।

समाप्त।

तो दोस्तो, यह थी इस bestseller किताब की summary . उम्मीद है आपको पसंद आयी होगी।

नीचे comment करके हमारा उत्साह बढ़ाएं। ताकि हम ऐसे ही आपके लिए और अच्छी book summaries लाते रहें। और हाँ, इस summary को अपने loved ones से share करना न भूलें।

हो सकता है, कोई अंदर ही अंदर परेशान रहता हो। उसे बहुत help मिलेगी। और वह आपका शुक्रगुज़ार रहेगा।

धन्यवाद ।

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1 thought on “How to Stop Worrying and Start Living summary in Hindi”

  1. nice book summry i teach more from this book summmry first not worry problem
    when we think about problem then our mind is going depresion

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