Men are from Mars Women are from Venus Book Summary in Hindi

Title: Men are from Mars Women are from Venus Summary in Hindi

Men are from Mars Women are from Venus Book Summary in Hindi
(Men are from Mars Women are from Venus Book Summary in Hindi)

About the Book : दोस्तो, Men are from Mars Women are from Venus, relationship पर लिखी गयी best किताब है। इसे अमेरिकी लेखक John Gray द्वारा लिखा गया है।

Book का title दर्शाता है कि पुरुष और औरत इतने अलग होते हैं मानो दोनों दो अलग ग्रहों से आये हैं। जैसे पुरुष मंगल (Mars) से आया हो और औरत शुक्र (Venus) से) .

यह किताब पुरुष और महिला के relationship में होने वाली रोज -रोज की problems को ध्यान में रख कर लिखी गयी है।

जितनी भी problems होती हैं उसका कारन दोनों की psychology है। क्युँकि nature ने पुरुष और महिला को psychological स्तर पर अलग -अलग बनाया है।

दोनों के behavior में बहुत से difference पाए जाते हैं। नीचे इन्ही differences के बारे में बताया गया है। और यह भी explain किया गया है कि इन differences की वजह से कौन -कौन सी problems होती हैं। साथ ही इन problems के solutions भी दिए गए हैं।

यह किताब पढ़कर आपका अपने partner के साथ relation और मजबूत होगा। और आप दोनों के बीच प्यार हमेशा बरक़रार रहेगा।

आइये, अब इस किताब के chapters की summary पढते हैं।

Men are from Mars Women are from Venus Book Summary in Hindi

इस किताब के सभी chapters की summary इस प्रकार से है :

1) Fix-It and the Home Improvement Committee
(पुरुष चीजों को fix करते हैं जबकि महिलाएँ घर को improve करती हैं )

इस Chapter में बताया गया है कि पुरुष और महिलाएँ कौन सा काम करना पसंद करते हैं और उन्हें किस तरह
की तारीफ पसंद आती है।

पुरुष अकेले काम करना पसंद करते हैं। किसी भी तरह की help को वे नापसन्द करते हैं। उन्हें लगता है कि दूसरा उनकी ability पर शक कर रहा है।

वे हर problem को जल्दी fix करना चाहते हैं। और चाहते हैं कि उनकी इस ability की तारीफ की जाये। वे emotions को काम के आड़े नहीं आने देते। उन्हें लगता है कि emotional होकर कोई result नहीं निकलने वाला।

इसलिए जब कोई मर्द किसी खराब हुई चीज को ठीक कर रहा हो तो महिला को बीच में नहीं पड़ना चाहिए। और जब वह ठीक कर दे तो उसकी तारीफ करनी चाहिए।

*

इसके विपरीत महिलाएँ इसके ठीक उल्टा काम करती हैं। वे कोई भी काम अकेले नहीं करना चाहतीं। पहले दो – तीन लोगों से इसके बारे में बात करेंगी।

वे हमेशा दूसरों की मदद करने की कोशिश भी करती हैं। वे हमेशा टीम -वर्क prefer करती हैं। अगर कोई महिला अकेले काम करे तो उन्हें लगता है कि वह काम बिगाड़ देगी।

अपनी feelings भी वो सब महिलों से discuss करती हैं। तथा चाहती हैं कि उनकी मदद की तारीफ की जाये।अगर कोई महिला किसी की मदद करती है तो उसकी जरूर तारीफ करें।

2) Men Go to Their Caves and Women talk
(पुरुष चुप्पी की गुफा में चले जाते हैं जबकि औरत बात करती है )

जब भी कोई बात बिगड़ जाये या tough situation आ जाये तो पुरुष बात करना बंद कर देते हैं। क्युँकि वे मन ही मन कोई solution ढूँढ रहे होते हैं।

वे नहीं चाहते कि कोई उनके काम में interfere करे। वे बात करते हैं तो to the point ही करते हैं।

लेकिन महिलाएँ मुश्किल situation में दूसरों से बात करती हैं। उनके सामने अपनी सारी feelings निकाल कर रख देती हैं। क्युँकि वे मदद की आशा रखती हैं। और खुद भी दूसरों को मदद देना चाहती हैं।

इसलिए महिला और पुरुष को एक -दूसरे के इस बर्ताब को समझ कर ही बात करनी चाहिए।

3) How to Motivate the Opposite Sex

पुरुष अपनी देखभाल खुद करते हैं। और दूसरों से भी यही उम्मीद करते हैं। इसलिए relationship में दिक्कत आ जाती है।

महिला partner उम्मीद करती है कि पुरुष उस से बात करेगा, उसकी feelings को समझेगा, या उसका ख्याल रखेगा।

लेकिन मर्द का स्वभाव ऐसा नहीं होता। उसे लगता है कि व्यस्क औरत सबल तो है। अपना ख्याल खुद रख सकती है। क्या दिक्कत है। लेकिन nature ने औरत को मर्द जैसा नहीं बनाया है।

इसलिए पुरुष को समझना चाहिए कि औरत चाहती है कि वह उसकी बात सुने। पुरुष को उसकी feelings को समझना चाहिए और उसका ख्याल रखना चाहिए।

यह जरुरी नहीं है कि आप उसके personal काम करें। सिर्फ पूछ लेने से उसे लगेगा कि आप उसकी बहुत care करते हैं। और ख्याल रखते हैं।

*
मर्द के विपरीत औरत हमेशा दूसरों का ख्याल रखती है। इसके लिए वह अपनी feelings की भी क़ुरबानी दे देती है। लेकिन इस से वो stress और depression में जा सकती है।

इसलिए पुरुष को चाहिए किऔरत की इस psychology को समझ कर उनसे उचित बर्ताव करें। इस से relationship में कभी कोई दिक्कत नहीं आएगी।

4) Speaking Different Languages

पुरुष की language एकदम direct होती है। वे feelings को अपनी बात-चीत में शामिल नहीं करते। वे कम से कम शब्दों का इस्तेमाल करते हैं।

इसके विपरीत महिलाएँ बहुत ज्यादा शब्दों का इस्तेमाल करती हैं । क्युँकि वे अपनी feelings को express करती हैं। उनकी बातों में दर्द और सहानुभूति शामिल होती है।

अच्छे relation के लिए दोनों partners को एक दूसरे का behavior समझना चाहिए। Blame game से बचना चाहिए ।

5) Language While Struggling

बुरे वक़्त में पुरुष नहीं चाहते हैं कि कोई उनके लिए चिंता करे। या उन्हें सहनुभूति दें। इस से उन्हें लगता है कि दूसरे उनकी ability को कम आँक रहे हैं। और उन्हें निकम्मा समझते हैं।

इसके विपरीत बुरे समय में महिला चाहती है कि कोई उसके मन की बात सुने। उसे समझे। उसे सहानुभूति दे।उसे समझकर ही कोई solution दे।

अगर कोई ऐसा न करे तो महिला और आहत हो जाती है। ये तो कभी न कहें कि उसकी गल्ती है। At least एकदम शुरू में तो नहीं।

वास्तव में महिला को solution से फर्क नहीं पड़ता। बस कोई उसकी परेशानी को आराम से सुन -समझ ले, ये इसके लिए बहुत होता है।

6) Men Are Like Rubber Bands

कई बार विपरीत परिस्थिति में पुरुष दूर चले जाते हैं। वे अकेले में सोचना चाहते हैं। उस समय वे बात -चीत करना भी छोड़ देते हैं।

पुरुषों का यह behavior औरतों की समझ में नहीं आता। उन्हें लगता है कि पुरुष उन्हें ignore कर रहा है। वे उनसे बार -बार इस बारे में बात करने लगती हैं।

इस से पुरुष और भी चिढ़ जाता है। और दोनों के बीच दूरी और बढ़ जाती है। लेकिन अगर महिला पुरुष को ऐसे समय में थोड़ा वक़्त दे। और उसे परेशान न करे, तो पुरुष वापस आ जाता है।

और वापस आकर तो वह और भी ज्यादा care करने लगता है। इसलिए पुरुष को कई बार उसका private space जरूर दें।

Leech की तरह तो हरगिज़ न चिपक जाएँ। इस से कोई भी relation अच्छे से नहीं चलेगा। बस याद रखें कि Nature ने पुरुषों को इसी तरह से बनाया है।

7) Women Are Like Waves

पुरुषों के ठीक उल्टा महिलाएँ लहरों की तरह होती हैं।

जैसे लहर कई बार उठती है और कई बार नीचे गिर जाती है, महिलाओं का behavior भी ऐसा ही होता है। कई बार महिला feelings से भरी होती है। वह किसी से इसके बारे में बात करना चाहती है।

अगर कोई उसकी न सुने तो वह depress हो जाती है और लहर की तरह नीचे वाले phase में चली जाती है।

लेकिन इसके ठीक विपरीत अगर कोई महिला के मन की बात सुनता है। उसे support और सहानुभूति देता है तो वह लहर के ऊपर वाले phase में आ जाती है। वह खुश हो जाती है। उसे लगता है उसके पास life में सब कुछ है।

कई बार पुरुष को महिला के इस behavior को समझना मुश्किल होता है। लेकिन अब इस किताब को पढ़कर उन्हें काफी कुछ पता चला होगा।

जब पुरुष बात करना बंद कर दे तो उसे अकेले छोड़ देना चाहिए। लेकिन जब महिला ऐसा करे तो उसे सहानुभूति दें और ठीक से उसके मन की बात पूछें। उसे criticize न करें। बल्कि दिलासा और मदद दें।

लेकिन महिला को चाहिए कि ज्यादा melodrama किये बिना direct अपनी बात रखे।

8) How To Avoid Arguments

Arguments के दौरान क्या बोला गया है यह कम मायने रखता है। लेकिन कैसे बोला गया है यह मायने रखता है। बोलने की tone पर ध्यान रखना चाहिए। हमेशा शान्ति से और प्यार से बात करनी चाहिए।

पुरुषों का सबसे बड़ा flaw यह होता है कि वे argument के दौरान महिला की feelings को नहीं समझ पाते हैं।जबकि महिलाओं का flaw यह होता है कि वे छोटी सी बात पर भी ज्यादा critical हो जाती है।

दोनों का ही बर्ताव उचित नहीं है।

जब पुरुष गलती करते हैं तो वे frustrated हो जाते हैं। और गुस्सा भी करते हैं। उस समय महिला को अपने partner को कुछ देर अकेला छोड़ देना चाहिए। वह खुद ही सोच -विचार करके वापस आ जायेगा।

Apology को भी पुरुष और महिला अलग तरीके से देखते हैं। कोई sorry बोले तो पुरुष को लगता है कि सामने वाले ने गलती मान ली है। और उसी की गलती थी।

जबकि महिला sorry को प्यार का symbol मानती है। उसे लगता है सामने वाला प्यार की वजह से sorry बोल रहा है।

लड़ाई के दौरान बोलने का अंदाज भी पुरुष और महिला का अलग होता है। मर्द aggressive और कड़े शब्दों का प्रयोग करते हैं। इस से महिला चुप हो जाती है। वो ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहती।

कई बार argument से बचने के लिए पुरुष ध्यान देना बंद कर देते हैं और चुप्पी साध लेते हैं। जबकि महिला ऐसे pretend करती है जैसे लड़ाई हुई ही नहीं है। लेकिन इस से अंदर ही अंदर दोनों में मनमुटाव रह जाता है। ऐसी शाँति ज्यादा दुखदायी लगती है।

इसलिए पुरुष को आराम से महिला की बात सुननी चाहिए। और महिला को पुरुष को criticize किये बिना अपनी feelings रखनी चाहियें।

9) Scoring Points with the Opposite Sex

पुरुष result की value करते हैं जबकि महिला विचारों (Feelings) की।

मान लीजिये अगर कोई महिला पुरुष को कुछ बोले बिना gift देती है, तो वह खुश हो जायेगा। जबकि महिला को कोई gift न देकर अगर एक कविता भेज दें तो वो उस से खुश हो जाएगी।

पुरुष को कविता से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। क्युँकि पुरुष practical होता है जबकि महिला जज्बाती।

अगर पुरुष को लगता है कि कुछ देने से बदले में, उसे कुछ नहीं मिल रहा तो वो भी देना बंद कर देता है। क्युँकि वो प्रैक्टिकल होता है। वो लेन -देन का गणित balance रखना चाहता है।

जबकि महिला के साथ ऐसा नहीं है। अगर उसे कुछ न भी मिले तो भी वो, देना जारी रखती है। चाहे वो प्यार हो या कोई वस्तु आदि।

लेकिन इस behavior में भी दोनों को बदलाव लाना चाहिए।

महिला को प्यार के बदले अगर प्यार नहीं मिले तो उसे भी प्यार में कमी कर देनी चाहिए। और अपनी बात directly बता देनी चाहिए। यह assume नहीं कर लेना चाहिए कि पुरुष उसकी बात अपने-आप समझ जायेगा।

लेकिन बार -बार बताया गया है कि पुरुष का दिमाग इस तरह से काम नहीं करता है।

पुरुष को भी यह assume नहीं करना चाहिए कि महिला उस से खुश है। तभी उस से प्यार किये जा रही है। बल्कि अगर वो प्यार दे रही है तो पुरुष को भी reciprocate करना चाहिए।

उसकी feelings को समझना चाहिए। किसी भी तरह की assumptions या गलतफ़हमी पाल लेने से relationship पर बुरा ही असर पड़ता है।

10) How to Communicate Difficult Feelings

Negative feelings को avoid करके वे दूर नहीं होने वाली। इसलिए negative feelings को accept करना सीखें। और अपने partner को संयम रखकर बताएँ भी।

पुरुष अपनी ego और anger की वजह से अपनी negative feelings महिला को नहीं बताते। क्युँकि इस से उन्हें लगता है कि वे कमजोर माने जायेंगे। ऐसे ही महिला negative feelings को अगर नहीं बताती तो वह depression में चली जाएगी।

लेकिन इस किताब के facts को ध्यान में रखकर पुरुष और महिला दोनों को अपना behaviour बदलना चाहिए।

पुरुष को अपनी negative feelings को अपने partner से शेयर करना चाहिए। और उनका opinion शांति से सुनना चाहिए। महिला को भी पुरुष की बात emotional हुए बिना सुननी चाहिए और कोई practical suggestion देना चाहिए। रोना -धोना नहीं करना चाहिए। या बहुत emotional नहीं होना चाहिए।

पुरुष को भी महिला की बात शान्ति से सुननी चाहिए और उसे प्यार से समझाना चाहिए। दिलासा और सहानुभूति देनी चाहिए।

*

11) How to Ask for Support and Get It

पुरुष हमेशा काम करके खुद को prove करना चाहते हैं। लेकिन वे औरत के मन की बात अपने आप नहीं समझ पाते। जब तक महिला पुरुष से किसी काम के लिए न बोले तो वह अपने आप उस काम को नहीं करेगा।

इसलिए महिला को हमेशा पुरुष से help की request करनी चाहिए। लेकिन यह उसे demand या order की तरह नहीं लगना चाहिए।

जब पुरुष कोई काम करे तो उसमें बेवजह के नुक्स भी नहीं निकालने चाहिए। अगर कुछ गलत हो तो indirectly बताना चाहिए। या जितना काम हो चुका है पहले उसकी तारीफ करनी चाहिए। फिर जो बचा है उसे करने के लिए प्यार से आग्रह करना चाहिए।

पुरुष के किसी भी काम में टाँग नहीं अडानी चाहिए। इस से उन्हें अपना अपमान महसूस होता है।

12) Keeping the Magic of Love Alive

समय के साथ प्यार भी बदल जाता है। Honeymoon भी हमेशा नहीं रहता। हम सबमें कमियाँ होती हैं।

Relationship बनाये रखने का यही तरीका है कि हम सबसे पहले यह यह मान लें कि हमारा partner हमसे अलग है। उसे nature ने ऐसा ही बनाया है।

बस अपने partner से भी इस किताब को share करें और पढ़ने को बोलें। ताकि आप दोनों एक दूसरे को अच्छे से समझ सकें। और यह भी जान सकें कि आपसे कब, क्या और कैसे बात करनी है।

क्युँकि सच में पुरुष और महिला दो अलग ग्रहों से हैं।

समाप्त।

दोस्तो, तो यह थी इस bestseller किताब की समरी (Men are from Mars Women are from Venus Book Summary in Hindi) .

अगर आप चाहते हैं कि आपका partner आपको अच्छे से समझे तो उस के साथ भी यह post share करें। क्युँकि man और woman को nature ने बहुत अलग बनाया है। दोनों ही एक दूसरे को समझ नहीं पाते। जिसकी वजह से arguments या झगडे हो जाते हैं।

लेकिन अगर आपने समझ लिया कि एक आदमी का दिमाग कैसे काम करता है या एक औरत किस तरह से सोचती है तो फिर उनसे बातचीत करना बहुत आसान हो जायेगा।

कभी argument और झगड़ा नहीं होगा। बल्कि परस्पर प्रेम और सौहार्द बना रहेगा।

धन्यवाद।

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