Top 100 Motivational Story in Hindi – सर्वश्रेष्ठ प्रेरक कहानियाँ

Best Motivational Story in Hindi – सर्वश्रेष्ठ प्रेरक कहानियाँ: दोस्तो, जिंदगी संघर्ष का नाम है। हर दिन लाखों -करोड़ों लोग जिंदगी में सफलता पाने के लिए जद्दोजहद करने में लगे हुए हैं।

लेकिन सफलता की इस राह में कई बार बहुत मुश्किलें भी आती हैं। ऐसे में बहुत से लोगों का हौसला टूट जाता है।

ऐसे में उन्हें जरुरत होती है कि कहीं से उन्हें कुछ Motivation मिल जाए। जिससे प्रेरणा पाकर वे फिर से दुबारा प्रयास करें और आगे बढ़ें।

इसी को ध्यान में रखते हुए इस लेख में दुनिया -जहाँ की 100 Best Motivational Stories दी गयी हैं।

इन्हे पढ़िए और देखिये कि किस तरह आप -हम जैसे लोगों ने भी मुश्किलों का सामना करते हुए Success हासिल की और सारी दुनिया को चमत्कृत कर दिया।

वे आम आदमी से ऐसी हस्ती बन गए जिनका उदाहरण आज हर कोई देता है।

तो आइये इन सभी प्रेरक कहानियों (Motivation Stories for Success) को पढ़ते हैं और जीवन में सफल होने की प्रेरणा लेते हैं।

Best Motivational Story in Hindi
Best Motivational Story in Hindi

1. Vardraaj (वरदराज) : मंदबुद्धि बालक जो प्रकांड पंडित बन गया

एक बार वरदराज नाम का एक बालक था। वह पढ़ने – लिखने में बहुत ही कमजोर था। गुरु के द्वारा सिखाया हुआ कोई भी सबक उसे याद नहीं रहता था।

एक दिन उसके गुरु ने कहा कि अगले दिन टेस्ट होगा। वरदराज पढ़ाई करने लगता है। लेकिन उसकी समझ में कुछ भी नहीं आता।

अगले दिन जब परीक्षा होती है तो वह उस परीक्षा में असफल रहता है। इसके बाद उसके गुरु उसे बुलाते हैं और कहते हैं कि तुम जीवन में कुछ भी नहीं कर पाओगे। तुम इतनी आसान परीक्षा को भी पास नहीं कर सके। तुम एक मंदबुद्धि बालक हो।

यह सुनकर वरदराज बहुत निराश हो गया। जब वह दुखी मन से स्कूल से घर जा रहा था तो रास्ते में उसे प्यास लगी।

वह एक कुएँ के पास गया और पानी पीकर कुछ देर के लिए वहीं पर बैठ गया।

तभी उसने देखा कि कुएं की पत्थर की मुंडेर पर बहुत सारे निशान पड़े हुए थे। बार-बार घड़ा रखने से वहाँ निशान बन गए थे।

तभी अचानक से वरदराज को बड़ी प्रेरणा मिलती है। वह सोचता है कि मिट्टी के बने कमजोर घड़े के बार-बार यहां रखने से पत्थर पर भी निशान पड़ सकते हैं तो बार-बार अपना सबक पढ़ने से मुझे भी अपने सबक याद हो सकते हैं।

इसके बाद वरदराज दो-तीन बार नहीं बल्कि कम से कम 20 बार अपना सबक पढ़ने लगा। और इसका नतीजा यह हुआ कि वह हर विषय में अव्वल आने लगा। इससे उसके गुरु भी बहुत प्रसन्न हुए।

आगे चलकर वरदराज एक महान विद्वान बने। और उन्होंने संस्कृत में वरदराज कौमुदी नाम का व्याकरण भी लिखा।

इस कहानी से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि करत – करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान अर्थात जिस कार्य में हम सफल नहीं हो रहे हैं उसे हमें बार-बार करते रहना चाहिए। एक दिन उसमें सफलता जरूर मिलेगी।

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2. Arjun (लड़का जिसने चापलूसी नहीं आत्मसम्मान से सफलता पायी)

अर्जुन एक प्राइवेट आईटी फर्म (IT Firm) में काम करता था। एक दिन उसे पता चलता है कि उसकी कंपनी में छंटनी होने वाली है।

यह खबर सुनते ही सारे employees अपने बॉस की चापलूसी करने लग पड़ते हैं। कुछ लोग मैनेजमेंट के लोगों से भी मिलते हैं और उन्हें रिश्वत आदि दे देते हैं।

एक दिन अर्जुन का बस उससे मिलने आता है और कहता है कि अर्जुन तुम बहुत मेहनती हो। लेकिन जॉब बचाने के लिए सिर्फ मेहनत से काम नहीं चलता है। तुम एक बार भी मेरे पास नहीं आए हो।

अर्जुन कहता है कि Sir मैं आपकी दिल से इज्जत करता हूँ, लेकिन मुझे चापलूसी करना पसंद नहीं है। यह सुनकर उसका बहुत चिढ़ जाता है।

वह चाहता था कि अर्जुन भी दूसरे लोगों की तरह बार-बार उसके कमरे में आकर उसे गुड मॉर्निंग करे और उसकी तारीफ करे।

एक दिन ऊपर से छंटनी का नोटिस आ जाता है। अर्जुन का बॉस उसे सपोर्ट न करके चापलूसों को सपोर्ट करता हैं। और अर्जुन को टर्मिनेशन लेटर पकड़ा देता है।

जब जाने से अर्जुन को दुख तो होता है लेकिन वह हौसला नहीं हारता। वह अपना खुद का एक ब्लॉग शुरू कर देता हैं। एक साल तक उसकी कोई भी इनकम नहीं होती और वह बहुत सारी गलतियां भी करता है।

लेकिन वह लगा रहता है। आखिर एक दिन उसका Blog इनकम करने लगता है। शुरू में उसकी इनकम ज्यादा नहीं थी। लेकिन अर्जुन मेहनत से काम करता रहता है और दो-तीन साल बाद उसकी इनकम उतनी हो जाती है जितनी उसकी सैलरी थी। (Motivational Story in Hindi For Success).

अब अर्जुन पूरी तरह से ब्लागिंग एक्सपर्ट बन गया हैं। उसका प्लान हैं कि आगे आने वाले सालों में और भी ब्लॉग शुरू करेगा। अब वह खुद अपना बॉस है और उसके साथ ऑफिस पॉलिटिक्स का भी झंझट नहीं है।

इस तरह अर्जुन ने अपना आत्म – समान खोये बिना जीवन में सक्सेस हासिल कर ली।

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3. ईशा (लड़की जो टूट कर फिर से जुडी)

एक बार ईशा नाम की एक लड़की थी। उसके माता-पिता उसकी शादी एक अच्छे घर में कर देते हैं। लेकिन शादी के बाद ही उसकी जिंदगी नरक से भी बदतर हो जाती है।

उसके सास – ससुर हमेशा उसके काम में नुकसान निकालते रहते थे। तथा उससे घर का बहुत सारा काम लेते रहते थे। साथ ही वे कहते थे कि उसके मां-बाप ने उसे कोई संस्कार नहीं दिए थे।

ईशा के पति बाहर नौकरी करते थे। जब वे घर आए तो जानकी ने कहा कि उसके सास – ससुर बहुत परेशान करते हैं। लेकिन ईशा का पति भी उसे ही दोष देने लगा।

एक दिन उन सब ने मिलकर ईशा से कहा कि तुम ज्यादा दहेज नहीं लाई हो। इसलिए अपने मायके से और पैसे लेकर आओ।

लेकिन ईशा कहती है कि उसके घर वाले बहुत गरीब हैं। वे पहले ही बहुत कुछ दे चुके हैं। उनके पास देने के लिए अब कुछ भी नहीं है। यह सुनकर ससुराल के लोग उसके साथ मारपीट भी करने लगते हैं।

धीरे -धीरे ईशा डिप्रेशन में चली जाती है। और उसके मन में आत्महत्या के ख्याल आने लगते हैं।

आखिर एक दिन पानी सिर से बहुत ऊपर चला जाता है। ईशा की सास किसी बात पर उसे थप्पड़ मार देती है। इसके बाद ईशा आत्महत्या करने का विचार करके एक नदी के पास जाती है।

लेकिन तभी वहाँ पर एक सज्जन पुरुष उसे देख लेते हैं। वे उससे पूछते हैं कि बेटी आपकी क्या समस्या है।

ईशा रोकर सारी समस्या उन्हें बताती है। इस पर सज्जन पुरुष कहते हैं कि आत्महत्या कोई रास्ता नहीं हैं बल्कि पाप है।

लेकिन ईशा कहती है कि अब उसके लिए दुनिया में कोई जगह नहीं बची है। न घर है, न भोजन।

सज्जन पुरुष कहते हैं कि यह ब्रह्मांड बहुत बड़ा है। इसमें हर पशु – पक्षी के लिए जगह है फिर इसमें तुम्हारे लिए जगह क्यों नहीं बन सकती। अगर तुम्हारे लिए कुछ नहीं बचा है तो तुम अपना खुद का काम क्यों नहीं कर सकती।

यह सुनकर ईशा कहती है कि मैं ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं हूँ। मुझे कौन काम देगा ?

लेकिन वे सज्जन कहते हैं – क्या तुम चाय बना सकती हो ?

इसके बाद वे सज्जन मुस्कुराकर वहाँ से चले जाते हैं।

लेकिन उनके इस वाक्य से ईशा के मन पर गहरा असर पड़ता है।

वह शहर जाकर सड़क के किनारे चाय बनाने लगती है और गरीब लोगों को बहुत कम पैसों में चाय पिलाने लगती है। धीरे-धीरे उसका नाम पूरे शहर में प्रसिद्ध होने लगता है। और वह हर दिन बहुत सारे पैसे कमाने लगती है।

उसने एक अच्छा सा घर भी किराये पर ले लिया था।

एक साल में उसके पास इतना पैसा इकट्ठा हो गया था कि उसने एक बड़ी दुकान किराए पर ले ली। और कुछ मजबूर लोगों को भी अपने साथ काम पर रख लिया।

इसी तरह ईशा साल दर साल तरक्की करती गई और आज की तारीख में उसके 100 से ज्यादा चाय के आउटलेट हैं।

एक दिन उसकी मुलाकात एक बहुत अच्छे स्वभाव के लड़के दीपक से होती है। और दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। और समय के साथ दोनों शादी कर लेते हैं।

इसके बाद ईशा अपनी जिंदगी में बहुत खुश रहने लगती है।

इस कहानी से प्रेरणा मिलती है कि कितनी भी बुरी परिस्थिति क्यों न हो, हमें कभी भी आत्महत्या के विचार मन में नहीं लाने चाहिए। बल्कि अपनी बुद्धि से समस्या का समाधान ढूँढना चाहिए।।

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4. मलाला (दुनिया की सबसे कम उम्र की नोबेल प्राइज विजेता)

मलाला पाकिस्तान में रहने वाली 15 साल की एक लड़की थी। उन दिनों वहाँ पर तालिबान का शासन था। तथा लड़कियों के स्कूल जाने पर पाबंदी थी।

लेकिन इसके बावजूद मलाला ने हिम्मत करके स्कूल जाना जारी रखा। यह देखकर तालिबानी सैनिकों ने उससे कहा कि स्कूल न जाए।

मगर साहसी मलाला ने कहा कि मैं स्कूल जाती रहूँगी। यह सुनकर तालिबानी लड़ाके ने उसे गोली मार दी। गोली मलाला के सिर को छूती हुई निकल गयी।

हॉस्पिटल में मलाला जिंदगी और मौत से जूझती रही और आख़िरकार उसने मौत को मात दे दी। इसके बाद भी उसने लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देना जारी रखा।

मलाला के अदम्य साहस को देखते हुए महज 17 साल की उम्र में ही उन्हें बर्ष 2014 का नोबेल पीस प्राइज दिया गया। वे अब तक की सबसे कम उम्र की नोबेल विजेता हैं।

इस समय वे मानवाधिकारों तथा बच्चों की शिक्षा के अधिकारों की प्रखर प्रवक्ता हैं।

उनकी कहानी से हमें प्रेरणा मिलती है कि हमें जुल्म करने वालों के आगे भी कभी नहीं झुकना चाहिए।

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5. Nick Vujicic – बिना बाजु और टांगों के दुनिया पर छाए

निक वुजिसिक (Nick Vujicic) का जन्म ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हुआ था। उसके माता-पिता Serbia से थे।

बचपन से ही Nick, टेट्रा अमिलिया सिंड्रोम (Tetra Amelia Syndrome ) से ग्रस्त थे। यह ऐसा सिंड्रोम था जिसमें व्यक्ति की ना तो बाजू होती हैं और ना ही टांगे।

जब Nick पैदा हुए तो उनकी माँ ने उन्हें देखने से भी मना कर दिया था। लेकिन फिर लोगों के समझाने – बुझाने के बाद माता-पिता ने उसकी परवरिश की। और उसे स्कूल भी भेजा गया।

लेकिन स्कूल में भी Nick का बहुत मजाक उड़ाया जाता था। एक समय तो Nick इतने परेशान हो गए थे कि उन्होंने आत्महत्या का प्रयास भी किया।

परंतु एक दिन उन्होंने जिंदगी को नए नजरिए से देखना शुरू किया। उन्होंने 17 साल की उम्र में चर्च में मोटिवेशनल स्पीच देना शुरू कर दिया। उनके लेक्चर से लोग बहुत प्रभावित हुए। तथा अपनी दुख – तकलीफ भूलने लगे। Short Motivational Story in Hindi.

धीरे-धीरे Nick पूरे संसार में यात्रा करने लगे और लोगों को तरह-तरह की मोटिवेशनल speech देने लगे।

आज वे जिंदगी में काफी सफल हैं तथा उनके भाषणों से लोग बहुत प्रेरणा लेते हैं। उनकी कहानी से सीख मिलती है कि कितनी भी मुसीबतें आयें, हमें कभी भी जिंदगी में हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।

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6. J.K Rowling – 17 रिजेक्शन के बाद रचा हैरी पॉटर का इतिहास

दोस्तो, जेके रोलिंग (J.K Rowling) को तो सब जानते हैं। उन्होंने हैरी पॉटर जैसा विश्व – विख्यात उपन्यास लिखा है। लेकिन वे हमेशा से इतनी सफल नहीं रही थी।

वे शुरू में एक टीचर थीं तथा गरीबी तथा संघर्ष को झेलते हुए आगे बढ़ी। एक समय उन्हें डिप्रेशन भी हो गया था।

जब उन्होंने Harry Potter लिखा था, तो कम से कम 17 पब्लिशर्स ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया था। लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने नावेल को हमेशा नए पब्लिशर्स को भेजती रहीं।

इसका नतीजा यह हुआ कि एक दिन उनका उपन्यास accept कर लिया गया। और उसके बाद की कहानी तो आप जानते ही हैं। पूरे संसार में हैरी पॉटर ने धूम मचा दी थी।

उनकी कहानी से हमें सीख मिलती है कि rejection होने के बाद भी हमें अपने प्रयास जारी रखने चाहियें।

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7. Nelson Mandela – 27 साल की जेल के बाद भी बने राष्ट्रपति और जीता Nobel
(Short Motivational Story in Hindi)

नेल्सन मंडेला का जन्म साउथ अफ्रीका के केप टाउन में हुआ था। उस समय वहाँ पर रंगभेद नीति थी। तथा गोर लोगों द्वारा काले लोगों के साथ भेदभाव किया जाता था।

नेल्सन मंडेला ने इसके खिलाफ आवाज उठाई। लेकिन सरकार ने उन्हें 27 साल के लिए जेल में डाल दिया।

लेकिन जब वे जेल से बाहर निकले तो उन्होंने फिर से अपना आंदोलन जारी रखा। नतीजतन साउथ अफ्रीका में रंगभेद की नीति समाप्त कर दी गई।

इसके बाद नेशनल मंडेला, अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने। वे साल 1994 से 1999 तक इस पद पर रहे।

उन्हें वर्ष 1990 का नोबेल शांति पुरस्कार भी दिया गया। आज की तारीख में उन्हें अफ्रीका का राष्ट्रपिता माना जाता है। Short Motivational Story in Hindi.

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8. Bethany Hamilton : शार्क के हमले के बाद भी नहीं हारी हिम्मत

विधानी हैमिल्टन (Bethany Hamilton) एक प्रोफेशनल Surfer थी। लेकिन 13 साल की उम्र में जब वे समुद्र में सर्फिंग कर रही थी तो एक शार्क ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में उनकी बाईं बाजू चली गई।

लेकिन इसके बाद भी Bethany ने हार नहीं मानी और अपने पैशन को जारी रखा। आज की तारीख में वे एक जानी-मानी सर्फर हैं। तथा कई प्रतियोगिताएं जीत चुकी हैं।

उनकी कहानी से हमें प्रेरणा मिलती है कि जिंदगी में भयंकर मुसीबत आने पर भी हमें हार नहीं माननी चाहिए। तथा जिंदगी में आगे बढ़ने की कोशिश करते रहना चाहिए।

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9. अरुणिमा – बिना टांग के जीता Mt. Everest

भारत की अरुणिमा पहले एक राष्ट्रीय स्तर की वॉलीबाल खिलाड़ी थी। एक बार वे एक ट्रेन से यात्रा कर रही थीं।

उसी समय ट्रेन में कुछ लुटेरे घुस आते हैं। लेकिन अरुणिमा उन लुटेरों से भिड़ जाती है। लेकिन लुटेरे उन्हें चलती ट्रेन से नीचे फेंक देते हैं जिसके कारण उनकी एक टांग काटनी पड़ जाती है।

इसके बाद भी अरुणिमा हिम्मत नहीं हारती। वे आगे चलकर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली विकलांग महिला बनी।

उनकी कहानी से हमें अदम्य साहस तथा आंतरिक शक्ति की प्रेरणा मिलती है।

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10. Chris Gardner – बेघर होकर भी शुरू की कंपनी

क्रिस गार्डनर (Chris Garner) का जन्म अमेरिका के बीच कौन शहर में हुआ था। वे एक अश्वेत व्यक्ति थे। उन्हे अपनी जिंदगी में बहुत संघर्ष झेलना पड़ा था।

जब वे बड़े हुए तो एक दिन उनकी नौकरी चली गई। इसके बाद उनकी पत्नी भी उन्हें छोड़कर चली गई।

लेकिन उनके पास अपने बेटे की जिम्मेदारी थी। एकाएक वे होमलेस भी हो गए।

इसके बाद भी वे अपने बेटे को स्कूल भेजते रहे। लेकिन उन दोनों को कभी पार्क, कभी एयरपोर्ट या फुटपाथ आदि में सोना पड़ता था।

लेकिन धीरे-धीरे क्रिस गार्डनर ने स्टॉक ट्रेडिंग सीखा। और एक दिन इस व्यवसाय में सफलता हासिल की।

आज की तारीख में उनकी खुद की गार्डनर रिचर्ड कंपनी नाम की ब्रोकरेज फॉर्म है। और वे एक करोड़पति उद्यमी बन चुके हैं। साथ ही साथ वे एक प्रेरक वक्ता भी हैं।

क्रिस गार्डनर की जिंदगी पर प्रसिद्ध ” Pursuit of Happiness” नामक सुपरहिट फिल्म भी बनी है।

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Motivational Story in Hindi (11-20)

11. Rosa Parks – रंग -भेद के खिलाफ लड़ी लड़ाई

रोजा पार्क का जन्म अमेरिका के अलावा में हुआ था। वे एक अश्वेत महिला थीं तथा पेशे से एक अध्यापिका थी।

उस समय अमेरिका में गोरे लोगों द्वारा अश्वेत लोगों के साथ भेदभाव किया जाता था। तथा उन्हें बसों में गोरे लोगों को सीट देनी पड़ती थी।

एक दिन रोज पार्क Montgomery नामक जगह पर एक बस में चढ़ी तथा एक सीट पर बैठ गईं।

तभी एक गोरा वहाँ पर आया और उसे सीट देने के लिए कहा। लेकिन Rosa Park ने सीट देने से मना कर दिया। उस बस में मौजूद सभी गोरों ने रोजा को भला -बुरा कहना शुरू कर दिया।

लेकिन Rosa पार्क ने ठान लिया था कि अब इस जातिगत भेदभाव को खत्म करके रहेगी। और उन्होंने सीट देने से बिल्कुल मना कर दिया।

इससे उस क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव शुरू हो गया। जब मार्टिन लूथर किंग को इस घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने देशव्यापी आंदोलन शुरू कर दिया।

इस तरह से रोसा पार्क को रेसिजम के खिलाफ आंदोलन की जननी माना जाता है।

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12. Steve Jobs – हिप्पी जिसने खड़ी कर दी Apple जैसी कंपनी

स्टीव जॉब का जन्म अमेरिका के केलिफोर्निया (सन फ्रांसिस्को ) में हुआ था। लेकिन बचपन में ही उनके माता-पिता ने उन्हें एक दंपति को गोद दे दिया था।

इसके बाद उनका सारा जीवन संघर्षों से भरा हुआ गुजरा। उन्होंने अपनी हाई स्कूल तथा कॉलेज की शिक्षा – दीक्षा पूर्ण की।

लेकिन उन्हें नहीं पता था कि वे जिंदगी में क्या करेंगे। इसलिए वे हिप्पी बनकर इधर-उधर घूमने लगे।

वे भारत के नीम करोली बाबा के आश्रम में भी आए थे। और यहाँ पर उन्हें Apple बनाने का आइडिया आया था।

आगे चलकर उन्होंने एप्पल कंपनी की स्थापना की। लेकिन वहाँ पर भी उनकी जिंदगी में बहुत उतार-चढ़ाव रहे। यहाँ तक कि उन्हें अपनी ही कंपनी से निकाल दिया गया था। Short Motivational Story in Hindi For Success.

लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। और एक दिन कंपनी को उन्हें वापस बुलाना पड़ा।

आगे चलकर 56 साल की आयु में ही उनकी कैंसर से मृत्यु हो गई। उन्हें हमेशा एक महान आविष्कारक तथा इन्वेस्टर के रूप में जाना जाएगा।

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13. Oprah Winfrey – Abuse के बाद भी बनी विश्व -विख्यात Anchor

जानी मानी टीवी एंकर ओपरा विनफ्रे का जन्म अमेरिका के मिसिसिपी में हुआ था। उनका बचपन बेहद गरीबी तथा तंगहाली से भरा हुआ था। साथ ही बचपन में ही उनके साथ रेप भी हो चुका था।

लेकिन इस सबके बावजूद उन्होंने अपने अथक प्रयासों से अपनी पढ़ाई – लिखाई पूरी की। आगे चलकर वे मीडिया जगत में एक महान Anchor बन गईं।

उनकी जिंदगी से हिम्मत और आत्मविश्वास की ताकत का पता चलता है। जो किसी भी इंसान को सफलता दिला सकते हैं।

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14. Verghese Kurien – कैसे बने Milkman Of India

डॉ बरगी सी कोरिया को भारत का मिल्कमैन कहा जाता है। क्योंकि उन्होंने अमूल की स्थापना करके भारत के डेरी इंडस्ट्री में एक क्रांति ला दी थी।

उनके प्रयासों से हजारों लाखों किसानों का भला हुआ था। तथा भारत मिल्क उत्पादन का एक बहुत बड़ा सबसे बड़ा देश बन गया।

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15. Gregor Johan Mendel – किसान के बेटा बना Father Of Genetics

ग्रेगर मेंडल ऑस्ट्रिया में एक बहुत गरीब घर में पैदा हुए थे। बचपन से ही उन्हें खेतों में काम करना पड़ता था। उनके परिवार के पास उन्हें पढ़ाने के लिए पैसे नहीं थे।

इसलिए उन्हें एक चर्च के स्कूल में डाल दिया गया था। आगे चलकर इस चर्च में वे पहले Friar बने और फिर आगे चलकर उसके फादर भी बने। चर्च में ही उन्होंने अपने विश्व – प्रसिद्ध मटर के साथ प्रयोग करना शुरू किए थे।

उन्होंने यह बताया था कि माता-पिता के गुण बच्चों में कैसे आ जाते हैं। और इसके पीछे Genes का हाथ होता है। उन्होंने रिसर्च पेपर लिखा लेकिन उस समय के वैज्ञानिकों को कुछ समझ नहीं आया। तथा किसी ने उन पर ध्यान नहीं दिया।

जब उनकी मृत्यु हो गई तो उसके 20 सालों बाद ही कुछ नए वैज्ञानिकों को पता चला कि वास्तव में Gregor Mendel ने अनुवांशिकी (inheritance) के महत्वपूर्ण सिद्धांत दे दिए थे। आज की तारीख में हम उन्हें फादर आफ Genetics भी कहते हैं।

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16. Newton – शर्मीला बालक जो बना महान Physicist
(Motivational Story in Hindi For Students)

बचपन में न्यूटन पढ़ाई में अच्छे नहीं थे। उनके टीचर उन्हें मंदबुद्धि कहते थे। एक दिन एक टीचर ने उनसे कहा कि तुम जिंदगी में कुछ भी नहीं कर पाओगे।

यह सुनकर न्यूटन की माँ को बहुत बुरा लगा। वे उसे school से निकालकर घर ले आईं और खुद ही पढ़ाने लगीं।

वास्तव में न्यूटन का दिमाग आम लोगों से बहुत ही विपरीत काम करता था। इसलिए किसी को भी उनकी बातों की समझ नहीं आती थी। एक दिन न्यूटन जा रहे थे और उनके सिर पर सेब गिरता है।

तभी उनके दिमाग में प्रश्न आता है कि आखिर यह सब नीचे ही क्यों गिरा, ऊपर की ओर क्यों नहीं गिरा।

और उसी क्षण से उन्होंने Gravity के महत्वपूर्ण सिद्धांतों की खोज करना शुरू कर दिया। जिन्हें आज दुनिया भर के स्कूलों, कॉलेजों तथा विश्वविद्यालय में पढ़ाया जाता है।

Newton की कहानी से प्रेरणा मिलती है कि स्कूली शिक्षा में कमजोर होने पर भी हम आगे जिंदगी में महान कार्य कर सकते हैं।

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17. Dheeru Bhai Ambani – कैसे एक क्लर्क ने बना दी Reliance जैसी कंपनी

धीरूभाई अंबानी का जीवन बहुत ही मुश्किलों से भरा हुआ था। सबसे पहले उन्होंने यमन में एक मजदूर के रूप में काम किया था। फिर शिमला में एक होटल में क्लर्क का भी काम किया।

इसके बाद उन्होंने गुजरात में एक टेक्सटाइल मिल शुरू की। और उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपनी ईमानदारी तथा साहस के बलबूते पर उन्होंने रिलायंस की नींब रखी।

उनके अथक प्रयासों से यह कंपनी दिनों – दिन बढ़ती चली गई। और आज की तारीख में यह भारत की नंबर एक कंपनी बन चुकी है।

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18. Michael Faraday – कर दिया घर -घर रोशन

माइकल फैराडे का जन्म एक बहुत गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता हमेशा बीमार रहते थे तथा काम पर नहीं जा पाते थे।

महज 13 बरस की आयु में ही माइकल को एक Book Binder के यहाँ , डिलीवरी बॉय के रूप में काम करना पड़ा था।

लेकिन वहाँ पर उन्होंने साइंस की किताबें पढ़ीं तथा उनकी Physics में बहुत रुचि हो गई।

एक दिन उन्होंने Humphrey Debi नमक chemist का लेक्चर सुना। तथा बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने उस लेक्चर की Book बनाकर उन्हें उपहार में दी।

इससे प्रभावित होकर ने Michael को अपनी लैब में असिस्टेंट रख लिया। वहाँ Michael ने कठिन मेहनत तथा परिश्रम किया। तथा आगे चलकर एक महान वैज्ञानिक बन गए।

आज तक उन्होंने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन, लाइट, मैग्नेटिज्म, Benzene आदि का आविष्कार किया है ।

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19. Alfred Novel – महा दानवीर जिन्होंने शुरू कर दी नोबल प्राइज देने की परम्परा

अल्फ्रेड नोबेल का जन्म एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था। जब वे पैदा हुए थे तो बहुत ही कमजोर थे।

लेकिन उनकी माँ बहुत ही दयालु थीं तथा उनसे बहुत प्यार करती थी। अल्फ्रेड को उसके स्कूल में भी बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

वहाँ पर बच्चे उनसे झगड़ा करते थे। टीचर भी बात-बात पर मारपीट करते थे।

लेकिन इस सबके बावजूद अल्फ्रेड ने कभी पढ़ाई नहीं छोड़ी। आगे चलकर उन्होंने डायनामाइट (Dynamite) का आविष्कार किया। Top Motivational Story in Hindi .

इसके बिक्री से वे एक दिन बहुत ज्यादा अमीर बन गए। अपनी मृत्यु से पहले उन्होंने एक संस्था बनाई जो अब प्रत्येक वर्ष वैज्ञानिकों को अलग – अलग क्षेत्रों में नोबेल प्राइज देती है।

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20. Srinivas Ramanujan – गरीब बालक जो बना महान गणितज्ञ

श्रीनिवास रामानुजन का जन्म भारत के तमिलनाडु में हुआ था। वे एक बेहद गरीब घर में पैदा हुए थे।

बचपन से ही रामानुजन बहुत ही मेधावी छात्र थे। वे अपनी स्लेट पर मैथमेटिक्स के equations को सॉल्व करते रहते थे। तथा नई-नई equations भी बनाते रहते थे।

लेकिन बहुत समय उनका पेट खाली ही होता था। आगे चलकर उन्होंने बहुत सारे रिसर्च पेपर लिखे। जिनसे प्रभावित होकर उन्हें कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में भी काम करने का मौका मिला।

अब तक उन्होंने 4000 proofs, आइडेंटिटी, conjectures, equations आदि दिए हैं। उनका data फंक्शन स्ट्रिंग थ्योरी में बहुत काम में आता है।

दुर्भाग्य से 32 वर्ष की कम आयु में ही उनकी मृत्यु हो गई थी। लेकिन उनके Mathematics के प्रति योगदान को हमेशा याद रखा जायेगा।

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Motivational Story in Hindi for Success (21-30)

21. Harold Urey – बताया जीवन कैसे बना

Harold जब 6 साल के ही थे तो उनके पिता की मृत्यु हो गई। इस वजह से उनका परिवार गरीबी में डूब गया। उनकी माँ ने कुछ जमीन खरीदी तथा वहाँ पर प्याज उगाने लगी।

Harold को भी खेतों में काम करना पड़ा और उनका परिवार किसी तरह से अपना पालन – पोषण करने लगा। लेकिन पिता की इंश्योरेंस पॉलिसी से मिले पैसे से हेराल्ड ने कॉलेज ज्वाइन कर लिया तथा अपनी शिक्षा पूरी की।

आगे चलकर उन्होंने डॉयटरियम की खोज की और एक बड़े वैज्ञानिक बने। उन्होंने यह भी बताया कि जीवन उत्पन्न होने से पहले धरती पर केवल हाइड्रोजन, अमोनियम, methane आदि थे।

जब आकाशीय बिजली गिरी तो वे अमीनो एसिड में बन गए। और इस तरह से धीरे-धीरे Evolution हुआ और जीवन की उत्पत्ति हुई।

22. Linus Pauling – जीते दो नोबल पुरस्कार

लाइनस जब 9 साल के थे तो उनके पिता की मृत्यु हो गई। इसके बाद उनकी माँ ने अपने यहाँ Paying Guest रखने शुरू कर दिए ताकि परिवार का पालन – पोषण हो सके।

वे चाहती थीं कि Linus भी कोई जॉब करें। लेकिन लाइनर पढ़ना चाहता था। वह किसी तरह से कॉलेज पूरा करता है। तथा एक Lab ज्वाइन कर लेता है।

आगे चलकर Linus महान आविष्कार करते हैं। और उन्हें एक नहीं बल्कि दो – दो नोबेल प्राइज मिलते हैं।

उन्हें एक नोबेल प्राइज केमिस्ट्री के लिए मिला है और दूसरा शांति के लिए मिला है। उन्होंने प्रोटीन में अल्फा हेलिक्स स्ट्रक्चर की खोज की थी। तथा यह भी बताया था कि Sickle Cell एनीमिया आखिर क्यों होता है।

23. दशरथ मांझी – जिद से बने Mountain Man

भारत के दशरथ मांझी को माउंटेन मैन भी कहा जाता है। क्योंकि युवा अवस्था में ही उनकी पत्नी का देहांत हो गया था। उस समय उनके गांव में कोई सड़क नहीं थी। इसलिए वे समय पर उन्हें अस्पताल नहीं पहुंचा सके।

वास्तव में उनके गाँव के रास्ते में एक बहुत बड़ा पहाड़ आता था जिसकी वजह से सरकार वहाँ सड़क नहीं बनवा पाती थी।

पत्नी की मौत के बाद दशरथ मांझी ने प्रण किया कि मैं इस पहाड़ को काटकर रास्ता बनाऊंगा।

इसके बाद उन्होंने लगातार 22 साल तक हर दिन मेहनत से काम किया और इसका नतीजा यह हुआ कि एक दिन उन्होंने सच में ही पहाड़ को काटकर सड़क बना दी।

और आज यह सड़क उनके गांव तक जाती है तथा गाँववालों को इससे बहुत लाभ मिलता है । दशरथ मांझी के ऊपर एक फिल्म भी बन चुकी है जिसमें मनोज वाजपेयी ने मुख्य भूमिका निभायी थी।

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24. Mary Anning – महान जीवाश्म विज्ञानी

मेरी का जन्म भी बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था। उसके 10 भाई बहन थे। एक दिन उसकी माँ बच्चों के साथ कहीं जा रही थी। लेकिन तभी भयंकर आंधी तूफान चलने लगता है और वे लोग एक पेड़ के नीचे खड़े हो जाते हैं।

लेकिन तभी बिजली गिरती है और मेरी को छोड़कर बाकी बच्चे मारे जाते हैं। इसके बाद उसके माता-पिता समुद्र के किनारे एक छोटा सा घर ले लेते हैं।

लेकिन वह भी हमेशा बाढ़ग्रस्त होता रहता था। मेरी ने कभी स्कूली शिक्षा हासिल नहीं की थी। लेकिन वे चर्च के सन्डे स्कूल में जाया करती थी। आगे चलकर उन्होंने फॉसिल ढूँढना शुरू कर दिए।

उनके ढूँढे हुए फॉसिल की संख्या इतनी ज्यादा हो गयी कि इसके कारण Paleontology नाम के नए विज्ञान की शुरुआत ही हो गयी।

आज भी विश्व के पहले Paleontologist के रूप में मेरी ऑनिंग का नाम सबसे पहले लिया जाता है।

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25. Maurice Hilleman – बना डालीं 40 वैक्सीन

जब Maurice 2 दिन के ही थे तो उनकी माँ की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद उनके पालन – पोषण का बोझ उनके पिता पर आ पड़ा।

उनके पहले ही 8 बच्चे थे जो खेतों में काम करते थे। लेकिन मॉरिस की मौसी ने उन्हें adopt कर लिया। मॉरिस पढ़ने में काफी अच्छे थे और उन्होंने अच्छे मार्क्स से स्कूल कंप्लीट किया।

आगे चलकर उन्होंने शिकागो यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया और अपनी पढ़ई पूरी की।

आगे चलकर मॉरिस ने 40 वैक्सीन का आविष्कार किया। बचपन में जो 14 टीके बच्चों को लगाए जाते हैं उनमें से आठ मॉरिस के ही बनाए हुए हैं। यानी आपको भी मौरिस के 8 टीके लगे होंगे।

इस तरह मौरिस ने उन्होंने विश्व भर में करोड़ों लोगों की का जीवन बचाया है। नमन है ऐसे महान लोगों को।

26. James Croll – बताया Ice Ages के बारे में
(Best Motivational Story in Hindi)

जेम्स का जन्म एक बेहद गरीब किसान परिवार में हुआ था। बचपन में ही उनके दो भाई – बहनों की मृत्यु हो गई थी। और जेम्स भी हमेशा बीमार रहता था।

क्योंकि उनके घर में खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं हुआ करता था। जब जेम्स 38 साल के थे तो उन्होंने स्कूल एक कॉलेज में सफाई कर्मचारी की जॉब करनी शुरू कर दी। (Best Motivational Story in Hindi For Students)

खाली समय में वे वहाँ की लाइब्रेरी में बैठ जाते थे और पढ़ाई करने लगते थे। इसी तरह से उन्होंने शिक्षा प्राप्त की।

आगे चलकर वे एक विख्यात भू -वैज्ञानिक बने। उन्होंने यह महत्वपूर्ण सिद्धांत दिया था कि धरती पर Ice Ages क्यों आई थी। जिन पर काफी फिल्में भी बन चुकी हैं।

27. मिल्खा सिंह – उड़ते सिख की कहानी

मिल्खा सिंह का जन्म पंजाब में हुआ था। 1947 में जब भारत को आजादी मिली तो उसी समय भारत का विभाजन भी हो गया।

इसी विभाजन के दौरान उनके Parents की मृत्यु हो गई। तथा वे गहरे डिप्रेशन में चले गए।

लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने खुद को सँभाला तथा जिंदगी में आगे बढ़ने का प्रण किया। वे काफी तेज दौड़ लेते थे। और इसी को उन्होंने अपनी जिंदगी का लक्ष्य बना लिया।

वे हर दिन तेज भागने की प्रेक्टिस करने लगे। इसके बाद तो उन्होंने एक के बाद एक कीर्तिमान स्थापित करने शुरू किये। उन्होंने अनेक राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगितायें जीतीं और देश का गौरव बढ़ाया।

आज हम उन्हें फ्लाइंग सिख के नाम से जानते हैं। तथा उनके जीवन के ऊपर बॉलीवुड फिल्म भी बन चुकी है।

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28. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम – गरीब बालक कैसे बना मिसाइल मैन

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत के तमिलनाडु राज्य में पैदा हुए थे। उनका जन्म घोर – गरीबी में कटा था।

इसके बावजूद उन्होंने जीवन से कभी हार नहीं मानी। वे पूरी मेहनत से पढ़ाई करते रहे और अपनी क्लास में हमेशा अव्वल आते रहे।

आगे चलकर वे एक महान Aerospace इंजीनियर बने। तथा उन्होंने भारत के डिफेंस प्रोग्राम को लीड किया।

एक वैज्ञानिक के तौर पर उन्होंने भारत को ब्रह्मोस, अग्नि तथा काली जैसी घातक मिसाइलें दी। इसलिए उन्हें भारत का मिसाइल man भी कहा जाता है।

आगे चलकर वे भारत के 11 वें राष्ट्रपति भी बने। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने युवाओं तथा बच्चों को बहुत प्रेरित किया। उन्हें भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रपति माना जाता है।

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29. नानाजी देशमुख – महान सामाजिक कार्यकर्त्ता (Motivational Story in Hindi)

नानाजी देशमुख को पुणे का मसीहा कहा जाता है। क्योंकि उन्होंने महाराष्ट्र के पिछड़े इलाकों की डेवलपमेंट के लिए बहुत ज्यादा काम किया। वे एक महान सामाजिक कार्यकर्ता थे।

अपने प्रयासों से उन्होंने गाँव – गाँव में स्कूल खुलवाए। हेल्थ के लिए डिस्पेंसरीज लगवाए तथा कम्युनिटी डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाये। उन्होंने बहुत सारे छोटे – मोटे उद्योग धंधे भी युवाओं के लिए लगवाए।

इससे गाँव के लोगों की जिंदगी काफी खुशहाल हो गई। उन्हें बीच-बीच में बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन फिर भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

30. नीरजा भनोट – शेरनी जो आतंकवादियों से भिड़ गयी

नीरजा भनोट मुंबई की रहने वाली थी। वे Pan Am फ्लाइट में एक परिचारिका थी। पांच नंबर 1986 को मुंबई से न्यूयॉर्क जा रहे एक जहाज को फिलिस्तीन आतंकवादियों ने Hijack कर लिया।

लेकिन नीरजा भनोट ने यात्रियों की सहायता और सुरक्षा करना जारी रखा। और इसी दौरान आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हो गई।

भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया तथा उन्हें ब्रेव हार्ट (Brave Heart) के उपाधि से नवाजा गया।

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Motivational Story in Hindi For Students

31. Irom Sharmila – भूख हड़ताल से हिला डाला प्रशाशन और दुनिया

Irom शर्मिला का जन्म मणिपुर में हुआ था। उस समय मणिपुर में आतंकवाद की घटनाएं बहुत ज्यादा बढ़ गई थीं। इसलिए भारत सरकार ने उन आतंकवादियों से लड़ने के लिए आर्म्ड फोर्सेज के लिए स्पेशल पावर एक्ट घोषित कर दिया।

इससे Army बिना वारंट के किसी को भी अरेस्ट कर सकते थे।

लेकिन Irom शर्मिला ने इसके खिलाफ 16 साल लंबी भूख हड़ताल शुरू कर दी। क्युँकि उनके अनुसार इस एक्ट का दुरूपयोग बेक़सूर लोगों के खिलाफ किया जा सकता था।

उनके इस अहिंसक प्रतिरोध को पूरी दुनिया ने जाना। तथा Irom शर्मिला को आयरन लेडी और मणिपुर के नाम से संबोधित किया गया।

32. सुंदरलाल बहुगुणा – दुबले – पतले इंसान ने बचा लिए जंगल के जंगल

सुंदरलाल बहुगुणा एक महान एनवायरमेंटल कार्यकर्ता थे। तथा वे गांधीवादी विचारधारा पर यकीन रखते थे।

साल 1970 में जंगल माफिया ने वनों को काटना शुरु कर दिया। लेकिन उन्होंने सारे गांव को इकट्ठा किया तथा उन्हें जंगलों की प्रति जागरूक किया।

उन्होंने लोगों से कहा कि जब भी कोई पेड़ों को काटने आए तो आप उनसे चिपक जाओ। इसके बाद जब जंगल माफिआ के लोग उन जंगलों को काटने आए तो सब लोग पेड़ों से चिपक गए और पेड़ों को काटने से बचा लिया।

यह घटना पूरे देश में प्रसिद्ध हो गयी तथा इसे “चिपको आंदोलन” का नाम दिया गया। इस तरह लोगों ने उत्तराखंड में जंगलों को कटने नहीं दिया। तथा पूरे संसार में चिपको आंदोलन की खूब सराहना हुई।

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33. राजेंद्र सिंह – अपने जज्बे से पिलाया प्यासों को पानी

राजेंद्र सिंह का जन्म राजस्थान के अलवर में हुआ था। उन दिनों पूरे राजस्थान में जल की बहुत ही किल्लत पाई जाती थी। तभी राजेंद्र सिंह ने जल सत्याग्रह शुरू किया तथा उन्होंने लोगों को पानी का संचय करने के तरीके सिखाए। ( Motivational Story in Hindi For Success).

लोग जगह-जगह पर पानी के कुएं तथा तालाब बनाने लगे। तथा अपने घरों में भी बारिश के जल का संचय करने लगे। इससे राजस्थान में पानी की किल्लत दूर हो गई। तथा राजेंद्र सिंह को Water Warrior के नाम से पुकारा जाने लगा।

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34. Jim Kerry – गरीबी देखी लेकिन अभिनेता बन कर ही रहे

Jim Kerry जाने माने कॉमेडी अभिनेता है। लेकिन उनका जीवन हमेशा ऐसा नहीं था। जब वे 12 साल के थे तो उनके पिता की नौकरी चली गई थी। और वे दोनों बेघर हो गए थे। उन दोनों को Van में ही सोना पड़ता था।

लेकिन जिम कैरी हमेशा अपनी एक्टिंग तथा कॉमेडी पर मेहनत करते रहते थे। बहुत बार रिजेक्शन का सामना करने के बावजूद 1990 में उन्हें फिल्म “In Living Color” में एक छोटा सा रोल मिला।

और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज वे हॉलीवुड के बेहद प्रसिद्ध तथा अमीर अभिनेता है।

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35. Ed Sheeran – मुसीबतें सहकर बने मशहूर गायक

जाने माने गायक Ed शीरान ने भी अपनी जिंदगी में बहुत मुश्किलों का सामना किया है। वे अपने शहर से न्यूयॉर्क स्टेट आ गए लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे।


और वहाँ वे छोटी-छोटी Bars में परफॉर्म किया करते थे। एक दिन जेनी फॉक्स नाम के एक एजेंट ने उनकी परफॉर्मेंस देखी। उसके बाद उन्होंने कहा कि वे उसकी हेल्प करेंगे। और उन्होंने उन्हें अपने साथ घर पर रख लिया।

वे 6 हफ्तों तक उनके सोफे पर ही सोते थे। एक दिन जमीन ने उन्हें अपोलो थिएटर में एक छोटा सा काम दिलवा दिया। अपोलो थिएटर में केवल अश्वेत आर्टिस्ट ही परफॉर्म करते थे। Small Motivational Story in Hindi.

लेकिन जब ऐड ने वहाँ परफॉर्म किया तो सारे लोग खड़े होकर तालियाँ बजाने लगे। और इसके बाद तो Ed शीरान की जिंदगी ही बदल गई। और अब वे एक बहुत ही फेमस गायक बन चुके हैं।

36. Snoop Dog – गैंगस्टर से बने विख्यात Rapper

विश्व विख्यात रैपर स्नूप डॉग की कहानी भी बहुत मुश्किलों से भरी हुई है। उनका जन्म कैलिफोर्निया में एक स्लम एरिया में हुआ था। उस समय वहाँ पर बहुत सारी गैंग हुआ करती थीं।

Snoop ने भी teenage में एक गैंग को ज्वाइन कर लिया था। और वह ड्रग्स बेचने लगा था। उसे बहुत बार अरेस्ट किया जाता है।

लेकिन इसके बाद उन्होंने अपने अंदर छुपी हुई प्रतिभा पर काम किया तथा विश्व -विख्यात Rapper बन गए। और इस तरह अपनी जिंदगी को बदल डाला।

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37. Arnold Schwarzenegger – विश्व -युद्ध के कष्ट सहे लेकिन हारे नहीं

अर्नाल्ड श्वाजनेगर ऑस्ट्रिया में पैदा हुए थे। लेकिन उनके जन्म के दौरान ही विश्व युद्ध शुरू हो गया था। और चारों तरफ अपराध तथा हिंसा का माहौल था। उनके घर के बाहर ही दंगे भड़क उठे थे।

जब वे बड़े हुए तो उनके पास कोई Job भी नहीं थी। उन्हें ऐसे घरों में रहना पड़ा जहाँ पर ना प्लंबिंग होती थी ना कोई फोन आदि होता था।

लेकिन वे हर हाल में जिम जाते रहते थे। और इसका नतीजा यह हुआ कि आगे चलकर वे सात बार मिस्टर ओलंपिया बन चुके हैं।

इसके बाद उन्होंने बहुत सी फिल्मों में भी काम किया। साथ ही वे कैलिफोर्निया के 38 वें गवर्नर भी बने।

38. Eminem – पढ़ाई में कमजोर बालक बना मशहूर रैपर

Hollywood के मशहूर रैपर Eminem को कौन नहीं जानता। लेकिन उनकी जिंदगी बेहद मुश्किलों से भरी हुई थी। Ninth क्लास में ही उन्होंने स्कूल छोड़ दिया था क्योंकि वे पढ़ाई में बिल्कुल भी अच्छे नहीं थे।

लेकिन वे अच्छा Rap कर लेते थे। वे दूसरे आर्टिस्ट के साथ Rap किया करते थे और छोटी-मोटी जॉब करके अपना गुजारा करते थे।

एक दिन उन्होंने स्लिम शेडी (Slim Shady) नाम का गाना लिखा। और ये इतना फेमस हुआ कि वे पूरे जगत में छा गए। और आज की डेट में बच्चे – बच्चे की जुबान पर एमिनेम का नाम चढ़ चुका है।

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39. Celine Dion – गरीबी के बाबजूद बनी गायिका

टाइटेनिक फिल्म के थीम सॉन्ग गाने वाली Celine Dion नाम की गायिका की कहानी भी बहुत प्रेरणादायक है। उनका जन्म एक बहुत ही गरीब घर में हुआ था।

उनके माता-पिता के 14 बच्चे थे। और वे सब से छोटी थीं। उनके माता-पिता इन 14 बच्चों का पालन पोषण अच्छे से नहीं कर पाते थे। तथा उनके घर में हमेशा पैसों की किल्लत रहती थी।

ऐसे में Celine ने गाना सीखना शुरू किया। वे दिन-रात रियाज करती रहती थीं। साथ ही मेहनत – मजदूरी करके वे अपनी फीस भी भर्ती थीं।

एक दिन उन्होंने एक कॉन्टेस्ट में भाग लिया। वहाँ उन्होंने पहला पुरस्कार जीता। इसके बाद उनकी जिंदगी बदलती चली गई। और वे एक मशहूर गायिका बन गईं।

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40. Helen Keller – मूक -वधिर होने के बाबजूद सफल हुईं

हेलेन केलर का जन्म अमेरिका के Alabama में हुआ था। जब वे 19 महीने की ही थीं तो उन्हें एक ऐसी बीमारी हुई जिससे उनकी दृष्टि तथा सुनने की शक्ति चली गई।

लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। अपनी शिक्षिका की मदद से उन्होंने सारी पढ़ाई पूरी की।

आगे चलकर वे एक लेखिका , राजनीतिज्ञ तथा कुशल वक्ता बनीं। तथा करोड़ों लोगों को अपनी जीवनी से प्रेरणा देती रहीं।

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Short Motivational Story in Hindi

41. Stephen Hawking – बीमारी के बाबजूद बने महान भौतिक – विज्ञानी

स्टीफन हॉकिंग का जन्म इंग्लैंड में हुआ था। लेकिन जब वे 21 साल के थे तो उन्हें ALS नाम की बीमारी हो गई। धीरे-धीरे उनका सारा शरीर ही लकवा ग्रस्त होता चला गया।

यहाँ तक कि उनकी बोलने और हिलने – डुलने की शक्ति भी चली गई। उन्होंने सारा जीवन एक व्हीलचेयर पर काटा। लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने अपने हौसले से एचडी तक की पढ़ाई कर ली।

और उसके बाद एक महान फिजिक्स (भौतिक – वैज्ञानिक) बने। उन्होंने ब्रह्मांड के अनेक रहस्यों के बारे में खोज की है।

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42. Harland David Sanders – 65 साल की उम्र में KFC बनाया

दोस्तो, पूरी दुनिया में विख्यात KFC (Kentucky Fried Chicken) की शुरुआत Colonel Harland ने की थी। उस समय वे 65 साल के थे। अपने जीवन में उन्होंने बहुत सारी छोटी-छोटी जॉब्स की थी।

इसके बाद जब अमेरिका में Recession आ गया तो वहाँ पर कीमतें आसमान छूने लगी थी। तथा बहुत सारे लोग गरीब हो चुके थे। इस समय अपने गैराज में उन्होंने अपनी सीक्रेट रेसिपी बनाई।

फिर इसे केएफसी का नाम दे दिया। शुरू में उन्हें बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने केएफसी की बहुत सारी चीज पूरे अमेरिका में शुरू कर दी। आगे चलकर यह इतना प्रसिद्ध हुआ कि सारी दुनिया में फैल गया।

तथा वे एक बेहद सक्सेसफुल बिजनेसमैन बन गए। इस तरह अपना बिज़नेस शुरू करने की कोई उम्र नहीं होती।

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43. Temple Grandin – Autism के बाबजूद बनी वैज्ञानिक

Temple Grandin एक ऑटिस्टिक महिला थी। बचपन से ही उन्हें ऑटिज्म था। इसकी वजह से उनकी सारी जिंदगी में अनेकों मुश्किलें आईं। लेकिन उन्होंने सभी बाधाओं को पार करते हुए अपनी पूरी पढ़ाई कंप्लीट की।

आगे चलकर वे एनिमल बिहेवियर की वैज्ञानिक बनी। उन्होंने 60 से भी ज्यादा रिसर्च पेपर लिखे। उन्होंने पालतू जानवरों की इंडस्ट्री में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

इसके बाद वे कोलोरेडो स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बनीं। उन्हें 2010 में टाइम हंड्रेड की सूची में भी डाला गया। तथा उन्हें एक हीरो का खिताब दिया गया। उनके नाम पर एक फिल्म भी बन चुकी है।

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44. Beth Thomas – यौन शोषण सहा लेकिन दूसरों को राह दिखाई

जब Beth Thomas सिर्फ 7 साल की थी तो उसके अपने ही पिता ने उसका यौन शोषण किया था। इसके बाद उन्हें एक दूसरे परिवार को गोद दे दिया गया।

लेकिन Beth को एब्यूज की वजह से डिसऑर्डर हो गया था। उसे दूसरों के प्रति कोई भी संवेदना नहीं थी। और वह दूसरों को भी दर्द ही देना चाहती थी।

लेकिन धीरे-धीरे उसे साइकोलॉजिस्ट हेल्प दी गई। और उसने खुद को इस डिसऑर्डर से निजात पा ली।

इसके बाद वह ऐसे बच्चों को जिनका सेक्सुअल एब्यूज हुआ होता है, मदद करने लगी तथा ऐसे परिवारों को जो ट्रॉमा से गुजरे होते हैं उनकी भी मदद करने लगी।

उनकी जिंदगी पर एक डॉक्यूमेंट्री भी बन चुकी है।

45. Louis “Louie” Zamperini – यातना सही लेकिन दुश्मनों को भी माफ़ कर दिया

Louis अमेरिका के रहने वाले थे। वे एयरफोर्स में लेफ्टिनेंट थे। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने लड़ाई में हिस्सा लिया था। लेकिन उनका उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से समंदर में गिर गया था।

लेकिन वे 47 दिनों तक एक राफ्ट पर ही तैरते रहे। एक दिन उन्हें जापानी सिपाहियों द्वारा पकड़ लिया गया। उन्हें कैद में रखा गया तथा तरह-तरह की यातनाएं दी गईं। उन्हें बहुत मारा – पीटा भी गया।

इसके बाद उनसे कोयले की फैक्ट्री में मजदूरी का काम करवाया गया। विश्व -युद्ध खत्म होने के बाद ही आखिर उनकी रिहाई हो सकी।

लेकिन बाहर आकर उन्होंने खुद में कोई भी कड़वाहट नहीं भरी तथा अपने यातना देने वालों को माफ कर दिया। आगे चलकर वे एक बहुत अच्छे मैराथन रनर भी बने। उनकी जिंदगी पर बहुत सारी फिल्में भी बन चुकी हैं।

46. Wilma Rudolph – पोलियो को मात देकर जीते ख़िताब

बिल्मा रुडोल्फ का जन्म अमेरिका के टेनेसी नामक राज्य में हुआ था। वे बचपन से ही एक धावक बनना चाहती थी। लेकिन एक दिन उन्हें पोलियो हो गया। तथा इससे उनके सारे सपने टूटते हुए नजर आए।

लेकिन उन्होंने फिर भी हार नहीं मानी। और वे लगातार चलने और दौड़ने की प्रैक्टिस करती रहीं। आखिरकार उन्होंने 1960 के समर ओलंपिक्स ( इटली ) में तीन गोल्ड मेडल जीत लिए। और पूरे संसार में विख्यात हो गईं।

उनकी कहानी से प्रेरणा मिलती है कि हम अपनी फिजिकल लिमिटेशन को भी हौसले से दूर कर सकते हैं।

47. Arthur Ashe – गलत खून चढ़ने से हुई बीमारी लेकिन फिर भी करते रहे चैरिटी

Arthur Ashe अमेरिका के रहने वाले थे। वे एक प्रोफेशनल टेनिस प्लेयर थे तथा उन्होंने अपनी जिंदगी में तीन ग्रैंड स्लैम टाइटल जीते थे। ऐसा करने वाले वे पहले अश्वेत व्यक्ति थे।

लेकिन एक बार उनके हार्ट की बाईपास सर्जरी की गई। उस दौरान उन्हें HIV वाला खून चढ़ा दिया गया जिसके कारण वे एचआईवी से ग्रस्त हो गए।

1992 में उन्होंने जनता के सामने अपने बीमारी को उजागर किया। तथा पूरे देश में लोगों को एचआईवी तथा एड्स के बारे में शिक्षित करने लगे। Top Motivational Story in Hindi.

उन्होंने एड्स के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए एक इंस्टीट्यूट की भी स्थापना की। समाज सेवा करते हुए 49 साल की आयु में उनकी मृत्यु हो गई।

राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने मरणोपरांत उन्हें प्रेसीडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित किया।

48. Jessica Cox – बिना बाजुओं के उड़ाती हैं प्लेन

जेसिका की कहानी भी बहुत प्रेरणा देने वाली है। उनकी दोनों आर्म्स नहीं है। फिर भी उन्होंने एक सर्टिफाइड पायलट बनकर दिखाया है।

वे अपने पैरों से ही प्लेन उड़ा लेती हैं। उनकी कहानी से लाखों – करोड़ों लोग प्रेरित हुए हैं। और यह पता चलता है कि हम शारीरिक बाधा के बावजूद भी अपने हौसले के दम पर जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

49. Vincent Van Gogh – मानसिक बीमारी के बाबजूद अपनी पेंटिंग का लोहा मनवाया

पूरे संसार में प्रसिद्ध चित्रकार विंसेंट वैन गॉग का जन्म नीदरलैंड में हुआ था। बचपन से ही उन्होंने घोर गरीबी तथा दुख देखे थे। वे तरह-तरह के मानसिक रोगों से भी ग्रस्त थे।

उन्हें अक्सर दौरे भी पड़ जाते थे। तथा वे हमेशा डिप्रेशन से भी पीड़ित रहते थे। इस सबके बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत से चित्रकला सीखी तथा अपने जीवन में बेहद अनोखे चित्र बनाए।

कुल मिलाकर उन्होंने 21 00 पेंटिंग्स बनाई हैं। उनकी कहानी से हम सीख सकते हैं कि पर्सनल दिक्कतों के बावजूद, अपनी मेहनत के जरिये हम मनचाही सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

50. Elizabeth Smart – यातना सही पर दूसरों को हौसला दिया

एलिजाबेथ स्मार्ट जब केवल 14 साल की थी तो उन्हें एक आदमी के द्वारा किडनैप कर लिया गया था। उसने उन्हें 9 महीने तक अंडरग्राउंड बंकर में रखा तथा उनका सेक्सुअल एब्यूज (Sexual Abuse) किया।

जब उन्हें रिहा किया गया तो उन्हें साइकोलॉजिकल मदद दी गयी। सारी यातना के बाबजूद भी उन्होंने खुद को टूटने नहीं दिया। तथा वे बच्चों के अधिकारों की एक प्रखर प्रवक्ता बन गईं।

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Top 100 Motivational Story in Hindi
Best Motivational Story in Hindi

New Motivational Story in Hindi (51-60)

51. Walt Disney – मिक्की माउस बनाकर बने धनपति कुबेर

दोस्तो, मिकी माउस को कौन नहीं जानता है। हम सब ने बचपन से ही इस कार्टून को देखा है। लेकिन इसे बनाने वाले की कहानी भी बहुत ही दिलचस्प है।

वास्तव में मिकी माउस का आविष्कार Walt Disney ने किया था। Disney ने अपनी जिंदगी में बहुत सारी दिक्कतों का सामना किया था।

शुरू में उनकी स्क्रिप्ट हर जगह से रिजेक्ट हो गई थी। तथा वे बुरी तरह से कंगाल भी हो चुके थे। लेकिन एक दिन उन्होंने मिकी माउस नाम के कैरेक्टर का सृजन किया।

और उसके बाद यह कैरेक्टर इतना हिट हो गया कि उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसी तरह से हमें भी लगातार प्रयास करते रहना चाहिए। पता नहीं कब कौन सा आईडिया काम कर जाए।

52. Franklin Roosevelt – अमेरिका को जितवाया विश्व – युद्ध

अमेरिका के सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट की कहानी भी संघर्ष से भरी हुई है। बचपन में ही वे पोलियो के शिकार हो गए थे।

लेकिन उन्होंने कभी भी जिंदगी में हार नहीं मानी। अपने अनथक प्रयासों से आखिर वे अमेरिका के राष्ट्रपति बने। तथा इस पद पर उन्होंने सबसे लंबे समय तक कार्य किया।

उन्होंने ग्रेट डिप्रैशन के दौरान अमेरिका को इस मुसीबत से निकाला था। इसके अलावा उन्हें वर्ल्ड वॉर 2 के महत्वपूर्ण योगदान के लिए भी जाना जाता है। जिसमें उन्होंने अमेरिका तथा इंग्लैंड को एक्सिस पावर से विजय दिलाई थी।

53. Anne Frank – डायरी ने हिलाया सारा संसार

ऐनी फ्रैंक एक यहूदी लड़की थी। विश्व युद्ध के दौरान हिटलर ने जर्मनी और नीदरलैंड पर कब्जा कर लिया था। साथ ही वह सब यहूदियों को कंसंट्रेशन कैंप्स (शिविरों) में भेज कर यातना दे रहा था।

Anne का परिवार उस समय Amsterdam में छिपकर रह रहा था। वहीं पर ऐनी फ्रैंक ने अपनी डायरी शुरू की थी जिसमें वह रोज की घटनाएं लिखती थी।

लेकिन एक दिन उनकी फैमिली को अरेस्ट करके कंसंट्रेशन कैंप में ले जाया गया। ऐनी फ्रैंक की वहाँ दो महीने के बाद ही मृत्यु हो गई थी। Short Motivational Story in Hindi For Students.

जब उनकी यह डायरी मिली तो सारे संसार को हिटलर के गलत कारनामों का पता चला था। अब यह डायरी एक किताब के रूप में पब्लिश हो चुकी है तथा पूरे संसार में प्रसिद्ध है।

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54. Gabby Gifford – रुकवाई हिंसा

Gabby का जन्म अमेरिका के Arizona, Texas में हुआ था। अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे राजनीति में आ गई।

उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी ज्वाइन कर ली तथा उन्हें अमेरिकी संसद के लिए चुना गया। अमेरिका में उस समय Gun हिंसा की बहुत बड़ी समस्या थी। और उन्होंने Gun कंट्रोल के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए।

इससे नाराज होकर कुछ लोगों ने उनकी हत्या का प्रयास किया। तथा उनके सिर पर गोली लगी। लेकिन उन्होंने फिर भी हिम्मत नहीं हरी। और रिटायर होने के बाद भी Gun कंट्रोल के लिए काम करती रहीं।

55. Bethany Mota – Trolling के बाबजूद सफलता पाई

विधानी मोटा एक यूट्यूब हैं। उन्होंने जब अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया था तो उस पर तरह-तरह के फैशन के आइटम्स डालती थीं।

लेकिन उन्हें लोगों ने बहुत ट्रोल किया। फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। तथा उन्होंने अपना काम जारी रखा। धीरे-धीरे वे सारी दुनिया में बहुत प्रसिद्ध हो गईं।

तथा अब अपने यूट्यूब चैनल से काफी अच्छी इनकम करती हैं। इसलिए हमें बुरे कमैंट्स और ट्रॉल्स के सामने कभी झुकना नहीं चाहिए।

56. Kirk Douglas – पिता का सताया बना अभिनेता (Best Motivational Story)

हॉलीवुड के चर्चित अभिनेता डगलस की जिंदगी बहुत ही संघर्षों से भरी थी। वे रसिया से अमेरिका आए थे। उनके पिता बहुत ज्यादा शराब पीते थे। तथा अक्सर उन्हें पीटते थे।

उनका परिवार बेहद गरीब भी था। तथा उसके पिता कबाड़ आदि का सामान बेचकर गुजारा करते थे। लेकिन बचपन से ही अपने स्कूल में नाटकों आदि में हिस्सा लेते थे।

पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कॉलेज में ही सफाई कर्मचारी की जब भी की। इसके बाद उन्होंने रेसलिंग टीम भी ज्वाइन की।

एक बार उन्हें अमेरिकन एकेडमी और ड्रैमेटिक आर्ट्स के एक मेंबर ने देखा। तथा उन्हें एक नाटक में छोटा सा रोल दिया।

उनकी acting से सब लोग प्रभावित हुए और आगे चलकर उन्हें फिल्म में रोल मिला। इससे उनकी जिंदगी बदल गई फिर उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसलिए हमें भी जीवन में हमेशा संघर्ष करते रहना चाहिए।

57. Harriet Tubman – खुद आजाद होकर दूसरों को भी आजाद करवाया

हैरियट , मैरीलैंड में एक गुलाम के यहाँ पैदा हुई थीं। बचपन से ही उन्हें कोड़े मारे जाते थे तथा बहुत ज्यादा काम लिया जाता था। उन्हें भरपेट खाने को भी नहीं दिया जाता था।

एक बार एक सुपरवाइजर ने एक लोहे का उपकरण दूसरे गुलाम पर फेंका लेकिन यह हैरियट को सिर पर लगा। इसके बाद जिंदगी भर उनके सिर में दर्द रहता था तथा उन्हें तरह-तरह के सपने दिखाई देते थे।

लेकिन उन्होंने इसे ईश्वर के सपने माना तथा वे बहुत धार्मिक बन गईं। साल 1849 में एक दिन मेरीलैंड से भाग कर फिलाडेल्फिया चली गई। जहाँ पर गुलामी के खिलाफ कानून बन चुका था।

खुद को आजाद करने के बाद Harriet चुपचाप रात को आती थी और बाकी गुलामों को भी अपने साथ ले जाती थी। उन्होंने लगभग 13 मिशन किये तथा लगभग 70 गुलामों को आजाद करवाया।

इसलिए उन्हें मौजूद भी कहा जाता है। उन्होंने आगे चलकर बहुत सारे Safe House बनाये जिन्हें अंडरग्राउंड रेल रोड कहा जाता था।

जब अमेरिका का गृह युद्ध छिड़ा तो वह यूनियन आर्मी में एक जासूस बन गई। तथा गुलामों को छुड़ाती रही। इस तरह से उन्हें अमेरिका की बेहद बहादुर महिला का नाम दिया जाता है।

58. Madam Marie Curie – एक नहीं दो -दो बार जीता Nobel Prize

मैरी क्यूरी अपनी समय की महान वैज्ञानिक थीं। उस समय महिलाओं को पुरुषों जितने अधिकार प्राप्त नहीं थे। तथा उनके साथ बहुत भेदभाव किए जाते थे।

इसके बावजूद मेरी क्यूरी ने हिम्मत नहीं हारी तथा अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने Chemistry तथा Physics में शोध कार्य भी आरंभ किया।

अपनी प्रतिभा के दम पर उन्होंने दो बार नोबेल प्राइज जीता। एक बार 1903 में रेडिएशन की खोज के लिए तथा दूसरी बार 1911 में पोलोनियम तथा रेडियम की खोज के लिए।

इस तरह से वे इतिहास की ऐसी व्यक्ति बन गई हैं जिन्हें एक ही फील्ड के लिए दो बार नोबेल प्राइज मिला हो।

59. Richard Bronson – Dyslexia के बाबजूद बने अरबपति

ब्रिटेन के विश्व प्रसिद्ध बिजनेसमैन रिचर्ड ब्रॉन्सन को हर कोई जानता है। लेकिन उन्हें भी सफलता इतनी आसानी से नहीं मिली थी।

बचपन से ही उन्हें डिस्लेक्सिया (Dyslexia) रोग था। जिसकी वजह से वे कुछ भी पढ़ – लिख नहीं सकते थे। तथा उनके मार्क्स हमेशा कम आते थे।

जब वे स्कूल छोड़ने लगे तो उनके हेड मास्टर ने कहा था कि रॉबर्ट या तो तुम जेल जाओगे या बहुत अमीर बन जाओगे।

लेकिन इसके बाद Richard अपनी माँ से प्रभावित हुआ हुए जो टिशु रोल तथा Waste पेपर बास्केट का छोटा बिजनेस करती थीं।

Richard ने एक मैगजीन शुरू कर दी जो सफल रही। इसके बाद उन्होंने अपना Virgin ग्रुप शुरू किया। तथा एक -एक करके 400 से भी अधिक कंपनियां बना डालीं।

आज उनका बिज़नेस सारी दुनिया में फैला हुआ है। साथ ही वे डिस्लेक्सिया आदि एक लिए काफी चैरिटी भी करते हैं। Best Motivational Story in Hindi For Success.

60. Mark Zuckerberg – बिना College डिग्री के भी सफल होकर दिखाया

मार्क जुकरबर्ग बचपन से ही प्रतिभाशाली थे। मात्र 19 साल की आयु में ही उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया तथा फेसबुक की स्थापना कर दी।

लेकिन उनकी जिंदगी इतनी आसान भी नहीं रही है। उन पर बहुत सारे कोर्ट केस हो गए। कुछ लोगों ने कहा कि उन्होंने फेसबुक को उनके कॉन्सेप्ट से चुराया है। और उन पर प्राइवेसी तथा डाटा हैंडलिंग के भी आरोप लगे।

लेकिन कोर्ट ने उन्हें हर झूठे आरोप से बरी कर दिया। आज की डेट में फेसबुक दुनिया की चौथी सबसे महत्वपूर्ण कंपनी बन चुकी है।

इसलिए दोस्तो सफलता की राह में बहुत सारी बाधाएँ आती हैं। लेकिन हमें आगे बढ़ने से नहीं रुकना चाहिए।

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Success Heart Touching Motivational Story in Hindi (61-70)

61. Jerry Baldwin – कई बार हारने के बाद मिली जीत

दोस्तो अपने स्टारबक्स का नाम तो सुना होगा जो कॉफ़ी या चाय के लिए विख्यात है। इसे Jerry Baldwin ने शुरू किया था।

लेकिन जब उनके दिमाग में स्टारबक्स का आइडिया आया था तो उनके पास इसे शुरू करने के लिए पैसा नहीं था। इसके बाद उन्होंने इन्वेस्टर के पास जाना शुरू किया। लेकिन उन्हें लगभग 200 रिजेक्शन मिले।

आख़िरकार एक दिन उन्हें फंडिंग मिली और उसके बाद उन्होंने सारी दुनिया में स्टारबक्स शुरू किया तथा अरबपति बने।

हम लोग तो दो-तीन बार फेल होने पर ही रुक जाते हैं। इसलिए बार-बार असफलता मिलने के बावजूद भी हौसला नहीं हारना चाहिए और लगातार प्रयास करते रहना चाहिए।

62. Christopher Reeves – असली जिंदगी में भी Superman

क्रिस्टोफर Hollywood के जाने -माने अभिनेता थे। उन्होंने सुपरमैन की पहली तीन फिल्मों में काम किया था। लेकिन एक बार हॉर्स राइडिंग (Horse Riding) करते हुए वे घोड़े से गिर जाते हैं। इससे उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट लग जाती है। तथा वे लकवा – ग्रस्त हो जाते हैं।

इसके बाद उन्हें सारी जिंदगी व्हीलचेयर पर गुजारनी पड़ती है। लेकिन वे हार नहीं मानते। वे स्पाइनल कॉर्ड की रिसर्च पर काफी काम करते हैं। तथा स्टेम सेल रिसर्च को बढ़ावा देते हैं।

वे बहुत सारी चैरिटी भी करते हैं। और इसके बाद भी वे कई फिल्मों में काम करते रहे थे। साल 1900 में 52 वर्ष की आयु में पेट के अल्सर से उनकी मृत्यु हो गई थी।

63. Robert Downey Jr – नशेड़ी बन गया Ironman

आयरन मैन की भूमिका निभाने वाले रॉबर्ट डाउनी को कौन नहीं जानता है। लेकिन उनकी जिंदगी काफी कठिनाइयों से भरी हुई थी।

उनके पिता एक ड्रग एडिक्ट थे। तथा 6 साल की उम्र में ही उन्होंने रॉबर्ट डाउनी को मारिजुआना लेने दिया था। इसके बाद धीरे-धीरे रॉबर्ट डाउनी भी सारे ड्रग्स लेते चले गए। तथा उनकी जिंदगी बर्बाद होती चली गई।

लेकिन फिर उन्होंने ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई लड़ी। और खुद को रिहैब सेंटर में एडमिट करके ड्रग्स छोड़ दीं।

इसके बाद उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू किया था बहुत ज्यादा सफलता प्राप्त की। मुश्किलों से लड़ना ही जिंदगी का दूसरा नाम है।

64. Winston Churchill (विंस्टन चर्चिल): द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी जर्मनी के खिलाफ खड़े होकर यूनाइटेड किंगडम का नेतृत्व किया।

65. Abraham Lincoln (अब्राहम लिंकन): अमेरिकी गृहयुद्ध के दौरान गुलामी को खत्म करने और संघ को संरक्षित करने के लिए लड़ाई लड़ी।

66. Susan B. Anthony (सुसान बी. एंथोनी): संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में महिला मताधिकार आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। Best Motivational Story in Hindi.

67. Malcolm X ( मैल्कम एक्स): अफ्रीकी अमेरिकियों के लिए नस्लीय समानता और नागरिक अधिकारों की वकालत की।

68. Margaret Thatcher (मार्गरेट थैचर): यूनाइटेड किंगडम की प्रधान मंत्री के रूप में अपने आर्थिक सुधारों और अपने मजबूत नेतृत्व के लिए जानी जाती हैं।

69. Franklin D. Roosevelt (फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट): आर्थिक कठिनाइयों से निपटने के लिए नई डील को लागू करते हुए, महामंदी और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका का नेतृत्व किया।

70. W.E.B. Du Bois (डब्ल्यू.ई.बी. डु बोइस): नागरिक अधिकार कार्यकर्ता, एनएएसीपी (NAACP) के सह-संस्थापक, और अमेरिका में नस्लीय समानता के वकील।

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Very Short Motivational Story in Hindi (71-80)

71. Golda Meir (गोल्डा मेयर): इज़राइल राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसके प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। Played a significant role in the establishment of the state of Israel and served as its Prime Minister.

72. Cesar Chavez (सीज़र चावेज़): संयुक्त राज्य अमेरिका में कृषि श्रमिकों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी, नेशनल फार्म वर्कर्स एसोसिएशन के सह-संस्थापक रहे।

73. Aung San Suu Kyi (आंग सान सू की): म्यांमार (पूर्व में बर्मा) में लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और नोबेल शांति पुरस्कार जीता।

74. Ted Kennedy (टेड कैनेडी): अमेरिकी सीनेटर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान स्वास्थ्य सेवा सुधार और नागरिक अधिकारों सहित विभिन्न मुद्दों का समर्थन किया।

75. Harriet Tubman (हैरियट टबमैन): एक उन्मूलनवादी जिसने गुलाम व्यक्तियों को भूमिगत रेलमार्ग के माध्यम से आजादी की ओर भागने में मदद की। Very Short Motivational Story in Hindi.

76. Eleanor Roosevelt ( एलेनोर रूज़वेल्ट): मानवाधिकारों, महिलाओं के अधिकारों और नागरिक अधिकारों के लिए एक वकील, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत हैं।

77. Barack Obama (बराक ओबामा): संयुक्त राज्य अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति के रूप में स्वास्थ्य सेवा सुधार और विभिन्न सामाजिक न्याय मुद्दों की वकालत की।

78. Jomo Kenyatta (जोमो केन्याटा): केन्या की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया और पहले प्रधान मंत्री और बाद में राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।

79. Ho Chi Minh (हो ची मिन्ह): फ्रांसीसी औपनिवेशिक शासन के खिलाफ और बाद में वियतनाम युद्ध में अमेरिकी भागीदारी के खिलाफ वियतनाम के राष्ट्रवादी आंदोलन का नेतृत्व किया।

80. Elizabeth Cady Stanton (एलिजाबेथ कैडी स्टैंटन): संयुक्त राज्य अमेरिका में महिला मताधिकार आंदोलन की शुरुआती नेता।

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81. Thomas Sankara (थॉमस सांकरा): बुर्किना फासो के राष्ट्रपति के रूप में पैन-अफ्रीकीवाद और सामाजिक विकास की वकालत की।

82. Jomo Kenyatta (जोमो केन्याटा): केन्या की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया और पहले प्रधान मंत्री और बाद में राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।

83. Simon Bolivar (साइमन बोलिवर): कई दक्षिण अमेरिकी देशों में स्वतंत्रता की लड़ाई में एक प्रमुख व्यक्ति।

84. Salvador Allende (साल्वाडोर अलेंदे): चिली के राष्ट्रपति जिन्होंने सैन्य तख्तापलट में अपदस्थ होने से पहले समाजवादी सुधारों का नेतृत्व किया।

85. Lech Walesa (लेक वालेसा): पोलैंड में एकजुटता आंदोलन का नेतृत्व किया, श्रमिकों के अधिकारों की वकालत की और कम्युनिस्ट शासन को चुनौती दी।

86. Jose Rizal (जोस रिज़ल): एक फिलिपिनो राष्ट्रवादी और बहुश्रुत जिन्होंने राजनीतिक सुधारों की वकालत की और फिलीपीन की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी।

87. Jomo Kenyatta (जोमो केन्याटा): केन्या की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया और पहले प्रधान मंत्री और बाद में राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। Small Motivational Story in Hindi.

88. Gamal Abdel Nasser (गमाल अब्देल नासिर): अरब दुनिया में एक प्रमुख नेता जिन्होंने अखिल अरबवाद का समर्थन किया और पश्चिमी साम्राज्यवाद का विरोध किया।

89. Sukarno (सुकर्णो): इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति, जिन्होंने डच औपनिवेशिक शासन से इंडोनेशिया की स्वतंत्रता की वकालत की।

90. Che Guevara (चे ग्वेरा): अर्जेंटीना के एक मार्क्सवादी क्रांतिकारी जिन्होंने क्यूबा की क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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Best Motivational Story in Hindi For Success (91-100)

91. Mikhail Gorbachev (मिखाइल गोर्बाचेव): सोवियत संघ में सुधारों की शुरुआत की, जिससे शीत युद्ध की समाप्ति हुई और यूएसएसआर का पतन हुआ।

92. Patrice Lumumba (पैट्रिस लुमुम्बा): कांगो के स्वतंत्रता नेता और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के पहले प्रधान मंत्री।

93. Benito Juarez (बेनिटो जुआरेज़): मैक्सिकन स्वतंत्रता के लिए लड़े और सामाजिक सुधारों की वकालत करते हुए राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।

94. Augusto Sandino (ऑगस्टो सैंडिनो): निकारागुआ के एक क्रांतिकारी जिन्होंने निकारागुआ में अमेरिकी कब्जे के खिलाफ लड़ाई लड़ी।

95. Oscar Romero (ऑस्कर रोमेरो): एक साल्वाडोरन आर्कबिशप और मानवाधिकारों के वकील, उनकी सक्रियता के लिए हत्या कर दी गई। Very Short Motivational Story in Hindi.

96. Hugo Chavez (ह्यूगो चावेज़): वेनेजुएला के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया, समाजवाद की वकालत की और लैटिन अमेरिका में अमेरिकी प्रभाव को चुनौती दी।

97. John F. Kennedy (जॉन एफ कैनेडी): नागरिक अधिकारों की वकालत की और अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

98. David Ben-Gurion (डेविड बेन-गुरियन): इज़राइल राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसके पहले प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया।

99. Nnamdi Azikiwe ( ननमदी अज़िकीवे): नाइजीरियाई राष्ट्रवादी नेता जिन्होंने नाइजीरियाई स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी और देश के पहले राष्ट्रपति बने।

100. Michael Collins (माइकल कोलिन्स): एक आयरिश क्रांतिकारी नेता और ब्रिटेन से स्वतंत्रता के लिए आयरलैंड की लड़ाई में प्रमुख व्यक्तियों में से एक।

समाप्त।

दोस्तो, ये थीं संसार भर की 100 सबसे श्रेष्ठ प्रेरणादायक कहानियाँ (Motivational Story in Hindi). उम्मीद है इन्हे पढ़कर आपको भी जीवन में संघर्ष करने और सफलता प्राप्त करने की उचित प्रेरणा मिली होगी।

मेरा यह ब्लॉग (Hindi Pronotes) पढ़ने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद।

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