Gay Story in Hindi – गे लव स्टोरी

Gay Story in Hindi – (गे लव स्टोरी, गे प्रेम कहानी, Gay Romantic story): दोस्तो, अभी भी भारत में Gays को उनके उचित अधिकार नहीं दिये गए हैं। और उनके प्रेम को स्वीकार नहीं किया गया है।

लेकिन प्यार तो प्यार है। जब किसी को प्यार होना होता है तो होकर रहता है। कोई भी समाज, नियम या कानून उसे बाँध नहीं सकते।

मगर इसके बाबजूद Gay Love Story को लेखकों द्वारा ज्यादा cover नहीं किया गया है। और इंटरनेट पर भी साफ़ -सुथरी Gay रोमांटिक या गे लव स्टोरी नहीं मिलती हैं।

इसी के मद्देनजर यहाँ कुछ गे लव स्टोरी (Gay Love Story) दी गयी हैं। उम्मीद है आपको पसंद आयेंगी। अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कीजिये।

और हाँ अगर संभव हो तो अपनी लव स्टोरी भी भेजिए। हम उसे इस ब्लॉग पर पब्लिश कर देंगे।

तो आइए अब पढ़ते हैं – कुछ गे लव स्टोरी इन हिंदी।

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1. तेरा मेरा साथ रहे – Gay Love Story in Hindi

बात उन दिनों की है जब मैं दिल्ली में रहता था और Depression से पीड़ित था। मेरा नाम अर्पित है और मैं रोहतक के पास एक गांव से belong करता हूँ।

डिप्रेशन के चलते मैं सारा दिन अपने कमरे में पड़ा रहता था। मेरा कुछ भी करने को मन नहीं करता था।

मेरी Private Company की job भी छूट चुकी थी जो Noida में हुआ करती थी। साथ ही मेरे Room Partner ने भी अचानक से रूम छोड़ दिया था।

दरअसल यह 2 BHK फ्लैट था और मैं शेयरिंग में रहता था। लेकिन अब Landlord ने बोल दिया था कि दूसरा पार्टनर ढूंढों नहीं तो पूरे फ्लैट का रेंट मुझे ही देना पड़ेगा।

कुल मिलाकर सारी समस्याएँ एक साथ ही मेरे ऊपर आ पड़ी थीं।

लेकिन मेरे डिप्रेशन में होने का असली कारण कुछ और ही था। वास्तव में कुछ महीने पहले मैंने अपने घर में बता दिया था कि मैं एक Gay हूँ।

यह सुनकर मेरे घर वालों ने मेरे साथ मारपीट की। मुझे कलंक आदि कहा और हमेशा के लिए घर से निकाल दिया।

इसके बाद तो जैसे मेरी दुनिया ही तबाह हो गई। मेरा घर – परिवार छूट गया। खेल -खिलवाड़, दोस्त आदि सब छूट गए। Article – Gay Love Story in Hindi रोमांटिक कहानी.

मैं दिल्ली आ गया था। लेकिन मुझे घर की बहुत याद आती थी। मैं अंदर ही अंदर Guilt भी महसूस कर रहा था। मगर मेरा दुःख -दर्द सुनने समझने वाला कोई नहीं था।

और धीरे-धीरे यही सोच – विचार डिप्रेशन में बदल गया। अब मैं हमेशा अपने कमरे में अंधेरा करके लेटा रहता था। खाने में भी तीनो वक़्त एक -आध ब्रेड खा लेता था। और मुझे कुछ पता नहीं था कि मेरी जिंदगी किस तरफ जा रही है।

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एक दिन Landlord चिराग नाम के एक लड़के को वहाँ लाता है। वास्तव में चिराग ने दूसरा कमरा रेंट पर ले लिया था।

Landlord के जाने के बाद चिराग मुझसे बात करने की कोशिश करता है। लेकिन मैं ज्यादा बात किए बिना ही अपने कमरे में आ जाता हूँ।

वैसे वह मुझे काफी सभ्य और decent लड़का लगा। देखने में भी बहुत हैंडसम था। लेकिन जिस आदमी का दिल ही टूट चूका हो उसे दुनिया की किसी भी चीज में दिलचस्पी नहीं रहती।

रात को चिराग कुछ खाना बनाता है। खाने की खुशबू मेरे कमरे तक आ रही थी।

कुछ देर बाद चिराग एक प्लेट लेकर मेरे कमरे में आता है। और मुझे खाना ऑफर करता है। लेकिन मैं मना कर देता हूँ।

चिराग – देखो तुम्हारे साथ कुछ प्रॉब्लम हुई होगी और मैं कुछ भी पर्सनल नहीं पूछूँगा। लेकिन खाना नहीं छोड़ना चाहिए। मुझसे भी अकेले नहीं खाया जाता है।। एक दो रोटी खा लो।

मैं दंग रह गया था कि वह लड़का इतना समझदार और केयरिंग भी है। मैंने और बहस करना उचित नहीं समझा और उससे प्लेट ले ली। इसके बाद वह भी अपनी प्लेट लेकर मेरे रूम में आ गया। और हम साथ ही खाना खाने लगे।

खाना इतना स्वादिष्ट था कि मैं हैरान रह गया कि इतना सुंदर यह लड़का खाना भी इतना अच्छा बनाता है।।

खाने के दौरान हमने एक दूसरे से formal बातें ही कीं। नाम, पता, जॉब आदि के बारे में बताया। और उसने सच में ही मुझसे कुछ पर्सनल नहीं पूछा।

कुछ देर बाद वह अपने कमरे में चला गया और हम दोनों सो गए।

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Heart Touching – Gay Love Story

धीरे-धीरे चिराग को एहसास हो चुका था कि मुझे कोई प्रॉब्लम है। और मैं डिप्रेशन से पीड़ित हूँ। लेकिन उसने मुझसे इस बारे में कभी कुछ नहीं पूछा। मुझे उसकी यह quality भी बहुत अच्छी लगी। वह मेरे प्राइवेट स्पेस की बहुत रेप्सेक्ट करता था।

लेकिन मैंने देखा कि उसने एक भाई की तरह मेरी Care करना शुरू कर दिया था। उसने साफ़ -सफाई के लिए maid लगवा ली थी। लेकिन खाना वह खुद ही बनाता था। और न – न करते भी मुझे तीनों टाइम खाना खिला देता था।

वह गुड़गाँव में एक कंपनी में काम करता था। और सुबह ऑफिस के लिए निकल जाता था।

चिराग के आने से मेरा डिप्रेशन कम होने लगा था। एक तो वह मुझे healthy खाना भी खिला रहा था। और दूसरा वह मुझे तरह-तरह से मोटिवेट भी करता था।

मैं दिल ही दिल में उससे प्यार करने लगा था। लेकिन यह मेरे तक ही सीमित रहने वाला था क्युँकि Straight लड़के से प्यार का कुछ भी मतलब नहीं था।

चिराग काफी जिंदादिल था। अक्सर वह मुझे Netflix पर नयी -नयी मूवीज और Web Series दिखाता रहता था। और वीकेंड में कहीं trip पर चलने के लिए भी कहता था।

उसके साथ मुझे बहुत अच्छा लगता था। और वक़्त कब बीत जाता था, पता ही नहीं चलता था।

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धीरे -धीरे मुझे चिराग पर पूरा विश्वास हो गया था। और हम गहरे दोस्त तो बन ही चुके थे।

और आखिर एक दिन मैंने उसे अपनी सच्चाई बता ही दी। यह सुनकर चिराग ने मुझे गले से लगा लिया और काफी मोटीवेट भी किया।

लेकिन तभी उसने कहा कि उसका भी एक secret है और वह भी एक Gay है। यह सुनकर मैं हैरान हो गया। लेकिन इसके बाद उसने अचानक से पूछा – मेरे Boyfriend बनोगे। और यह भी बताया कि वह भी पहले दिन से मुझे प्यार करने लगा था।

यह सुनकर मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना न रहा। मैंने उसे I Love You बोला। और फिर हम दोनों ने hug करके एक दूसरे को Kiss करना शुरू कर दिया। वह मेरी Life का सबसे अच्छा अहसास था।

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अब मेरी जिंदगी एक बार फिर से बदल गयी थी। लेकिन इस बार इसने एक Positive करवट ली थी।

उस दिन के बाद से हम दोनों का प्यार बढ़ता चला गया। धीरे-धीरे मेरा डिप्रेशन भी ठीक हो गया। और मैं घर के हर काम में अपने प्यारे राजकुमार की हेल्प करने लगा। एक दिन मुझे भी गुड़गाँव में जॉब मिल गयी।

अब मैं रोज सुबह चिराग को भी Bike में पीछे बिठाकर ऑफिस ले जाता हूँ। यह मेरी जिंदगी का सबसे यादगार सफर होता है। अब तक साथ रहते हुए हमें 2 साल हो चुके हैं। (Gay Love Story in Hindi).

बीच -बीच में मुझे परिवार की याद आती है और दिल दुःख से भर जाता है। लेकिन चिराग का प्यार हमेशा मुझे सम्भाल लेता है।

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2. Cricket ने दिया प्यारा Boyfriend

अर्पित बहुत खुश था। आज उसका शिवाजी कॉलेज में पहला दिन था। उसने यहाँ BA इंग्लिश में दाखिला लिया था। उसने कॉलेज गेट पर अपना आई कार्ड दिखाया और फिर एंट्री कर ली।

जैसे ही वह क्रिकेट के मैदान से होकर जाने लगा उसकी आंखें एक लड़के से मिलीं और उसे देखते ही प्यार हो गया। लेकिन वह नहीं जानता था कि वह कौन सी क्लास का है और कौन से कोर्स का है।

लेकिन उसने क्रिकेट की यूनिफार्म पहने राखी थी। और इससे उसे इतना पता चल गया था कि वह जरूर क्रिकेट टीम में होगा।

धीरे-धीरे अर्पित हमेशा उसे क्रिकेट के ग्राउंड में देखने लगा। वह सच में ही कॉलेज की क्रिकेट टीम में था और उसका नाम राहुल था। क्युँकि खेलते हुए दूसरे लड़के उसका नाम पुकारते थे।

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Gay Story in Hindi about True Love

अर्पित को भी क्रिकेट देखने का शौक था। और वह अक्सर ग्राउंड में आया करता था। राहुल भी उसे देखकर मुस्कुरा देता था।

अर्पित को लगा कि शायद वह भी उसे चाहता है और शायद उसकी तरह Gay है। अर्पित सोचता है कि एक दिन सही मौका देखकर उसे प्रोपोज़ करेगा। जब भी उसकी क्लास खाली होती थी वह Ground में आकर बैठ जाता था और राहुल को खेलते हुए देखता था।

एक दिन अर्पित कैंटीन जा रहा था। उसने देखा कि राहुल अपने चार-पांच दोस्तों के साथ बैठा हुआ था। वे लोग प्रेक्टिस करके वहाँ पर समोसे खा रहे थे। तभी अर्पित भी राहुल को Hi करके उनके साथ ही बैठ गया। सब लोग इधर -उधर की बातें कर रहे थे।

इसके बाद अर्पित ने अपना टिफिन खोला और राहुल की और बढ़ाते हुए कहा कि पराँठा ले लो। राहुल ने एक बाईट ले ली।

लेकिन तभी एक दूसरा लड़का सौरभ भी पराँठे का कौर तोड़ने लगा। अर्पित को सौरभ बहुत अजीब सा लगता था। वह भी काफी मस्कुलर और लम्बा था। लेकिन वह हमेशा चुप रहता था और अर्पित को घूरता रहता था। मानों कह रहा हो मुझे तुम्हारा सीक्रेट पता है।

साथ ही वह कभी-कभी दूसरे लड़कों के साथ झगड़ा भी करता था। इसलिए अर्पित उससे दूर ही रहना चाहता था।

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Love: Gay Story in Hindi

एक दिन College की क्रिकेट टीम को मेरठ में एक दूसरे कॉलेज के साथ क्रिकेट मैच खेलने जाना था। अर्पित राहुल से कहता है कि क्या वह भी उनके साथ जा सकता है। राहुल इसके लिए मान जाता है और कप्तान से बात कर लेता है। अर्पित को लगता है कि राहुल सच में उससे प्यार करता है।

फिर वह निश्चित दिन पर पूरी टीम के साथ बस में बैठ जाता है। मेरठ में उन्हें एक गेस्ट हाउस में रखा जाता है। वहाँ सब लोग काफी मस्ती करते हैं और खूब खाते -पीते हैं।

रात को अर्पित, राहुल से कहता है कि क्या वह उसके साथ सो सकता है, लेकिन राहुल मना कर देता है। वह समझ गया था कि अर्पित Gay है। वह उससे कहता है कि देख भाई मैं स्ट्रेट हूँ और मेरी एक गर्लफ्रेंड भी है।

यह सुनते ही अर्पित का दिल टूट जाता है और embarrass भी होता है। आखिर वह क्या सोचकर राहुल से प्यार करने लगा था। फिर वह वहाँ से चला जाता है और बाथरूम में जाकर बहुत रोता है।

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रात काफी हो चुकी थी और अब तक सब सो चुके थे। अर्पित को भी नींद आ रही थी लेकिन वह देखता है कि सब कमरे बंद पड़े थे। अब वह कहाँ सोये।

लेकिन तभी सौरव toilet करने जाता है और वापस आकर अर्पित के पास आता है। वह उससे कहता है कि सारे कमरे बुक हैं और वह उसके साथ सो सकता है। (Gay Story in Hindi about Love).

कोई और चारा न देखकर अर्पित सोने के लिए सौरभ के साथ चला जाता है और उसके साथ लेट जाता है।

देर रात सौरभ अपनी बाजू अर्पित के ऊपर रख देता है। इससे अर्पित की धड़कन बढ़ जाती है और वह सोच में पड़ जाता है कि ऐसा क्यों हो रहा है।

इस समय वह सौरभ को बहुत करीब से देख रहा था जो एकदम हट्टा – कट्टा और हैंडसम था। अर्पित ने महसूस किया कि सौरभ का दिल भी जोर से धड़क रहा था।

थोड़ी देर बाद सौरभ उसके और करीब आ जाता है। यह देखकर अर्पित को कुछ अजीब सा लगता है। लेकिन तभी सौरभ आँखें खोल देता है। वह सोया हुआ नहीं था और अर्पित से कहता है कि उसने राहुल और उसकी बातें सुन ली हैं।

फिर वह अपने बारे में बताता हैं कि वह Gay है और अर्पित से बहुत प्यार करता है।

Best Gay Story in Hindi

यह सुनकर अर्पित के दिमाग में हलचल मच जाती है। लेकिन वह तुरंत कोई रिस्पांस नहीं देता। और अगले 2 घंटे तक सोच -विचार करता रहता है।

वह सोचता है कि वास्तव में देखा जाये तो सौरभ बिल्कुल भी बुरा नहीं था। वह बहुत अच्छा खिलाड़ी था और हमेशा अच्छे नंबरों से पास भी होता था।

और वह दूसरे लड़कों से इसलिए झगड़ा करता था क्योंकि वे भी तो कुछ गल्त बोलते या करते थे। और वह ईमानदारी से मुँह पर बोलने में विश्वास रखता था। (Post – Gay Story in Hindi).

वह कभी पीठ पीछे किसी के लिए बुरा नहीं बोलता था। जरुरत पड़ने पर हर किसी की मदद करता था।

अंत में अर्पित का दिल और दिमाग एक ही फैसला करते हैं – उसे सौरभ का प्यार कबूल कर लेना चाहिए और ऊपरवाले का शुक्रिया अदा करना चाहिए जो इतने अच्छे लड़के को इस तरह से उससे मिलवाया।

और तभी अर्पित ने अपने गुलाबी होंठ सौरभ के दहकते होंठों पर रख दिए और दोनों ने एक दूसरे को जी भर कर Kiss किया।

इसके बाद से वे दोनों बॉयफ्रेंड बन गए और हर दिन कॉलेज में एक दूसरे से मिलते, बातें करते, एक दूसरे का सुख -दुःख शेयर करते। कुल मिलाकर वे एक प्यार भरी जिंदगी जीने लगे।

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3. Bollywood Strugglers and Lovers

रात के 8:00 बज रहे थे। रक्षित जैसे ही पुल पर पहुँचा उसने देखा कि सामने एक लड़का पुल की मुंडेर के ऊपर खड़ा है और शायद आत्महत्या करने के लिए नीचे कूदने वाला था।

रक्षित ने एकदम कहा – अंधेरी के लिए यहीं से जाना होगा क्या?

यह सुनकर लड़का रक्षित की तरफ मुड़ा। वह परेशान दिख रहा था। लेकिन एक तरफ इशारा करते हुए उसने कहा – नहीं , उधर से जाइये।

अब तक रक्षित उस लड़के के पास पहुँच चुका था और एक कागज का टुकड़ा उसे दिखाते हुए कहा – बता सकते हैं ये एड्रेस कहाँ पड़ेगा। बहुत देर से ढूँढ रहा हूँ। (Beautiful Gay Love Story In Hindi).

लड़का मुंडेर से नीचे उतरकर उस एड्रेस को पढ़ने लगा।

लेकिन रक्षित ने जानबूझकर ऐसा किया था। उसका उद्देश्य लड़के को बचाना था। क्युँकि आत्महत्या के लिए तैयार हो चुका व्यक्ति तर्क नहीं जानता।

एड्रेस देखकर लड़का रक्षित को बताने लगा कि वह area कहाँ पड़ेगा।

लेकिन रक्षित बोला – वास्तव में यह मेरे घर का ही एड्रेस है। आपको distract करने के लिए ऐसा किया था। चाहो तो बता सकते हो क्या परेशानी हैं जो ऐसा कदम उठाने जा रहे थे।

यह सुनकर लड़का फफकर रो पड़ा। लेकिन रक्षित ने उसे गले लगाया और कहा कि घबराओ मत, सब ठीक हो जाएगा। चाहो तो मेरे घर चलो, खाना खायेंगे और फिर आराम से बताना।

पहले तो लड़के ने मना किया लेकिन रक्षित के मनाने पर वह तैयार हो गया।

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Gay Story in Hindi – Rakshit and Saurabh

फिर दोनों रक्षित के फ्लैट के लिए चल पड़े और कुछ ही देर में वहाँ पहुँच गए। रास्ते में उस लड़के ने अपना नाम सौरभ बताया था।

नहा -धोकर रक्षित खाना गर्म करके ले आता है और फिर दोनों साथ में खाना खाते हैं। खाने के बाद रक्षित टीवी पर एक Hollywood Movie चला देता है।

इसी बीच रक्षित सौरभ से पूछता है कि अगर ठीक लगे तो अपने दिल की बात मुझसे शेयर कर सकते हो। बाँटने से गम हल्का होता है।

अब तक सौरभ को रक्षित एक अच्छा इंसान लगा था। एकदम निस्वार्थी और दूसरों का मददगार। इसलिए वह रक्षित को अपने बारे में बाटने लगता है। (Romantic Gay Story in Hindi).

वह कहता है कि वह 3 साल पहले दिल्ली से मुंबई , एक्टर बनने के लिए आया था। और तब से उसने कम से कम 200 ऑडिशन दिए होंगे। लेकिन उसे हमेशा रिजेक्शन ही मिला।

धीरे -धीरे उसे डिप्रेशन हो गया। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह जिंदगी में क्या करेगा। वह घर वापस भी नहीं जा सकता था। उसे लगा सब लोग उसका मजाक बनायेंगे। और अंत में उसने सुसाइड करने का निर्णय लिया। लेकिन रक्षित ने उसे बचा लिया था।

यह सुनकर रक्षित कहता है कि देखो यार , ऐसे हौसला नहीं हारते। मैं भी 5 साल पहले मुम्बई आया था। लेकिन मैं एक स्क्रिप्ट राइटर बनना चाहता था। लेकिन मुझे भी शुरू के तीन-चार सालों में कोई काम नहीं मिला था।

हर जगह से रिजेक्शन और कोई भी एंटरटेन नहीं करता था। लेकिन अब इस साल उसे एक स्क्रिप्ट लिखने के लिए मिल गई है। देखो आगे क्या होता है।

सौरभ को यह सुनकर हैरानी होती है। उसे लगता है कि उसकी कहानी रक्षित से कितनी मिलती है। लेकिन जहाँ रक्षित हिम्मत रखे हुए है उसने हिम्मत हार दी थी।

इसके बाद रक्षित उसे समझाता है कि तुम्हें हार नहीं माननी चाहिए बल्कि अभी और कोशिश करनी चाहिए। बड़ी चीज करने में ज्यादा समय लगता है।

और मान लो तुम्हे इस फील्ड में सफलता नहीं मिलती है तो कोई जॉब कर सकते हो। या दोनों मिलकर स्टार्ट उप शुरू कर सकते हैं।

यह सब सुनकर सौरभ को बहुत शांति मिलती है। उसे लगता है जैसे उसके सिर से कोई बड़ा सा बोझ उतर गया हो।

फिर रक्षित पूछता है कि तुम कहाँ रहते हो। सौरभ कहता है कि उसके पास रेंट के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं। और वह कभी किसी पार्क या किसी फुटपाथ पर ही सो जाता है।

यह सुनकर रक्षित को धक्का सा लगता है। अब उसे अहसास होता है कि सौरभ इतना बड़ा कदम क्यूँ उठाने जा रहा था। लेकिन वह सौरभ से कहता है कि तुम मेरे साथ रह लो। तुम्हे कोई रेंट नहीं देना पड़ेगा।

सौरभ कुछ उलझन में पड़ जाता है। वह सोचता है कि पहले ही रक्षित ने उसकी इतनी मदद कर दी और अब ये एहसान कैसे ले सकता है।

लेकिन रक्षित उसकी मनः स्थिति भाँप जाता है और कहता है – अरे जब Superstar बन जाओ तो वापस कर सकते हो।

सौरभ कहता है – हाँ फिर ठीक है। यह कहकर वे दोनों हंसते हैं और माहौल हल्का हो जाता है।

फिर सौरभ रक्षित को उसकी जान बचाने और रहने के लिए आश्रय देने के लिए थैंक यू बोलता है। लेकिन रक्षित उसे hug करके चुप करवा देता है।

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Gay Story in Hindi – Actor and Script-Writer

अगले हफ्ते सौरभ, रक्षित के यहां शिफ्ट हो जाता है। रक्षित हमेशा उसे मोटिवेट करता रहता था और और नए-नए ऑडिशन पर जाने के लिए कहता था।

वह खुद भी “Black Rose” नामक प्रोडक्शन हाउस में जाता था और वहाँ पर स्क्रिप्ट पर काम करता था।

एक दिन रक्षित अपने ऑफिस में बैठा एक Script की editing कर रहा था तभी वहाँ सौरभ भागता हुआ आता है और उसे गले लगा लेता है।


वह उसे बताता है कि उसे एक बड़े प्रोडक्शन हाउस में एक अच्छा रोल मिल गया है। और उसे उन्होंने 25 लाख में साइन कर लिया है।

यह सुनकर रक्षित भी बहुत खुश होता है। शाम को दोनों जम कर पार्टी करते हैं। और जुहू बीच पर मौज -मस्ती करने जाते हैं।

बातों ही बातों में सौरभ, रक्षित को बाँहों में ले लेता है और उसे किश करता है। रक्षित को कुछ हैरानी होती है लेकिन फिर वह भी इसमें शामिल हो जाता है। (Best Gay Story in Hindi).

जब सौरभ रुकता है तो रक्षित उसकी तरफ आश्चर्य से देख रहा होता है। सौरभ उससे पूछता है – मेरे जीवनसाथी बनोगे ?

लेकिन रक्षित पूछता है – तुम्हे कैसे पता कि मैं Gay हूँ ?

सौरभ कहता है कि एक दिन गलती से उसने रक्षित की डायरी पढ़ ली थी और उसे सॉरी बोलता है।

लेकिन रक्षित उसे बाँहों में ले लेता है और I Love You बोलता है। दोनों को एक साथ बहुत सी ख़ुशी मिल गयी थी।

फिर वे आजाद परिंदों की तरह Beach पर ख़ुशी से भागने – दौड़ने और चिल्लाने लगते हैं और लहरों की तरफ बढ़ जाते हैं।

Note: अगली कहानी शीघ्र आने वाली है। चेक करते रहें – Hindi Pronotes (Blog).

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समाप्त।

दोस्तो, आपको यह कहानियाँ कैसी लगी , Comment करके जरूर बताइये। अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये ताकि सभी को सच्चे प्यार के बारे में पता चल सके।

अगर आपके पास भी ऐसी कोई कहानी (Gay Story in Hindi) है और उसे पब्लिश करवाना चाहते हैं तो हमे मेल के जरिये भेज सकते हैं – vismitroy@gmail.com

धन्यवाद।

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